ताज़ा खबर
खजुराहो लोकसभा में उम्मीद से कम 56.09 प्रतिशत मतदान, 2019 तुलना में 12 फ़ीसदी कम हुई वोटिंग खजुराहो लोकसभा में चुनाव प्रचार थमा - बीडी शर्मा ने किया जनसंपर्क, जगह-जगह स्वागत ,, सपा की प्रेस कॉन्फ्रेंस खजुराहो लोकसभा चुनाव :- 2293 मतदान केदो में,19 लाख 97 हजार मतदाता करेंगे मतदान, तैयारी पूरी - सुरेश कुमार पन्ना पहुंचे धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, कहा- पन्ना हमारी आत्मा है,हम पन्ना के है जुगल किशोर हमारे आराध्य

टाइगर रिजर्व के दो बड़े अधिकारियों में ठनी ,,, बाघ प्रबंधन खतरे में

पन्ना टाईगर रिजर्व में दो अधिकारियों के बीच घमासान
बीते चार माह से दोनों के बीच नहीं हो रही बातचीत
अधिकारियों की आपसी तनातनी से कर्मचारियों की मुसीबत बढ़ी
टाईगर रिजर्व के आस-पास मंडराने लगे हैं शातिर शिकारी

पन्ना टाईगर रिजर्व में दो आला अधिकारियों के बीच चली आ रही तनातनी से यहां की व्यवस्थायें बिगड़ रही हैं। हालात ये हैं कि बीते चार माह से इन दोनों अधिकारियों के बीच आपसी समन्वय और तालमेल तो दूर बातचीत तक बन्द है। नतीजतन बाघों से आबाद हो चुके पन्ना टाईगर रिजर्व की व्यवस्थायें जहां बिगड़ रही हैं, वहीं आला अधिकारियों के बीच घमासान के चलते पार्क के अन्य अधिकारी व कर्मचारी भी परेशान हैं। इसका फायदा उठाने के लिये पन्ना टाईगर रिजर्व के आस-पास शातिर शिकारी मंडराने लगे हैं, जिससे पन्ना के बाघों पर खतरा बढ़ गया है। पिछले चार-पाँच माह के दौरान पवई सहित आस-पास के वन क्षेत्रों में घटित हुई शिकार की घटनायें, यह बताने के लिये काफी हैं कि हालात सामान्य नहीं हैं।
उल्लेखनीय है कि पन्ना टाईगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक के.एस. भदौरिया व डिप्टी डायरेक्टर वासु कन्नौजिया के बीच चल रही जंग की जानकारी भोपाल में बैठे वन विभाग के उच्च अधिकारियों को भी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन उच्च अधिकारियों ने क्षेत्र संचालक श्री भदौरिया व डिप्टी डायरेक्टर वासु कन्नौजिया के बीच सुलह कराने का प्रयास भी किया लेकिन सफलता नहीं मिली। बताया गया है कि पार्क के इन दोनों अधिकारियों के बीच विवाद की शुरूआत पन्ना बफर क्षेत्र में पर्यटन प्रारंभ करने की योजना को लेकर हुई थी। डिप्टी डायरेक्टर कन्नौजिया जहां बफर क्षेत्र में पर्यटन शुरू किये जाने के सख्त खिलाफ हैं, वहीं क्षेत्र संचालक श्री भदौरिया इस योजना को मूर्तरूप देने के कार्य को अपनी प्रतिष्ठा बना लिया और येन केन प्रकारेण विरोध के बावजूद उन्होंने विगत 30 जनवरी से पन्ना बफर क्षेत्र में विधिवत पर्यटन शुरू करा दिया। पन्ना बफर के अकोला गेट से पर्यटन का शुभारंभ किये जाने के अवसर पर डिप्टी डायरेक्टर वासु कन्नौलिया नहीं पहुँचीं, जो चर्चा का विषय रहा। यह भी पता चला है कि पूर्व में डिप्टी डायरेक्टर ने क्षेत्र संचालक श्री भदौरिया की एनटीसीए सहित उच्च वन अधिकारियों से शिकायत भी की है। ऐसी स्थिति में पार्क के दोनों ही अधिकारी कोई किसी से कम नहीं की तर्ज पर झुकने और समझौता करने को तैयार नहीं हैं, जाहिर है कि इसका असर बाघों की मॉनीटरिंग व सुरक्षा व्यवस्था पर भी पड़ रहा है।

