✎ शिव कुमार त्रिपाठी
महिलाएं व्रत कर करती थी हरछठ की पूजा
पुत्र की दीर्घायु के लिए किया जाता है व्रत
लंदन के सेंट पॉल चर्च की स्टाइल में बना है अनोखा मंदिर
कृष्ण की 16 कलाएं पर आधारित अनोखा वास्तु
(शिवकुमार त्रिपाठी)
बलदेवजी मंदिर एक रोमन वास्तुकला से प्रेरित है और इसमें एक गॉथिक अनुभव है। मंदिर में बड़े स्तंभों के साथ महा मंडप नामक एक बड़ा हॉल है और इसे एक उभरे हुए मंच पर बनाया गया है ताकि मुख्य द्वार के बाहर से भी दर्शन प्राप्त किया जा सके।
श्री बालदेवजी की आकर्षक प्रतिमा का निर्माण काले शालिग्राम पत्थर में किया गया है। बलदेवजी मंदिर क्षेत्र की बेहतरीन संरचनाओं में से एक है और पन्ना की वास्तुकला की ऊंचाइयों का प्रतिनिधित्व करता है।
भगवान कृष्ण के मंदिर तो हर जगह मिलते हैं पर उनके बड़े भाई बलराम का मंदिर बहुत कम है पर पन्ना में लंदन की सेंट पॉल चर्च की स्टाइल में बने भगवान बलराम के अनोखे मंदिर में सोसल डिस्टेंसग के बीच आज जन्मोत्सव मनाया गया हर वर्ष भगवान के इस प्रगतोसव में आज के दिन भयानक भीड़ होती थी कोरोना के कारण जन्मोत्सव हुआ लोगों में निराशा और बगैर भीड़ के आयोजन किया गया
भगवान श्री कृष्ण की 16 कलाओं में बना अनोखी वास्तु के लिए पन्ना का भगवान बलदेव जी का मंदिर पूरी दुनिया में फेमस है क्योंकि यह मंदिर लंदन की सेंट पॉल चर्च की स्टाइल में बनाया गया है और 16 सीढ़ियां 16 गुंबज 16 खंभे 16 झरोखे सभी कृष्ण की 16 कलाओं को प्रदर्शित करती हैं इस मंदिर में वर्ष का सबसे बड़ा आयोजन हल षष्टि के दिन होता है इस दिन महिलाएं हरछठ के दिन अपने पुत्रों की दीर्घायु के लिए व्रत करती हैं पर महिलाओं को प्रवेश नहीं मिला जिससे व्रत करने वाली महिलाओं में निराशा है
पुराना फोटो
श्रद्धालु राधा बताती है कि हर छठ के दिन महिलाएं अपने संतानों की दीर्घायु के लिए व्रत करती हैं और इसी मंदिर में हरछठ की पूजा करती थी लेकिन इस बार संक्रमण की बीमारी के कारण प्रवेश नहीं दिया गया जिससे थोड़ा सा मन दुखी हुआ पर खुशी इस चीज की है पूरा उत्सव बड़े धूमधाम से आयोजित किया गया एक अन्य श्रद्धालु ने बताया हर वर्ष हर्षित के दिन मंदिर में भारी भीड़ होती थी शहर की सभी महिलाएं पूजन करने आते इस बार संक्रमण की बीमारी के कारण ऐसा नहीं हो सका
मंदिर के पुजारी मनोज अवस्थी बताते हैं राजा को खेती से बहुत लगाव था तब तत्कालीन पन्ना नरेश रूद्र प्रताप ने इस मंदिर का निर्माण कराया था क्योंकि राजा को को विश्वास था यदि हलधर भगवान भगवान दाऊ दयाल की स्थापना कराई जाए तो खेती के देवता बलराम की कृपा से पन्ना में खेती अच्छी होगी और लोगों का कल्याण होगा
सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों के बीच आज भगवान का जन्म उत्सव मनाया गया पर लोगों को इस सब से दूर ही रखा गया हर वर्ष भयानक भीड़ होती थी लेकिन खुशी इस बात की है की सभी परंपराएं उसी राजशाही जमाने से चली आ रही परंपरा के अनुसार ही किया गया राज परिवार के सदस्य राघवेंद्र सिंह सहित प्रमुख पुजारी और प्रशासनिक कर्मचारी अधिकारी मौजूद रहे