✎ शिव कुमार त्रिपाठी
चर्च की स्टाइल मे बना पन्ना मे अनोखा मंदिर
प्रकट हुये बलराम …राजा को था खेती से लगाव
हलछठ के त्योहार में पुत्रवती महिलाएं पुत्र की उम्र की कामना व पुत्र प्राप्ति के लिए रखती वृत

(शिवकुमार त्रिपाठी) दुनिया के अनोकहे और अद्भुत मंदिर में बलदाऊ मंदिर में भगवान बलदेव का आज अनोखे अंदाज में जन्मोत्सव मनाया गया महिलाओं की मौजूदगी में जैसे ही भगवान का जन्म हुए पन्ना का माहौल भक्तिमय हो गया लंदन के सेंट पॉल चर्च की स्टाइल पर बना अनोखे वास्तु के लिए मशहूर इस मंदिर का निर्माण महाराजा रूद्र प्रताप ने कराया था तभी से यहां भगवान कृष्ण के भाई बड़े भैया बलदेव की पूजा होती है राजा को खेती से लगाओ था इस कारण कृषि के देवता की स्थापना की गई इस वास्तुशिल्प का चर्च की स्टाइल पर बना मंदिर दुनिया में कहीं नहीं है इसलिए लोगों के आकर्षण का केंद्र भी बना हुआ है जन्मोत्सव में श्रद्धालु खूब झूमे एवं महिलाओं ने पुत्र और पति की दीर्घायु की कामना के लिए व्रत और पूजन किया
भगवान श्री कृष्ण के मंदिर पूरी दुनिया मे हर जगह मिल जाते है लेकिन उनके दाऊ भैया को पूजने वाले कम ही लोग नजर आते है और शायद ही कही इनके मंदिर मिले पर पन्ना मे चर्च की स्टाइल पर बना एक अनोखा मंदिर है जिसमे पाश्चात्य और बुदेली स्थापत्य कला को समेटे गर्भ ग्रह मे हलधर भगवान विराजे है पन्ना का महत्व शुरू से ही धर्मिक रहा है यहॉ पर धार्मिक आयोजन बडे धूमधाम से मनाये जाते है उसी के तहत आज भादो माह की छठी के दिन कृष्ण के बडे भॉई बल्दाऊ जी का जन्म पन्ना की पवित्र नगरी मे बडे धूमधाम से मनाया गया क्या बडा क्या छोटा सभी भक्ति भाव मे रस विभोर थे यह राजशाही जमाने का मंदिर है जिसे राजा रूद्रप्रताप ने बनाया था इसमे 16 गुम्बद 16 झरोखे 16 श्रीणी 16 खिडकी से अंलक्रत ये अदभुत मंदिर है बताया जाता है की राजा को खेती से बडा लगाव था इसी कारण से राजा ने यह मंदिर बनवाया था यह मंदिर लंदन के सेटपॉल चर्च की स्टाइल का मंदिर है इस जन्मोत्सव के कार्यक्रम मे पन्ना राजधराने के सदस्य भी शामिल होते है प्रशासन की ओर से प्रशासनिक अधिकारी भी देखरेख मे लगाये गये है औरते बुदेलखण्ड के प्रसिद गान सोहरे भी गाती है ओर नाचती गाती है लोग भगवान से अच्छी खेती के लिये दुआ मॉगते है ओर मंदिर को भी दुल्हन की तरह सजाया गया है
इस दिन मॉ अपने बच्चे की लम्बी आयु के लिये यह उपवास रखती है हलछठ के दिन महिलाएं छटी की पूजा करती है बर्ष के सबसे बडे इस आयोजन मे सबसे ज्यादा महिलाएॅ शामिल होती है
वल्देव जी के जन्म उत्सव पूरा पन्ना भक्तिमय मे डूब गया है ओर हजारो श्रदालू दर्शन कर अपने आप को धन्य धान्य से परिपुर्ण कर रहे है इस बार कोविड प्रोटोकॉल के तहत भगवान वल्देव का जन्म उत्सव मनाया गया जिसमें कोरोना प्रोटोकॉल का ध्यान रखा गया
प्रवेश न मिलने से महिलाएं परेशान सड़क में उमड़ा हुजूम
जब जन्मोत्सव की आरती हो रही थी तब किसी को भी मंदिर में प्रवेश नहीं दिया गया प्रशासनिक अधिकारी और कुछ चुनिंदा लोग ही गर्भ गृह में थी इसलिए अंदर तो भीड़ रही थी पर बाहर सड़क पर भारी भीड़ इकट्ठी हो गई बड़ी संख्या में महिलाएं और आम नागरिकों के सड़क पर पहुंच जाने से भारी भीड़ लग गई आवागमन अवरुद्ध हो गया और खूब धक्का-मुक्की होती रही जब अंदर प्रवेश द जिससे कई महिलाओं को चोटें भी लगी है पर आस्था ऐसी थी कि यह कष्ट भी किसी को कष्ट नहीं लगा क्योंकि वह अपने प्यारे दाऊ भैया की जन्मोत्सव के बाद दर्शन करना चाहते थे लोग परेशान अवश्य हुए पर किसी ने किसी की कोई शिकायत नहीं की