इस चल रहे विवाद के संबंध में जब क्षेत्र संचालक पन्ना टाईगर रिजर्व श्री भदौरिया से पूछा तो उन्होंने स्वीकार किया कि डिप्टी डायरेक्टर वासु कन्नौजिया उनकी कोई बात व निर्देश नहीं मानतीं, अपनी मनमर्जी चलाती हैं। क्षेत्र संचालक ने यह भी बताया कि डिप्टी डायरेक्टर ने बफर क्षेत्र में पर्यटन शुरू किये जाने के विरोध में एनटीसीए को लिखा है। आपने बताया कि प्रदेश के अन्य सभी टाईगर रिजर्व के बफर जोन में पर्यटन चल रहा है, सिर्फ पन्ना टाईगर रिजर्व में नहीं चल रहा था। पीसीसीएफ शहवाज अहमद के दिशा-निर्देश पर बफर क्षेत्र की सुरक्षा बेहतर बनाने की मंशा से पर्यटन शुरू किया गया है, जिसका लाभ ग्रामवासियों को भी मिलेगा। श्री भदौरिया ने बताया कि हमारी योजना बफर की सुरक्षा कोर जैसी करने की है, इसके लिये बफर क्षेत्र के जंगलों में 54 नये निगरानी कैम्प शुरू किये गये हैं।
तनातनी से बढ़ रही है गुटबाजी
पार्क के दो शीर्ष अधिकारियों के बीच चल रही तनातनी और विवाद से पन्ना टाईगर रिजर्व के अधिकारियों व कर्मचारियों में भी गुटबाजी को बढ़ावा मिल रहा है। आलम यह है कि अधिकारी व कर्मचारी दो खेमों में विभाजित नजर आ रहे हैं। जो लोग इस गुटबाजी से दूरी बनाकर चल रहे हैं, उनकी मुसीबत भी कम नहीं है, क्योंकि वे जिस अधिकारी के पास जाते हैं तथा निर्देशों का पालन करते हैं, उससे दूसरा अधिकारी खफा हो जाता है। बाघों की सुरक्षा व पार्क के हित में काम करने वाले ऐसे कर्मचारी इन दो पाटों के बीच पिस रहे हैं, जिससे व्यवस्थायें छिन्न-भिन्न हो रही हैं। पन्ना के बाघों से प्रेम करने वाले तथा पर्यावरण हितैषी मौजूदा विवाद व गतिरोध से खासे क्षुब्ध हैं। उनका कहना है कि यदि बाघों से आबाद हो चुके पन्ना टाईगर रिजर्व को बचाना है, तो इन दोनों ही अधिकारियों से निजात पानी होगी। अन्यथा बाघों पर खतरा मंडराता ही रहेगा।
उच्च शिखर पर है पन्ना पार्क
जब से पन्ना टाईगर रिजर्व बना, इतने बाघ इसके पूर्व कभी नहीं थे, जितने मौजूदा समय हैं। इस लिहाज से पन्ना टाईगर रिजर्व उच्च शिखर पर है। इन हालातों में पार्क प्रबन्धन की जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि बेहतर तालमेल और टीम वर्क के साथ बाघों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाये। लेकिन दुर्भाग्य से यहां ऐसा नहीं हो रहा। बाघों को आबाद करने में अहम भूमिका निभाने वाले तत्कालीन क्षेत्र संचालक आर. श्रीनिवास मूर्ति ने जो सुरक्षा तंत्र व टीम वर्क की भावना कर्मचारियों में विकसित की थी, उसे कायम रखना जरूरी थी। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा, यही वजह है कि शिकारियों की सक्रियता निरंतर बढ़ रही है जो चिन्ता की बात है। मौजूदा समय पन्ना टाईगर रिजर्व में 45 से भी अधिक बाघ हैं। बाघ पुनस्र्थापना योजना शुरू होने के बाद से अब तक यहां 35 लिटर में 77 शावकों का जन्म हो चुका है। इस उपलब्धि को कायम रखना सबसे बड़ी चुनौती है

सतीश उपाध्याय कांग्रेस पर लगाए गंभीर आरोप
2019 में बनेगी मोदी की सरकार
सवर्णों का आरक्षण लागू करें

लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई है पूरे देश सहित मध्य प्रदेश में भी भाजपा ने अपनी चुनावी बिसात जाना शुरू कर दिया इसी क्रम में दिल्ली के कद्दावर नेता और मध्य प्रदेश लोकसभा चुनाव के प्रभारी सतीश उपाध्याय पन्ना आए और उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर जहां चुनाव विजय की योजना बनाई हुई पत्रकारों से रूबरू होते हुए सतीश उपाध्याय ने कहा कि मध्यप्रदेश में तीन मुख्यमंत्रियों की सरकार चल रही है दिग्विजय सिंह सुपर मुख्यमंत्री हैं मुख्यमंत्री कमलनाथ के अलावा सिंधिया भी कमलनाथ जैसे मुख्यमंत्री काम कर रहे हैं
सतीश उपाध्याय ने कहा कि मध्यप्रदेश में इन दिनों तीन-तीन मुख्यमंत्री काम कर रहे हैं दिग्विजय कमलनाथ और सिंधिया तीनों मुख्यमंत्री यह बताएं कि प्रदेश में कब सवर्णों का आरक्षण लागू किया जाएगा यह बात मध्य प्रदेश के लोकसभा प्रभारी एवं दिल्ली के नेता सतीश उपाध्याय ने कही है पन्ना के दौरे और पार्टी की गतिविधियों की समीक्षा करने पहुंचे

पत्रकारों से रूबरू होते हुए सतीश उपाध्याय ने कहा कि प्रदेश में ना भाजपा हारी है ना कांग्रेस जीती पर इस समय कांग्रेस पार्टी में तीन मुख्यमंत्री काम कर रहे हैं मैं चकित हूं कि किस मुख्यमंत्री से सवाल पूछो दिग्विजय सिंह सुपर मुख्यमंत्री है इसलिए मैं सिंधिया कमलनाथ और दिग्विजय सिंह तीनो से पूछता हूं कि मध्य प्रदेश में मोदी जी द्वारा दिया गया 10 परसेंट सवर्णों को आरक्षण कब लागू करेंगे और उन्होंने यह भी कहा कि माई के लाल का अब प्रश्न नहीं है पर इस बात का है कि सवर्णों को कैसे 10 परसेंट आरक्षण मिले
यहीं नहीं रुके उन्होंने देश के बर्निग इशू और सीबीआई की मामले पर ममता बनर्जी को भी घेरा और उन्होंने कहा कि वह लोकतंत्र को कमजोर करने में लगी हुई है और उनका धरना देना गैर संवैधानिक है
भरोसा दिलाया कि मध्य प्रदेश में सभी सीटों पर बीजेपी विजई होगी और 2019 में मोदी की ही सरकार बनेगी विपक्ष कुछ भी कोशिश कर लें उनको कुछ भी हाथ नहीं लगेगा

