ताज़ा खबर
लोकायुक्त पुलिस की बड़ी कार्यवाही,- अमानगंज नप अध्यक्ष सारिका खटीक रिश्वत लेते गिरफ्तार, खजुराहो लोकसभा में उम्मीद से कम 56.09 प्रतिशत मतदान, 2019 तुलना में 12 फ़ीसदी कम हुई वोटिंग खजुराहो लोकसभा में चुनाव प्रचार थमा - बीडी शर्मा ने किया जनसंपर्क, जगह-जगह स्वागत ,, सपा की प्रेस कॉन्फ्रेंस खजुराहो लोकसभा चुनाव :- 2293 मतदान केदो में,19 लाख 97 हजार मतदाता करेंगे मतदान, तैयारी पूरी - सुरेश कुमार

पन्ना का सौंदर्य :- पर्यटन विकास एक छलावा, राम पथ गमन की कल्पना अधूरी, संपूर्ण जानकारी

पर्यटन विकास की घोषणाओं पर नहीं हो सका अमल
वर्ष 2007 में राम वन गमन पथ के विकास का किया गया था ऐलान
मानसून पर्यटन को बढ़ावा देने की भी मुख्यमंत्री ने की थी घोषणा।

पन्ना। प्राचीन मन्दिरों, ऐतिहासिक महत्व के स्थलों तथा प्रकृति प्रदत्त अनेकों अनुपम सौगातों के बावजूद पन्ना जिले में पर्यटन को बढ़ावा देकर रोजगार के नये अवसरों के सृजन की दिशा में कोई प्रभावी पहल नहीं हो सकी
है। पिछले एक दशक से पन्ना को पर्यटन के मानचित्र में जोडऩे तथा पर्यटन विकास हेतु अनेकों घोषणायें की जाती रही हैं लेकिन वे घोषणायें आज तक मूर्तरूप नहीं ले सकी हैं। नतीजतन पर्यटन विकास की विपुल संभावनाओं के बावजूद पन्ना जिले की स्थिति जस की तस बनी हुई है। मालुम हो कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा पन्ना जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये बीते एक दशक के दौरान अनेकों घोषणायें की गईं लेकिन दुर्भाग्य से उन घोषणाओं को मूर्तरूप देने के लिये अभी तक कोई पहल शुरू नहीं हो सकी है।
पर्यटन विभाग द्वारा पन्ना को पर्यटन के मानचित्र में शामिल जरूर कर लिया गया है जो स्वागत योग्य कदम है। लेकिन प्रदेश के मुखिया द्वारा पूर्व में की गई घोषणाओं को भी यदि पूरा कर दिया जाये तो पर्यटन विकास की पहल को पंख लग सकते हैं। पन्ना के आस-पास स्थित प्राकृतिक मनोरम स्थलों व जल प्रपातों का विकास होने पर मानसून सीजन में भी पर्यटक यहां खिंचे चले आयेंगे। इसके अलावा चौमुखनाथ व सिद्धनाथ जैसे

अति प्राचीन पुरातात्विक महत्व के स्थलों को भी विकास की दरकार है।
उल्लेखनीय है कि वनवास के दौरान भगवान श्री राम मौजूदा मध्य प्रदेश के जिन रास्तों से होकर गुजरे थे उसे राम वन गमन पथ के रूप में विकसित करने का ऐलान साल 2007 में प्रदेश के मुखिया द्वारा किया गया था। लेकिन मुख्यमंत्री जी की यह घोषणा ठण्डे बस्ते में चली गई। पौराणिक मान्यता के अनुसार हजारों साल पहले वनवास के दौरान भगवान राम ने सीता और लक्ष्मण के
साथ चित्रकूट से मौजूदा मप्र में प्रवेश किया था और अमरकंटक होते हुये रामेश्वरम की ओर रवाना हो गये थे। 14 साल वनवास के दौरान भगवान श्री राम जिन रास्तों से वन गमन किया उसमे पन्ना जिले से 65 किमी दूर दक्षिण पश्चिम में महर्षि अगस्त आश्रम है जो सिद्धनाथ के नाम से जाना जाता है वह भी शामिल है। पावन टिहरी नदी के तट पर प्राकृतिक छटा से समृद्ध यह स्थलअनूठा है। यहां स्थित अद्वितीय शिल्पकला से सुसज्जित प्राचीन शिव मंदिर आश्रम के वैभवशाली इतिहास का गवाह है। गर्भगृह और दीवारों पर अद्भुत नक्काशीयुक्त मूर्तियां उत्कीर्ण हैं जो खजुराहो के मंदिरों की भांति
जीवन्त प्रतीत होती हैं। मंदिर परिसर में एक विशाल यज्ञशाला थी जिसका जीर्णोद्धार कर नया रूप दिया जा चुका है। भगवान श्री राम की वनवासी रूप की मूर्ति अद्वितीय है जो धनुष में प्रत्यांचा चढ़ाये हुये है। वहीं
हनुमान जी और महर्षि अगस्त की मूर्ति भी शोभायमान है। परिसर के दाहिने ओर प्राचीन सरोवर भी है जो अब अपने जीर्णोद्धार की आश में है। विशाल शिव मंदिर के साथ ही मंदिर परिसर में कभी 108 सिद्ध कुटी थीं जो अब 7-8 ही बची हैं और अस्तित्व के लिये संघर्ष कर रही हैं। मंदिर के आस-पास बेशकीमती शिल्पकला बिखरी पड़ी है जो धीरे धीरे नष्ट हो रही है। आश्रम के संरक्षण और विकास के लिये अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाये गये जबकि इस आश्रम में प्रदेश के साथ ही अन्य राज्यों से दर्शनार्थी दर्शन के लिये आते हैं। दक्षिण भारत के तमिलनाडु से संत वेलकुड़ी कृष्णन स्वामी के
सानिध्य में श्री राम अनुयायी के रूप में हजारों की संख्या में तीर्थाटन करते है और इसे अपने तीर्थ के रूप में स्वीकारते हैं। आश्रम में मंदिर की दीवारों की कई अनमोल मूर्तियां सुरक्षा के अभाव में चोरी हो चुकी हैं।
अगर इस स्थल की समुचित देखरेख नहीं की गई तो विशाल शिव मंदिर के साथ प्राचीन शिल्पकला का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है। इसके उचित रखरखाव और प्रबंधन द्वारा जिले में पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है। यह आश्रम पर्यटकों के लिये आकर्षण का केन्द्र बन सकता है। लेकिन प्रशासनिक उपेक्षा के चलते पन्ना जिले के सलेहा के पास स्थित सिद्धनाथ आश्रम धीरे-धीरे अपने अस्तित्व को खोता जा रहा है जबकि उक्त स्थान पर पर्यटन विकास की असीम संभावनायें हैं। जिससे इस क्षेत्र का विकास भी संभव हो सकता है। जब
पर्यटकों की संख्या बढऩे लगेगी तो यहां के स्थानीय लोगों को काम-धंधा के अवसर मिलने लगेंगे जिससे यहां की गरीबी और बेरोजगारी भी दूर होगी।

