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पन्ना टाइगर रिजर्व में हाथी ने रेंजर को मार डाला ,,, बाघो की सुरक्षा में शहीद रेंजर BR भगत को श्रद्धांजलि

रेंजर को हाथी ने मार डाला

वन्य प्राणी सुरक्षा में रेंजर बीआर भगत ने गंवाई जान, दुखद:- भदोरिया

(शिवकुमार त्रिपाठी) पन्ना टाइगर रिजर्व में अभी-अभी दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है जिसमें हिनौता रेंज की रेंज ऑफिसर बीआर भगत को रामबहादुर हाथी ने मार डाला है टाइगर ट्रैकिंग के दौरान हाथी ने रेंजर भगत को दांतो से दबा दिया जिस की मौके पर मौत हो गई गंगऊ क्षेत्र के इस इलाके में कुछ दिन पूर्व एक टाइगर की लाश मिली थी आपसी संघर्ष में मारे गए टाइगर के दूसरे टाइगर की इंजरी का पता लगाने के लिए रेंजर भगत लगातार ट्रैकिंग कर रहे थे और कोशिश कर रहे थे कि घायल दूसरा बाघ मिले तो उसका इलाज कराया जा सके इसी दौरान हाथी किसी बात को लेकर नाराज हो गया और रेंजर को दबाकर मार डाला बी आर भगत इसी रेंज में बीते 8 वर्ष से पदस्थ थे और उनका हाथियों से अच्छा लगाओ था इसके बावजूद यह ह्रदय विदारक घटना हो गई

मिलनसार और कर्मठ अधिकारी थे भगत,,, वन्य प्राणी सुरक्षा में गवाई जान

मूलतः छत्तीसगढ़ के रहने वाले हिनौता रेंज ऑफिसर बीआर भगत बेहद मिलनसार और कर्मठ अधिकारी थे साधारण जीवन यापन कर जंगल में दिन रात मेहनत करने के लिए जाने जाने वाले भगत की मौत ने सभी को हिला कर रख दिया है क्योंकि जब टाइगर बसाए गए थे हिनौता रेंज में तभी से दौरान खूब मेहनत की और वे टाइगर रिजर्व को उत्कर्ष की ओर ले जाने के अहम किरदार थे उनका स्वभाव कर्मचारियों और अधिकारियों से बेहद नेक रहा है और दिन-रात जंगल में काम करते रहे हैं वर्तमान में पदस्थ अधिकारियों में सबसे पुराने सीनियर अधिकारी थी

फील्ड डायरेक्टर ने दुख जताया

पन्ना टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर KS भदोरिया ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि एक कर्मठ अधिकारी को खोने का बेहद दुख है वे दिन-रात जंगल में ही रहकर मेहनत करते थे बेहद मिलनसार और ईमानदार अधिकारी की इस तरह मौत दुख देने वाली है भदोरिया ने कहा कि वे हाथियों के संपर्क में बीते 8 वर्ष से थे और सभी साथियों से उनका मित्रवत संबंध था पता नहीं क्या अनहोनी हो गई जिससे रामबहादुर हाथी ने इतनी बड़ी घटना कर दी

पीएम कराया गया,,अंत्येष्टि छत्तीसगढ़ के ग्रह ग्राम में होगी

पन्ना टाइगर रिजर्व में हिनौता रेंज ऑफिसर बीआर भगत की मौत से सभी लोग दुखी है फील्ड डायरेक्टर k.s. भदौरिया और डिप्टी डायरेक्टर जांगरे ईश्वर राम हरि ने हिनौता स्थित उनके आवास पर पहुंचकर परिवार जनों से गहरी संवेदना व्यक्त की और संकट की इस घड़ी में हर तरह साथ देने का वादा किया भगत के 1 पुत्र हैं जो पन्ना में ही अध्ययन कर रहा है इनकी जिला चिकित्सालय में पीएम कराया गया जिस दौरान सभी कर्मचारी अधिकारी मौके पर पहुंचे पोस्टमार्टम के बाद उनकी अंत्येष्टि के लिए छत्तीसगढ़ जसपुर के लिए रवाना कर दिया गया है

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा ने दुख जताया

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने टाइगर ट्रैकिंग के दौरान रेंज ऑफिसर BR भगत की हुई दुखद मौत पर दुख जताया है और श्रद्धांजलि अर्पित कर कहां रेंजर कर्मठ अधिकारी थे


खजुराहो के सांसद एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने शोक संवेदना व्यक्त की उन्होंने बाघो की रखवाली के लिए अपनी जान गवाने वाले रेंजर को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा कि भगवान अपने चरणों में स्थान दे और परिवार को दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें

टाइगर रिजर्व में दी गई श्रद्धांजलि बंधन ने शहीद रेंजर को आश्रम श्रद्धांजलि अर्पित


हिनोता रेंज के वन परिक्षेत्राधिकारी बिंदेश्वरी राम भगत के पार्थिव शरीर को टाइगर रिजर्व के मुख्य ऑफिस में रखकर फील्ड डायरेक्टर, डिप्टी डायरेक्टर, समस्त वन मंडल अधिकारी, रेंज ऑफिसर , कर्मचारी और अधिकारियों ने श्रद्धांजलि दी और उनके किए गए योगदान को याद किया भगवान से प्रार्थना की शहीद को अपने चरणों में स्थान दे और दुख की इस घड़ी में परिवार को दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें साथी अधिकारी कर्मचारी सदमे में है

रेंजर बी आर भगत हाथियों को अपना दोस्त मानते थे

टेरिटोरियल फाइट में बाघ की मौत,,

केन नदी में मिला शव

अपना इलाका बढ़ाने और टाइग्रेस को कबिजियाने के चक्कर में हुई लड़ाई

7 अगस्त को सकरा के पास जंगल में लड़े थे बाग


(शिवकुमार त्रिपाठी)

मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघिन को लेकर दो नर बाघों के बीच हुये भीषण संघर्ष में 8 वर्ष के युवा बाघ की मौत हो गई है। मृत बाघ का शव हिनौता रेन्ज के गंगऊ बीट में पठाई कैम्प के पास केन नदी में उतराता हुआ मिला है। मामले के संबंध में जानकारी देते हुये क्षेत्र संचालक के. एस. भदौरिया ने बताया कि तीन दिन पूर्व 7अगस्त को सुबह दो मेल टाइगरो पी-431 व पी-123 के बीच बाघिन के साथ मेटिंग को लेकर लड़ाई हुई थी जिसमें युवा बाघ पी- 123 बुरी तरह से घायल हो गया था। लड़ाई में घायल हुये इस बाघ की वन कर्मियों व अधिकारियों द्वारा केन नदी में नाव से सघन तलाशी की गई। लेकिन बाघ नदी में कहीं नहीं मिला। श्री भदौरिया ने बताया कि गहरे पानी में बाघ का शव डूब गया था। चौबीस घण्टे के बाद शव जब पानी में उतरा कर बहने लगा, तब घटना स्थल से लगभग 8 किमी. दूर पठाई कैम्प के पास रविवार 9 अगस्त की शाम बाघ का शव नदी में तैरता हुआ मिला। रात्रि हो जाने के कारण बाघ का पोस्टमार्टम सोमवार को क्षेत्र संचालक के.एस. भदौरिया व उप संचालक जरांडे ईश्वर रामाहरी की उपस्थिति में वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. संजीव कुमार गुप्ता द्वारा किया गया। 