1 बार विधायक हो 1 बार सांसद रहे जितेंद्र सिंह

खजुराहो से सांसद रहे एवं छतरपुर जिले के भाजपा जिलाअध्यक्ष जितेंद्र सिंह बुंदेला रविवार को दिल्ली में निधन हो गया। वे काफी समय से अस्वस्थ्य थे। दिल्ली के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। वह 2003 से 2008 तक विधायक रहे। 2009 में खजुराहो सीट से सांसद चुने गए थे। बुंदेला का जन्म सतना जिले में 22 सितंबर 1958 को हुआ था। उनका विवाह 25 फरवरी 1988 को वंदना सिंह से हुआ था। उनकी दो पुत्रियां भी है।
जितेंद्र सिंह बुंदेला पहरा गांव के रहने वाले हैं छतरपुर जिले का बड़ा क्षत्रिय परिवार है जिसकी रिश्तेदार या पूरे बुंदेलखंड में है पन्ना में कई बड़े छतरी परिवार इन्हीं के वंशज पाटीदार है बुंदेला वर्तमान में छतरपुर जिला मुख्यालय में रह रहे थे और विधानसभा चुनाव के दौरान उन्हें भाजपा ने बड़ी जिम्मेदारियां सौंपी थी और आने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा के प्रबल तम प्रत्याशियों में गिना जा रहा था इस दुखद घटना के बाद भारतीय जनता पार्टी सहित राजनीतिक हल्के में शोक का माहौल है क्योंकि पन्ना जिले की सांसद रहते जितेंद्र सिंह बुंदेला का लगाओ पन्ना से हो गया था कई विकास कार्यों में उन्होंने योगदान दिया अपने मिलनसार और मददगार स्वभाव के कारण जितेन सिंह बुंदेला सबकी चहेते थे
भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष सतानंद गौतम ने कहा कि यह एक भाजपा की अपूरणीय क्षति है अपने नेक कार्य के लिए जीतेंद्र सिंह बुंदेला हमेशा याद किए जाएंगे

पन्ना जिले के समस्त भाजपा नेताओं ने उनके निधन निधन पर दुख प्रकट किया है

अंबानी के परिवार की शोभा बढ़ाएगा बड़ा हीरा
पन्ना के दूसरे सबसे बड़े हीरे के मालिक बने झांसी के राहुल अग्रवाल
२ करोड़ ५५ लाख ५४ हजार कीमत चुकाई

उत्तर प्रदेश के झांसी सराफा व्यावसायी राहुल अग्रवाल पन्ना में निकले दूसरे सबसे बड़े वजनी ४२.५९ कैरेट जेम क्वालिटी के खूबसूरत हीरा के मालिक बन गये है। राहुल द्वारा दिनांक २९ दिसम्बर २०१८ को चल रही नीलामी के दौरान पन्ना मे निकले दूसरे सबसे बड़े ४२.५९ कैरेट वजनी हीरे की उच्चतम बोली ६ लाख रूपये प्रति कैरेट की दर से कुल २ करोड़ ५५ लाख ५४ हजार रूपये बोली लगायी गयी थी। इस सर्वाधिक बोली पर हीरा अंतिम रूप से नीलाम हो गया था और इसके बाद नीलामी हुये हीरे को प्राप्त करने के लिये राहुल अग्रवाल द्वारा राशि जमा करने संबंधी नियमों के अनुसार प्रक्रिया पूरी की गयी और आज हीरे की बोली की पूरी कीमत २ करोड़ ५५ लाख ५४ हजार रूपये जमा करने के बाद उनके द्वारा हीरा अधिकारी कार्यालय में जिले के हीरा अधिकारी संतोष सिंह से खजाने में रखा हीरा प्राप्त कर लिया
अब यह हीरा अंबानी परिवार की शोभा बढ़ाएगा क्योंकि अब ही इस हीरो को खरीदने के लिए वहां से फोन आने लगे हैं विदेश से भी इस हीरा को खरीदने के फोन आए
हीरा अधिकारी संतोष सिंह ने बताया की अब यह संपूर्ण राशि 12% टैक्स और रॉयल्टी काटकर मोतीलाल को 2 दिन के अंदर दे दी जाएगी

४२.५९ कैरेट का हीरा पन्ना की हीरा खदानों से निकले अब तक के हीरों में से दूसरा सबसे बड़ा वजनी हीरा है दिनांक ९ अक्टूबर को पन्ना के कृष्णाकल्याणपुर स्थित पटी बजरिया स्थित शासकीय क्षेत्र में स्वीकृत हीरा खदान में चाल की धुलाई के बाद बिनायी के दौरान मजदूर मोतीलाल प्रजापति , रघुवीर प्रजापति बेनीसागर मोहल्ला के निवासी को मिला था। दोनों मजदूरों द्वारा उसी दिन जिले के हीरा कार्यालय में मिले हीरे को जमा करवाया गया था। जो पन्ना में २८ दिसम्बर २०१८ से ३० दिसम्बर २०१८ की नीलामी के दौरान दिनांक २९ दिसम्बर को नीलाम हुआ था।

न्ना बफर जोन में टूरिस्ट की शुरुआत, रात में भी होगा बाघों का दीदार

पन्ना शहर से नजदीक अकोला गीत खोला गया पर्यटन शुरू करने और विरोध में 2 बड़े अधिकारियों में था विवाद एनटीसी तक पहुंची थी बात पाटन शुरू होने से क्षेत्र में विकास की संभावना टाइगर रिजर्व में टूरिज्म का दबाव कम करने और जंगल प्रोटेक्शन के लिए शुरू किया गया पर्यटन नाइट सफारी भी होगी

पन्ना टाइगर रिजर्व के अंदर लगातार बढ़ते पर्यटन के दबाव को कम करने तथा बफर जोन क्षेत्र में पर्यटन को शुरू करने के उद्देश्य आज पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने अकोला गेट का शुभारंभ किया है सुबह पन्ना टाइगर रिजर्व की फील्ड डायरेक्टर k एस भदौरिया ने तमाम प्रशासनिक अधिकारी और मैदानी कर्मचारियों के बीच टूरिस्ट को गेट खोलकर बफर क्षेत्र में पर्यटन कराया

अकोला पन्ना शहर से सबसे नजदीक लगने वाला क्षेत्र है जहां टूरिस्ट वाइल्ड लाइफ का आनंद ले सकेंगे लंबे समय से पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन से इस क्षेत्र में टूरिज्म शुरू करने की मांग हो रही थी वन्य प्राणियों के दर्शन और जंगल में लगातार निगरानी बढ़ाने के लिए प्रबंध ने यह शुरूआत की है यहां टूरिस्ट कम शुल्क पर भ्रमण कर सकेंगे अकोला गेट से जैसे ही प्रवेश करेंगे वाइल्डलाइफ और वर्ड वाचिंग का आनंद उठाया जा सकता है स्थानीय लोगों ने शुरू की गई इस पहल का स्वागत किया गया है