अप्रत्याशित तरीके से भाजपा ने टिकट बदली गई 24 घंटे से चर्चा का विषय
मंत्री कुसुम महदेले की मौन खामोशी
बसपा से टिकट पाने वाले महेंद्रपाल वर्मा की टिकट कटी अनुपमा चरण सिंह यादव ने बहुजन समाज पार्टी से भरा पर्चा
भाजपा से बगावत कर जयप्रकाश चतुर्वेदी ने भरा पर्चा
भुवन विक्रम सिंह ने कांगरे छोड़ सपा का दामन थामा
पवई से मुकेश नायक प्रहलाद मोदी आमने सामने
पन्ना से बृजेंद्र प्रताप सिंह शिवजीत सिंह और अनुपमा चरण सिंह यादव मैदान में
गुनौर से शिवदयाल बागरी और राजेश वर्मा के बीच होगी टक्कर

(शिवकुमार त्रिपाठी)

2018 के चुनाव के नामांकन के अंतिम दिन सबसे ज्यादा गहमागहमी पन्ना जिले में रही है सभी राजनीतिक पार्टियों के महत्वपूर्ण प्रत्याशियों ने आज ही पर्चे भरे भाजपा और कांग्रेस में बगावत के बीच आज पन्ना विधानसभा से भाजपा के प्रत्याशी पूर्व मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह और पवई से कांग्रेस के प्रत्याशी मुकेश नायक ने लाव लश्कर के साथ पहुंचकर पर्चा दाखिल किया है लेकिन दोनों ही नेताओं को अपनी ही पार्टी के मजबूत प्रत्याशियों से बगावत देखने को मिल रही है
3 बार के जिला अध्यक्ष जयप्रकाश चतुर्वेदी ने भाजपा छोड़कर निर्दलीय पर्चा भरा है इसी तरीके से पवई विधानसभा से पूर्व बाहुबली नेता अशोक वीर विक्रम सिंह भैया राजा के पुत्र भुवन विक्रम सिंह उर्फ केशु राजा ने कांग्रेश छोड़ कर समाजवादी पार्टी से पर्चा भर दिया जिले की 3 विधानसभाओं से भारी गहमागहमी के बीच नामांकन दाखिल किए गए गुनौर विधानसभा से कांग्रेस पार्टी के शिवदयाल बागरी और भाजपा से राजेश वर्मा ने पर्चे भरे हैं जिले की कद्दावर नेता कुसुम मेहदेले की टिकट कटने के बाद उनके परिवार से कोई भी आदमी किसी के ना समर्थन में सामने आया ना विरोध में घर पर शांति बनी रही

पन्ना जिला मुख्यालय के कलेक्ट्रेट परिसर में सुबह से ही आज भारी गहमागहमी थी शहर के दूर चौराहों से भारी सुरक्षा व्यवस्था लगाई गई थी चुनाव पर्यवेक्षक लगातार नामांकन स्थल का जायजा ले रहे थे इसी बीच जैसे ही 11:00 बजे प्रत्याशियों ने आकर पर्चा भरना शुरू कर दिया सबसे ज्यादा चर्चा बगावत और टिकट कटने को रही क्योंकि पवई विधानसभा से प्रत्याशी घोषित किए गए बृजेंद्र प्रताप सिंह को अचानक पवई से बदलकर पन्ना भेज दिया गया और पवई विधानसभा में कम राजनीतिक भजन के प्रत्याशी प्रहलाद लोधी को टिकट देकर भारतीय जनता पार्टी के आला नेताओं ने चौका दिया नामांकन भरने पहुंचे पूर्व मंत्री और विधायक मुकेश नायक ने कहा कि चुनाव में किसी को कमजोर नहीं आंकना चाहिए पर उन्होंने भरोसा जताया कि इस बार प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी और उनकी जीत अच्छे मतों से होगी

पवई विधानसभा से सपा का पर्चा भर चुके प्रहलाद मोदी ने भाजपा की टिकट पाकर खुशी जाहिर की और कहा कि बड़ी पार्टी ने टिकट दिया है चुनाव जीत लूंगा और जनता के विश्वास पर खरा उतर लूंगा

पन्ना विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी शिवजी सिंह और भैया राजा ने नामांकन दाखिल किया और उनके मुकाबले पूर्व मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह को अचानक टिकट बदलकर पन्ना भेजा गया है उन्होंने भी अपने लाव लश्कर के साथ पहुंचकर नामांकन दाखिल किया शिवजीत सिंह ने अपनी जीत का भरोसा जताया है

बगावत झेल रहे बृजेंद्र प्रताप सिंह ने कहा रूठो को मना लेंगे और पार्टी ने पवई से पन्ना भेजकर जो आदेश दिया है उसी आधार पर नामांकन दाखिल कर अपनी जीत का विश्वास प्रकट किया

