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सिंधिया घराने की संपत्ति जानकर उड़ जाएंगे होश, कई राज्यों के बजट से भी ज्यादा है महाराज की दौलत! |

सिंधिया घराने की संपत्ति जानकर उड़ जाएंगे होश, कई राज्यों के बजट से भी ज्यादा है महाराज की दौलत

 केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया  कितने की संपत्ति के मालिक हैं… इस सवाल का जवाब मुश्किल है, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने चुनाव के लिए आवेदन में 2 अरब से ज्यादा की संपत्तियां बताई थीं, लेकिन जिन संपत्तियों को लेकर कई अदालतों में मामले चल रहे हैं, उनकी अनुमानित कीमत ही करीब 40 हजार करोड़ यानी 400 अरब रुपये है….चलिए जानते हैं इसकी असल सच्चाई क्या है.

ज्ञात हो कि राजमाता सिंधिया ने अपने पुत्र माधवराव सिंधिया एवं पोता ज्योतिरादित्य सिंधिया को एक वसीयत के माध्यम से अपनी संपत्ति के उत्तराधिकार से बेदखल कर दिया था उनकी तीन पुत्रियां उषा राजे, वसुंधरा राजे और यशोधरा राजे को संपत्ति का बारिश बताया है तीन हिस्सा अपनी पुत्रियों को दे दिया और एक हिस्सा ट्रस्ट के माध्यम से चैरिटी के लिए दिया है जिसका विवाद न्यायालयों में चल रहा है मुंबई हाई कोर्ट एवं ग्वालियर हाई कोर्ट में इन संपत्तियों के बारिश का विवाद चल रहा है जो माधवराव सिंधिया ने अपनी मां से संपत्ति पाने के लिए ग्वालियर के न्यायालय में दावा दायर किया था जिसका अभी परीक्षण ही चल रहा है पूरी संपत्ति के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया दावा करते हैं वहीं इनकी बुआ अपना अधिकार छोड़ने को तैयार नहीं है जिससे इस राजशाही खानदान में संपत्ति का विवाद चल रहा है पर राज परिवार के लोग सार्वजनिक जीवन में राजनीति कर रहे हैं कई बार इनसे यह प्रश्न पूछे गए पर कोई भी सदस्य अपने संपत्ति विवाद की कभी सार्वजनिक चर्चा नहीं करते यानी विवाद आपस में खूब तेज है पर संपत्ति के दावे अधिकार को लेकर सार्वजनिक चर्चाएं करने से बचते हैं

*पुलिस अधीक्षक पन्ना ने चलाया मास्क के प्रति जागरूकता अभियान*

*सड़कों पर आने जाने वाले राहगीरों व दुकान संचालकों को वितरित किए गए मास्क*

दिनांक को पुलिस अधीक्षक पन्ना  धर्मराज मीना द्वारा कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुये पन्ना शहर के दुकान संचालको एवं सड़क पर निकलने वालो व्यक्तियों को मास्क वितरित किये जाकर मास्क लगाने हेतु जागरूक किया गया एवं मास्क न लगाने वाले अथवा कोविड गाइड-लाइन का उल्लंघन करते पाये गये लोगो के विरूद्ध पुलिस द्वारा चालानी कार्यवाही भी की गई। पुलिस अधीक्षक पन्ना द्वारा लोगो को समझाइस देते हुये कोरोना से बचाव हेतु लोगों को मास्क लगाने, वैक्सीन लगवाने एवं सामाजिक दूरी का पालन करने की समझाइ दी गई । उक्त जागरूकता कार्यक्रम एवं चालानी कार्यवाही में अनु0 अधि0 पुलिस पन्ना  बी.एस. बरीबा, डी.एस.पी. महिला प्रकोष्ठ  अजय वाघमारे, थाना प्रभारी कोतवाली निरीक्षक  अरूण कुमार सोनी, थाना प्रभारी यातायात निरीक्षक  अमरदास कनारे एवं पुलिस बल उपस्थित रहा ।

बधाई देने तक सीमित न रहे पर्यावरण दिवस,,

स्वच्छ वातावरण ही अच्छे स्वास्थ्य का आधार

 

( शिवकुमार त्रिपाठी) आज पूरी दुनिया पर्यावरण दिवस मना रही है 1972 में पर्यावरण के महत्व को समझा और उसे बचाने की प्रयास शुरू किए गए पर भारतीय संस्कृति पुरातन समय से ही पर्यावरण संरक्षण का संदेश देती रही है यही कारण है कि हिंदू धर्म में वृक्ष को देवता के समान माना गया है कई त्योहारों में वृक्षों की पूजा की जाती है बट सावित्री में बरगद की पूजा, अक्षय तृतीया ऑवला के पेड़ की पूजा , हरछठ मैं  पलाश और बेरी के पेड़ की पूजा जैसे यह त्यौहार है जिनमें वृक्षों की ही पूजा की जाती है और इन्हीं के आशीर्वाद से सुखद जीवन और समृद्धि की कल्पना  लोग करते हैं  लेकिन जिस तरीके से भौतिकवादी सोच और बलात दोहन ने पर्यावरण को क्षति पहुंचाई है अब बेहद खतरनाक स्थितियां निर्मित हो रही है ग्लोबल वार्मिंग , प्राकृतिक आपदाओं , बढ़ते तापमान जैसी घटनाएं तो सामने दिख ही रही है पृथ्वी में ऐसी हल चल  होती हैं जो चिंताजनक है लेकिन यदि भारतीय संस्कृति के अनुसार जीवन पद्धति को लोग अपना ले तो पर्यावरण को संरक्षित ही नहीं स्वच्छ बनाकर चिंरजीवी किया जा सकता है भौतिक सुख सुविधाओं और लग्जरी सोच ने पर्यावरण पर कुठाराघात किया है आज फेसबुक, व्हाट्सएप , टि्वटर के माध्यम से लोग पर्यावरण दिवस की बधाइयां दे रहे हैं  यह मात्र 5 जून तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए अगर सुखमय जीवन जीना है तो पृथ्वी, नदी , जल , पेड़ सभी को स्वच्छ बनाना होगा और हर व्यक्ति को स्वयं की जिम्मेदारी का एहसास करना होगा