किसी भी वन क्षेत्र में रात में पर्यटन की अनुमति नहीं है लेकिन इस बफर क्षेत्र में पर्यटन रात में भी किया जाएगा लिहाजा जंगल के राजा के दर्शन रात में भी टूरिस्ट को हो सकता है और वाइल्ड लाइफ का आनंद उठाया जा सकता इसी कारण से प्रबंधन ने यह प्रयास शुरू किया है आज जिन लोगों ने भ्रमण किया उन्हें बफर क्षेत्र में नीलगाय सांभर चीतल और खूबसूरत पक्षियों के दर्शन हुए फिल्म डायरेक्टर का कहना है की इस टूरिज्म से क्षेत्र में जंगल का संरक्षण भी होगा स्थानीय लोगों को आर्थिक लाभ मिलेगा और टूरिस्ट जंगल और वाइल्डलाइफ से जुड़ सकेंगे उन्होंने कहा कि शीघ्र ही इस क्षेत्र को और विकसित किया जाएगा जिससे पर्यटन बड़ेगा

ज्ञात हो कि यहां पर्यटन शुरू करने की योजना पहले से बन चुकी थी लेकिन स्थानीय अधिकारियों की तकरार के कारण टूरिज्म शुरू नहीं हो सका था इसके लिए प्रबंधन ने एनटीसीए यानी नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी एवं डब्लू डब्लू आई से भी अनुमति ली है जिससे टूरिस्ट ओं के लिए और सुविधाएं जुटाई जा सके पर्यटन के लिए यह गीत शुरू हो जाने से स्थानीय लोग उत्साहित हैं

1
2
3
4
5
6

7
8
9
10
11
12
13
14
15
17
ओर

हानी बाघों की:- बुंदेलखंड की धरती फिर हुई आवाद
विलुप्त हो गया है बुंदेली खंड का जींस
बाघों के खात्मे के लिए बदनाम रहा है पन्ना
पर्यटन की रीढ़ है पन्ना टाइगर रिजर्व

पन्ना की धरती का बाग देश दुनिया में प्रसिद्ध रहा है बुंदेली जींस पूल के बाद ताकतवर और क्षमता वान माने जाते हैं सदानीरा केन की किनारे बाघों की मजबूत दुनिया बसती थी लेकिन प्रकृति के दुश्मनों की ऐसी नजर लगी कि पूरे भाग गायब हो गए सरकार की कड़ी मेहनत और स्थानीय लोगों के लगाव के कारण एक बार फिर बाघों से पन्ना आबाद है पर बीते कुछ दिनों से जो मामले सामने आ रहे हैं बाघों की दुनिया फिर खतरे में बताई जा रही है आसपास के क्षेत्रों में परंपरागत शिकारी बहेलिया समुदाय के लोग सक्रिय है जो बड़ा नुकसान कर सकते हैं
बुन्देलखण्ड क्षेत्र का यह इलाका प्रकृति के अनगिनत सौगातों से समृद्ध रहा है। आजादी से पूर्व राजाशाही जमाने में बुन्देलखण्ड क्षेत्र के घने जंगलों में 5 सौ से भी अधिक बाघ स्वच्छन्द रूप से विचरण करते रहे हैं, यही वजह है कि इस इलाके को बाघों की धरती भी कहा जाता रहा है। लेकिन आजादी के बाद तेजी के साथ मानव आबादी बढ़ी और जंगल सिकुड़ते चले गये। नतीजतन बाघों के प्राकृतिक रहवास उजडऩे लगे और इस शानदार वन्यजीव की संख्या भी घटने लगी। हमेशा बाघों से आबाद रहे बुन्देलखण्ड क्षेत्र के इस इलाके को वर्ष 2009 में तब गहरा झटका लगा जब इस तथ्य का खुलासा हुआ कि पन्ना बाघ अभ्यारण्य में अब एक भी बाघ नहीं बचा। इस खुलासे के बाद पूरे देश में हड़कम्प मच गया। तब आनन-फानन सरकार द्वारा पन्ना में बाघ पुनस्र्थापना योजना शुरू करने का निर्णय लिया गया। इसी के साथ ऐसे वन अधिकारी की खोजबीन भी शुरू हुई जिसमें वह काबिलियत और क्षमता हो जो पन्ना की खोई हुई प्रतिष्ठा को वापस ला सके। ऐसी विपरीत और विकट परिस्थितियों में आर. श्रीनिवास मूर्ति को पन्ना बाघ पुनर्स्थापना योजना को मूर्त रूप देने की जवाबदारी सौंपी गई।
किसी को नहीं थी सफलता की उम्मीद
बाघ पुनर्स्थापना योजना के शुरू होने पर किसी को भी इस बात की उम्मीद नहीं थी कि बाहर से बाघों को यहां लाकर उनके कुनवे को बढ़ाने में सफलता मिलेगी। हर तरफ आक्रोश और विरोध का माहौल था, ऐसे विपरीत माहौल में कान्हा, बांधवगढ़ और पेंच से बाघों को पन्ना लाया गया। बेहद साधारण से दिखने वाले आर. श्रीनिवास मूर्ति ने बाघों को पन्ना में फिर से बसाने के लिये खुद भी जंगल को अपना बसेरा बना लिया और जुनून की हद तक बाघों को आबाद करने के काम में जुट गये। बाघों के लिये अनुकूल और सुरक्षित वातावरण बनाने के लिये उन्होंने कड़े कदम भी उठाये और कई प्रभावशाली लोगों को जेल तक पहुँचा दिया। बाघों के प्रति उनका सम्मान तथा लगन और मेहनत को देख कुछ लोग मूर्ति जी से प्रभावित हुये तथा उनके कार्य में सहभागी भी बने। धीरे-धीरे समर्थन और सहयोग करने वालों का कारवां बढऩे लगा नतीजतन पन्ना में यह नारा दिया गया जन समर्थन से बाघ संरक्षण, जिसका चमत्कारिक असर हुआ।