बहुजन समाज पार्टी से नामांकन दाखिल करने के बाद अनुपमा चरण सिंह यादव ने कहा कि बहन कुमारी मायावती ने मेरे ऊपर विश्वास किया है पन्ना कि लोग मुझे जीत आएंगे और जो पलायन यहां की मुख्य समस्या है रोजगार की तलाश में पन्ना के लोगों को दूर भटकना नहीं पड़ेगा यही रोजगार उपलब्ध कर आऊंगी

इसी तरह गुनौर विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी शिवदयाल बागरी और राजेश वर्मा ने पर्चा भरे हैं और दोनों ने अपनी अपनी जीत सुनिश्चित बताएं शिवदयाल बागरी ने कहा कि क्षेत्र में सिंचाई सुविधाओं का विस्तार मेरी पहली प्राथमिकता है

भाजपा प्रत्याशी राजेश वर्मा ने भी जीत का दावा किया है

बगावती तेवर दिखाकर समाजवादी पार्टी से नामांकन दाखिल करने वाले पूर्व विधायक और बाहुबली नेता रहे स्वर्गीय अशोक वीर विक्रम सिंह भैया राजा के पुत्र भुवनविक्रम सिंह ने जीत का दावा किया है और बोला कि क्षेत्र की जनता जरूर हम जैसे युवाओं पर भरोसा करती है चुनाव लड़कर उन्होंने मुकेश नायक के लिए मुश्किलें पैदा कर दी अपनी मां आशारानी सिंह और परिवार के सभी सदस्यों के साथ पहुंचे थे

तीन बार के भाजपा जिलाध्यक्ष बुंदेलखंड विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष रहे जयप्रकाश ने कहा कि अब मैं भाजपा में नहीं हूं और भाजपा को हराना मेरा उद्देश्य है जनता मुझ पर जरूर विश्वास करेगी कहा भाजपा अपने लक्ष्य से भटक गई है और कार्यकर्ताओं का सम्मान नहीं बचा
वहीं बगावती तेवर अपनाते हुए आम आदमी पार्टी से अनिल तिवारी ने भी नामांकन दाखिल कर दिया है

व्यू सपाक्स आम आदमी पार्टी शिवसेना और निर्दलीय सहित बड़ी संख्या में प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किए हैं जिसमें प्रमुख रूप से पन्ना विधानसभा से पहले प्रत्याशी रह चुके महेंद्र पाल वर्मा का टिकट कट जाने से दुखी मन निर्मली लड़ने का फैसला किया है इसी तरह अन्य प्रत्याशियों ने भी जोर आजमाइश की और निर्दलीय परीक्षा भरे

शिवजीत सिंह कांग्रेस के प्रत्याशी घोषित
कांग्रेस ने चौथी सूची जारी की

(शिवकुमार त्रिपाठी)

पन्ना की बहुप्रतीक्षित विधानसभा सीट में आखिरकार कांग्रेस ने अपनी सूची जारी कर ही दी भारतीय जनता पार्टी अभी टिकट घोषित करने की हिम्मत नहीं जुटा पाई है
आई सूची में शिवजीत सिंह उर्फ भैया राजा को टिकट दी गई है हालांकि पहले से घोषित रूप से उनके नाम की चर्चा की जा रही थी लेकिन कांग्रेसमें सबसे ज्यादा दावेदार रहे हैं और आज सूची जारी करते हुए शिवजीत सिंह का नाम कांग्रेस पार्टी ने फाइनल कर दिया है
शिवजीत सिंह ग्रामीण क्षेत्रों में सक्रिय रहने वाले क्षत्रिय नेता है और पहाड़ीखेड़ा क्षेत्र में उन्होंने अच्छा काम किया है और राजनीतिक स्तर पर मीनाक्षी नटराजन के काफी करीबी माने जाते हैं बी कांग्रेस पार्टी की यूथ कांग्रेस की जिलाध्यक्ष रहे और उनके समय कांग्रेश काफी मजबूत हुई थी शिवजीत सिंह की घोषणा होते ही उनसे जुड़े लोगों ने खुशी का इजहार किया है

भाजपा की तरह कांग्रेस ने भी पन्ना की सीट होल्ड में डाली

*पवई से वर्तमान विधायक और पूर्व मंत्री मुकेश नायक लड़ेंगे चुनाव
गुनौर से शिवदयाल बागरी होंगे प्रत्याशी

(शिवकुमार त्रिपाठी)

कांग्रेस की लंबे इंतजार के बाद आखिरकार 155 लोगों की प्रत्याशियों की सूची जारी हो गई है पवई विधानसभा से चिर प्रतिद्वंदी मुकेश नायक और बृजेंद्र प्रताप सिंह के बीच मुकाबला होगा पहले से ही मुकेश नायक कांग्रेस के प्रत्याशी घोषित की तरह थे और उन्होंने चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया है

लेकिन आज कांग्रेस पार्टी ने उन्हें अधिकृत रूप से प्रत्याशी घोषित कर दिया इससे पहले भारतीय जनता पार्टी ने पुराने प्रतिद्वंदी बृजेंद्र प्रताप सिंह को अपना प्रत्याशी घोषित किया है पिछले तीन चुनावों से इन दोनों के बीच कांटे का मुकाबला हो रहा है पिछली बार बृजेंद्र प्रताप सिंह को भले ही 11000 वोट से हार का सामना करना पड़ा हो लेकिन इस बार दोनों की कांटे का मुकाबला माना जा रहा है बुंदेलखंड में कांग्रेस की राजनीति का चाणक्य बन चुके मुकेश नायक इस क्षेत्र में काफी मजबूत जड़े जमा चुके हैं उन्हें टक्कर देने की स्थिति में बृजेंद्र प्रताप सिंह के अलावा कोई प्रत्याशी नजर नहीं आता यही कारण है कि बीजेपी ने उन पर विश्वास जताया वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया के खास मुकेश नायक को पहले ही चर्चा की तरह टिकट दे दी है जैसे ही अधिकृत रूप से टिकट घोषित हुई मुकेश नायक के समर्थकों में खुशी का इजहार किया है