 क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व श्री भदौरिया ने बताया कि 7 अगस्त को प्रातः परिक्षेत्र गहरी घाट के बीट झालर के सकरा में नदी के किनारे बाघ पी-431 एवं बाघिन टी-6 मेंटिंग में थे, तभी वहां पर नर बाघ पी -123 पहुंच गया। दूसरे नर बाघ पी- 123 के पहुंचने पर बाघ पी-431 आक्रामक हो गया। फलस्वरूप दोनों बाघों के बीच संघर्ष होने पर नर बाघ पी-123 को जान गवानी पड़ी। वनरक्षक  दिलीप सिंह द्वारा दोनों बाघों की लड़ाई देखकर तत्काल हाथी कसवा कर मौके पर पहुंचने की तैयारी की गई तथा वरिष्ठ अधिकारियों को घटना से अवगत कराया गया। सूचना प्राप्त होते ही क्षेत्र संचालक, उप संचालक व सहायक संचालक सहित परिक्षेत्र अधिकारी एवं वन्य प्राणी चिकित्सक मौके पर पहुंचे।  मौके पर नर बाघ  पी-431 एवं बाघिन टी-6 पाए गए, किंतु तीसरे बाघ  का पता नहीं चला।  तीसरे बाघ के न दिखने पर घटनास्थल के आसपास जंगलों में सर्चिंग की गई साथ ही नाव से नदी क्षेत्र में गश्ती की गई तथा जाल डालकर घटनास्थल के आसपास नदी में खोजा गया किंतु बाघ नहीं मिला। रविवार 9 अगस्त को शाम के समय नदी में तैरता हुआ बाघ का शव मिला जिसकी सूचना तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई।  सूचना प्राप्त होते ही तत्काल उप संचालक एवं अन्य स्टाफ मौके पर पहुंचे। नर बाघ पी-123 एवं नर बाघ पी-431 के बीच काफी संघर्ष हुआ था तथा आपसी संघर्ष में घायल होने के कारण नर बाघ पी -123 मृत होने के पश्चात पानी में सकरा से बहकर करीब 8 किलोमीटर दूर हिनौता क्षेत्र के पठाई  कैंप के पास  नदी में तैरता हुआ पहुँच गया। पानी में रहने के कारण बाघ का शव फूल  चुका था तथा उसका सर नहीं था।  संभवतः पानी के अंदर मगरमच्छों के द्वारा खा लिया गया होगा। नर बाघ की आपसी संघर्ष में हुई मृत्यु की सूचना दूरभाष द्वारा प्रधान मुख्य वन संरक्षक मध्य प्रदेश एवं राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण को दी गई।  रात्रि होने के कारण प्रातः पोस्टमार्टम का निर्णय लिया गया, आज 10 अगस्त सोमवार को प्रातः मौके पर जाकर मृत बाघ का पोस्टमार्टम डॉक्टर संजीव कुमार गुप्ता वन्य प्राणी चिकित्सक पन्ना टाइगर रिजर्व द्वारा किया गया।  पोस्टमार्टम के दौरान ही नर बाघ पी -123 के रूप में बाघ की पहचान की गई। पोस्टमार्टम में बाघों के बीच आपसी संघर्ष के निशान मृत बाघ के शव पर पाए गए हैं।  बाघ की विसरा आदि  के सैंपल लिए गए।  पोस्टमार्टम उपरांत समस्त की उपस्थिति में मृत बाघ का अंतिम संस्कार किया गया। पोस्टमार्टम एवं अन्य साक्ष्यों के आधार पर बाघ की मृत्यु आपसी संघर्ष में होना पाया गया है।


नर बाघों की तुलना में मादाओं की संख्या कम 

पन्ना टाइगर रिजर्व में नर बाघों की तुलना में मादाओं की संख्या कम है जो संघर्ष का कारण बन रहा है। जानकारों के मुताबिक नर बाघ की टेरिटरी में तीन से लेकर चार बाघिनों का रहवास होता है। ऐसी स्थिति में जब नर व मादा बाघों की संख्या का संतुलन बिगड़ता है तो मादा पर आधिपत्य के लिये नर बाघों के बीच संघर्ष शुरू हो जाता है। पन्ना टाइगर रिजर्व में मौजूदा समय यही हो रहा है, टेरिटोरियल फाइट की जगह नर बाघों के बीच बाघिनों के लिये जानलेवा लड़ाई होने लगी है। इस लड़ाई में कमजोर बाघ को अपनी जान तक गवानी पड़ जाती है। निश्चित ही यह नर बाघों के लिहाज से चिंताजनक बात है लेकिन इस स्थित को तब तक टाला नहीं जा सकता जब तक प्राकृतिक रूप से बाघों का सेक्स रेसियो संतुलित नहीं हो जाता। वर्ष 2009 के पूर्व भी पन्ना टाइगर रिजर्व सेक्स रेसियो की समस्या से ग्रसित था परिणाम स्वरुप जो हालात बने थे वे जगजाहिर हैं। इसकी फिर से यहाँ पर पुनरावृत्ति न हो इस दिशा में सार्थक और कारगर प्रयास होने चाहिये।   

पन्ना टाइगर रिजर्व में फिर एक नर बाघ की मौत ,,मचा हड़कंप

7 माह में 5 टाइगर मरे

आपसी लड़ाई में मारा टाइगर – भदौरिया

केन नदी के किनारे सकरा में मारा

पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है आज फिर हिनौता रेंज के गगऊ बीट के सकरा में एक नर बाघ की सड़ी गली लाश मिली जिससे हड़कंप मच गया है लगातार हो रही बाघों की मौतों के कारण टाइगर रिजर्व चर्चा में है

आज बाघ यानी टाइगर पी 123 की लाश केन नदी के पानी में तैरती हुई प्राप्त हुई है बताया जा रहा है इसकी मेल टाइगर है P-431 से लड़ाई हुई थी खोजने के बाद नदी के पानी में शव मिला है शव को को मगर और जानवरों ने खा भी लिया है फील्ड डायरेक्टर k.s. भदौरिया ने बताया कि 7 अगस्त के दिन 2 मेल टाइगरो में मेटिंग को लेकर लड़ाई हुई थी जिसमें युवा बाघ पी 123 घायल हो गया था पर सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि जब प्रबंधन को यह पता था कि टाइगर घायल है तो नदी में कैसे डूब कर मर गया और 3 दिन बाद कैसे लाश मिली ये टाइगर T-6 से मैटिंग के लिए संघर्ष कर रहे थे शव 8km पानी मे बहकर पाठा। कैम्प ने शार्चिग के लाश मिली