जनता का समर्थन

जन समर्थन से बाघ संरक्षण का नारा इतना प्रभावी और कारगर हुआ कि छोटे-छोटे स्कूली बच्चे भी बाघ संरक्षण की मुहिम से जुडऩे लगे। इस बीच कान्हा और बान्धवगढ़ से आई बाघिनों ने नन्हे शावकों को जन्म देकर वीरान से पड़े पन्ना टाईगर रिजर्व को फिर से गुलजार कर दिया। फिर तो सफलता की नित नई ऊँचाईयों को बाघ पुनर्स्थापना योजना छूने लगी। इस योजना के तहत यहां पर अनाथ और पालतू बाघिनों को जंगली बनाने का करिश्मा भी घटित हुआ, जिससे पन्ना पार्क विश्व स्तर पर चर्चित हो गया। बीते 7 वर्षों में पन्ना टाईगर रिजर्व में 55 से भी अधिक बाघ शावकों का जन्म हो चुका है। पन्ना में जन्मे बाघ अब बुन्देलखण्ड और बघेलखण्ड के अलावा अन्य इलाकों में भी विचरण कर रहे हैं।

ग्रामीणों ने चुकाई बड़ी कीमत, अभाव में जीने को मजबूर

पन्ना टाइगर रिजर्व के चारों और रहने वाले ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ इसलिए नहीं मिल पाता क्योंकि आसपास टाइगर रिजर्व बसा हुआ है तमाम नियम कायदों में उलझा कर यहां का उद्योग चौपट कर दिया गया है लोग अपनी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति भी नहीं कर पाते तमाम कष्टों के बावजूद दिल में पत्थर रखकर बाग का संरक्षण करते हैं इसके लिए भारी कीमत भी चुकानी पड़ी है बिना समर्थन और ग्राम पंचायतों के प्रस्ताव के बड़े क्षेत्र में बफर जोन घोषित कर दिया गया इसके लिए नियम कायदों की भी परवाह नहीं की गई विरोध हुआ सरकार के निर्देशों का पालन भी नहीं हुआ और बफर जोन बना दिया गया अभी टाइगर रिजर्व के कारण पूरे इलाके का विकास प्रभावित है इसके बावजूद यहां के लोग बाघों से प्रेम करते हैं आर्थिक तंगी में जीवन यापन करने के बावजूद जंगल और बाघ चाहते हैं पर जिस तरीके से खतरा मंडरा रहा है उससे पन्ना में दोहरी मार पड़ने की उम्मीद है पन्ना टाइगर रिजर्व से लगी सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों को भारी अभाव में जीवन यापन करना पड़ता है

पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी को 4 बर्ष की सजा ,जेल भेजे गए
शिक्षक से रिश्वत लेने के मामले में बाबू खुमान प्रजापति को भी 4 वर्ष की कैद

पन्ना जिले के शिक्षा विभाग के सबसे चर्चित भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी महेंद्र द्विवेदी को भ्रष्टाचार के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश एके द्विवेदी की अदालत से 4 वर्ष की सजा सुनाई गई है इसी मामले में डीईओ ऑफिस के बाबू कुमार प्रजापति को भी 4 वर्ष की सजा और 10000 का जुर्माना लगाया गया है सजा सुनते ही शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया पूर्व डीईओ और बाबू को जेल भेज दिया गया है

न्यायालय की मीडिया सेल प्रभारी आशुतोष द्विवेदी द्वारा जारी प्रेस व्यक्ति के अनुसार

