✎ शिव कुमार त्रिपाठी
मुंबई और इंदौर में फंसे हजारों लोग
प्रतिदिन आ रहे हैं मजबूर कामगार
कुछ सरकारी मदद से तो कुछ पैदल और धक्के खाते पहुंचे
अब सतर्क रहने की जरूरत
(शिवकुमार त्रिपाठी पन्ना )
कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन के बाद पूरे देश में फॅसे पन्ना जिले के लोग परेशान हो रहे हैं अधिकांश लोगों के पास पैसा खत्म होने के कारण खाने का संकट पैदा हो गया है वही सभी का काम बंद होने के चलते किसी भी कीमत में घर आने को परेशान है उनकी दिन बडे संकट में गुजर रहे हैं वही दूसरा पहलू यह भी है कि
जिले की प्रवासी कामगार अब पन्ना वापस आ रहे हैं जिससे खतरा बढ़ सकता है हर रोज हजारों लोग पन्ना आ रहे हैं इससे संक्रमण फैले के खतरे के कारण ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है
सुबह आंखों देखी तस्वीर ,,, ड्राइवर ने बिना किराया लिए लखनऊ से पन्ना पहुंचाया
सुबह 8:00 बजे मोहन निवास चौराहे के पास एक भार वाहन लगाकर रुकता है और उससे 28 मजदूर अपने बच्चों के साथ उतरते हैं देखा तो चिंता और बढ़ी जब पूरे मामले की जानकारी ली तो पता चला गुखोर और अमानगंज के मजदूर लखनऊ में फंसे थे लाकडाउन में परेशान परिवार पैदल ही निकल पड़े 2 दिन पैदल चलने के बाद एक डग्गा भार वाहन से मदद मांगी तो ड्राइवर ने इंसानियत का परिचय दिया लखनऊ का वाहन चालक ने बिना पैसा लिए मजदूरों को घर पहुंचाने पन्ना आ गया परेशान मजदूरों ने खाना नहीं खाया था जब इसकी सूचना कांग्रेस के युवा नेता स्वतंत्र अवस्थी को दी तो वे भोजन लेकर मोहन निवास चौराहे पहुंच गए और बच्चों को बिस्कुट और सभी को पूरी सब्जी के पैकेट देकर मदद की सभी को भोजन कराया स्वतंत्र अवस्थी ने बताया कि जब से कांग्रेश के शीर्ष नेतृत्व ने परेशान लोगों की मदद करने के लिए युवाओं से अपील की है तब से प्रतिदिन भोजन बनवा कर सुबह भटक रहे मजदूरों को भोजन करा रहे हैं इस बीच व्यवसाई एवं कांग्रेस नेता मनोज गुप्ता भी पहुंचे और उन्होंने मजदूरों की मदद की
फिर प्रशासन को जब इसकी सूचना दी तब तहसीलदार दीपा चतुर्वेदी ने बस भेजी और इन परेशान मजदूरों को घर पहुचाया आज 24 घंटेमें करीब बारह सौ लोग आए हैं उनकी मदद कर रहे हैं शीघ्र ही इन लोगों को भी घर भिजवाने की व्यवस्था करेंगे और दीपा चतुर्वेदी ने 2 घंटे बाद बस भेजकर इन्हें व्यवस्थित तरीके से घर भिजवाया
इंदौर में फंसे छात्रों को नहीं मिल रहा पास,, विवेक तंखा देंगे बस
कांग्रेश के युवा नेता मृगेंद्र सिंह परमार और अंकित शर्मा की टीम इंदौर में फंसे छात्रों की मदद के लिए सामने आए हैं और घर वापसी की पहल शुरू कर दी पर 1 सैकड़ा से अधिक छात्रों को वापसी का पास नहीं मिल पा रहा है जिससे इंदौर में फंसे यह लोग घर वापस नहीं आ पा रहे हैं मृगेंद्र सिंह ने कहा की इन बच्चों की वापसी के लिए सांसद विवेक तंखा ने मदद की पहल की है बे बस का किराया देने को तैयार हैं पर जिला प्रशासन इन्हें पास नहीं दे रहा है इसलिए इंदौर में फंसी लोगों की घर वापसी नहीं हो पा रही है जो चिंता की बात है दोनों युवा नेता कांग्रेश के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ की अपील पर आम लोगों की मदद के लिए सामने आए हैं