ज्ञात हो कि 2009 में पन्ना टाइगर रिजर्व बाघ दिन हो गया था इसके बाद बाहर से टाइगर लाकर यहां बताए गए अब इनकी संख्या 50 से अधिक हो गई थी लेकिन बीते कुछ दिनों से लगातार टाइगर मर रहे हैं और इनकी क्षत-विक्षत लाशें मिल रही हैं 7 माह के अंदर यह पांचवी टाइगर की मौत है

अपहरण की वारदात झूठी निकली ,,

स्वयं के अपहरण की कहानी झूठी रची,

20 वर्षीय युवक कल्लू स्वयं रची थी अपहरण की साजिश ,,

, आवाज बदलकर किए फोन ,,,

हीरा खदान से अपहरण की कहानी रची थी

(शिवकुमार त्रिपाठी) पन्ना जिले की बृजपुर थाना में सुबह से अपहरण की रिपोर्ट के बाद हड़कंप मच गया था पुलिस को जैसे ही पता चला थाना क्षेत्र और सीमावर्ती जंगल में घेराबंदी कर सर्चिंग शुरू कर दी गई थी लेकिन जब घटना की तहकीकात हुई तब पूरी घटना ही झूठ ही निकली है स्वयं के अपहरण का फोन करने वाला 20 वर्षीय कल्लू गौड़ 4 घंटे बाद अपहर्ताओं द्वारा छोड़े जाने की कहानी बताकर पुलिस के पास पहुंच गया उसने जो 5 लोगों के नाम बताए थे वह सभी गलत है पुलिस को दिए अपने स्वयं के बयान से युवक मुकर गया और उसने बताया कि हीरे के पैसे को लेकर जो विवाद था वही पैसे परिवार से वापस पाने के लिए यह साजिश रची थी

घटना की जानकारी देते हुए थाना प्रभारी सिद्धार्थ शर्मा ने बताया कि फोन के माध्यम से पुलिस को सूचना दी गई थी कि 5 लोग कल्लू गोड़ नामक युवक का अपहरण कर ले गए हैं और 5 लाख की फिरौती मांगी है लेकिन जब पुलिस ने अपहरण की एफ आई आर दर्ज कर जांच शुरू की तो पूरा ही मामला झूठा निकला है युवक कल्लू गोड़ को पुलिस ने दस्तयाब कर जब पूरी घटना जानी तो झूठी कहानी की परत दर परत खुलने लगी युवक को कुछ दिन पूर्व एक हीरा मिला था जो चोरी-छिपे बेच दिया गया और उसके पैसे परिवार के सदस्यों के पास थे उनसे पैसे पाने के लिए आवाज बदलकर अपने ही फोन से बहन को फोन किया और अपहरण की घटना होना बता दिया जिस पर परिजनों की रिपोर्ट में पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज किया था अब सभी पहलुओं की जांच की जा रही है

एसपी मयंक अवस्थी ने कहा

लंबे समय बाद पन्ना जिले में इस तरह के अपहरण की घटना पता चली थी जिस पर तत्काल पुलिस ने सख्ती की और पूरी अपहरण की कहानी ही झूठी निकली है एसपी मयंक अवस्थी ने कहा कि जो युवक है उसने नाम बदलकर फोन पर झूठी कहानी बताई और आवाज भी बदल कर पुलिस को बताई है पुलिस ने पूरी रिकॉर्डिंग कर जांच पड़ताल कर कार्यवाही की जा रही है और युवक ने जो गुमराह किया है उस पर न्यायालय में बयान करा कर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी मयंक अवस्थी ने कहा कि इलाके में कोई डर का माहौल नहीं है और किसी को भी चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है पुलिस ने को जिसने गुमराह किया है उन पर कार्यवाही होगी

पहले यह बताया और मामला दर्ज हुआ

बृजपुर थाना में 20 वर्षीय युवक कल्लू गॉड पिता राम पथ गॉड निवासी खेरवा के परिजनों ने आकर रिपोर्ट लिखाई थी की हीरा खदान का काम करने के दौरान 5 बदमाश अपहरण कर ले गए हैं और फिरौती मांगी जा रही है इसके फोन भी कल्लू गौड़ के फोन से आए हैं जिस पर बृजपुर थाना पुलिस ने अपराध क्रमांक अपराध 195 धारा 364 (क) का मामला दर्ज किया गया था और एसपी मयंक अवस्थी ने पुलिस की पार्टियां बनाकर जंगल में सर्चिंग शुरू की थी जिन लोगों के नाम बताए गए थे उनकी लोकेशन उस क्षेत्र में नहीं पाई गई तभी पुलिस को शक हुआ कुछ देर बाद युवक स्वयं चलकर थाना पहुंच गया बताया कि बदमाशों ने छोड़ दिया है और तहकीकात में पूरी कहानी छूट निकली

हीरा बेंचकर खरीदा था ट्रेक्टर और जीप


अपहरण की वारदात को लेकर बृजपुर क्षेत्र में आमचर्चा है कि ग्राम खिरवा निवासी कल्लू गौंड़ पुत्र रम्पत गौंड़ 30 वर्ष पिछले काफी समय से हीरा खदान की खुदाई कर रहा है। कुछ समय पूर्व कथित तौर पर कल्लू को खदान में बड़े साइज का उज्जवल किस्म का एक बेशकीमती हीरा मिला था। जिसे उसके द्वारा क्षेत्र में सक्रिय हीरों की गैरकानूनी रूप से खरीददारी करने वाले हीरा कारोबारियों को बेंचने की चर्चा है। हीरा की बिक्री से मिली मोटी रकम से कल्लू ने ट्रेक्टर और बोलेरो जीप खरीद ली। बेहद गरीब पारिवारिक पृष्ठभूमि वाले कल्लू के पास अचानक आई दौलत के चर्चे खिरवा गांव सहित पूरे क्षेत्र में है। दबी जुबान कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि कल्लू को एक बड़े हीरे के अलावा कुछ छोटे साइज के हीरे भी खदान में मिले हैं।

महिलाएं व्रत कर करती थी हरछठ की पूजा

पुत्र की दीर्घायु के लिए किया जाता है व्रत

लंदन के सेंट पॉल चर्च की स्टाइल में बना है अनोखा मंदिर

कृष्ण की 16 कलाएं पर आधारित अनोखा वास्तु

(शिवकुमार त्रिपाठी)

बलदेवजी मंदिर एक रोमन वास्तुकला से प्रेरित है और इसमें एक गॉथिक अनुभव है। मंदिर में बड़े स्तंभों के साथ महा मंडप नामक एक बड़ा हॉल है और इसे एक उभरे हुए मंच पर बनाया गया है ताकि मुख्य द्वार के बाहर से भी दर्शन प्राप्त किया जा सके।

श्री बालदेवजी की आकर्षक प्रतिमा का निर्माण काले शालिग्राम पत्थर में किया गया है। बलदेवजी मंदिर क्षेत्र की बेहतरीन संरचनाओं में से एक है और पन्ना की वास्तुकला की ऊंचाइयों का प्रतिनिधित्व करता है।