गुनौर

पिछली बार मामूली से अंतर से हारने वाले शिवदयाल बागरी को एक बार फिर कांग्रेस पार्टी ने अपना प्रत्याशित घोषित कर दिया शिवदयाल दो पिछले चुनाव में बहुत मामूली से अंतर से हारे थे और इसके पूर्व इनके पिताजी भी क्षेत्र से चुनाव लड़कर हार चुके हैं लेकिन जिस तरीके से इस बार कांग्रेस पार्टी ने शिवदयाल बागरी पर भरोसा जताया है उससे अब मुकाबला और रोचक होने की संभावना है क्योंकि पिछली बार बागरी समुदाय से ही दो प्रत्याशी सामने थे लेकिन इस बार पूर्व विधायक राजेश वर्मा से शिवदयाल वागरी का मुकाबला होना है राजेश वर्मा को कल ही प्रत्याशी घोषित किया गया और उन्होंने अपना चुनाव प्रचार शुरू कर दिया लेकिन सिर्याल को पहले से ही इसके संकेत दे दिए गए थे जिससे वह चुनाव प्रचार में जुटे हुए थे टिकट घोषणा होते ही शिवदयाल बागरी के समर्थकों ने और कांग्रेस के पदाधिकारियों ने खुशी का इजहार किया है


पन्ना होल्ड पर जिस तरीके से भारतीय जनता पार्टी अपने की सीट पर प्रत्याशी घोषित नहीं कर पा रही है वैसे ही कांग्रेस पार्टी ने नाम तय करने के बाद भी घोषणा नहीं की सुबह से ही शिवजीत सिंह उर्फ राजा भैया भैया राजा की टिकट की चर्चाएं रही हैं और उनके प्रतिद्वंदी भी मान कर चलने लगे थे कि शिवजीत सिंह की टिकट फाइनल कर दी गई लेकिन जो जिस तरीके से 155 लोगों की लिस्ट आई है चौंकाने वाली है और पन्ना की शीर्ष ओल्ड में डाली गई है क्या गुरसिख आएगी यह देखने वाला प्रश्न होगा

पत्रकार की कलम

वह आज भी वही है, आपका चंदा मामा! और, रहेगा सदियों तक…

 चंदा मामा चाँद शरद पूर्णिमा

– होमेन्द्र देशमुख, एबीपी न्यूज़ भोपाल

चंदा के टिकली चंदैनी के फूल्ली पहिर के मैं आहूं
तोरे दुआरी-तोरे अटारी मोरे राजा रे…..
तैं मोर दियना अउ मैं तोर बाती
तोर दुआरी तोर दुआरी मोरे राजा रे…

चांद जैसे मुखड़े पे बिंदिया सी तारा….
नही भूलेगा मेरी जान
ये अवारा, हो अवारा…

ये तो कल्पनाएं हैं, फैंटेसी है !

लेकिन विज्ञान के लिए सौरमंडल का एक रहस्यमय उपग्रह है “चांद ” !

जो 63 अन्य उपग्रहों में वजन के क्रम में चौथा है जो आफ्रीका की क्षेत्रफल के बराबर का है। अमेरिका ने 1950 में चांद को परमाणु बम से उड़ाने की लगभग पूरी तैयारी कर ली थी। पर विडंबना देखिये, वहीं के एक सैनिक ने ही चांद पर 21 जुलाई 1969 को पहला कदम रखा…

अगर अमेरिका चांद यानि हमारे प्यारे चंदा-मामा को नेस्तनाबूद कर देता तो पृथ्वी पर दिन महज 6 घंटे का हो जाता। चांद का आकार का अनुमान आप ऐसे लगा सकते हैं कि 49 चांद पृथ्वी मे समा सकते हैं। चांद पर गुरूत्वाकर्षण कम है। पर एक बार भारतीय वैज्ञानिक ने एक गेंद फेंकी वह 800 मीटर जाकर गिरा। नील एडम आर्म स्ट्रांग ने जब पहली बार कदम रखा तो अपोलो 2 यान के सीढ़ी से जरा जोर से चांद की सतह पर कूद पड़े तो उनके पैर के निशान पड़े। वह निशान आज भी चांद की सतह पर है और चूंकि चांद पल हवा नही है इसलिए ये निशान आने वाले लाखों साल तक यूं ही बना रहेगा। चांद पर पानी है यह तथ्य भारत के खोजी दल ने प्रूफ किया। चांद पर संरचना के कारण दाग का आभास होता है जो प्राकृतिक (नैचुरल) है, पर ये दाग मिटेंगे नही बल्कि साल दर साल बढ़ने की आशंका भी जतायी जा चुकी है।

और भी बहुत कुछ है चांद की कहानी पर…
पर ‘चांद’ खुद हमारी दादी नानी की कई कहानियों में सदियों से है और सदियों तक रहेंगी। किसी के लिए प्रियतम चांद, बैरन चांद, तो किसी के लिए ईद का चांद। बहुत लोगों ने चांद की बाते की होंगी। कभी महसूस करिये बहुत करीब पाएंगे। उन्ही कहानियों के पात्र जैसा। चांदनी रात में, आंगन के बिछौने पर वैसे ही रोशनी गिराती दिखती है जैसे मां ने अपने हाथों से अभी-अभी मक्खन निकालकर तस्तरी मे फैलाया है। खेत की झोपड़ी में चांद की रोशनी किसान के फसलों को आशीर्वाद बरसाती दिखती है।

चांद आज भी वही है, कहानी के हीरो, किस्सों के केंद्र, शीतल, सुकुन, अमृत बरसाने वाली। बिलकुल नही बदला। पर हमारी अनुभूति बदल रही है। सुविधाओं-सम्पन्नता और बिजली की चकाचौंध में चांद को अहसासने का समय हमारे पास नही है। घर में लाइट जाती है तो इनवर्टर शुरू हो जाता है। बाहर निकलें तो गाड़ी और शहर की कृत्रिम रौशनी ने चांद को एक लट्टू जैसा रूप दे दिया है।