प्रकृति को नजदीक से निहारते ,,, पन्ना टाइगर रिजर्व

पर्यावरण संरक्षण की संस्थाएं  भी गैर जिम्मेदार

 पर्यावरण संरक्षण के लिए देश में कई वैधानिक संस्थानो का निर्माण किया गया है जिसमें सरकार करोड़ों रुपए प्रतिवर्ष खर्च करती है पर इन संस्थाओं पर बैठे जिम्मेदार लोग अपने मूल कर्तव्य का निर्वहन नहीं कर रहे यही कारण है की नदियों में बढ़ते प्रदूषण , रेत का अवैध उत्खनन , पेड़ों की कटाई ,  अवैध खनन तमाम मामले सामने आने के बावजूद इन संस्थाओं द्वारा कोई कठोर कदम नहीं उठाए जाते इस कारण पर्यावरण और अधिक क्षति होती  हैं नदियां सूख रही है धरती बंजर होती जा रही पर्यावरण संरक्षण संस्थाएं शांत दिख रही है


पूजनीय बट वृक्ष के सामने

भारतीय हिंदू संस्कृति में  पीपल बरगद  जैसे पेडो की लकड़ियां  आज भी लोग नहीं काटते न ही जलाऊ में इसका उपयोग करते हैं मतलब साफ है  कि हिंदू संस्कृति  पर्यावरण के प्रति  जिम्मेदार रही है  अब लोगों को स्वयं की जिम्मेदारी का एहसास भी करना होगा तभी सच्चे मायने में पर्यावरण दिवस  की सफलता होगी

 

 पर्यावरण दिवस

देश में ऐसे दृश्य दिखे तो बचेंगे जंगल

अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण हेतु पूरे विश्व में मनाया जाता है  जो प्रत्येक वर्ष 5 जून को, विश्वभर में पर्यावरण के नकारात्मक प्रभावों को रोकने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है। इस अभियान की शुरुआत करने का उद्देश्य वातावरण की स्थितियों पर ध्यान केन्द्रित करने और हमारे ग्रह पृथ्वी के सुरक्षित भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए पर्यावरण में सकारात्मक बदलाव का भाग बनने के लिए लोगों को प्रेरित करना है।

विश्व पर्यावरण दिवस का इतिहास

प्रदूषण रहित सदानीरा केन नदी,, जिस पर अब हो रहा है आघात

विश्व पर्यावरण दिवस की घोषणा संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा मानव पर्यावरण के संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के अवसर पर 1972 में हुई थी। हालांकि, यह अभियान सबसे पहले 5 जून 1973 को मनाया गया। यह प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है और इसका कार्यक्रम विशेषरुप से, संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित किए गए वार्षिक विषय पर आधारित होता है। 1987 में इसके केंद्र को बदलते रहने का सुझाव सामने आया और उसके बाद से ही इसके आयोजन के लिए अलग अलग देशों को चुना जाता है। इसमें हर साल 143 से अधिक देश हिस्सा लेते हैं और इसमें कई सरकारी, सामाजिक और व्यावसायिक लोग पर्यावरण की सुरक्षा, समस्या आदि विषय पर बात करते हैं

 

एमपी में 12वीं की परीक्षाएं रद्द

श्रेणी सुधार के लिए दोबारा दे पाएंगे परीक्षा

Cm  शिवराज ने की घोषणा

फाइल फोटो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

(शिवकुमार त्रिपाठी) – भोपाल मध्य प्रदेश में इस साल 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं आयोजित नहीं की जाएगी प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज इस बात का ऐलान किया है मुख्यमंत्री ने कहा है कि बच्चों की जिंदगी अनमोल है केरियर की चिंता बाद में कर लेंगे।इस समय जब सभी कोरोना का संकट झेल रहे है। बच्चो पर परीक्षा का बोझ डालना उचित नही है। 12 का रिजल्ट कैसे बने इसके लिए मंत्रियों का एक समूह बनाया गया है।जो विशेषग्यों से चर्चा कर यह तय करेगा कि रिजल्ट के लिए आंतरिक मूल्यांकन हो या अन्य कोई आधार अपनाया जाए। उस आधार पर तय करेंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि 10 वी की परीक्षा पहले ही न करने का फैसला किया गया है। उनके रिजल्ट आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर होगा।