भगवान कृष्ण के मंदिर तो हर जगह मिलते हैं पर उनके बड़े भाई बलराम का मंदिर बहुत कम है पर पन्ना में लंदन की सेंट पॉल चर्च की स्टाइल में बने भगवान बलराम के अनोखे मंदिर में सोसल डिस्टेंसग के बीच आज जन्मोत्सव मनाया गया हर वर्ष भगवान के इस प्रगतोसव में आज के दिन भयानक भीड़ होती थी कोरोना के कारण जन्मोत्सव हुआ लोगों में निराशा और बगैर भीड़ के आयोजन किया गया

भगवान श्री कृष्ण की 16 कलाओं में बना अनोखी वास्तु के लिए पन्ना का भगवान बलदेव जी का मंदिर पूरी दुनिया में फेमस है क्योंकि यह मंदिर लंदन की सेंट पॉल चर्च की स्टाइल में बनाया गया है और 16 सीढ़ियां 16 गुंबज 16 खंभे 16 झरोखे सभी कृष्ण की 16 कलाओं को प्रदर्शित करती हैं इस मंदिर में वर्ष का सबसे बड़ा आयोजन हल षष्टि के दिन होता है इस दिन महिलाएं हरछठ के दिन अपने पुत्रों की दीर्घायु के लिए व्रत करती हैं पर महिलाओं को प्रवेश नहीं मिला जिससे व्रत करने वाली महिलाओं में निराशा है
पुराना फोटो

श्रद्धालु राधा बताती है कि हर छठ के दिन महिलाएं अपने संतानों की दीर्घायु के लिए व्रत करती हैं और इसी मंदिर में हरछठ की पूजा करती थी लेकिन इस बार संक्रमण की बीमारी के कारण प्रवेश नहीं दिया गया जिससे थोड़ा सा मन दुखी हुआ पर खुशी इस चीज की है पूरा उत्सव बड़े धूमधाम से आयोजित किया गया एक अन्य श्रद्धालु ने बताया हर वर्ष हर्षित के दिन मंदिर में भारी भीड़ होती थी शहर की सभी महिलाएं पूजन करने आते इस बार संक्रमण की बीमारी के कारण ऐसा नहीं हो सका

मंदिर के पुजारी मनोज अवस्थी बताते हैं राजा को खेती से बहुत लगाव था तब तत्कालीन पन्ना नरेश रूद्र प्रताप ने इस मंदिर का निर्माण कराया था क्योंकि राजा को को विश्वास था यदि हलधर भगवान भगवान दाऊ दयाल की स्थापना कराई जाए तो खेती के देवता बलराम की कृपा से पन्ना में खेती अच्छी होगी और लोगों का कल्याण होगा
सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों के बीच आज भगवान का जन्म उत्सव मनाया गया पर लोगों को इस सब से दूर ही रखा गया हर वर्ष भयानक भीड़ होती थी लेकिन खुशी इस बात की है की सभी परंपराएं उसी राजशाही जमाने से चली आ रही परंपरा के अनुसार ही किया गया राज परिवार के सदस्य राघवेंद्र सिंह सहित प्रमुख पुजारी और प्रशासनिक कर्मचारी अधिकारी मौजूद रहे

 पन्ना में फिर मिले बड़े हीरे

 मजदूर किसान को हीरा मिला

 30 लाख से अधिक 

लॉकडाउन के दौरान परेशान था तब लगाई खदान

(SHIV KUMAR TRIPATHI)
पन्ना की धरती मैं दुनिया की सबसे खूबसूरत हीरे निकलते है यह हीरे खेत खलिहान सहित कहीं भी मिल जाते हैं लॉकडाउन के दौरान परेशान लोगों ने अपनी खूब किस्मत अजमाई जिसमें जरुआपुर के एक मजदूर किसान ने अपने खेत में साथियों के साथ मिलकर हीरे की खदान लगाई और भगवान ने छप्पर फाड़ के दिया 3 बड़े हीरे मिले हैं जिसे आज हीरा कार्यालय में जमा कराया गया यह हीरे पन्ना में चलने वाली उथली हीरा खदानों में मिले


पन्ना के हीरा कार्यालय में रखे यह खूबसूरत हीरे 7.59 कैरेट के हैं जो क्रमशः तीनो हीरो का बजन 4.45, 2.16, 0.93 कैरेट हैं  हीरे सर्वोत्तम जेम क्वालिटी के इन हीरो को एक किसान मजदूर ने अपनी मेहनत से निकाला है छह साथियों के साथ इस खदान से यह बड़े हीरे मिले हैं हीरो को देखकर इनकी खुशी का ठिकाना नहीं है यह हीरे 30 लाख से अधिक कीमत में बिक सकते हैं सुबल सरकार जो हीरा मालिक है उसने बताया कि हमने 6 साथियों के साथ मिलकर जरुआ पुर में खदान लगाई थी अब यह गिरे मिले हैं आगे भी हम ही रखो देंगे

हीरा अधिकारी आर के पाण्डेय का कहना है कि सभी हीरो को सुरक्षित जमा करा लिया गया है इनको आगामी नीलामी में रखा जाएगा और जो भी कीमत प्राप्त होगी उससे 12:50 परसेंट रॉयल्टी और इनकम टैक्स काटकर सभी पैसा हीरा मालिक को दे दिया जाएग

पन्ना में बीते कुछ दिनों से कुछ ज्यादा ही हीरे निकल रहे हैं और लंबे समय बाद यह बड़े हीरे कार्यालय में जमा भी हो रहे सामान्यतः ऐसे हीरे ब्लैक मार्केटिंग कर चोरी छिपे बेच दिए जाते थे अब इससे शासकीय राजस्व प्राप्त होगा ही उन लोगों में भी उत्साह है जो हीरे पर किस्मत आजमाना चाहते हैं पन्ना में लॉकडाउन कुछ लोगों की किस्मत लेकर आया है और उन्हें हीरे मिल रहे एक कुछ दिन पूर्व ही एक मजदूर को 10 कैरेट से अधिक का बड़ा हीरा मिला था

पन्ना की धरती इन दिनों हीरे उगल रही है और यही कारण है कि रातों-रात मजदूर अब लखपति हो रहे हैं । आज पन्ना के ग्राम जरुआपुर में उथली हीरा खदान में सवल सरदार को यह हीरे मिले हैं जिनका कुल वजन 8 कैरेट के लगभग है और अनुमानित कीमत करीब 15 से 20 लाख रुपए आंकी जा रही है यह सब हीरे जेम्स क्वालिटी के हैं और इन्हें पन्ना के डायमंड कार्यालय में जमा कराया गया है वही इन हीरा मिलने वाले लोगों में छह लोग हीरे में पार्टनर हैं हीरा पाने वाले मजदूरों की खुशी का ठिकाना नहीं है हालांकि यह पहला मौका है जब एक साथ मजदूर को इकट्ठे तीन हीरे मिले हैं और इन हीरो को पाकर मजदूर की खुशी का ठिकाना नहीं है क्योंकि अब वह आम से खास हो गया है और रातों-रात लखपति हो गया है।

प्रधानमंत्री ने साष्टांग दंडवत होकर जन्मभूमि की जमीन पर रखी आधारशिला ,,,,अब भव्य राम मंदिर का होगा निर्माण

*पन्ना नगर में कोरोना धमाका आज 5 मिले संक्रमित,, जिला पंचायत कार्यालय सील*

कोरोना योद्धा भी शामिल ....
पन्ना के मनरेगा अतिरिक्त परियोजना अधिकारी 55 वर्ष निकले संक्रामित...

