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मशहूर बागेश्वरधाम सरकार के संघर्ष, तपस्या, प्रसिद्धि एवं सामाजिक सरोकार की पूरी कहानी, कैसे जंगल से निकल नक्सलियों तक पहुंचे धीरेंद्र कृष्ण

मशहूर बागेश्वरधाम सरकार के संघर्ष, तपस्या, प्रसिद्धि एवं सामाजिक सरोकार की पूरी कहानी, कैसे जंगल से निकल नक्सलियों तक पहुंचे धीरेंद्र कृष्ण

  1. बुंदेलखंड से उठी सनातन संरक्षण की अलख दुनिया तक फैली

 आध्यात्मिक, चमत्कार और सामाजिक कल्याण के लिए मशहूर हुए बागेश्वरधाम सरकार

  पूरे देश में बजा डंका तो लाखों लोग पहुंचने लगे छोटे से गांव 

संघर्ष, तपस्या, प्रसिद्धि एवं सामाजिक सरोकार की पूरी कहानी 

(शिवकुमार त्रिपाठी) बुंदेलखंड से सनातन की अलख जगाने में लगे बागेश्वरधाम सरकार के नाम से मशहूर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की चर्चा अब पूरी दुनिया में हो रही है, उनके चमत्कार, आध्यात्मिक ज्ञान और निर्भीक विचारों ने पूरे समाज को प्रभावित किया है देश के मूर्धन्य विद्वान, आध्यात्मिक महापुरुष इनके कार्य और चमत्कार से प्रभावित है महाराज धीरेंद्र कृष्ण के कार्यों से बीते 5 साल में ही बुंदेलखंड पूरे दुनिया में चर्चित हो गया ठेठ बुंदेली बोलने के आदी महाराज श्री के कुछ बुंदेली शब्द लोगों के हृदय को प्रभावित करते हैं 

यही कारण है कि कम उम्र में जितनी प्रसिद्धि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने पाई विरले ही होंगे जो ऐसा कर पाए, वे 121 गरीब कन्याओं के सामूहिक विवाह के भव्य आयोजन में व्यस्त हैं इस अवसर पर बड़े आध्यात्मिक संत और राजनीतिक हस्तियां शामिल होगी इसी पर हमारा विशेष कवरेज और कुछ महाराज जी के अनछुए पहलू 

परिवार

बागेश्वरधाम के सिर पर मां का हाथ

उनका जन्म 4 जुलाई 1996 को छतरपुर जिले के गढ़ा गांव में एक सरयूपारीण ब्राह्मण परिवार में हुआ था। महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का बचपन गांव में बीता है। आप सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं। महाराज धीरेंद्र शास्त्री बहुत ही सौम्य स्वभाव के व्यक्ति हैं उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल से प्राप्त की। आप की माताजी का नाम श्रीमती सरोज गर्ग पिताजी का नाम श्री रामकृपाल गर्ग है भाई शालिग्राम गर्ग छोटे महाराज एवं एक बहिन है परिवार प्रारंभ से ही पुरोहिती का कार्य कर जीविकोपार्जन करता रहा है महाराज जी अविवाहित है और समय-समय पर मंच से विवाह की चर्चाएं होती रहती हैं आपके गुरु रामभद्राचार्य जी महाराज ने शादी की चर्चा कर इसे और चर्चित बना दिया

 तपस्या और संघर्ष

जंगलोंऔर गुफाओं में तपस्या

 पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री शुरू से ही कुछ समाज में अलग करने की सोचते थे छोटे में ही घर से शिक्षा ग्रहण करने चित्रकूट चले गए पर उनका मन जंगलों में रमता था घनघोर जंगल, कंदराओ, गुफाओं में तपस्या कर आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त करने साधना की तथा यज्ञ अनुष्ठान समय गुजारने लगे 

 पन्ना जिला और और धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी का संबंध

पन्ना के पद्मावती देवी मंदिर में आयोजित कार्यक्रम का दृश्य

 पन्ना जिले का अजयगढ़ क्षेत्र पुरातन काल से ही ऋषियों की साधना और तंत्र का गढ़ रहा है असुरों के गुरु शुक्राचार्य ने यहां के देव पर्वत में तपस्या की एवं अजयपाल महाराज श्रेष्ठ तांत्रिक राजा हुए बागेश्वरधाम सरकार भी अजयगढ़ के जंगलों में तपस्या करने आते जाते रहे हैं बागेश्वरधाम सरकार के प्रिय भक्त कमलेश रावत बताते हैं कि एक बार मोहनगड़ी के जंगल से अचानक 1 माह के लिए अज्ञातवास में चले गए थे और किसी भक्तों को कुछ नहीं बताया उनका एक माह का समय अब भी रहस्य है, पन्ना के कमलेश रावत, जगतपाल सिंह बॉबी राजा, भारतेन्दु रावत, रवि उपाध्याय दूरदर्शन,विजय शंकर अज्जू गर्ग अशोक राय, कुंज बिहारी शर्मा, राजू सिंह, सतानंद गौतम, वशिष्ठ कुमार मनु चौबे, शैलेश नगायच जैसे लोग महाराज जी के परम प्रिय भक्त है जिन्होंने महाराज जी के कई चमत्कार देखे हैं