सीएम ने की घोषणा, श्रेणी सुधार की परीक्षा दे सकेंगे छात्र

फोटो – CM शिवराज

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 12वीं की परीक्षाएं निरस्त करने के बाद यह भी बयान जारी किया है कि जो छात्र बेहतर रिजल्ट के लिए दोबारा परीक्षा देना चाहते हैं उन्हें कोरोना की समप्ति के बाद दोबारा अवसर दिया जाएगा यानी श्रेणी सुधार की परीक्षा छात्र दोबारा दे सकते हैं ज्ञात हो कि कल सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं रद्द की गई थी तभी से उम्मीद लगाई जा रही थी कि मध्यप्रदेश में अपने बोर्ड की सभी परीक्षाएं निरस्त कर देगा

26 मई को चंद्रग्रहण पूर्वी भारत में 18 मिनट दिखाई देगा।

20 जुलाई के बाद देश की स्थिति सुधरेगी :- ज्योतिषाचार्य अजय शास्त्री

(शिवकुमार त्रिपाठी) 26 मई 2021 वैशाख शुक्ल पूर्णिमा 20 जुलाई के बाद देश की स्थिति सुधरेगी :- ज्योतिषाचार्य अजय शास्त्री खग्रास चंद्रग्रहण भारतीय समय अनुसार 3:15 से 6: 23 तक होगा। समाप्त होते हुए ग्रहण भारत के पूर्वी संभागों में चंद्रोदय होने पर सायंकाल मात्र 18 मिनट के लिए, केवल अरुणाचल प्रदेश, असम, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में देखा जा सकेगा इस ग्रहण को अमेरिका, हिंद महासागर, ब्राज़ील, कनाडा, श्रीलंका, चीन रूस, आस्ट्रेलिया आदि देशों में देखा जा सकेगा इस आशय की जानकारी अजय शास्त्री ने दी उनके अनुसार केवल पूर्वी भारत में 26 मई को चंद्रग्रहण वृश्चिक राशि अनुराधा नक्षत्र के तृतीय चरण नू अक्षरोंपरी होने वाला है अतः इन राशि नक्षत्र वाले जातकों को हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदरकांड आदि का पाठ करना चाहिए।

शनिदेव 141 दिनों तक चलेंगे उल्टी चाल

ज्योतिषाचार्य अजय शास्त्री के अनुसार 23 मई 2021 को शनि वक्री हो चुके हैं 11 अक्टूबर 2021 तक वक्री रहेंगे। 5 राशियों पर रहेगी शनि की विशेष दृष्टि वर्तमान समय में धनु राशि, मकर राशि, कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती तथा मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैया चल रही है। इसलिए शनि वक्री होने पर इन राशियों के जातकों को सावधानी बरतनी चाहिए। शनि देव के उपाय व हनुमान आराधना करनी चाहिए।

*शनि वक्री से बन सकते हैं युद्ध जैसे हालात*

ज्योतिषीय गणना के अनुसार शनि ग्रह के इस परिवर्तन से 59 साल बाद ऐसी स्थिति बन रही है। जब मंगल और शनि आमने सामने आने वाले हैं पिछली बार ऐसा 1962 भारत-चीन युद्ध के समय हुआ था। शनि मकर राशि में वक्री हो गए हैं वहीं मंगल 2 जून से 20 जुलाई तक कर्क(नीचराशि) में मंगल गोचर करेंगे, शनि व मंगल की सप्तम ज्योतिषीय दृष्टि से यह समय देश और दुनिया के लिए काफी मुश्किलों भरा रहेगा।
इस समय भीषण प्राकृतिक,विमान विस्फोटक, जीवहानी या अन्य बड़ी घटनाओं होने की आशंका रहेगी। 20 जुलाई के बाद कुछ हालातों में सुधार आएगा।

 

संपर्क करे

“महाविद्याक्षरा ज्योतिष संस्थान”
*ज्योतिषाचार्य अजय शास्त्री*
“धारूहेड़ा चुंगी रेवाड़ी”
मो•7206549883

 

पूरी हुई मजदूरों की तमन्ना

पन्ना में फिर गूंजा पन्ना की तमन्ना है कि हीरा मुझे मिल जाए

 (शिवकुमार त्रिपाठी)  पन्ना जिले की रतनगर्भा धरती में कब किस की किस्मत चमक जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। यहां एक युवक को एक साथ दो हीरे मिले हैं, जिससे वह पलक झपकते लखपति बन गया है।

 हीरा अधिकारी रवि कुमार पटेल ने जानकारी देते हुए बताया कि युवक भगवानदास कुशवाहा को गत शनिवार किटहा हीरा खदान में एक ही दिन में दो हीरे मिले हैं, जिनका वजन 7.94 कैरेट और 1.93 कैरेट है। जेम क्वालिटी वाले इन हीरो की अधिकृत कीमत नहीं बताई गई लेकिन जानकारों का कहना है कि इन हीरो की कीमत 25 से 30 लाख रुपये तक हो सकती है। हीरा मिलने के दूसरे दिन आज इस युवक ने नियमानुसार कलेक्ट्रेट स्थित हीरा कार्यालय में पहुंचकर दोनों हीरे जमा किए हैं, जिन्हें बिक्री के लिए आगामी हीरों की नीलामी में रखा जायेगा। हीरा अधिकारी ने बताया कि युवक मुंबई में काम करता है। अपने गृह ग्राम किटहा आने पर बीते माह उसने खदान का पट्टा बनवाया था। उसकी किस्मत ने साथ दिया और उसे एक ही दिन में दो हीरे मिल गये। हीरा मिलने पर युवक भगवानदास कुशवाहा अत्यधिक खुश है। 