छत की मुंडेर पर, छप्पर की छेद से, रोशनदान और झरोखों पर चांद अब दिखता नहीं। क्योंकि हमारी बिजली की चकाचौंध ने उस दर्पण से उजले अहसास को घुप्प बना दिया है। कभी छत पर बिजली की रौशनी बंद कर, दो मिनट उस चांद को निहार कर देखिये वह अभी भी उसी नभ से, आपके जीवन को संचार दे रही है। रात के मुसाफिर, जरा गाड़ी की हेडलाइट बंद कर सड़क पर पेड़ के पत्तों के बीच से आती चांद की दुआओं जैसी धवल रोशनी को अपने हथेली और चेहरे पर ले कर देखिए। वह आज भी वही है, आपका चंदा मामा ! और, रहेगा सदियों तक..!!!

प्रणामी धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार अंतरराष्ट्रीय शरद पूर्णिमा महोत्सव में एक लाख श्रद्धालु शामिल हुये
राज जी की निकली सवारी
पन्ना जिले प्रणामी संप्रदाय का सबसे बड़ा तीर्थ है इस मुक्तिधाम में देश विदेश के लोग आते हैं इस संप्रदाय का सबसे बड़ा तीर्थ होने के कारण और इस धर्म के संस्थापक महामति प्राणनाथ जी को पन्ना धाम से ही सिद्धि प्राप्त हुई थी और उन्होंने रास मंडल में रास रचाया था उसी क्रम में शरद पूर्णिमा के दिन सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन आयोजित किया गया जिसमें बंगला साहब से निकल कर आ रात राज जी की सवारी निकली सखियां सोलह श्रृंगार कर रास मंडल में राज्य के पहुंचते ही सुंदर साथ ही अन्य भाइयों के साथ झूम उठे इस घर में गीता के श्लोक और कुरान की आयतें एक साथ पड़ी जाती है सभी के लोगों में प्रेम का संचार करने के लिए 10 दिन तक चलने वाले इस आयोजन में रात भर रास ना जा जाता है और सखिया सोलह श्रृंगार कर राज्य के सामने रासराज नाचती पुजारी कहते हैं कि समाज को जोड़ने वाला यह धर्म है जिसमें जिसमें सभी लोग एक साथ रास नाचते हैं
पुजारी कहते हैं भगवान श्री कृष्ण ने ब्रज मंडल में जो रास ना जा था वही अक्षर आदित परब्रह्म ने यहां रास नचाया और उसी की अनुभूति करने के लिए रास नाचते हैं और जो प्रणाम करने की संस्कृति है वही प्रणामी धर्म है
राज जी को प्रसन्न करने के लिए सखियां सोलह श्रृंगार कर दी और सर रास मंडल में रात होती ही पहुंच जाती है और रास नाचती के 30 से परम आनंद की अनुभूति होती है

धामी और प्रणामी संप्रदाय के लोगों को वर्ष भर शरद पूर्णिमा का इंतजार रहता है जैसे ही यह त्यौहार आता सभी तैयारियां कर रास नाचने लगते हैं
प्रणामी संप्रदाय के लोग पूरे देश सहित नेपाल भूटान अमेरिका सहित कई देशों में बसे हुए हैं और इस मौके पर सभी लोग आते हैं इस अंतरराष्ट्रीय शरद पूर्णिमा महोत्सव में 400 पुराण का पाठ किया गया और बाहर से आए सुंदर साथिया नी अनुयायियों ने लंगर और सेवा का आयोजन भी किया प्रशासन ने इसके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए और कई जिलों की पुलिस लगाई गई है यह महोत्सव 5 दिन तक चलेगा

कलेही मां की कृपा से हर मनोरथ होते हैं पूर्ण
कलेही माता के दरबार में उमड़ा जनसैलाब

(शिवकुमार त्रिपाठी)
नवरात्र में हर देवी के दरबार में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है लेकिन पवई में मां कलेही का दरबार निराला है यहां सुबह से ही भक्तों की भीड़ जमा हो जाती है और जो भी मनोकामनाएं मानी जाती सभी पूर्ण होती हैं अद्भुत इस स्थान का धार्मिक और पुरातन महत्व तो है ही ऐतिहासिक महत्व भी है और कई दंत कथाएं जुड़ी हुई है जिसमें कहते हैं कि कलेही माता पहले पर्वत के ऊपर विराजित ही थी और भक्तों की सहूलियत के लिए वे नीचे चली आई मां,, तभी से पतने नदी के किनारे मां की पूजा होती है जाने इस अदभुत दरबार और महत्व को ,,,

विंध्य पर्वत श्रृंखला की तलहटी में बसे पन्ना जिले की पवई का नाम जुबान पर आता है, तो जेहन में दिव्य शक्ति मां कलेही का दिव्य दर्शन सामने आता है। वैसे तो शक्ति स्वरूपा नारायणी के अनेक रूप है, दुर्गा सप्तशती में वर्णित नव-दैवियों में मां कलेही सप्तम देवी कालरात्रि ही हैं। अष्टभुजाओं में शंख, चक्र, गदा, तलवार तथा त्रिशूल उनके आठों हाथों में है। पैर के नीचे भगवान शिव हैं, उनके दायं भाग में हनुमान जी तथा बायं भाग में बटुक भैरव विराजमान हैं। मां हाथ में भाला लिये महिषासुर का वध कर रही हैं। यह विलक्षण प्रतिमा साढ़े तेरह सौ वर्ष पुरानी है, जिसकी स्थापना विक्रम संवत् सात सौ में हुई थी।

