✎ शिव कुमार त्रिपाठी
भगवान जगन्नाथ पहुंचे गर्भ ग्रह
पहुंचते ही बरसात शुरू
झमाझम बारिश की उम्मीद
(शिवकुमार त्रिपाठी) पन्ना के ऐतिहासिक जगन्नाथ स्वामी रथ यात्रा की शुरुआत राजाशाही जमाने से हुई है पूरे बुंदेलखंड की प्रथम रथ यात्रा डेढ़ सौ से अधिक वर्ष पुरानी है जगन्नाथ पुरी की तर्ज पर शुरू हुई इस रथयात्रा का महत्व पूरी के बराबर है बुंदेलखंड के लोग जो जगन्नाथपुरी नहीं जा पाते वह यहां अवश्य आते हैं इस रथयात्रा से कई आस्था और किंबदंती या भी जुड़ी है माना जाता है कि जब भगवान का रथ निकलता है तो बारिश अवश्य होती है भले थोड़ा क्यों न हो लेकिन जब विवाह के बाद भगवान वापस गर्भग्रह में जाते हैं तो झमाझम बारिश शुरू हो जाती है ऐसा ही आज भी हुआ जैसे ही जगत के नाथ दिवाले मैं पहुंचे उमड़ घुमड़ कर बदरा बरसने लगे और बरसात शुरू हो गई शुरू हुई
जोरदार बारिश से उम्मीद
भगवान की गर्भ गृह में पहुंचने से उम्मीद लगाई जा रही है कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी अब जोरदार बारिश होगी क्योंकि बीते डेढ़ माह से पन्ना में बिल्कुल भी पानी नहीं बरस रहा है तालाब सूखे पड़े हैं लोगों को आषाढ़ के महीने में भी पीने के पानी की किल्लत है ऐसे में जब भगवान गर्भ गृह में पहुंच गए हैं और चतुर्मास शुरू हो गया तो जोरदार बारिश होगी इसके लक्षण भी दिखाई देने लगे हैं
झूठी हुई मौसम विभाग की भविष्यवाणियां
बीते कई दिनों से मौसम विभाग पन्ना शहर में जोरदार बारिश अनुमान बता रहा है लेकिन सभी झूठी साबित हो रही है कई दिनों से लोग टकटकी नगर लगाए बैठे थे पर पानी नहीं बरस रहा था लेकिन जैसे ही आज भगवान जगन्नाथ अपने मंदिर के अंदर गर्भ गृह में पहुंचे जोरदार बारिश शुरु हो गई जो कई दिनों तक चलने की उम्मीद है ज्ञात हो कि पन्ना जिले में रथयात्रा का बड़ा महत्व है इसी रथयात्रा से ही किसान अपनी खेती की शुरुआत करते हैं और रथ यात्रा का ही महत्व है की खेती के लिए अच्छी और जोरदार बारिश होती है उसकी उम्मीद की जा रही है
- महत्व:देश की तीन सबसे पुरानी व बड़ी रथयात्राओं में पन्ना की रथयात्रा भी शामिल है। ओडिशा के जगन्नाथपुरी की तर्ज पर यहां आयोजित होने वाले इस भव्य धार्मिक समारोह में राजसी ठाट-बाट और वैभव की झलक देखने को मिलती है। रथयात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ स्वामी की एक झलक पाने समूचे बुन्देलखण्ड क्षेत्र से हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुँचते हैं। पन्ना की यह ऐतिहासिक रथयात्रा करीब 166 वर्ष पूर्व तत्कालीन पन्ना नरेश महाराजा किशोर सिंह द्वारा शुरू कराई गई थी, जो परम्परानुसार अनवरत जारी है।
हिन्दू पंचांग के अनुसार आषाढ़ शुक्ल माह की द्वितीय तिथि को यहां पुरी के जगन्नाथ मन्दिर की तरह हर साल रथयात्रा निकलती है। रथयात्रा के दौरान यहां भी भगवान जगन्नाथ अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलराम के साथ मन्दिर से बाहर सैर के लिये निकलते हैं। यह अनूठी रथयात्रा पन्ना से शुरू होकर तीसरे दिन जनकपुर पहुंचती है।