कलेक्टर ने दी मजदूरों को शुभकामनाएं

 देश दुनिया में सर्वोत्तम क्वालिटी के हीरो के लिए मशहूर है यहां की सेलोंमाइंस से अच्छे हीरे मिलते रहे हैं पर आज गरीब मजदूर को बड़े हीरे मिले जिससे गरीबों में खुशी का माहौल है वर्ष 2021 के पहले बड़े हीरे प्राप्त हुए जिन्हें नियमानुसार हीरा कार्यालय में जमा करा दिया गया है शीघ्र नीलामी के बाद मजदूरों को लाखों रुपए  प्राप्त होंगे  जिस पर हीरा प्राप्त करने वाले मजदूर भगवान दास  कुशवाहा एवं उनकी साथियों को शुभकामनाएं दी है

मजदूर की हुई तमन्ना पूरी

हीरा प्राप्त होने वाले मजदूर भगवान दास कुशवाहा ने बताया कि घर में काम नहीं था लिहाजा 5 मजदूरों ने एक साथ मिलकर हीरा खदान लगाई और दो बड़े हीरे प्राप्त हुए जिससे सभी लोग खुश है 
 मजदूर को छप्पर फाड़ के मिले इन हीरो से मजदूरों की किस्मत बदलेगी क्योंकि 5 मजदूरों ने एक साथ मिलकर खदान लगाई थी किस्मत ने साथ दिया और उन्हें बड़े हीरे प्राप्त हुए जो लाखों रुपए में दिखेंगे और पूरी राशि इन्हीं को प्राप्त होगी 

एक हिंदू एक गाय पालने से ही बचेगा गोवंश :- धीरेंद्र कृष्ण जी महाराज

गाय के संरक्षण का लिया संकल्प

 बागेश्वर धाम सरकार ने पन्ना में की बैठक

 बड़ी संख्या में पहुंचे भक्तगण 

 (शिवकुमार त्रिपाठी) बागेश्वर धाम बालाजी सरकार की कृपा से बागेश्वर धाम के शिष्यमंडल का लगातार विस्तार हो रहा है पन्ना में भक्त मंडल की गतिविधियों की समीक्षा करने आज श्री पद्मावती देवी बड़ी देवी मंदिर मे श्री बागेश्वर धाम सरकार श्री धीरेंद्र कृष्ण जी महाराज स्वयं भक्तों की बैठक लेने आए और उन्होंने हिंदू संस्कृति की रक्षा एवं गोवंश के संरक्षण का लोगों को संकल्प दिलाया
धीरेंद्र कृष्ण जी महाराज ने कहा कि गौशाला में गाय की  रक्षा उपाय नहीं है गौशाला में गाय सुरक्षित नहीं रह सकती गोवंश के संरक्षण का एक ही उपाय है कि एक हिंदू एक गाय,, यदि एक परिवार एक गाय का पालन करें या उसकी परवरिश में सहभागिता निभाएं तभी गाय को बचाया जा सकता है दोपहर में बड़ी देवी मंदिर में आयोजित सामूहिक बैठक में महाराज श्री ने पन्ना के भक्तों से अपील की
गोवंश संरक्षण  के उद्देश्य से छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम में विशाल महायज्ञ का आयोजन 1 से 8 मई 2021 तक किया जा रहा है 108 कुंडीय महायज्ञ में यजमान यही रह कर हवन यज्ञ में हिस्सा लेंगे इस यज्ञ का उद्देश्य देश में गोवंश के संरक्षण को बढ़ावा देना है इसी कारण महाराज जी ने नारा दिया है की गौशाला नहीं उपाय एक हिंदू एक गाय महाराज श्री ने कहा कि जो भी भक्त इस महायज्ञ में शामिल होना चाहते हैं वह अपना सहयोग देकर पन्ना में रामबाग स्थित नरेंद्र शुक्ला के ऑफिस में रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं
इस महायज्ञ में मुख्य यजमान पन्ना के नरेंद्र शुक्ला को बनाया गया है इसके अलावा वशिष्ठ उर्फ़ मनु चौबे, संजय सेठ बबलू खरे, बीके रिछारिया, रामबाबू गौतम, विष्णु पांडे, धीरू बाजपेई, रोहित अग्रवाल, दीपक रावत, शैलेश  नगायच,  मनोज शर्मा , सोनू मिश्रा ने यज्ञ में शामिल होने का सहयोग दिया इसके अलावा बैठक में अपील की गई कि जो भक्त इस 108 कुंडी महायज्ञ में शामिल होना चाहते हैं वे रजिस्ट्रेशन करा ले उन्होंने  बागेश्वर धाम का टोल फ्री नंबर भी  जारी किया
इस बैठक से पूर्व मां पद्मावती देवी की महाआरती की गई फिर भक्तों ने अपने महाराज श्री की आरती कर बैठक का शुभारंभ किया इस बैठक में बड़ी संख्या में भक्तगण मौजूद रहे पन्ना भक्त मंडल के अध्यक्ष शिवकुमार त्रिपाठी ने कहा कि जिले में भक्त मंडल को और प्रभावी बनाने के लिए सभी का एकजुट होना आवश्यक है उन्होंने इसके पूर्व की गई बैठकों की जानकारी सभी को दी आए हुए भक्तों का आभार जताया

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लोकेन्द्र राजा नहीं रहे !