पर्वत से नीचे आने की दंत कथा
कहते हैं किन नगायच परिवार की एक आस्था वन महिला प्रतिदिन माता के दरबार में पूजा करने जाती थी जब वह बुजुर्ग हो गई और शरीर कमजोर होने लगा तो उन्होंने 1 दिन माता से बने कि कि मैं अब प्रतिदिन पूजा करने इतने ऊंचे पर्वत पर नहीं आ सकती तब माता ने कहा कि तुम चलो मैं आती हूं लेकिन पीछे मत देखना उस बुजुर्ग महिला ने आगे आगे चलना शुरू किया और पीछे मां कलेही पैदल चली आ रही थी जब नदी के किनारे पहुंची तो अविश्वास की भावना पैदा हुई और उस बुजुर्ग महिला ने पीछे देख लिया और जैसे ही दृष्टि पड़ी मां कलेही वही स्थिर हो गई फिर उस बुजुर्ग महिला ने आगे ले जाने की कोशिश की पर माता नहीं बड़ी तभी से इस स्थान पर यह मंदिर बना है और वही पूजा-अर्चना हो रही है और जब तक वह बुजुर्ग जीवित रही प्रतिदिन माता के दरबार में जा कर पूजा करती थी

बढोलिया परिवार है पुजारी
यूं तो सभी मंदिरों में प्राचीन काल से ही ब्राम्हण पुजारी होते रहे हैं और आज भी ब्राह्मण कुल में जन्मे लोग ही मंदिरों में पुजारी है पर इस कलेही माता मंदिर में बढोलिया परिवार कई पीढ़ियों से लगातार पूजा कर रहा है वंशानुगत इसी परिवार के लोग यहां प्रधान पुजारी होते हैं पवई निवासी बढोलिया परिवार आज भी यहां का पुजारी है बड़ी लगन और श्रद्धा के साथ पूजा करते और कराते हैं और सभी की आस्था इस मंदिर में है

पांच सौ वर्ष पुराना है यहां का मेला
मां कलेही पवई नगर से दो किलोमीटर की दूरी पर पतने नदी के तट पर विराजमान है, इस स्थान की छटा बड़ी मनोरम है। वैसे तो यहां वर्ष भर दर्शनार्थियों का तांता लगा रहता है, चैत्र नवरात्र में तो यहां विशाल मेला लगता है, जिसका प्रमाण तकरीबन पांच सौ वर्ष पुराना है। मेले में दूर-दूर से व्यापार करने के लिए व्यवसायी आते हैं। प्राचीन समय से अनाज, मसालों एवं दैनिक उपयोग की वस्तुओं का क्रय-विक्रय भी इसी मेले के माध्यम से होता रहा है। यहां सम्पूर्ण भारत के सभी अंचलों बुन्देलखण्ड, बघेलखण्ड, मालवा, निमाड़ आदि से मां के दर्शनों के लिए लोग आते हैं। इस तथ्य का प्रमाण सिद्व स्थल श्री हनुमान भाटा की सीढ़ियां है, जिस पर उनके नाम व पते आज भी अंकित है।

अखण्ड ज्योति की भी मान्यता
लोक मान्यताओं के अनुसार मां शारदा (मैहर), मां पद्मावती (पन्ना) एवं मां कलेही (पवई) की प्रतिमायें हवा में नब्बे अंश का कोण बनाती है तथा हवा में भी इन सभी मंदिरो की आपस मे दूरियां लगभग साठ किमी है। धन-धान्य की परिपूर्णता और शक्ति के प्रतीक के रूप में मां कलेही की उपासना सदैव प्रचलित रही है। मां कलेही का मुखमण्डल सदैव विशेष चमक बिखेरता है। यह अद्वितीय पाषाण प्रतिमा भारतीय शिल्पकला का अनूठा उदाहरण है। नवरात्र के नव दिवस मां कलेही के सामने अखण्ड ज्योति भी इसी मान्यता के साथ प्रज्ज्वलित की जाती है, ताकि मां की साधना मे कोई विघ्न न आने पाये। यहां आने वाले श्रद्धालुओं की हर मनोकामना मां कलेही सुनती है एवं पूर्ण करती है।

भक्त अपनी मन्नते लेकर आते हैं यहां
प्राचीन समय से अनवरत चली आ रही मां कलेही में भक्तों की आस्था आज भी कायम है। इस तथ्य का प्रमाण मंदिर परिक्रमा में लालचुनरी में बंधे हुये हजारों श्रीफल है। यहां भक्त अपनी मन्नते लेकर आते हैं और सच्चे मन से मां कलेही की आराधना करके श्रीफल को लालचुनरी में लपेट कर बांध देते हैं तथा मन्नत पूर्ण होने पर श्रीफल को छोड़कर मनोकामना पूर्ण होने का शुभ संकेत देते हैं। नवरात्र में यहां कन्या भोज कराने वालों की मनोकामनायें अवश्य पूर्ण होती हैं। श्रद्धालु यदि सच्ची श्रद्धा एवं भाव से मां कलेही की परिक्रमा पूर्ण करता है तो भी मां भक्त की पुकार सुनती है। भोर होते ही मां के भक्त नग्न पैर मंदिर में जल, फल, फूल, पत्र एवं प्रसाद लेकर पहुंचते हैं।

जवारों का विशेष महत्व
नवरात्र में यहां जवारों का विशेष महत्व है। एक समय तो मैहर की शारदा माता व पन्ना की फूला माता समेत तकरीबन 150 स्थानों के जवारे यहां आते थे। भक्त अपने सिर पर जवारों को रखकर ढोल, मंजीरों की थाप पर देवी भगतों का गायन कर हेरत अंगेज कारनामे दिखाते हैं। वे बानो एवं त्रिशूल के द्वारा जीभ एवं गले को छेदते हैं। जवारों की यह प्राचीनतम परम्परा धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही है जिसे पुर्नजीवित करने का अथक प्रयास मां कलेही धर्माथ समिति द्वारा किया जा रहा है। मंदिर परिसर में मां कलेही दरवार के साथ-साथ संकट मोचन श्री हनुमान जी महाराज की छ: रूद्री प्रतिमा है, साथ ही रूद्र अर्थात शिव भी शिव लिंग के रूप में विराजमान है, ऐसा शिव लिंग भारत वर्ष में अन्यत्र देखने को नही मिलता। पर्वत की तलहटी में 27 फिट के बाबा कैलाशी की विशाल प्रतिमा है, जिनकी जटाओं से गंगा बहती है। मंदिर तथा आस-पास के क्षेत्र में चन्देल कालीन मूर्तियों के अवशेष बिखरे पड़े हैं, जिन्हें सहेजने एवं संवारने की आवश्यकता है।