रिश्‍वतखोर जिला शिक्षा अधिकारी तथा स्‍थापना लिपिक को 4-4 साल की कैद

::घटना का संक्षिप्त विवरण::
माननीय न्‍यायालय श्री अनुराग द्विवेदी (विशेष न्‍यायाधीश भ्र.निवा.अधि.) द्वारा भृष्‍टाचार के मामले में फैसला सुनाते हुये, रिश्‍वतखोर जिला शिक्षा अधिकारी, महेन्‍द्र द्विवेदी व स्‍थापना लिपिक, खुमान प्रजापति को 4-4 साल की कैद और ………. हजार रूपये के जुर्माने से दण्डित किया गया।
प्रकरण के संबंध में जानकारी देते हुये, श्री आशुतोष कुमार द्विवेदी सहा. जिला लोक अभियोजन अधिकारी ने बताया,कि दिनांक 31.12.14 को फरियादी रवि शंकर डनायक पिता श्री के.आर.डनायक निवासी धाम मोहल्‍ला पन्‍ना, ने पुलिस अधीक्षक लोकायुक्‍त सागर, को एक शिकायती-पत्र दिया था कि, वह करीब 4 माह से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में, अध्‍यापक के पद पर संबद्ध है किन्‍तु उसकी पदस्‍थापना किसी विद्यालय में नहीं की गई है वह अपनी पदस्‍थापना के लिये तीन पत्र, जिला शिक्षा अधिकारी को दे चुका है। इसके बावजूद भी उसकी पदस्‍थापना किसी भी विद्यालय में नहीं की गई है, जब वह अपनी पदस्‍थापना के लिये जिला शिक्षा अधिकारी, कार्यालय के स्‍थापना लिपिक आरोपी खुमान प्रजापति से मिला,तो उसने बताया कि, विद्यालय में पदस्‍थापना के लिये आपको 10000 रूपये रिश्‍वत जिला शिक्षा अधिकारी, को देने पडेंगे, तभी आपकी पदस्‍थापना होगी।
फरियादी जिला शिक्षा अधिकारी, श्री महेन्‍द्र द्विवेदी व स्‍थापना लिपिक खुमान प्रजापति को रिश्‍वत नहीं देना चाहता था बल्कि उन्‍हें रिश्‍वत लेते रंगे हाथों पकडवाना चाहता था।
फरियादी की शिकायत के सत्‍यापन के लिये, कार्यालय पुलिस अधीक्षक, लोकायुक्‍त सागर, के द्वारा, एक डिजीटल वॉइस रिकार्डर फरियादी को दिया गया, और फरियादी को आरोपी की रिश्‍वत मॉंग संबंधी बातचीत को रिकार्ड करने हेतु दिया गया, और फरियादी के साथ एक आरक्षक को भेजा गया।
दिनांक 31.12.14 को आरोपी महेन्‍द्र द्विवेदी, जिला शिक्षा अधिकारी, पन्‍ना के निवास स्‍थान पर, जाकर, फरियादी रवि शंकर डनायक ने रिश्‍वत मॉंग संबंधी बातचीत को वॉइस रिकार्डर में रिकार्ड कर लिया तथा दिनांक 01.01.15 को आरोपी स्‍थापना लिपिक, खुमान प्रजापति से भी रिश्‍वत मांग संबंधी बातचीत को रिकार्ड कर लिया।
इसके बाद फरियादी रवि शंकर डनायक, दूसरा आवेदन-पत्र लेकर लोकायुक्‍त सागर में उपस्थित हुआ,और उसने बताया कि, उक्‍त दोनों आरोपीगणों से बातचीत कर रिश्‍वत मॉंग वार्ता रिकार्ड कर ली है और मैं रिश्‍वत में दिये जाने वाले 10000 रूपये अपने साथ लेकर आया हूँ तथा रिश्‍वत का लेनदेन दिनांक 02.01.15 को होना तय हुआ है।
फरियादी द्वारा दिये गये आवेदन-पत्र पर पुलिस अधीक्षक,लोकायुक्‍त सागर, द्वारा ट्रेप करने का आदेश दिया गया और पंचसाक्षीगणों को लोकायुक्‍त सागर में बुलवाया गया और पंच साक्षीगणों का परिचय फरियादी तथा उपस्थित स्‍टाफ से कराया गया इसके बाद फरियादी द्वारा दिये गये आवेदन-पत्र तथा वाइस रिकार्डर को पंच साक्षियों के समक्ष रखा गया तथा वाइस रिकार्डर को बार-बार चलाकर रिश्‍वत मॉंग वार्ता संबंधी, बातचीत की ट्रान्‍सक्रिप्‍ट तैयार की गई, जिसमें रिकार्डेट आवाजों को फरियादी ने सुनकर बताया कि, कौन सी आवाज उसकी और कौन सी आवाज आरोपीगणों की है।
इसके बाद लोकायुक्‍त सागर के भृत्‍य के द्वारा फरियादी के द्वारा दिये गये 10000 रूपये जिसके प्रत्‍येक नोटों के दोनों तरफ फिनाप्‍थलीन पाउडर लगाया गया और कार्यालय के भृत्‍य से पाउडर लगे रिश्‍वती नोटों को फरियादी के पैंट की जेब में रखवाया गया, और फरियादी आवश्‍यक समझाइस दी गई कि, आरोपीगणों को देने के पहले इन नोटों को न तो छुये और न ही आरोपीगणों से हाथ मिलाएगा और जब आरोपीगण रिश्‍वत के रूपये ले लें तो सिर पर हाथ फेर कर रिश्‍वत लेन-देन का इशारा कर देगा।
इसके बाद रिश्‍वत लेन-देन के समय होने वाली बातचीत को रिकार्ड करने के लिये फरियादी को पुन: एक वाइस रिकार्डर प्रदान किया गया कार्यवाही के दौरान फरियादी ने बताया कि, रिश्‍वत का लेन-देन जिला शिक्षा अधिकारी, कार्यालय जिला-पन्‍ना में होना है, इसके बाद दिनांक 02.01.15 को ट्रेप पार्टी जिला-पन्‍ना के लिये रवाना हुई।
ट्रेप पार्टी के सदस्‍य जिला शिक्षा अधिकारी, कार्यालय के पास पहॅुचकर अपने वाहन से उतर गये तथा फरियादी को आरोपीगणों से संपर्क करने एवं रिश्‍वत देने के लिये भेजा गया, ट्रेप दल के सभी सदस्‍य जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, के आस पास अपनी उपस्थिति छिपाते हुये खडे हो गये तभी थोडी देर बाद फरियादी रवि शंकर डनायक ने कार्यालय से बाहर आकर सिर पर हाथ फेरकर रिश्‍वत लेन-देन हो जाने का इशारा किया तब ट्रेप दल के सदस्‍य आरोपीगणों के कार्यालय के अंदर पहुचे जहां पर आरोपी महेद्र द्विवेदी जिला शिक्षा अधिकारी एवं उनका स्‍थापना लिपिक आरोपी खुमान प्रजापति उपस्थित थे, जिन्‍हें ट्रेप दल ने अपने घेरे में ले लिया।
लोकायुक्‍त की टीम को देखकर आरोपी स्‍थापना लिपिक खुमान प्रजापति ने रिश्‍वत राशि अपने फुल पेंट की दाहिनी जेब से निकालकर कम्‍प्‍यूटर के की-बोर्ड पर रख दिया, इसके बाद सोडियम कार्बोनेट का घोल तैयार करवाकर आरोपी स्‍थापना लिपिक खुमान प्रजापति के हाथों की उगलियों को धुलवाया गया तो घोल का रंग हल्‍का गुलाबीं हो गया, दूसरे आरोपी महेन्‍द्र द्विवेदी की हाथों की उगलियों को घोल में धुलाने पर घोल का रंग, रंगहीन मटमैला हो गया, इसके बाद पंचसाक्षियों द्वारा रिश्‍वत राशि को कम्‍पयूटर के की-बोर्ड से उठाकर बरामद किया गया जो 10000 रूपये थे इसके बाद पुन: घोल तैयार कराकर फरियादी रवि डनायक के हाथों की उगलियो को धुलवाया गया तो घोल का रंग गुलाबी हो गया।
आरोपी महेन्‍द्र द्विवेदी, जिला शिक्षा अधिकारी, पन्‍ना एवं आरोपी खुमान प्रजापति, स्‍थापना लिपिक, कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी, पन्‍ना के विरूद्ध धारा 7,12,13(1) डी 13(2), भ्रष्‍टाचार निवारण अधिनियम, का अपराध पंजीबद्ध कर, अग्रिम विवेचना उपरांत अभियोग-पत्र माननीय न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किया गया।
प्रकरण का विचारण, माननीय न्‍यायालय श्री अनुराग द्विवेदी, विशेष न्‍यायाधीश (भ्रष्‍टाचार निवारण अधिनियम) जिला-पन्ना (म.प्र.) के न्यायालय में हुआ। जिसमें अभियोजन के द्वारा प्रस्‍तुत साक्ष्‍य और न्‍यायिक-दृष्‍टांतों के आधार पर, माननीय न्‍यायालय नें आरोपीगणों को दोषी पाया। माननीय न्‍यायालय से अभियोजन के द्वारा आरोपीगणों को कठोर से कठोर दंड से दंडित किये जाने का निवेदन किया गया, माननीय न्‍यायालय द्वारा अभियोजन के तर्को से सहमत होते हुये अभियुक्‍तगण क्रमश:-
1.महेन्‍द्र द्विवेदी पिता श्री महावीर प्रसाद द्विवेदी, (जिला शिक्षा अधिकारी, पन्‍ना)
2.खुमान प्रजापति पिता श्री बारेलाल प्रजापति,(स्‍थापना लिपिक, कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी पन्‍ना)
दोनों अभियुक्‍तगणों को धारा 7 भ्रष्‍टाचार निवारण अधिनियम में 4-4 साल का सश्रम कारावास और 5000-5000 रूपये व धारा 13 (1) डी में 4-4 साल का सश्रम कारावास और 5000-5000 रूपये के अर्थदण्‍ड से दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी श्री प्रवीण कुमार सिंह, जिला लोक अभियोजन अधिकारी, पन्‍ना द्वारा की गई।