वे पन्ना रियासत के आखिरी महाराजा नरेन्द्र सिंह जू देव के छोटे बेटे थे मगर बढ़कर हासिल करने की अपनी फितरत और वाक्-क्षमता की वजह से वे पूर्व सांसद महाराज के राजनैतिक उत्तराधिकारी बन गए ! आपका विगत गणतंत्र दिवस के दिन देहावसान हो गया !

चित्ताकर्षक व्यक्तित्व के धनी लोकेन्द्र सिंह जी ने तीन चुनाव लड़े और तीनों जीते ! एक, पहली बार सन 77 में जनता पार्टी की टिकट से पन्ना विधानसभा का, दूसरा, भाजपा की टिकट पर सन 89 में पन्ना-दमोह लोकसभा का और तीसरा कांग्रेस की टिकट पर सन 93 में पुनः पन्ना विधानसभा का !

मैंने उनको पहली बार अमानगंज रोड में खुली जीप में लाल चश्मा और शिकारियों जैसी हैट के साथ छैला बाबू की तरह घूमते देखा ! तब वे पहली बार विधायक बने थे ! बाद में कई बार हम लोग मिले – खासकर जब वे सांसद थे तो दिल्ली से पन्ना वाया सतना होकर ही जाते थे ! पन्ना से सतना कार उनको लेने आती ! मुझे दिल्ली से फोन कर देते कि “सबेरे क़ुतुब एक्सप्रेस से आ रहा हूं यार !” मैं सतना जागरण के ब्यूरो चीफ के रूप में उनसे मिलता और बहुत दिनों तक यह बताया ही नहीं कि आपके क्षेत्र का निवासी हूं लेकिन तीसरी बार बात खुल गई !

हुआ यह कि लोकेन्द्र सिंह ने सांसदी के अपने आखिरी दौर में माधवराव सिंधिया के कहने पर दलबदल कर लिया और भाजपा छोड़कर कांग्रेस में चले गए ! उनके पिता नरेन्द्र सिंह जी ने भी कांग्रेस से जनसंघ में दलबदल किया था ! मुझे दोनों की राजनैतिक कुंडली मालूम थी तो मैंने इस दलबदल के तीन दिनों के भीतर लोकेन्द्र सिंह की पूरी खड़ी फोटो के साथ जनसत्ता दिल्ली के लिए एक स्टोरी लिख दी जो “लोकेन्द्र सिंह के खानदान में दलबदल की परंपरा” शीर्षक से छपी ! जनता पार्टी के अपने पहले विधायकी काल में वे इतने गंभीर नहीं थे ! एक-दो विवादित मसले भी थे ! खबर में वह भी छपे !

लोकेन्द्र सिंह के कांग्रेस में जाते ही राष्ट्रीय स्तर पर यह बड़ी खबर छपना – उनको अच्छा नहीं लगा ! खबर हमारे नाम से छपी थी ! तभी उन्हें किसी ने बताया कि यह लिखने वाला निरंजन शर्मा तो यहीं अपनी ककरहटी का है ! कचहरी में जो वकालत करते हैं ओम शर्मा, उनका चचेरा भाई है ! वे सीधे कचहरी पहुंचे और ओम भाई साहब से पूंछा – काये ओम, बो सतना दैनिक जागरण में तुमाओ भैयाय है ! यह बताने पर कि हां ; लोकेन्द्र राजा बोले – “बहुत बदमास है यार बो ! तीन बार मेरे साथ खाया-पिया, बैठा और एक भी बार नहीं बताया कि मैं ककरहटी का हूं ! हमाई कहानी बना के दिल्ली के अखबार में अलग छाप दई !”

दरअसल मुझे आनंद आया करता था, जब वे पन्ना-खजुराहो और वहां के जंगल-जनवार के बारे में ऐसे बताया करते जैसे मेरे लिए वह कहीं दूर देश की बात हो ! वे बताते-बताते धाराप्रवाह अंग्रेजी में शुरू हो जाते और मैं मुंह बाए सुनता रहता !

बहरहाल ! लोकेन्द्र राजा एक जिंदादिल इंसान थे और जो कहना होता था मुंह पर कह देते थे ! सन 93 में कांग्रेसी विधायक बने पर उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की अक्षमताओं पर खुलकर आक्षेप किये ! स्वभाव भी अच्छा था उनका ! वास्तव में अगर ठक्काठाईं की बात कहने वाले और लोगों को उनकी गलती पर आइना दिखाने वाले और फटकारने वाले व्यक्ति ना होते तो पन्ना की राजनीति में उनका बर्चस्व बना रहता ! वे मंत्री भी बनते !

मानवेन्द्र सिंह उनके बड़े भाई थे ! औपचारिक राजा की पदवी उन्हीं के पास थी जो कि आजकल उनके पुत्र राघवेन्द्र सिंह धारण करते हैं ! संपत्ति को लेकर राज-परिवार में विवाद भी चला ! मानवेन्द्र सिंह के एक पुत्र और एक पुत्री जबकि लोकेन्द्र सिंह के दो पुत्रियाँ थीं जिनमें से बड़ी पुत्री का एक अरसे पहले देहांत हो गया था ! नागौद नगरपालिका अध्यक्ष रहीं श्रीमती कामाख्या सिंह जी लोकेन्द्र राजा की छोटी और अब इकलौती पुत्री हैं ! आप नागौद राजपरिवार के बिटलू हुजूर (नागेन्द्र सिंह जी) की भतीज-बहू हैं ! आपने ही मंगलवार को अपने पिता को मुखाग्नि दी !

