✎ शिव कुमार त्रिपाठी
·नहरपट्टी की सरकारी जमीन पर कब्जा हटाने दिनभर चली गहमागहमी
प्रशासन और दिव्यारानी का परिवार आमने-सामने
प्रशासन ने अपने कब्जे में लिया
प्रशासन का बोर्ड हटाया गया ,अपना बोर्ड लगाया,,, देर रात कार्रवाई के बाद प्रशासन ने फिर कब्जे में लेकर अपना बोर्ड लगाए
(शिवकुमार त्रिपाठी)पन्ना शहर की बेशकीमती नहरपट्टी की शासकीय 7.86 एकड़ जमीन से कब्जा हटाने के हाई प्रोफाइल मामले में आज दिनभर गहमागहमी रही जिला प्रशासन के अधिकारी एसडीएम सत्यनारायण दर्रो के नेतृत्व में पहुंचे और कुछ झाड़ियां काटकर कब्जा हटाने की कोशिश की उसी समय कांग्रेस पार्टी की पूर्व जिला अध्यक्ष एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की खास समर्थक दिव्यारानी सिंह, उनके पति केशव प्रताप सिंह , ससुर भानु प्रताप सिंह अपने परिवार के साथ पहुंच गए और उन्होंने प्रशासन की कार्यवाही का विरोध किया जिसको लेकर दिनभर तनातनी चलती रही प्रशासन अपनी जमीन बता कर कब्जा हटाने की बात करता रहा एसडीएम सत्यनारायण दर्रो ने बताया कि पन्ना शहर की आराजी क्रमांक 387, 388,389 कुल रकबा 3.144 हेक्टेयर नहरपट्टी की शासकीय जमीन है जहां वाकिंग ट्रेक बनाया जाना है इसके लिए खाली कराने के प्रयास किए जा रहे हैं पर सभी प्रशासनिक अधिकारी दिन भर इंतजार करते रहे और इस हाईप्रोफाइल मामले में कोई निर्णय नहीं लिया जा सका जबकि दोपहर में कुछ देर के लिए हंगामा और तनाव की स्थिति निर्मित हो गई थीी क्योंकि भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था और बज्र वाहन के साथ पुलिस सख्ती बरतने के मूड में थी पर दोनोंं पक्षों संयम बरता कार्यवाही नही हुई अंततः देर रात शासन ने कार्यवाही करते हुए अतिक्रमण हटााा दिया अपना बोर्ड् लगाकर कब्जे में ले लिया
दिग्विजय सिंह की शासन में दी गई थी करोड़ों की जमीन
सूत्रों का कहना है कि 1993-94 में तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने चहेतों को उपकृत करते हुए बेशकीमती शहर की जमीनें दे दी थी उसी में पन्ना की भी करोड़ों रुपए की यह जमीन आवंटित की गई उसे सार्वजनिक हित में लिया गया है जो न्याय संगत है दिग्विजय सिंह जहां लोगों पर कीचड़ उछाल रहे हैं झूठे आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं उन्होंने खुद अपने शासनकाल में कांग्रेश कार्यकर्ताओं और अपने चहेतों को पूरे मध्यप्रदेश में सबसे कीमती जमीनों का बंदरबांट किया है जो ठीक नहीं है पूरे मध्यप्रदेश में ऐसी जमीने वापस ली जानी चाहिए और उनका सार्वजनिक उपयोग किया जाना चाहिए
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सतानंद गौतम का कहना है मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को लाभ जमीन का गलत अनु क्या दिलाई थी जिसकी अनुमति मात्र 2 वर्ष की थी अब खत्म हो गए हैं प्रशासन की कार्यवाही उचित है पूरे मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जिमेदार है
कार्यवाही के विरोध में कांग्रेसी पहुंचे
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष दिव्यारानी सिंह के कब्जे की इस जमीन पर कार्यवाही का विरोध करने जिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष श्रीमती शारदा पाठक के नेतृत्व में कांग्रेसी एकत्र हो गए और कार्यवाही पर आपत्ति उठाई कहा कांग्रेसियों को निशाना बनाया जा रहा है पर इस हाई प्रोफाइल बहुचर्चित मामले में नोकझोंक अवश्य हुई पर जिला प्रशासन कोई कार्यवाही नहीं कर सका दिव्या रानी सिंह ने बताया कि यह राजशाही जमाने से हमारे कब्जे में रही है वृक्षारोपण यानी फलदार वृक्ष लगाने के लिए हमें पट्टा मिला था सुबह से ही जो जेसीबी मशीन और अतिक्रमण हटाने मजदूर लगाए गए थे पर बिना कब्ज़ा हटाए उन्हें मौके से भगा दिया
जहां प्रशासन ने सरकारी जमीन बताकर लगाया बोर्ड , उसे हटाकर अपना बोर्ड लगाया
कल शाम जिला प्रशासन के मुखिया संजय कुमार मिश्र के नेतृत्व में गैस गोदाम के बाजू में एक बोर्ड लगाया गया जिसमें आराजी क्रमांक 387, 388,389 कुल रकबा 3.144 हेक्टेयर भूमि को मध्यप्रदेश शासन की जमीन बताकर अवैध प्रवेश करने वाले पर 188 की धारा के तहत कार्यवाही करने की बात लिखी गई थी पर रात में ही बोर्ड उखाड़ कर गायब कर दिया गया सुबह जब इसकी जानकारी जिला प्रशासन को लगी तो जिला प्रशासन के अधिकारी हरकत में आए पर बोर्ड को हटाने वाले व्यक्तियों कब पता लगाने की कोशिश करते रहे
दोपहर बाद दिव्यारानी सिंह ने इस जमीन को अपना बताकर स्वयं का बोर्ड लगा दिया जिसमें लेख किया गया है कि यदि कोई इस पर कुछ हस्तक्षेप करता है तो उस पर कार्यवाही की जाएगी मतलब साफ है कि इस हाईप्रोफाइल मामले मैं दिन भर शहर में गहमागहमी और चर्चा का विषय मात्र रही
पट्टा पुराना लेटर सामने आया
जिला प्रशासन द्वारा जो पत्र उपलब्ध कराया गया है उसमें पन्ना तहसीलदार कार्यालय का सन 1993-94 का एक पत्र सामने आया है जिसमें आराजी क्रमांक 388 में दिव्या रानी सिंह को आम इमली जामुन महुआ की फलदार वृक्ष लगाए जाने का 2 वर्ष के लिए पट्टा मिला था इसकी अवधि पहले ही खत्म हो गई पर दिव्या रानी सिंह का कहना है कि रेवेन्यू बोर्ड से हमारे पक्ष में फैसला आया है और हमारा कब्जा माना गया है जबकि प्रशासनिक अधिकारी कर रहे हैं पट्टा की अवधि खत्म हो गई और मौके पर फलदार वृक्ष नहीं लगे हैं जबकि दिव्यारानी सिंह यह जमीन अपनी पुरानी पैतृक जमीन बता रही है सरकारी अभिलेखों में नहर पट्टी मध्य प्रदेश शासन के नाम दर्ज है