पर्यटन की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल
पुरातत्व महत्व के स्थलों और प्राचीनतम प्रतिमाओं की सुरक्षा व उनके रख-रखाव का दायित्व समाज का होता है। सिद्ध स्थल श्री हनुमान भाटा एवं मां कलेही धाम हिन्दू धर्म की महान विरासत है, इसे सहेजकर रखना सम्पूर्ण समाज की जिम्मेदारी है। यहां मौजूद प्रतिमायें बेशकीमती हैं, समय-समय पर इनका जीर्णोद्धार होना चाहिए यह मानव सभ्यता के अमूल्य धरोहर है। मां कलेही मंदिर पुरातात्विक महत्व की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, जहां देशी-विदेशी पर्यटक आकर शोध कर सकते हैं। मां कलेही मंदिर मप्र पर्यटन से जुड़ने के बाद पर्यटन की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल है, जहां की खूबसूरत वादियां, पहाड़ों की चोटियां, हरे-भरे वृक्ष, नदी की कल-कल ध्वनि लोगों को बरबस ही अपने और आकर्षित करती है। मां कलेही परिक्षेत्र में ईकोटूरिज्म की गतिविधियों का संचालन किया जा सकता है। बाहर से आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों के यहां आने से स्थानीय लोगो को रोजगार के साथ आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक लाभ भी हो सकता है।

धर्मार्थ समिति के प्रयासों से हुआ और बेहतर
देश-दुनिया के साथ यहां की व्यापक जानकारी देने के लिए मां कलेही धर्मार्थ समिति प्रयासरत है एवं पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के साथ ही पुरातात्विक धरोहर के रूप में जमीनी स्तर पर संरक्षित करने की मांग कर रही है। मां की सेवा में समर्पित, मां कलेही धर्मार्थ समिति:- मां के आशीर्वाद, जन सहयोग एवं मां कलेही धर्मार्थ समिति के अथक प्रयासों का ही परिणाम है कि यहां विकास एवं जीर्णोद्धार का कार्य तीव्रगति से चल रहा है। धर्मार्थ समिति के प्रयासों एवं जनसहयोग से यहां शुद्ध पेयजल व्यवस्था, परिसर में ठहरने के लिए धर्मशालायें, कूप निर्माण, आनंद विहार गार्डन, 27 फिट की विषाल शिव प्रतिमा का निर्माण, नव दिवसीय नि:शुल्क भण्डारा, साफ सफाई एवं वृक्षारोपण के कार्य कराये गये है। जन सहयोग से प्राप्त होने वाली वार्षिक आय का लेखा-जोखा भी विजयादशमी के सांस्कृतिक मंच के माध्यम से पूर्ण पारदर्षिता के साथ प्रस्तुत किया जाता है। विशेष:- पंचमी की विशेष आरती, अष्टमी की महाआरती, केश मुण्डन संस्कार की व्यवस्था, भण्डारे में नि:शुल्क भोजन व्यवस्था एवं शुद्ध पेय जल व्यवस्था।

बिना परेशानी के आचार संहिता उल्लंघन की करें शिकायत,
सॉफ्टवेयर का नाम- cVIJIL
पहचान रहेगी गुप्त, 24 घंटे पर कार्यवाही
प्ले स्टोर से तुरंत होता है डाउनलोड
शराब पैसा प्रलोभन जैसी चीजें तत्काल पकड़वा सकते हैं
(शिवकुमार त्रिपाठी)

निर्वाचन आयोग ने पांच राज्यों में होने जा रहे चुनाव में निष्पक्ष मतदान कराने के लिए बड़ी तैयारियां शुरू की है इसी क्रम में चुनाव आयोग ने अपनी तीसरी आंख पैदा कर ली है भारत निर्वाचन आयोग इस तीसरी आंख के माध्यम से चुनाव में लगे अधिकारी कर्मचारी और चुनाव लड़ रहे राजनीतिक दल और उनके प्रतिनिधियों पर तीखी नजर रखेगा इसकी शिकायत के लिए एक सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है सीविजिल यानी cVIJIL नाम के इस सॉफ्टवेयर में कोई भी व्यक्ति किसी भी समय अपने मोबाइल से वीडियो बनाकर शिकायत कर सकता है जैसे ही शिकायत होगी तुरंत निर्वाचन आयोग हरकत में आ जाएगा और इसकी पारदर्शिता बनाए रखने के लिए निर्धारित समय भी रखा गया है कि तत्काल उस पर कार्यवाही की जाएगी और शिकायतकर्ता की पहचान पूरी तरह से गुप्त रखी जाएगी बीते कुछ दिनों से प्ले स्टोर में मिलने वाला यह सॉफ्टवेयर तेजी से डाउनलोड किया जा रहा है हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी जानकारी अभी कम है जैसी जैसी जानकारी बढ़ेगी वैसे इस सॉफ्टवेयर का उपयोग भी और अधिक किया जाएगा

जिला निर्वाचन अधिकारी मनोज खत्री एवं पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने आम लोगों से अपील की है की प्ले स्टोर में इस सॉफ्टवेयर को डाउनलोड कर कहीं भी हो रही आचार संहिता के उल्लंघन की प्रमाणिक शिकायत कर सकते हैं और इस पर तत्काल कार्यवाही भी होती है और इस सॉफ्टवेयर में की गई शिकायतों की मॉनिटरिंग सीधे निर्वाचन आयोग करता है