अपने साथ लोकेन्द्र जी की सन 90-91 की एक पुरानी तस्वीर और दिवंगत आत्मा के प्रति दिल से विनम्र श्रद्धांजलि के साथ यह पोस्ट शेयर कर रहा हूँ !

(वरिष्ठ पत्रकार निरंजन शर्मा)

हीरा खदान बंद होने पर युवा कांग्रेस ने खोला मोर्च, दी आंदोलन की चेतावनी

एशिया की एकमात्र हीरा खदान एनएमडीसी में नए वर्ष से उत्खनन कार्य बंद होने पर युवा कांग्रेस अध्यक्ष और वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं ने एनएमडीसी को सुचारू रूप चालू करवाने की मांग की.

पन्ना। एशिया की एकमात्र हीरा खदान एनएमडीसी में नए वर्ष से उत्खनन कार्य बंद होने से जहां पन्ना की जनता नाराज है तो वहीं अब यह मुद्दा राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा रहा है. जहां अभी कुछ पहले पन्ना विधायक व मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने स्थानिय सांसद व प्रदेशाध्यक्ष वीड़ी शर्मा के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर मामले से अवगत करवाया था. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने एनएमडीसी को सुचारू रूप से चालू रखने का आश्वासन दिया था. लेकिन अब विपक्ष कांग्रेस भी एक मुद्दे के समर्थन के उतर आई है.

हीरा खदान बंद होने के खिलाफ युवा कांग्रेस

कांग्रेस ने उठाई हीरा खदान को चालू करने की मांग

आज पन्ना के युवा कांग्रेस अध्यक्ष और वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं ने एनएमडीसी को सुचारू रूप से संचालन होने का समर्थन कर इसे जल्द से जल्द चालू करवाने की मांग की. युवक कांग्रेस का कहना है कि खनिज विकास निगम भारत सरकार द्वारा पन्ना जिले में एकमात्र औद्योगिक इकाई हीरा खनन परियोजना मझगवां में संचालित है. हीरा खनन परियोजना का प्रारंभ वर्ष 1968 में कांग्रेस शासनकाल में हुआ था और 1968 से लेकर 2003-04 तक एनएमडीसी मझगवां हीरा खदान सुचारू रूप से संचालित रही. वर्ष 2004 में प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद हीरा खनन परियोजना बंद कर दी गई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप लगभग 4 साल बाद 2009 को एनएमडीसी हीरा खदान पन्ना में पुनः शुरू हो सकी. जिसके 11 साल बाद फिर से एक बार जब राज्य एवं केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए खजुराहो संसदीय क्षेत्र से सांसद विष्णु दत्त शर्मा भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं और पन्ना विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह है.

कांग्रेस ने लगाया सरकार पर आरोप

ऐसे में यह साफ तौर पर कहा जा सकता है कि एनएमडीसी की हीरा खदान के संचालन को लेकर सरकार गंभीर नहीं है. कांग्रेस के शासनकाल के दौरान प्रारंभ हुए सरकार इस महत्वपूर्ण उपक्रम को योजनाबद्ध तरीके से बंद कराते हुए अन्य उपक्रमों की तरह ही मझगवां स्थित खदान को आगामी समय में प्राइवेट सेक्टर के जरिए उद्योगपतियों को सौंपा जा सकता है. जिला युवक कांग्रेस पन्ना जिले में एनएमडीसी हीरा खदान सुचारू रूप से संचालित हो इसका पूरा समर्थन करते हुए जिले वासियों के साथ मिलकर इस संबंध में आंदोलन करेगी. इसके साथ ही प्रदेश सरकार से युवक कांग्रेस ने मांग की है कि एनएमडीसी हीरा खदान को पुनः प्रारंभ करने के लिए भारत सरकार स्तर से फॉरेस्ट एक्ट 1980 और वाइल्डलाइफ एक्ट 1972 के तहत आवश्यक मंजूरी प्रदान करते हुए यह सुनिश्चित करें कि आगामी 20 वर्ष तक के लिए एनएमडीसी की हीरा खदान के संचालन की लीज को बढ़ाया जाए. क्योंकि एनएमडीसी से ना केवल कई परिवारों को रोजगार मिलता है बल्कि यह पन्ना की शान भी है

पन्ना की एनएमडीसी हीरा खदान कब तक होगी चालू ?