(

पुलिस सब इंस्पेक्टर की आत्महत्या की गुत्थी सुलझी, प्रेमी कौशल सिंह राजपूत को पुलिस ने भेजा जेल
अनामिका सिंह की मौत का हुआ खुलासा ,
मोहंद्रा चौकी प्रभारी ने अपने सरकारी आवास में लगा ली थी फांसी

पन्ना जिले के सिमरिया थाना क्षेत्र की मोहन्द्रा चौकी प्रभारी अनामिका सिंह कुशवाहा उम्र 25 वर्ष निवासी छिर्री थाना देवरी जिला सागर द्वारा दिनांक 3 जनवरी 2019 की रात्रि 9 बजे कमरे के अंदर अपने दुपट्टे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली गयी । इस घटना ने पूरे मध्यप्रदेश की पुलिस को झकझोर कर रख दिया ।
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने घटना की जांच कार्यवाही एसडीओपी पवई बी एस परिहार एवं सिमरिया नगर निरीक्षक याकूब खान को सौंपी गई। जांच अधिकारी श्री परिहार ने प्रथम चरण पर अंतिम कॉल अनामिका सिंह की देखी जिसकी जांच में पता चला कि प्रेमी युवक कौशल किशोर पिता नवलकिशोर राजपूत उम्र 28 निवासी मोहन कुंडी थाना चांदना जिला लखीरसराय बिहार हाल निवासी मनोरमा कालोनी सागर मध्यप्रदेश से घंटों बात करती थी । प्रेमी युवक तरह-तरह के प्रलोभन देकर उसे शीघ्र शादी करने का दबाव बना रहा था लेकिन लड़की अपने परिवार के लोगों से बात नहीं कर पा रही थी और इसी को लेकर इन दोनों में विवाद की स्थिति निर्मित हो जाती थी और इसका नाम लगातार बढ़ता जा रहा था घटना वाले दिन भी कुछ ऐसा ही हुआ और यह होनहार पुलिस सब इंस्पेक्टर इस दबाव को झेल नहीं पाई
जांच अधिकारी श्री परिहार ने बतलाया कि मृतिका उप निरीक्षक अनामिका सिंह एवं आरोपी कौशल किशोर सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई एक ही कॉलेज सागर में साथ किये थे ,तभी से दोनों के बीच प्रेम हो गया । अनामिका की नॉकरी लगने के बाद प्रेमी युवक शादी करने का दबाव बनाने लगा था , मगर अनामिका के माता पिता इस रिश्ते को लेकर राजी नहीं थे , जिसके चलते दोनों के बीच आये दिन विवाद होने लगा । घटना रात्रि को भी आरोपी द्वारा पीएसआई अनामिका सिंह को ह्रदय में पीड़ा देने वाला शब्द बोला जिससे अनामिका सिंह अपने जीवन से निराश होकर दुपट्टा से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली । प्रेमी युवक द्वारा विवाह के लिए प्रताड़ित करने का अपराध पाये जाने पर गत दिनांक 7 जनवरी 2019 को पन्ना पुलिस द्वारा सागर से आरोपी को गिरफ्तार किया गया । और कानूनी प्रकिया पूर्ण करते हुए ,धारा 306 आईपीसी के मामले में न्यायालय पवई में पेश किया गया जहाँ से जेल भेजने की कार्यवाही की गई।

अब यह तय हो गया है की इतनी कमजोर मानसिक स्थिति वाले अधिकारी कर्मचारियों को मनोवैज्ञानिक प्रोत्साहन की जरूरत है अनामिका चाहती है तो इसका विरोध भी कर सकती थी और या परिवार से इस पूरे मामले में खुलकर बात कर सकती थी और शादी कर देश की सेवा में लगी अनामिका अच्छी सफलताएं हासिल करती लेकिन एक छोटे से फोन पर हुए विवाद के बाद अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली जो एक दुखद अंत है