25 वर्षिय नर्स की भी रिपोर्ट पॉजिटिव.....

बीते दिन आये सबइंजीनयर के परिवार के माता 50 वर्ष पिता 62 वर्ष पत्नी 28 वर्ष कोरोना संक्रमित.....

कोरोना संक्रमित मरीजों का अकड़ा पहुंचा 114

89 स्वास्थ्य होकर हो चुके डिसचार्ज 22 एक्टिव मामले


(शिवकुमार त्रिपाठी)

अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राम जन्मभूमि मंदिर का भूमिपूजन किया. करीब 500 साल से जिन लम्हों का इंतजार था, वो लम्हा आज अवधनगरी में फलीभूत हो गया. करोड़ों राम भक्तों का सपना आज साकार हो गया है. बेहद शुभ मुहूर्त में राम मंदिर का भूमि पूजन संपन्न हुआ. साथ ही मंदिर निर्माण का शुभारंभ हो गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम जन्मभूमि मंदिर की नींव में नौ शिलाएं रखीं. भूमि पूजन का शुभ मुहूर्त 12 बजकर 44 मिनट पर था, लेकिन उससे पहले पूरे विधि विधान से इस महाआयोजन की शुरूआत हुई. 12 बजकर 7 मिनट पर पीएम मोदी भूमि पूजन के लिए पहुंचे. दो मिनट के अंदर ही भूमि पूजन की शुरूआत हुई.

यजमान के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमि पूजन स्थल पर एक ओर बैठ चुके थे. प्रकांड विद्वानों ने मंत्रोच्चार शुरू किया. भूमिपूजन के दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत मौजूद थे. सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन भी पूजा में शामिल थीं. भूमि पूजन में बैठे पीएम मोदी पूरी तरह से लीन हो कर मंत्रोच्चार दोहराते हुए अराधना में डूबे थे.
सभी देवी देवताओं से राम मंदिर निर्माण का आग्रह हो रहा था. अराध्य देवताओं का स्मरण किया जा रहा था. शुभ मुहूर्त पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आधारशिला रखी. जिस जगह पर रामलला विराजमान थे, वहीं पर 9 शिलाएं रखी गई थीं, जिसे सफेद कपड़े से ढंका गया था.

अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर की आधारशिला रखने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभा को संबोधित किया. उन्होंने बताया कि दुनिया के कितने देशों में और किन-किन रूपों में भगवान राम मौजूद हैं.

 

अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर की आधारशिला रखने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभा को संबोधित किया. उन्होंने बताया कि दुनिया के कितने देशों में और किन-किन रूपों में भगवान राम मौजूद हैं. पीएम मोदी ने कहा कि भारत की आस्था में राम हैं, भारत के आदर्शों में राम हैं. भारत की दिव्यता में राम हैं, भारत के दर्शन में राम हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि तुलसी के राम सगुण राम हैं, तो नानक और कबीर के राम निर्गुण राम हैं. भगवान बुद्ध भी राम से जुड़े हैं तो सदियों से ये अयोध्या नगरी जैन धर्म की आस्था का केंद्र भी रही है. राम की यही सर्वव्यापकता भारत की विविधता में एकता का जीवन चरित्र है. आज भी भारत के बाहर दर्जनों ऐसे देश हैं जहां, वहां की भाषा में रामकथा प्रचलित है.
प्रधानमंत्री ने कहा, मुझे विश्वास है कि आज इन देशों में भी करोड़ों लोगों को राम मंदिर के निर्माण का काम शुरू होने से बहुत सुखद अनुभूति हो रही होगी. आखिर राम सबके हैं, सब में हैं. जीवन का ऐसा कोई पहलू नहीं है, जहां हमारे राम प्रेरणा न देते हों. भारत की ऐसी कोई भावना नहीं है जिसमें प्रभु राम झलकते न हों. भारत की आस्था में राम हैं, भारत के आदर्शों में राम हैं! भारत की दिव्यता में राम हैं, भारत के दर्शन में राम हैं.

जहां टेलीविजन में पन्ना जिले के लोग राम जन्मभूमि के भवन मंदिर निर्माण की आधारशिला रखे जाने का कार्यक्रम देख रहे थे तभी पन्ना में कोरोना की रिपोर्ट आई जिससे हड़कंप मच गया प्रशासन ने जिला पंचायत कार्यालय में ताला लगाकर सील कर दिया है पन्ना नगर में 5 कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए जाने के बाद से हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई है सिविल लाइन में एक ही परिवार के सभी सदस्य कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं तो हॉस्पिटल में ड्यूटी करने वाली एक नर्स कोरोना से संक्रमित मिली है जिससे फिर स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया इसी तरह जिला पंचायत कार्यालय के अतिरिक्त कार्यक्रम संबंधित मनरेगा भी कोरोना से संक्रमित पाए गए जिससे जिला पंचायत कार्यालय में ताला लगा दिया गया है पन्ना नगर में कुरौना की इस धमाकेदार इंट्री से लोगों में डर का माहौल पैदा हो गया है और लगातार करो ना कि मरीज बढ़ रहे हैं इस कारण सभी को सावधानी बरतनी चाहिए जब पन्ना में करो ना नहीं था तब तो लोग सुरक्षित मास्क लगाकर दिख रहे थे लेकिन जब से पन्ना नगर में कोरोना के मरीज आ रहे हैं तब यहां के लोग कुछ ज्यादा ही लापरवाह दिख रहे हैं सड़कों पर बगैर मास्क के सोशल डिस्टेंसिंग को धता बताते हुए निकल रहे हैं जो ठीक नहीं है पन्ना कलेक्टर कर्मवीर शर्मा और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एलके तिवारी ने लोगों से अपील की है कि खुद सुरक्षित रहने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मांस का अवश्य लगाएं और सुरक्षित रहे यदि कोई व्यक्ति बिना मास्क की पाया जाता है तो उन पर कार्यवाही की जाएगी