मुंबई में फंसे 855 लोग परेशान
मुंबई में पन्ना के करीब 855 लोग फंसे हुए हैं जिसमें अधिकांश हीरा की कटिंग पॉलिशिंग का काम करते हैं जो अब काम बंद होने से बेरोजगार हो गए इसी तरह नवरात्रि के कारण पुरोहित का कार्य करने के लिए मुंबई पहुंचे पन्ना के युवा पंडित भी फंस गए हैं जो मात्र 15 दिन के लिए वहां यज्ञ अनुष्ठान और पूजा पाठ करने गए थे लॉकडाउन के कारण उन्हें काम नहीं मिला ऊपर से लॉकडाउन में फंसे हुए हैं इन लोगों ने कई बार पन्ना से पास के लिए आवेदन किया पर रिजेक्ट कर दिया गया इनके पैसे भी खत्म हो गए हैं और फंसे हुए हैं वापसी आने का कोई रास्ता नहीं मिल रहा परेशान इन प्रवासी लोगों ने मध्य प्रदेश सरकार , क्षेत्रीय सांसद बीडी शर्मा और पन्ना जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है कहां हम लोग मुसीबत में हैं हमें यहां से निकालकर हमारे घर पन्ना पहुंचाने में मदद की जाए
कोरोना पॉजिटिव के स्वास्थ्य में सुधार शीघ्र आ सकती है अच्छी खबर
पन्ना जिला चिकित्सालय के कोविड हॉस्पिटल में जो पॉजिटिव मरीज भर्ती है उसके स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हुआ है और वह पूरी तरह से स्वास्थ्य बताया जा रहा है प्रबंधन से जुड़े लोगों का कहना है कि पन्ना के लोगों के लिए शीघ्र ही अच्छी खबर मिल सकती है उम्मीद है शीघ्र ही यह पॉजिटिव मरीज ठीक होकर अपनी घर वापसी करेगा
प्रशासन कर रहा है मदद
पन्ना जिले में बाहर से आने वाले प्रवासी मजदूरों के स्क्रीनिंग की त्रिस्तरीय व्यवस्था की गई है। कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने जानकारी देते हुये बताया कि कोबिड-19 विश्व महामारी को राष्ट्रीय आपदा घोषित किए जाने एवं प्रदेश को संक्रमित राज्य घोषित होने के उपरांत जिला प्रशासन द्वारा मुस्तैदी के साथ कार्यवाही की जा रही है। देश के 29 प्रांतों में जिले के लगभग 9 हजार प्रवासी श्रमिक हैं। इन श्रमिकों की सहायता के लिए जिला प्रशासन द्वारा प्रत्येक राज्य एवं उन राज्यों के जिला कलेक्टरों एवं संबंधित अधिकारियों द्वारा दूरभाष, ईमेल तथा संचार के अन्य माध्यमों के द्वारा सम्पर्क स्थापित कर इनकी हरसंभव सहायता की जा रही है।
उन्होंने बताया कि इन श्रमिकों को अपने जिले और ग्राम मुख्यालय तक पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा हरसंभव मदद की जा रही है। अभी तक देश के विभिन्न प्रांतों से 5 हजार से अधिक श्रमिक अपने घरों तक पहुंच चुके हैं। प्रवासी श्रमिकों के उनके घरों की वापसी के लिए ट्रेनें चलाई गयी हैं। ट्रेनों की रवानगी दिनांक प्रदेश के प्रत्येक जिला कलेक्टर को दी जाती है। जिला प्रशासन द्वारा अपने जिले के श्रमिकों की जानकारी ट्रेन रवाना होने वाले प्रदेश के अधिकारियों एवं संबंधित जिले के अधिकारियों को दी जाती है जिससे श्रमिक अपने जिला मुख्यालय के स्टेशन अथवा जिला मुख्यालय के निकटतम रेल्वे स्टेशन तक पहुंच सकें। जिला प्रशासन द्वारा संबंधित रेल्वे स्टेशन से श्रमिकों को लाने के लिए वाहन की व्यवस्था की जाती है।