  • मंत्री और सांसद की पहल से प्रधान मुख्य वन संरक्षक(वन्य प्राणी) ने दी मंजूरी
  • पर हीरा खदान के विधिवत संचालन हेतु राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड से मंजूरी जरुरी   

 

 पन्ना जिले में मझगंवा स्थित एनएमडीसी हीरा खदान को लेकर बीते पांच दिनों से राजनीतिक सरगर्मी उफान पर है। नये साल के पहले दिन जैसे ही एनएमडीसी हीरा खदान के बंद होने की खबर आई, जिले में खलबली मच गई। मामले को लेकर प्रदेश की राजनीति जहाँ गर्माने लगी, वहीँ इसके बंद होने की खबरों से पन्ना जिले के लोग खासकर परियोजना के आसपास स्थित ग्रामों के रहवासी काफी चिंतित और विचलित हो गये थे। क्योंकि हीरा खदान के बंद होने से उनको मिलने वाली सुविधायें बाधित हो जायेंगी। जिले के लोगों की चिंता और आक्रोश तथा मीडिया में आई ख़बरों को संज्ञान में लेकर प्रदेश शासन के मंत्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह व सांसद बी.डी. शर्मा सक्रिय हो गये। उन्होंने रविवार को ही देर शाम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भेंट कर उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराया। बिना विलम्ब किये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आश्वासन दिया कि राज्य में राष्ट्रीय खनिज विकास निगम की पन्ना स्थित हीरे की खान से खनन बंद नहीं होगा।

उल्लेखनीय है कि मंत्री व सांसद जी की सक्रियता के चलते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एनएमडीसी खदान के सम्बन्ध में जिस तरह से आश्वासन दिया और बकायदे इस बावत ट्वीट कर यह भरोसा भी दिलाया कि हीरे की खान से खनन बंद नहीं होगा, तो लोगों में एक उम्मीद की किरण जाग्रत हुई। रविवार के बाद मामले को लेकर बढ़ी राजनीतिक सक्रियता के बीच मंगलवार की शाम खबर मिली कि हीरा खदान के संचालन हेतु प्रधान मुख्य वन संरक्षक ( वन्य प्राणी ) आलोक कुमार ने अनुमति प्रदान कर दी है। यह खबर निश्चित ही पन्ना जिला वासियों के लिए बड़ी खुशखबरी थी। प्रधान मुख्य वन संरक्षक ( वन्य प्राणी ) ने 4 जनवरी को जारी किये गये अपने पत्र में लेख किया है कि मझगवां हीरा खदान पिछले 50 वर्षों से संचालित है। राज्य सरकार ने इसकी खनन लीज में 20 वर्ष की वृद्धि और की है। खदान को पूर्व से वन्य प्राणी अनुमति स्वीकृत थी, जो 31-12-2020 तक थी। इस स्वीकृति को आगे बढ़ाने का प्रकरण राज्य वन्य प्राणी बोर्ड के समक्ष लंबित है। अत: नवीन खनन कार्य न होने से तथा वन्यप्राणियों एवं उनके रहवास पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़ने से चालू कार्य तब तक के लिए संचालित होने दिया जाय जब तक कि राष्ट्रीय वन्य प्राणी बोर्ड इस पर कोई निर्णय नहीं ले। इस पत्र की प्रतिलिपि क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर रिज़र्व, प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शासन वन विभाग तथा महाप्रबंधक हीरा खनन परियोजना, मझगवां पन्ना को सूचनार्थ भेजी गई है।

पूरी सफलता के लिए अभी जारी रहे प्रयास

प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीते रोज हुई मीटिंग में कहा है कि राज्य सरकार पर्यावरण मंजूरी के लिए केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री, प्रकाश जावडेकर से बात करेगी और खनन पट्टे का विस्तार करने के लिए राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड से मंजूरी लेगी। इस मीटिंग में खजुराहो सांसद और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा तथा प्रदेश शासन के मंत्री व पन्ना विधायक बृजेंद्र प्रताप सिंह मौजूद थे। दोनों ही नेताओं ने सीएम से कहा कि इस खदान से सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलता है, इसलिए इसका विधिवत संचालन जरुरी है। पन्ना के विकास व जन सुविधाओं के विस्तार में भी इस परियोजना का बड़ा योगदान रहता है। 

लेकिन प्रधान मुख्य वन संरक्षक ( वन्य प्राणी ) की अनुमति मिलने के बाद क्या हीरा खदान का विधिवत संचालन पूर्ववत हो सकेगा ? यह एक बड़ा सवाल है जिसका जवाब अभी मिलना है। एनएमडीसी हीरा खनन परियोजना के सूत्रों का कहना है कि बिना किसी अवरोध के विधिवत संचालन हेतु राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड से मंजूरी आवश्यक है, ऐसी स्थिति में एनएमडीसी प्रबंधन का क्या रुख रहता है यह देखना होगा। चूँकि मामला पन्ना के हितों व पहचान से जुड़ा है, इसलिए क्षेत्र के विधायक और मंत्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह तथा  सांसद बी.डी. शर्मा  को अभी सक्रियता बनाये रखनी होगी। जब तक राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड से मंजूरी नहीं मिल जाती। मालुम हो कि पन्ना स्थित मझगवां हीरा खदान देश ही नहीं अपितु एशिया की इकलौती मैकेनाइज्ड खदान है जिसकी गिनती नवरत्नों में होती है। यहाँ 74 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में यांत्रिक खनन पीटीआर के गंगऊ वन्यजीव अभयारण्य के अंदर होता है। इस खदान की प्रति वर्ष  84,000 कैरेट हीरे खनन की क्षमता है। अब तक यहाँ से लगभग 13 लाख कैरेट हीरों का खनन किया जा चुका है जबकि 8.5  लाख कैरेट हीरे अभी भी यहाँ की धरती में मौजूद हैं जिनका खनन किया जाना है। 

 

सीएम शिवराज ने दिया भरोसा, बंद नहीं होगी एनएमडीसी खदान

पन्ना की हीरा खदान बंद होने से गर्माई प्रदेश की सियासत 

 