स्कंद पुराण के वैष्णव खंड सात में अयोध्या महात्म्य का जिक्र करते हुए श्लोक 18 से 25 में भगवान राम के जन्मस्थान का न सिर्फ महत्व बताया गया है, बल्कि आस-पास के पौराणिक स्थलों का जिक्र करते हुए एक-एक इंच माप भी तय की गई है। अब उसी गर्भगृह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच अगस्त को भूमिपूजन कर पहली ईंट रखेंगे।
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श्रीरामजन्मभूमि मंदिर कई मायने में अद्भुत और अकल्पनीय होगा। भक्तों को सिंहद्वार से ही करीब सवा तीन सौ फुट दूर गर्भगृह में विराजमान रामलला के दर्शन होंगे। पूरब स्थित मुख्य सिंहद्वार के अलावा प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप से होकर दो और बड़े द्वार होंगे। गर्भगृह का परिक्रमा पथ भी खुला रहेगा।

भूमिपूजन अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी परिसर में निरीक्षण के दौरान राममंदिर के कॉरिडोर और परिसर की भव्यता को लेकर अहम सुझाव दे सकते हैं। सोमपुरा परिवार भी उन लम्हों का इंतजार कर रहा है, जब भूमिपूजन के साथ उनके डिजाइन पर भव्य राम मंदिर निर्माण शुरू होगा। राममंदिर के मुख्य वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा के पुत्र आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा व निखिल सोमपुरा अहमदाबाद से अयोध्या पहुंच हैं।

राममंदिर को खास नागर शैली में बनाया जाएगा। मंदिर दो की जगह अब तीन मंजिला होगा। मुख्य ढांचा वैसा ही रखा गया है, जैसा प्रस्तावित मॉडल में था।
नए डिजाइन के साथ भव्यता का वैभव

वास्तुकार के मुताबिक भारतीय मंदिरों के स्थापत्य की तीन शैलियां हैं- नागर, द्रविड़ और वेसर। राम मंदिर को उत्तरभारत की प्रचलित नागर शैली में डिजाइन किया गया है। इस शैली में मंदिर का गर्भगृह अष्टकोणीय आकार में होता है और मंदिर की परिधि वृत्ताकार बनाई जाती है। गुजरात में सोमनाथ मंदिर भी इसी शैली में बना है। मूल डिजाइन में बदलाव के बाद अब मंदिर में 318 खंभे बनेंगे।

मंदिर की लंबाई 360 फुट, चौड़ाई 235 फुट और ऊंचाई 161 फुट होगी। मंदिर के गर्भगृह से पहले तीन शिखर वाले स्थान होंगे। सबसे पहले भजन-कीर्तन का स्थान, दूसरे में ध्यान और तीसरे में राम लला के दर्शन की व्यवस्था होगी।
गर्भगृह में जाने की अनुमति नहीं
गर्भगृह में पुजारी के अलावा और किसी को जाने की अनुमति नहीं होगी। मंदिर के दूसरे तल पर राम दरबार होगा, जहां भगवान राम, सीता और लक्ष्मण-भरत, शत्रुघ्न के साथ हनुमान भी विराजमान होंगे।

जिला चिकित्सालय का स्टाफ ही नहीं लगाता मास्क

जिला चिकित्सालय में पदस्थ स्टाफ भी बीते कुछ दिनों से लापरवाही कर रहा है सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन तो करते ही हैं मास्क और अन्य सुरक्षा उपकरणों का उपयोग नहीं करते इस पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एनके तिवारी ने कहा कि यह बात सही है और हमें शपथ जानकारी मिल रही है कि कई कर्मचारी लापरवाही कर रहे हैं मास्क नहीं लगाते इन सभी को आदेशित किया गया है कि अनिवार्य रूप से पूरे समय मास धारण करें यदि कोई व्यक्ति या कर्मचारी बिना मास के पाए जाते हैं तो उनके ऊपर अनुशासनहीनता की कार्यवाही की जाएगी मास्क ना लगाने वालों के खिलाफ FIR की निर्देश है यदि कोई खासकर कर्मचारी ऐसा करता है तो उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा

ऐसे बचे कोरोना से,, नहीं माने तो विकराल रूप धारण करेगा संक्रमण

जब पन्ना नगर में कोरोना नहीं था तब लोग सुरक्षित रहने संसाधनों का उपयोग कर रहे थे अब करो ना आ गया है तो ज्यादा लापरवाह हो गए हैं ऐसे में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ LK तिवारी ने कहा है कि अब सुरक्षित रहना ज्यादा जरूरी है अन्यथा लापरवाही की स्थिति में पन्ना नगर में कोरोना विकराल रूप धारण कर सकता है इसलिए कोरोना से बचने के लिए अनिवार्य रूप से मास्क धारण करें डॉ तिवारी ने कहा कि कोरोना से घबराने और परेशान होने की जरूरत नहीं है तीन मुख्य कारण है जिससे कोरोना से बचा जा सकता है यदि आप बिना मास्क धारण किए लगातार 15 मिनट या इससे अधिक समय तक 1 मीटर से कम दूरी तक सीधे संपर्क में रहते हैं तो वह व्यक्ति हाई रिस्क जोन में आ जाता है और ऐसे व्यक्ति को कोरोना होने की संभावना बढ़ जाती है इसलिए मास्क धारण करने के साथ किसी से कनबत्तू न करें यानी थोड़ा दूर बैठकर ही बात करें जिससे संक्रमण से बहुत आसानी से बचा जा सकता है 15 मिनट से कम संपर्क में रहने वाले व्यक्ति को संक्रमण होने की संभावना कम रहती है इसलिए सैनिटाइजर का उपयोग करते हुए बचकर रहें और यदि कोरोना हो जाता है तो स्वास्थ्य विभाग की सेवाएं ले घबराए नहीं परेशान न हो

 भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद बीडी शर्मा और मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह की नाराजगी के बाद शासन ने शुरू की जांच

