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परिंदों का घर :- नाग (सांप) से बचने कुआं और पतली डाल में बनाये घोंसले,,, देखे

परिंदों का घर :- नाग (सांप) से बचने कुआं और पतली डाल में बनाये घोंसले,,, देखे

परिंदों का घर

नाग (सांप) से बचने कुआं और पतली डाली में बनाते हैं घोंसले

पन्ना के कई स्थानों में खूबसूरत भोंसले बने हैं

घोसला बनाने का प्राकृतिक उपहार होता है परिंदों में

(शिवकुमार त्रिपाठी)
पन्ना प्राकृतिक रूप से समृद्ध जिला है हर जगह खूबसूरत वादियां, झरने, पहाड़, जीव जंतु और परिंदे देखने को मिलते हैं प्रकृति के इन अनुपम उपहारों की मौजूदगी के कारण ही पन्ना रमणीय है पर आज एक ऐसा हुनर देखने को मिला जिसने मन प्रफुल्लित कर दिया पन्ना के वार्ड नंबर 12 रानीबाग रोड में एक स्थान पर परिंदे अपना रहवास यानी घोंसला बना रहे थे उत्सुकता हुई देखा और जब पता किया तो और भी प्राकृतिक व्यवस्था और हुनर की ओर मन पहुंच गया और महत्वपूर्ण जानकारी मिली

आज नाग पंचमी है ऐसे में इस घटना का चर्चा करना भी आवश्यक समझ रहा हूं खूबसूरत पक्षी अपने प्रजनन और बरसात में सुरक्षित रहवास के लिए घोसले बनाते हैं और इन घोसले को जो स्थान चयन करते हैं वह भी अद्भुत होता है कुछ परिंदों ने कुआं और उसकी बाजू में लगी झाड़ियों की पतली डालियों पर बहुत से घोसले बना रखे हैं और लगातार घोसलो का निर्माण भी कर रहे तभी एक प्रत्यक्षदर्शी किसान ने बताया कि यह परिंदे इसलिए कुएं में घोंसला बनाते हैं कि वह नाग यानी सांप से बच सकें और पतली डाली का इसलिए उपयोग करते हैं क्योंकि कई बार यह सांप इनके घोंसले पर पहुंचकर बच्चे और इनके अंडों को निवाला बना लेते हैं इसलिए जब पतली डाली में इनका घोंसला लटक रहा होता है और सांप यहां चढ़ने की कोशिश करता है तो डाली नीचे झुक जाती है और कई बार सांप भी कुएं में गिर जाता है


इस तरह उनके यह बच्चे और अंडे सुरक्षित रह जाते हैं यह परिंदे अपनी सोच के माध्यम से सांसो से यह खूबसूरत घोंसले बनाते हैं चिड़िया ऐसा निर्माण करती है की बरसात का पानी भी इन घोंसले। क़े अंदर नहीं आता है इनके बच्चे और अंडे हमेशा सुरक्षित बने रहते हैं ऐसे ही अपने घर का निर्माण करती हुई चिड़ियों का वीडियो भी बनाया और यह सब देखकर लगा कि आखिर वेजुवान परिंदे अपनी चोंच से कितनी खूबसूरती और सुरक्षित घोंसला बनाते हैं घास के यह घोंसले वास्तव में किसी अच्छे आर्किटेक्ट से कम नहीं होते

घोंसला

घोंसला एक प्राणी विशेष तौर पर एक पक्षी का शरण स्थल है जहां पर यह अंडे देते हैं, रहते हैं और अपनी संतानो को पालते हैं। एक घोंसला आमतौर पर कार्बनिक सामग्री जैसे टहनी, घास और पत्ती; आदि से बना होता है पर, कभी कभी यह जमीन में एक गड्ढा़, पेड़ का कोटर, चट्टान या इमारत में छेद के रूप मे भी हो सकता है। मानव निर्मित धागे, प्लास्टिक, कपड़े, बाल या कागज जैसे पदार्थों का इस्तेमाल भी प्राणी घोंसला बनाने मे करते हैं।
आमतौर पर प्रत्येक प्रजाति के घोंसले की एक विशिष्ट शैली होती है। घोंसलों को कई अलग अलग पर्यावासों में पाया जा सकता है। यह् मुख्यतः पक्षियों द्वारा बनाये जाते हैं पर स्तनधारी जन्तु(जैसे गिलहरी), मछली, कीट और सरीसृप भी घोंसलों का निर्माण करते हैं।

चिंता की बात


प्रकृति की सबसे खूबसूरत सौगात पर्यावरण का जिस प्रकार हमने अपनी जरूरतों की खातिर क्रूरता से दोहन किया है। उससे उत्पन्न हुए और हो रहे खतरों की फेहरिस्त बड़ी लंबी हो गई है। पर्यावरण पर इंसानी क्रूर प्रहार और दोहन की वजह से परिंदों का बसेरा भी अब छिन गया है। पक्षियों की कई खूबसूरत प्रजातियां अब नजर नहीं आती और पर्यावरण के दोहन से हमने उनके विलुप्त होने की बुनियाद रख दी है। जाहिर सी बात है शहरीकरण और कटते जंगल इसके जिम्मेदार कारकों में सबसे एक है पर पन्ना में जिस तरह आज भी परिंदे जगह-जगह घोंसले बना रहे हैं और पक्षियों की तादाद तेजी से बढ़ रही है यह सुकून देने वाली बात है पर्यावरण की रक्षा और जंगली जानवरों की रक्षा के साथ ही इंसानी संसार को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है और यह पक्षी एक सीख भी देखते हैं कि आखिर विषम परिस्थितियों में कैसे अपने आप को बचाया और सुरक्षित रखा जा सकता है

पर्यावरण की रक्षा नहीं की तो

हर बच्चा अपने बड़ों से यही सवाल पूछता दिखेगा की पापा यह जुगनू कहां होता है। जंगलों में दहाड़ मारनेवाले शेर कहां चले गये, कोयल क्यों नहीं कूकती या फिर मेंढक की टर्र-टर्र अब क्यों नहीं फिजाओं में गूंजती। लेकिन हम और हमारे बाद के लोग शायद जवाब देने के बजाय उनकी तस्वीरों को कोरे कागज पर उकेरने के अलावा और कुछ नहीं कर पाएंगे।


✎ शिव कुमार त्रिपाठी

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