पन्ना जिले की सुनहरा रेत खदान में गोली चलाकर फैलाई सनसनी, भारी तोड़फोड़, तनाव के हालात
टोकन के बगैर सीधी बालू भरे जाने के बाद हुआ था विवाद
कैंप में तोड़फोड़ फायरिंग और गाड़ियों के शीशे तोड़े
2लाख 26हजार 250 रुपए भी लूटे
दो एफ आई आर दर्ज
एलएनटी मशीन भी पकड़ी गई
फायरिंग के दौरान जान बचाने बाला नदी में छलांग लगाने वाला ड्राइवर गायब

पन्ना जिला अंतर्गत रेत कारोबारियों ने आपस में विवाद कर सनसनी फैली दी। अजयगढ़ थाना क्षेत्र के बीरा चौकी अंतर्गत सुनहरा खदान में रेत आगे भरने को लेकर कुछ ट्रक चालकों में विवाद इतना बड़ा की एक पक्ष ने दूसरे पक्ष पर गोलियां चला दी। पिस्टल से निकली बुलट ने ट्रक में दो फायर भी किए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष के बेटे का हाईवा रेत लेने गया था तभी जनपद पंचायत अजयगढ़ का भतीजा वहां पहुंचा और आगे रेत भरने को लेकर हुए विवाद में दनादन गोलियां चलने लगी मारपीट हुई और दहशत का माहौल निर्मित हो गया जिसमें मारपीट से बचने के लिए एक ड्राइवर ने नदी में छलांग लगा दी जो अभी तक गायब बताया जा रहा है
गोली चलने की सूचना मिलने के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में अजयगढ़ थाना पुलिस आसपास के थाना क्षेत्रों का बल लेकर मौके के लिए रवाना हो गई। कई रेत कारोबारियों ने एक दूसरे के वाहनों पर तोडफ़ोड़ भी की है।
पूरे क्षेत्र में वारदात के बाद हालात बेकाबू हो गए। पन्ना एसपी विवेक सिंह ने हालात पर काबू करने के लिए जिला मुख्यालय से बल को भी भेजा और दोनों पक्षों में शांति स्थापित करने के साथ पुलिस ने कार्यवाही शुरू की है
एडिशनल एसपी बीकेएस परिहार और अजयगढ़ की एसडीओपी इसरार मंसूरी ने पूरे क्षेत्र में घूम घूम कर घटना का जायजा लिया और इसके बाद बताया कि तीन एफ आई आर दर्ज कराने की आवेदन प्राप्त हुए हैं जिसमें शिवा कार्पोरेशन की ओर से विवाद के बाद एक सुरक्षा गार्ड ने अपनी लाइसेंसी बंदूक से फायर किया था जिस पर मामला दर्ज किया गया है इसी तरह कैंप में तोड़फोड़ करने वाले पांडे परिवार के लोगों पर बिना नाम की अज्ञात पाछे लोगों पर एफ आई आर दर्ज की है

जिसकी नामों की जांच की जा रही है और पता लगाया जा रहा है कि कौन कौन लोग हैं जिन्होंने कैंप में तोड़फोड़ कर फायरिंग की साथ ही शिवा कार्पोरेशन की ओर से कैंप में तोड़फोड़ और पैसे लूटे जाने का भी आवेदन दिया गया है जिसे रोज नाम चे में दर्ज कर लिया गया और घटना की जांच की जा रही है एडिशनल एसपी ने कहा की लूट की एफआईआर अभी दर्ज नहीं हुई पर पुलिस ने मामले को विवेचना में लिया है

वहीं इस संबंध में सुनहरा रेत खदान के मैनेजर जसपाल सिंह ने बताया कि सुनहरा की वैधानिक रेत खदान शिवा कार्पोरेशन की है नियमानुसार हम लोग रेट की लोडिंग और परिवहन का काम कर रहे थे तभी कुछ लोगों ने कैंप में आकर गाली-गलौज की कर्मचारियों को मारा और धमकी दी इसके बाद फायर करते हुए गाड़ी तो डाली और दहशत फैला दी इस संबंध कि हमने एफ आई आर दर्ज कराई है और वह जो मारपीट करने वाले थे कैंप में जो रेत की बुकिंग का पैसा जमा किया जा रहा था उसमें ₹226250 थी जिसे बक्शा उठाकर फेंक दिया और पूरे रुपए ले गए पुलिस में इसकी एफ आई आर कराई है मैनेजर ने बताया कि कांग्रेश जब से सत्ता में आई है तो कांग्रेसी नेता बिना पैसे की जबरजस्ती बालू अपने ट्रकों में भरबाना चाहते हैं जो कंपनी ने नहीं किया इस कारण से यह फायरिंग किया गया है

वहीं जिस हाईवे ड्राइवर के साथ मारपीट की गई है उसके मालिक जीतेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि कलिंजर और ड्राइवर को गंभीर चोट लगी है ड्राइवर प्राण बचाकर भागा है जो नदी में कूद गया और गायब है ड्राइवर कहां गया अब तक पता नहीं चला है लूट के आरोप झूठे उज्जवल इस संबंध में बात करते हुए

जनपद पंचायत के अध्यक्ष के भतीजे उज्जवल पांडे ने बताया कि जब मैं पहुंचा इसके पहले पुलिस पहुंच गई थी जो लूट की बात या मेरे ऊपर जो आरोप लगाए जा रहे हैं वह झूठे हैं लूट नहीं हुई है हमारी गाड़ी ट्रक रेत भरने गई थी और मेरी ड्राइवर से मारपीट की जाने लगी तब मैं पहुंचा और इसके पहले पुलिस को फोन कर सूचना भी दी थी और पुलिस भी पहुंच गई थी और लूट की घटना नहीं हुई वहीं उज्जवल ने कहा कि मेरे चाचा की राजनीतिक विरोधी इस मामले में फंसाने की कोशिश कर रहे हैं लूट या मारपीट में मेरा हाथ नहीं है सब झूठा है