7 माह में 4 बाघों के मिले कंकाल

मौत के बाद भी प्रबंधन को नहीं मिलती जानकारी

मैदान में काम करने की वजाय वातानुकूलित कमरों में बैठे रहते हैं अधिकारी

टाइगर रैगिंग का दल के सदस्य अधिकारियों के बंगलों में बने नौकर

(शिवकुमार त्रिपाठी) पन्ना टाइगर रिजर्व देश दुनिया में बाघों के लिए चर्चित है कभी बाघों के हाथ में घी के लिए हर जगह खूब बदनामी हुई तो अब बाघों की संसार को पुनः बसाने और संख्या आधा सैकड़ा होने पर यहां की धरती की तारीफ हो रही है पर अधिकारियों की लापरवाही के कारण जिस तरह से लगातार बाघों की मौत हो रही है वह सवालों के घेरे में है हालांकि बीते कुछ दिनों से
पूरी दुनिया से लोग बाघ संरक्षण के गुरु सीखने के लिए आते रहे हैं। लेकिन बीते 7 माह के दौरान पन्ना टाइगर रिजर्व में जिस तरह से सड़े – गले और कीड़ों से बिलबिलाते बाघों के शव मिले हैं, उससे पन्ना की छवि धूमिल हुई है। बाघों की हुई मौत के मामले को गंभीरता से लेते हुए पन्ना वासियों ने अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर प्रदर्शन कर आला वन अधिकारियों व शासन का ध्यान आकृष्ट किया। क्षेत्रीय सांसद बीडी शर्मा व खनिज मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह ने भी बाघों की मौत पर नाखुशी जाहिर करते हुए जांच कराने की मांग की। इसका असर शासन स्तर पर हुआ और मामले की जांच करने अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) जसवीर सिंह चौहान शनिवार को पन्ना टाइगर रिजर्व पहुंचे। उनके इस दौरे को गोपनीय रखा गया, इसकी वैधानिक जानकारी पन्ना में किसी को नहीं दी गई फिर भी मीडिया कर्मियों को इसकी भनक लग गई। पता चला है कि एपीसीसीएफ श्री चौहान उन सभी स्थलों पर पहुंचकर जायजा लिया, जहां बाघों के शव मिले थे। भ्रमण के बाद पन्ना आने के बजाय आप सीधे मंडला स्थित कर्णावती रेस्ट हाउस पहुंचे जहां रात्रि विश्राम किया। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक रविवार को यहीं पर एपीसीसीएफ ने टाइगर रिजर्व के अधिकारियों की बैठक भी ली है। अपने इस दौरे में वे मीडिया से दूरी बनाए रहे तथा मोबाइल पर संपर्क करने का प्रयास किए जाने पर भी उनसे संपर्क नहीं हुआ। जाहिर है कि पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन के बारे में स्थानीय लोगों व मीडिया की सोच व सवाल क्या हैं इससे भी वाकिफ नहीं हो पाये, जो मामले की जांच में काफी मददगार साबित हो सकता था और वे जमीनी हकीकत से भी अवगत हो सकते थे स्थानीय लोगों के पास इन बाघों की मौत की कुछ जानकारियां मिल सकती थी लेकिन यह संभव नहीं हो सका। 

प्रबंधन का झूठ बाघों की टेरिटोरियल फाइट

जंगल में बाघों के बीच इलाके में वर्चस्व को लेकर संघर्ष होता है, यह बाघों के नैसर्गिक स्वभाव को देखते हुए प्राकृतिक भी है। यदा-कदा इस तरह के संघर्ष में बाघों की मौत भी हो जाती है लेकिन इसका पता चल जाता है। परंतु पन्ना में हुई 4 बाघों की मौत में अजीब संयोग है, पार्क प्रबंधन के मुताबिक इन सभी की मौत टेरिटोरियल फाइट में हुई है लेकिन न तो मृत बाघ की शिनाख्त हो पाई और न ही संघर्ष में जख्मी होने वाले बाघ का कोई पता चला। सिर्फ रेडियो कॉलर वाली बाघिन पी- 213 की पहचान हो सकी है। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि बाघों की निगरानी में तैनात अमला आखिर क्या करता है? जब बाघों के शव सड़ – गल जाते हैं और कीड़े सब कुछ सफाचट कर देते हैं तब निगरानी दल को कंकाल मिलता है, जिससे जांच के लिए सैंपल तक नहीं लिया जा सकता। ठीक इसी तरह की लापरवाही और तथ्यों को छुपाने का कार्य 10 वर्ष पूर्व होता रहा है। नतीजतन पन्ना से बाघों का खात्मा हो गया। क्या हम फिर उसी पुरानी राह पर चल पड़े हैं ? एपीसीसीएफ श्री चौहान को अतीत में हुई गलतियों पर भी गौर करना चाहिए ताकि उनकी फिर से पुनरावृत्ति न हो। मालुम हो कि बीते 7 माह में चार बाघों की मौत हुई है उनका सिलसिलेवार विवरण इस प्रकार है –

केश क्र. 1 –   पन्ना टाईगर रिजर्व में वर्ष 2020 की शुरुआत बुरी खबर के साथ हुई। टाईगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में रमपुरा बीट के कक्ष क्र. 1355 में 31 दिसम्बर 19 मंगलवार को लेन्टाना की झाडिय़ों के बीच अज्ञात बाघ का कंकाल मिला। बताया गया है कि बाघ की मौत 15 से 20 दिन पूर्व हुई होगी। मौत कैसे व किन परिस्थितियों में हुई, इस बात का खुलासा नहीं हो सका है। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि टेरीटरी के लिये हुये आपसी संघर्ष में बाघ की मौत हुई होगी। पार्क प्रबन्धन की इस आशंका को यदि सच भी मान लिया जाये तो भी सवाल यह उठता है कि मौत के 15-20 दिन तक बाघों की मॉनीटरिंग व निगरानी में तैनात वनकर्मियों को बाघ के मौत की खबर क्यों नहीं लगी?

क्षेत्र संचालक पन्ना टाईगर रिजर्व कार्यालय द्वारा मामले के संबंध में दी गई जानकारी के मुताबिक पन्ना कोर परिक्षेत्र के बीट रमपुरा कक्ष क्र. 1355 में गश्त के दौरान जमुनहाई तलैया के पास लेन्टाना की झाडिय़ों में बाघ का कंकाल पाया गया। सूचना प्राप्त होते ही परिक्षेत्र अधिकारी पन्ना कोर, उप संचालक पन्ना टाईगर रिजर्व तथा क्षेत्र संचालक के.एस. भदौरिया मौके पर पहुँचे। डॉग स्क्वाड को मौके पर बुलाकर सर्चिंग करवाई गई। पार्क प्रबन्धन के मुताबिक मौके पर अवैध गतिविधि के कोई चिह्न नहीं पाये गये। बताया गया है कि यह वन क्षेत्र बाघ पी-111 का इलाका है, यहां लम्बे समय से इस बाघ की मौजूदगी देखी गई है। जहां बाघ का कंकाल मिला है उसके आस-पास ताजे पगमार्क भी पाये गये हैं। पार्क के आला अधिकारियों द्वारा मौके पर उपस्थित वनकर्मियों से पूछताछ की गई तो उनके द्वारा बताया गया कि इस क्षेत्र में बाघिन टी-2 के शावक पी-261, पी-262 एवं पी-263 विचरण करते थे। इन तीनों शावकों की आयु लगभग 3 से 4 वर्ष के आस-पास थी, जो जवानी की दहलीज पर थे और अपनी टेरोटरी बनाने के लिये अनुकूल वन क्षेत्र की तलाश कर रहे थे। इन तीनों ही बाघ शावकों को रेडियो कॉलर नहीं पहनाया गया था, फलस्वरूप उनके मूवमेन्ट की जानकारी वन अमले को नहीं हो पाती थी। क्षेत्र संचालक द्वारा वनकर्मियों से चर्चा के उपरान्त यह संभावना व्यक्त की गई है कि अपनी टेरीटोरी बनाने के चक्कर में बाघ पी-111 से हुये आपसी संघर्ष में उक्त बाघ की मृत्यु हुई होगी। मृत बाघ टी-2 की छठवीं लिटर की तीन सन्तानों में से कोई एक प्रतीत होता है।