 छत्तीसगढ़ में महाराज जी का हुआ नक्सलियों से सामना

 करीब 10 वर्ष पूर्व बागेश्वरधाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री छत्तीसगढ़ कथा कहने गए थे और उनके चमत्कारों की चर्चा नक्सलियों में भी होने लगी वे लंबे समय तक वहां रहे धीरे-धीरे उनकी प्रसिद्धि होने लगी और नक्सली भी इनकी कथा में आने लगे पुलिस को जब पता चला तो पुलिस ने भी संदेह के घेरे में ले लिया और उन्होंने कई नक्सली समस्याओं पर बातें की और उनके राज्य खोलें जब महाराज को लगा कि बड़ी गड़बड़ हो सकती है तो वह छत्तीसगढ़ छोड़कर वापस बुंदेलखंड चले आये और गांव आकर धूनी रमा ली उन्होंने अपनी यह जानकारी कुछ खास भक्तों के बीच तब दी जब वे पन्ना के कल्दा श्याम गिरी पठार में आदिवासियों के बीच कथा कहने पहुंचे थे

 चित्रकूट और बागेश्वरधाम का संबंध

गुरु रामभद्राचार्य जी की गोद में

 आचार्य श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने वैदिक शिक्षा अध्ययन के लिए चित्रकूट को चुना और वे जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी की शिक्षा संस्थान में पढ़ें और उन्होंने रामभद्राचार्य जी को ही अपना गुरु बनाया, जब भी वह चित्रकूट जाते हैं तो चित्रकूट के तपस्वी संत के दर्शन अवश्य करने पहुंचते हैं और भगवान राम के जहां चरण पड़े वहां कुछ समय भक्ति करने एकांत में बिताते हैं

कैसे बने बागेश्वरधाम सरकार 

बागेश्वर धाम सरकार के नाम से मशहूर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पीठाधीश्वर और बागेश्वरधाम सरकार के प्रमुख के रूप में सनातन की अलख जगाते हुए सेवा कर रहे हैं, जो मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के गढ़ा गाँव में स्थित है भगवान हनुमान को समर्पित एक हिंदू तीर्थ स्थल है। धाम के मुख्य देवता स्वयंभू माने जाते हैं, महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री दिव्य दरबार का आयोजन करते हैं जहाँ ऐसा माना जाता है कि वह अपनी दैवीय शक्तियों से लोगों के मन की बात जान लेते हैं शारीरिक, मानसिक, आर्थिक और सामाजिक पीड़ाओं को ठीक करते हैं यह शक्ति उन्हें भगवान हनुमान से मिली है साक्षात्कार में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि वह अपने दादा बाद धाम के प्रमुख के रूप में सेवा करने वाली तीसरी पीढ़ी हैं बिना पैसा लिए लोगों के दैहिक, दैविक और भौतिक कष्टों को दूर करने का प्रयास करते हैं और उनकी प्रसिद्धि निरंतर दिनों दिन बढ़ रही है दुनिया में इतनी कम उम्र में तेजी से प्रसिद्धि पाने वाले प्रमुख लोगों में से एक हो गए

 बागेश्वरधाम सरकार उस समय सुर्खियों में आए जब नागपुर की अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के श्याम मानव ने उन्हें दिव्य दरबार में चुनौती दी और उनकी आध्यात्मिक शक्तियों पर सवाल उठाया, मानव ने शास्त्री पर अंध विश्वास को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया। जब मीडिया में विवाद शुरू हुआ, तो महाराज ने मानव को अपने दिव्य दरबार में आमंत्रित किया और वह जो भी जानना चाहते हैं उनसे पूछने के लिए कहा! स्वामी रामदेव, सद्गुरु जग्गी वासुदेव, रामभद्राचार्य, साध्वी प्राची, प्रज्ञा ठाकुर और राजनेता गिरिराज सिंह जैसे कई प्रमुख हिंदू धार्मिक नेता उनके समर्थन में आए ,उन्हें अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और प्रमुख हिंदू नेताओं का भी समर्थन मिला