 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भेंट कर चर्चा करते हुए मंत्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह व सांसद बी.डी. शर्मा।

 

(शिवकुमार त्रिपाठीमध्यप्रदेश के पन्ना जिले की रत्नगर्भा धरती हीरा उगलती है। बेशकीमती रत्न हीरों की उपलब्धता के कारण ही देश और दुनिया में डायमण्ड सिटी के रूप में पन्ना की पहचान है। लेकिन इस पहचान पर संकट के बादल तब मंडराने लगे जब नये वर्ष के पहले दिन ही यहाँ की मझगंवा स्थित एनएमडीसी हीरा खदान बंद हो गई। यह स्थिति वन्य जीव संरक्षण विभाग सहित पर्यावरण मंत्रालय से आवश्यक स्वीकृति न मिल पाने के चलते निर्मित हुई है। मालुम हो कि एनएमडीसी हीरा खदान पन्ना टाइगर रिजर्व के गंगऊ अभ्यारण्य अंतर्गत वन भूमि रकबा 74.018 हेक्टेयर में संचालित है। जिसके संचालन की अवधि 31-12-2020 को समाप्त हो गई है। खदान के बंद होने से प्रदेश की सियासत गर्माने लगी और जनाक्रोश भी प्रकट होने लगा। जिसे देखते हुए प्रदेश के खनिज मंत्री व स्थानीय विधायक ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह तथा क्षेत्रीय सांसद बीडी शर्मा सक्रिय हो गये। मामले को गंभीरता से लेते हुए दोनों नेता रविवार को रात्रि में ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से उनके निवास में जाकर इस सम्बन्ध में चर्चा की। सीएम शिवराज सिंह ने आश्वस्त किया है कि पन्ना की एनएमडीसी हीरा खदान बंद नहीं होगी। 

मामले के सम्बन्ध में दी गई जानकारी के मुताबिक प्रदेश के खनिज एवं श्रम मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह एवं क्षेत्रीय सांसद  बीडी शर्मा ने एनएमडीसी परियोजना के उत्खनन कार्य की अनुमति को संज्ञान में लेते हुए मुख्यमंत्री से भेंट कर उत्खनन की स्वीकृति के संबंध में चर्चा की है। इस पर मुख्यमंत्री ने मौके पर चीफ सेक्रेटरी मध्यप्रदेश शासन को निर्देश दिये हैं कि इस संबंध में तत्काल कार्रवाई करने के लिए बैठक आयोजित की जाये। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस संबंध में केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से बात कर एनएमडीसी को उत्खनन कार्य की स्वीकृति प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि उत्खनन कार्य प्रारंभ हो जाने से पन्ना जिले के लोगों को रोजगार उपलब्ध होने के साथ जिले का विकास होगा। मालुम हो कि नए साल के पहले दिन केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते जब एनएमडीसी परियोजना मझगवां पहुंचे थे तो कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारियों ने केंद्रीय मंत्री श्री कुलस्ते को ज्ञापन भी सौंपा था। कर्मचारियों ने मंत्री जी को परियोजना के संचालन में उत्पन्न संकट की विस्तार से जानकारी देते हुए बंद खदान को अविलम्ब चालू कराने की मांग की गई थी। यूनियन के पदाधिकारियों ने केंद्रीय मंत्री को बताया था कि खनिज संपदा प्रकृति में विशेष परिस्थितियों में निर्मित होती है, जिसका स्थानांतरण असंभव होता है। खनन कार्य खनिज संपदा के प्राप्ति स्थल पर ही करना होता है। ज्ञातव्य हो कि हीरा खनन परियोजना का प्रारंभ सन 1958 में हुआ था, जबकि वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 में लागू हुआ है। बीते 5 वर्षों में परियोजना द्वारा नैगम सामाजिक दायित्व के तहत 1037. 56 लाख रुपये व्यय किये गये हैं। परियोजना बंद होने की स्थिति में पन्ना जिले के लोग मिलने वाले इस लाभ से वंचित हो जायेंगे।

विशेष गौरतलब बात यह है कि पन्ना की मझगंवा स्थित एनएमडीसी हीरा खदान न सिर्फ पन्ना अपितु प्रदेश की भी शान है। यह एशिया महाद्वीप की इकलौती मैकेनाइज्ड हीरा खदान है जहाँ वर्ष 1968 से लेकर अब तक लगभग 13 लाख कैरेट हीरों का उत्पादन किया जा चुका है। इस खदान में अभी भी 8.5 लाख कैरेट हीरों का उत्पादन होना शेष है। ऐसी स्थिति में आगे खदान संचालन की अनुमति यदि नहीं मिलती तो अरबों रुपये कीमत के हीरे जमीन के भीतर ही दफन रह जायेंगे। पन्ना की पहचान बन चुकी एनएमडीसी हीरा खदान के बंद होने से पन्ना के साथ – साथ प्रदेश की चमक भी फीकी पड़ जायेगी। इतना ही नहीं इस खदान के संचालन से हजारों लोगों को परोक्ष व अपरोक्ष रूप से जो लाभ मिलता है वह बंद हो जायेगा साथ ही रोजी रोजगार पर भी असर पड़ेगा। हीरा खनन परियोजना के आसपास स्थित ग्रामों  के लोगों को दशकों से जो सुविधायें मिलती रही हैं उनसे भी वंचित होना पड़ सकता है।

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