आचार संहिता उल्लंघन की तत्काल शिकायत के लिए गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें चुनाव आयोग का एप सी विजिल। इसमें 24 घण्टे में होगा निराकरण, पहचान रहेगी गोपनीय

टावर से नीचे गिरी महिलाएं ,
लाइव वीडियो

भोपाल में


दो दिन से अपना मानदेय बढ़ाने के लिए आंदोलन रत एक आशा कार्यकर्ता आज सीएम हाउस के सामने पालीटेक्निक चौराहा के वायरलेस टॉवर पर चढ़ गई जिसे बचाने के लिए चढ़े पुलिस बल की महिला कांस्टेबल और आशा कार्यकर्ता नीचे गिर पड़ीं | दोनो को तुरंत अस्पताल ले जाया गया
आप इस वीडियो में देखिए किस तरीके से महिलाएं टावर से नीचे गिरती हैं और अफरातफरी मच जाती है लाइव वीडियो

शेरों की मौत से देश में हड़कंप, अब तक 23 शेर मरे
सरिस्का और पन्ना में खत्म हो चुके है टाइगर
मध्यप्रदेश के पालपुर कूनो को गुजरात सरकार ने नहीं दिए शेर

आमतौर पर सामान्य व्यक्ति की भाषा में लोग बाघ और शेर को एक ही समझते है लेकिन बाघ यानी टाइगर सबसे ताकतवर जानवर जंगल का राजा होता है शेर यानी वह बब्बरी शेर जो भारतीय शेर है अपने परिवार और झुंड के साथ शांति से रहता है जो बहुतायत में गुजरात में पाए जाते हैं इन को विस्तार देने के लिए मध्य प्रदेश के पालपुर कूनो में बसाने की योजना थी पर गुजरात सरकार की हठधर्मिता के कारण शेरों को मध्यप्रदेश में नहीं बसाया गया वन्यजीव संस्थानों की समस्त अनुमति या मिलने के बाद भी गुजरात सरकार ने मध्यप्रदेश को शेर नहीं दिए अब उन्हीं शेरों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं यदि मध्य प्रदेश में यह शेर बसा दिए गए होते तो बहुत बड़ी चिंता या घबराहट नहीं होती

गुजरात स्थित गिर के जंगल में मंगलवार को दो और शेरों की मौत हो गई। इन मौतों के साथ ही गिर में 12 सितंबर के बाद शेरों की मौत की संख्या 23 पहुंच गई है। वन विभाग के अपर मुख्य सचिव राजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि मंगलवार सुबह दोनों शेरों को इन्फेक्शन के चलते बचाव गृह लाया गया था। जहां दोनों की मौत हो गई।
बता दें कि इसके पहले सोमवार को 7 और शेरों के शव मिले थे। अज्ञात वायरस के चलते 14 शेरों की मौत पहले ही हो चुकी थी। शेरों के एनआइवी सैंपल जांच के लिए पुणे भेजे गए हैं। एफएसएल की टीम भी जंगल का निरीक्षण कर रही है।
गुजरात के गिर में 21 पहुंची मृत शेरों की संख्या, जांच के लिए सैंपल पुणे भेजे गए
वनमंत्री गणपतसिंह वसावा ने पिछले दिनो ही जूनागढ़ के पास गिर का दौरा कर मृत शेरों के बारे में जानकारी हासिल की थी। चार शेरों में वायरस मिलने के बाद शेरों को संक्रमण से बचाने के लिए अमरीका से विशेष इंजेक्शन मंगाए जा रहे हैं।
शेरों की मौत की घटना के बाद करीब 550 वनकर्मियों की 140 टीमों ने 24 सितंबर से शेरों के निरीक्षण का काम शुरू किया था।
इस दौरान 600 शेरों में से 9 बीमार पाए गए, जिनमें से 4 का वहीं उपचार किया और 5 को उपचार के लिए बचाव गृह लाया गया था। यहां इलाज के दौरान मंगलवार को दो और की मौत हो गई।
अब आवश्यकता यह महसूस होने लगी है कि शीघ्र ही गुजरात के बाहर मध्य प्रदेश के पालपुर कूनो जैसी जगह में इन शेरों को स्थानांतरित किया जाए जिससे इनकी संख्या में वृद्धि तो होगी ही इनके अस्तित्व को जो खतरा पैदा हो रहा है उसे भी बचाया जा सकेगा

उम्मीद है सिरों को बचाने मध्यप्रदेश और गुजरात की भाजपा सरकार एक बार पुनः तारतम्य स्थापित कर पुनः शेर बसाने का प्रयास करेंगे

दैनिक भास्कर की रजत जयंती समारोह में प्रबंधन ने किया सम्मानित

पन्ना जिले की पत्रकारिता की रीढ़ दैनिक भास्कर के ब्यूरो चीफ एवं पत्रकार कल्याण परिषद के जिला अध्यक्ष मनीष मिश्रा को जिले में दैनिक भास्कर समाचार पत्र के सफल संचालन और क्रियान्वयन के लिए रजत जयंती समारोह में प्रबंधन ने सम्मानित किया है
सहज स्वभाव की धनी मनीष मिश्रा 2003 से लगातार दैनिक भास्कर के ब्यूरो चीफ हैं और 3 माह पूर्व पत्रकार कल्याण परिषद के जिला अध्यक्ष निर्वाचित किए गए हैं पत्रकार कल्याण परिषद के कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके मनीष मिश्रा को सम्मानित किए जाने पर पत्रकार कल्याण परिषद के पूर्व जिलाध्यक्ष शिव कुमार त्रिपाठी पूर्व संयोजक वी एन जोशी, नईम खान, अनिल तिवारी, नदीम उल्लाह खान, अमित खरे , महबूब अली, राकेश शर्मा , मुकेश पाठक, सुनील अवस्थी, राम बिहारी गोस्वामी, लोकेश शर्मा , लक्ष्मीनारायण चिरोला अशोक पवन पाठक सहित साथियों ने खुशी व्यक्त करते हुए बधाई दी है