उन्हें छत्तीसगढ़ में लगभग 300 ईसाइयों को हिन्दू बनाने के लिए जाना जाता है। 20 जनवरी, 2023 को लगभग 500,000 लोग उनके दिव्य दरबार में आए। 22 जनवरी, 2023 को कई हिंदू संगठनों ने बागेश्वर धाम सरकार के समर्थन में नई दिल्ली में जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया। वर्तमान में मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में एक हिंदू तीर्थ स्थल बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर और प्रमुख के रूप में सेवा कर सामूहिक कन्या विवाह के भव्य आयोजन में व्यस्त हैं । धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को रामचरितमानस और शिव पुराण के उपदेश के लिए जाना जाता है ऐसी मान्यता है की इनके पास साधना द्वारा प्राप्त की गयी कुछ दैवीय शक्तियां है इसीलिए अनुयायी इन्हे त्रिकालदर्शी भी मानते हैं। महाराज जी ने अपने धाम में अन्नपूर्णा रसोई की स्थापना की है जहां उनके अनुयायियों के लिए निःशुल्क भोजन प्रसाद की व्यवस्था है।

गरीब और बेसहारा लड़कियों की शादी का वार्षिक समारोह हैं। वह प्राचीन वैदिक अध्ययन और संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए एक वैदिक गुरुकुल की स्थापना कर रहें है 25 जनवरी, 2023 को नागपुर पुलिस ने धीरेंद्र शास्त्री को नागपुर में उनके सार्वजनिक कार्यक्रमों में अंधविश्वासी गतिविधियों को बढ़ावा देने के आरोप में क्लीन चिट दे दी। पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा कि शिकायत की जांच और ‘अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति’ के संस्थापक शिकायतकर्ता श्याम मानव द्वारा प्रस्तुत “सबूत” की जांच के दौरान, ऐसा कुछ भी नहीं पाया गया जो महाराष्ट्र अंधविश्वास कानून के तहत कार्रवाई को आकर्षित कर सके

कथित तौर पर, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने 2021 में एक घर वापसी कार्यक्रम के दौरान ईसाई धर्म में परिवर्तित 300 हिंदू लोगों को वापस हिंदू धर्म में लाया। 25 जनवरी, 2023 को मध्य प्रदेश सरकार ने शास्त्री को मिली मौत की धमकी के बाद उनकी सुरक्षा बढ़ा दी। 23 जनवरी 2023 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर, शास्त्री ने भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने के लिए “हमें अपना समर्थन दो, हम हिंदू राष्ट्र देंगे” का नारा दिया

 लाखों लोगों की भीड़ और भौतिक सुख सुविधाओं का अभाव

 छतरपुर जिले का छोटा सा गांव गढ़ा अचानक पूरी दुनिया में फेमस हो गया है अपनी मनोकामना को पूर्ण करने प्रत्येक सप्ताह के मंगलवार और शनिवार को लाखों लोग इस स्थान पर आते हैं आने जाने रुकने जैसे साधनों के साथ यहां भ्रमण में भी लोगों को परेशानी होती है बागेश्वर धाम का शिष्य मंडल अपनी ओर से सीमित साधनों के साथ लोगों की मदद तो करता ही है पर सरकार को यहां भौतिक संसाधन जैसे शौचालय पीने का पानी रहने की व्यवस्था आवागमन की सड़क जैसी व्यवस्थाएं करनी होंगी तभी इस स्थान मैं आने वालों को सुविधाएं हो सकेंगी

बागेश्वरधाम सरकार एक समाज सुधारक

चतुर्थ विवाह उत्सव कार्यक्रम 2023

 पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक समाज सुधारक के रूप में भी उभरकर सामने आ रहे हैं क्योंकि उन्होंने नशा मुक्ति के खिलाफ अभियान तेज किया है कई ऐसे नाली खोर व्यक्ति हैं जो अब गिलास को हाथ भी नहीं लगाते सच माने कि बुंदेलखंड के कई गांव में के धुरंधर लोगों ने महुआ महारानी छोड़ दी है वे नशा छोड़ने के साथ प्याज और लहसुन भी छोड़ने के लिए कहते हैं इसलिए कई परिवारों ने लहसुन प्याज का उपयोग पूरी तरह से बंद कर दिया होटलों में बिना लहसुन प्याज के खाना यानी बागेश्वर थाली के नाम से भी होटल अपने यहां भोजन बेचते हैं बड़े शहरों के लोग ही लहसुन प्याज का त्याग कर रहे, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कथा कहने जाते हैं वहां अचानक लहसुन प्याज की बिक्री कम हो जाती है

 13 से 19 फरवरी 2023 तक विवाह महोत्सव

 अपने वार्षिक सबसे बड़े आयोजन में बागेश्वर धाम सरकार गरीब कन्याओं का विवाह करते हैं जो अपने मंदिर की दान पेटी में आए पैसे से से पूरा व्यय करते है गृहस्ती का पूरा सामान दान के रूप में देते हैं 121 गरीब कन्याओं का विवाह करने जा रहे हैं जिसमें पूरे भारत से कई बड़े संत आएंगे और राजेंद्र दास जी महाराज हनुमंत कथा कहेंगे इस भव्य और दिव्य आयोजन की तैयारियां जोर-शोर से चल रहे हैं


✎ शिव कुमार त्रिपाठी

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