जिला मुख्यालय पर प्रवासी श्रमिकों के लाने संबंधी व्यवस्था का नोडल अधिकारी अपर कलेक्टर जे.पी. धुर्वे को बनाया गया है। उनके मार्गदर्शन में राजपत्रित अधिकारियों के द्वारा पूरी कार्यवाही का सम्पादन किया जा रहा है। जिले के श्रमिकों को निकटतम रेल्वे स्टेशन झांसी, हरपालपुर, खजुराहो, सतना, रीवा आदि से ट्रेन से आये हुए श्रमिकों को लाने के लिए वाहन की व्यवस्था की जाती है। जिला मुख्यालय पर जब श्रमिक पहुंचता है तो उसकी चिकित्सक दल द्वारा स्क्रीनिंग करने के साथ उसकी पूरी जानकारी पंजीबद्ध करने के साथ गूगल सीट पर दर्ज की जाती है। आने वाले हर श्रमिक को जिला मुख्यालय पर भोजन उपलब्ध कराने के साथ उन्हें वाहन से तहसील मुख्यालय भेजा जाता है। तहसील मुख्यालय पर पुनः श्रमिक की स्क्रीनिंग की जाती है। यहां पर भी श्रमिक की सम्पूर्ण जानकारी को पंजीबद्ध करने की व्यवस्था की गई है। इसके उपरांत श्रमिक को संबंधित ग्राम पंचायत या उसके ग्राम पहुंचने पर उसकी स्क्रीनिंग करने के साथ – साथ उसे होम क्वारेंटाइन किया जाता है। उसके मकान पर श्रमिक के क्वारेंटाइन किये जाने की जानकारी चस्पा करने के साथ ग्राम स्तर पर गठित अभ्युदय दल के कर्मचारियों एवं आशा व आगंनवाडी कार्यकर्ता को जानकारी दी जाती है कि इस गांव में इस इस व्यक्ति को होम क्वारेंटाइन किया गया है। जिससे उस व्यक्ति पर निगरानी रखी जा सके। क्वारेंटाइन किए गये प्रवासी श्रमिक के स्वास्थ्य की जानकारी समय – समय पर चलित इकाई के चिकित्सा दल द्वारा ली जाती है। आवश्यकता होने पर आवश्यक उपचार एवं लक्षण दिखाई देने पर उसके नमूने लेने की व्यवस्था की जाती है।
प्रवासी श्रमिक कोरोना नियंत्रण कक्ष में दें अपनी जानकारी
जिले के नागरिकों एवं प्रवासी व्यक्तियों की समस्याओं का निराकरण करने के लिए ई-नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। इस नियंत्रण कक्ष में जिले की सीमाओं के अन्दर के निवासी एवं जिले से बाहर प्रवास पर रहने वाले व्यक्तियों की समस्याओं के संबंध में निरंतर कार्यवाही की जा रही है। इस संबंध में कलेक्टर कर्मवीर शर्मा द्वारा जिले के आम नागरिकों एवं जो जिले से बाहर प्रवास पर हैं उनसे अपेक्षा की है कि जिला मुख्यालय पर जिला कोरोना कन्ट्रोल रूम में स्थापित दूरभाष क्रमांक 07732-253262 तथा मोबाइल नम्बर 9425962024 पर वाट्सअप मैसेज प्राप्त करने के साथ 9425383782 मोबाइल नम्बर पर अपनी समस्याओं की जानकारी दे सकते हैं। जिला प्रशासन द्वारा हरसंभव मदद की जायेगी। इसके अलावा टोल फ्री नम्बर 104 और 181 पर दर्ज ऑनलाईन समस्याओं पर त्वरित कार्यवाही की जा रही है। कलेक्टर श्री शर्मा द्वारा बताया गया कि आम आदमी की समस्याओं के निराकरण के लिए जिले के समस्त राजस्व अधिकारियों तथा समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि कोई भी प्रवासी व्यक्ति अपने मूल निवास के तहसील मुख्यालय पर पदस्थ अधिकारियों से सम्पर्क स्थापित कर सकता है।