केश क्र.2 – टाइगर रिज़र्व के वन परिक्षेत्र गहरीघाट अंतर्गत बीट कोनी में वन कर्मियों को गश्ती के दौरान नाला में बाघ का क्षत-विक्षत शव मिला। बताया गया है कि मृत बाघ की उम्र लगभग 15 माह है, जो बाघ पुनर्स्थापना योजना के तहत पन्ना टाइगर रिजर्व में जन्मी बाघिन पी- 213 (32) का शावक है। वन कर्मियों को गश्ती के दौरान रविवार को आज कोनी नाला में क्षत-विक्षत हालत में बाघ का जो शव मिला है, वह  7- 8 दिन पुराना प्रतीत होता है। बाघ की मौत कैसे व किन परिस्थितियों में हुई इसकी वजह व कारणों का खुलासा नहीं हो सका है। क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक बाघिन पी- 213 (32) के चार शावक थे जो 15 माह की उम्र के हो चुके थे। इन्हीं शावकों में से किसी एक की संदिग्ध मौत हुई है। बताया गया है कि कोनी नाला जहां बाघ का शव सड़ी – गली हालत में मिला है वह गहरी घाट वन परिक्षेत्र के बीट कोनी व कक्ष क्रमांक 510 में आता है। पूर्व में भी इस इलाके में दो रेडियो कॉलर वाली बाघिनों की मौत हो चुकी है। जिससे इस वन परिक्षेत्र में बाघों की सुरक्षा व निगरानी व्यवस्था पर सवाल उठ खड़े हुये हैं। गश्ती दल को रविवार 3 मई की दोपहर जैसे ही बाघ का शव नाले में पड़ा मिला तत्काल इसकी सूचना पार्क के वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई। सूचना मिलते ही क्षेत्र संचालक के. एस. भदौरिया, उपसंचालक जरांडे ईश्वर राम हरि, वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ संजीव कुमार गुप्ता व संबंधित वन अमला मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। डॉग स्क्वाड को मौके पर बुलाकर सर्चिंग करवाई गई लेकिन अवैध गतिविधि के कोई चिन्ह नहीं पाये गये। शव के नाम पर मौके में बाघ की हड्डियां व सड़ – गल चुका अवशेष मिला, जिससे जांच के लिए सैंपल लिया गया है। मृत बाघ नर है या मादा अभी इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।

केश क्र.3 –  पन्ना टाइगर रिजर्व की सबसे ज्यादा चर्चित और चहेती बाघिन पी- 213 का पन्ना में बाघों के उजड़ चुके संसार को आबाद करने में अतुलनीय योगदान रहा है। रेडियो कॉलर युक्त इस बाघिन के मृत शरीर का सड़ा गला अवशेष पन्ना कोर क्षेत्र के तालगांव सर्किल में 28 जून रविवार की सुबह ट्रैकिंग दल को मिला। रेडियो कॉलर वाली ब्रीडिंग टाइगर का इस तरह सड़ गल चुका अवशेष मिलने से बाघों की सुरक्षा और मॉनिटरिंग सिस्टम के क्रियान्वयन को लेकर सवाल उठ खड़े हुए हैं।बाघिन की मौत के इस सनसनीखेज मामले के संबंध में पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक के.एस. भदौरिया ने जारी प्रेस नोट में बताया कि बाघिन पी-213 का शव पन्ना कोर परिक्षेत्र के बीट महुआ मोड़ कक्ष क्रमांक पी 1345 में तालगांव से महुआमोड़ वनमार्ग पर बाघ अनुश्रवण दल को मिला है। मौके पर तहकीकात करने पर बाघिन के शव को घसीटने के निशान भी पाये गये हैं। उन्होंने बताया कि घसीटने के निशान का पीछा करने पर एक स्थान पर बाघों के आपसी मुटभेड़ के चिन्ह मिले हैं, जिससे प्रतीत होता है कि बाघिन की मृत्यु आपसी लड़ाई में हुई है। यदि इसे सच मान भी लिया जाय तब भी सवाल यह उठता है कि रेडियो कॉलर वाली बाघिन जिसकी चौबीसों घण्टे निगरानी होती है, उसका किसी बाघ से संघर्ष होने पर ट्रैकिंग दल को इसकी जानकारी क्यों नहीं हुई? बाघिन का शव सड़कर कंकाल में तब्दील हो गया फिर भी ट्रैकिंग दल घटना से अनजान बना रहा। क्या यह मॉनिटरिंग सिस्टम की असफलता या कहें लापरवाही नहीं है ?  

केश क्र.4 –  पन्ना टाइगर रिजर्व में 27 जुलाई 20 को फिर एक 5 वर्ष के नर बाघ का सडा-गला कंकाल मिला। युवा बाघ की संदिग्ध मौत के संबंध में जानकारी देते हुए क्षेत्र संचालक के. एस. भदौरिया ने बताया कि गहरीघाट रेंज के बीट मझौली कक्ष क्रमांक पी-511 में 5 वर्ष की आयु वाले नर बाघ का 4 – 5 दिन पुराना शव मिला है। बीट गार्ड जब गस्त पर गया तो दुर्गन्ध आने पर खोजबीन की, तब उसे बुरी तरह से सड़ चुका बाघ का शव नजर आया। कोर क्षेत्र में बाघ की संदिग्ध मौत होने की खबर मिलते ही क्षेत्र संचालक श्री भदौरिया सहित उप संचालक श्री जरांडे, वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. संजीव कुमार गुप्ता व वन अधिकारी मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। क्षेत्र संचालक श्री भदौरिया ने बताया कि कोर क्षेत्र में बाघों की संख्या क्षमता से अधिक 39 के लगभग है, जिससे आपसी संघर्ष की घटनायें बढ़ी हैं। युवा नर बाघ की मौत इसी संघर्ष का नतीजा है। श्री भदौरिया के मुताबिक मौके पर खरोंच के निशान व पग मार्क भी मिले हैं।  मृत नर बाघ का पोस्टमार्टम पन्ना टाइगर रिजर्व के वन्य प्राणी चिकित्सक डॉक्टर संजीव कुमार गुप्ता द्वारा मौके पर किया गया तथा जांच के लिए सैंपल लिए गये। पोस्टमार्टम के बाद मौके पर ही वन अधिकारियों की मौजूदगी में बाघ के शव को जला दिया गया। 
प्रश्न यह है कि जब बाघों की मौत होती है तो प्रबंधन को क्यों पता नहीं चलता ,,,,? कोर एरिया में किसी की आवाजाही नहीं होती यह बाग कैसे मर रहे हैं,,,,? इसके बाद पूरे मामले को छुपाने की कोशिश क्यों की जाती है,,,,? बाघों की मौत के बाद निष्पक्ष जांच और पीएम कराने का प्रावधान है तो किसी मीडिया प्रतिनिधि को साथ में क्यों नहीं ले जाया जाता,,,,? इन सब से यह लगता है कि प्रबंधन की नीयत साफ नहीं है और यही हाल रहा तो पन्ना 2009 की ओर बढ़ेगा, हालात ऐसे लगते हैं कि बाघों का जीवन खतरे में आ गया है