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Cmho ऑफिस का बाबू रिश्वत लेते गिरफ्तार,, अवकाश स्वीकृत करने के एवज में ले रहा था पैसा,,लोकायुक्त सागर ने किया ट्रैप सांसद विष्णु दत्त शर्मा के प्रयास से खजुराहो को मिली दूसरी बंदे भारत एक्सप्रेस, खजुराहो से बनारस के मध्य चलेगी, पन्ना के पर्यटन को मिलेगा फायदा नवरात्रि पर पवई मे चमके बुंदेली आइडियल सितारे, हिंदू उत्सव युवा समिति ने किया आयोजन, बुंदेली भजनों में झूमे भक्त पन्ना में अब बाघ बहार,, पर्यटकों के लिए खुला टाइगर रिजर्व

आंखों देखी :- पन्ना में प्रवासी कामगारों की वापसी,,,,, परेशान है बाहर फंसे पन्ना के लोग

मुंबई और इंदौर में फंसे हजारों लोग

प्रतिदिन आ रहे हैं मजबूर कामगार

कुछ सरकारी मदद से तो कुछ पैदल और धक्के खाते पहुंचे

अब सतर्क रहने की जरूरत

(शिवकुमार त्रिपाठी पन्ना )

कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन के बाद पूरे देश में फॅसे पन्ना जिले के लोग परेशान हो रहे हैं अधिकांश लोगों के पास पैसा खत्म होने के कारण खाने का संकट पैदा हो गया है वही सभी का काम बंद होने के चलते किसी भी कीमत में घर आने को परेशान है उनकी दिन बडे संकट में गुजर रहे हैं वही दूसरा पहलू यह भी है कि
जिले की प्रवासी कामगार अब पन्ना वापस आ रहे हैं जिससे खतरा बढ़ सकता है हर रोज हजारों लोग पन्ना आ रहे हैं इससे संक्रमण फैले के खतरे के कारण ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है

सुबह आंखों देखी तस्वीर ,,, ड्राइवर ने बिना किराया लिए लखनऊ से पन्ना पहुंचाया

सुबह 8:00 बजे मोहन निवास चौराहे के पास एक भार वाहन लगाकर रुकता है और उससे 28 मजदूर अपने बच्चों के साथ उतरते हैं देखा तो चिंता और बढ़ी जब पूरे मामले की जानकारी ली तो पता चला गुखोर और अमानगंज के मजदूर लखनऊ में फंसे थे लाकडाउन में परेशान परिवार पैदल ही निकल पड़े 2 दिन पैदल चलने के बाद एक डग्गा भार वाहन से मदद मांगी तो ड्राइवर ने इंसानियत का परिचय दिया लखनऊ का वाहन चालक ने बिना पैसा लिए मजदूरों को घर पहुंचाने पन्ना आ गया परेशान मजदूरों ने खाना नहीं खाया था जब इसकी सूचना कांग्रेस के युवा नेता स्वतंत्र अवस्थी को दी तो वे भोजन लेकर मोहन निवास चौराहे पहुंच गए और बच्चों को बिस्कुट और सभी को पूरी सब्जी के पैकेट देकर मदद की सभी को भोजन कराया स्वतंत्र अवस्थी ने बताया कि जब से कांग्रेश के शीर्ष नेतृत्व ने परेशान लोगों की मदद करने के लिए युवाओं से अपील की है तब से प्रतिदिन भोजन बनवा कर सुबह भटक रहे मजदूरों को भोजन करा रहे हैं इस बीच व्यवसाई एवं कांग्रेस नेता मनोज गुप्ता भी पहुंचे और उन्होंने मजदूरों की मदद की फिर प्रशासन को जब इसकी सूचना दी तब तहसीलदार दीपा चतुर्वेदी ने बस भेजी और इन परेशान मजदूरों को घर पहुचाया आज 24 घंटेमें करीब बारह सौ लोग आए हैं उनकी मदद कर रहे हैं शीघ्र ही इन लोगों को भी घर भिजवाने की व्यवस्था करेंगे और दीपा चतुर्वेदी ने 2 घंटे बाद बस भेजकर इन्हें व्यवस्थित तरीके से घर भिजवाया

इंदौर में फंसे छात्रों को नहीं मिल रहा पास,, विवेक तंखा देंगे बस

कांग्रेश के युवा नेता मृगेंद्र सिंह परमार और अंकित शर्मा की टीम इंदौर में फंसे छात्रों की मदद के लिए सामने आए हैं और घर वापसी की पहल शुरू कर दी पर 1 सैकड़ा से अधिक छात्रों को वापसी का पास नहीं मिल पा रहा है जिससे इंदौर में फंसे यह लोग घर वापस नहीं आ पा रहे हैं मृगेंद्र सिंह ने कहा की इन बच्चों की वापसी के लिए सांसद विवेक तंखा ने मदद की पहल की है बे बस का किराया देने को तैयार हैं पर जिला प्रशासन इन्हें पास नहीं दे रहा है इसलिए इंदौर में फंसी लोगों की घर वापसी नहीं हो पा रही है जो चिंता की बात है दोनों युवा नेता कांग्रेश के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ की अपील पर आम लोगों की मदद के लिए सामने आए हैं

मुंबई में फंसे 855 लोग परेशान

मुंबई में पन्ना के करीब 855 लोग फंसे हुए हैं जिसमें अधिकांश हीरा की कटिंग पॉलिशिंग का काम करते हैं जो अब काम बंद होने से बेरोजगार हो गए इसी तरह नवरात्रि के कारण पुरोहित का कार्य करने के लिए मुंबई पहुंचे पन्ना के युवा पंडित भी फंस गए हैं जो मात्र 15 दिन के लिए वहां यज्ञ अनुष्ठान और पूजा पाठ करने गए थे लॉकडाउन के कारण उन्हें काम नहीं मिला ऊपर से लॉकडाउन में फंसे हुए हैं इन लोगों ने कई बार पन्ना से पास के लिए आवेदन किया पर रिजेक्ट कर दिया गया इनके पैसे भी खत्म हो गए हैं और फंसे हुए हैं वापसी आने का कोई रास्ता नहीं मिल रहा परेशान इन प्रवासी लोगों ने मध्य प्रदेश सरकार , क्षेत्रीय सांसद बीडी शर्मा और पन्ना जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है कहां हम लोग मुसीबत में हैं हमें यहां से निकालकर हमारे घर पन्ना पहुंचाने में मदद की जाए

कोरोना पॉजिटिव के स्वास्थ्य में सुधार शीघ्र आ सकती है अच्छी खबर


पन्ना जिला चिकित्सालय के कोविड हॉस्पिटल में जो पॉजिटिव मरीज भर्ती है उसके स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हुआ है और वह पूरी तरह से स्वास्थ्य बताया जा रहा है प्रबंधन से जुड़े लोगों का कहना है कि पन्ना के लोगों के लिए शीघ्र ही अच्छी खबर मिल सकती है उम्मीद है शीघ्र ही यह पॉजिटिव मरीज ठीक होकर अपनी घर वापसी करेगा

प्रशासन कर रहा है मदद

  पन्ना जिले में बाहर से आने वाले प्रवासी मजदूरों के स्क्रीनिंग की त्रिस्तरीय व्यवस्था की गई है। कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने जानकारी देते हुये बताया कि कोबिड-19 विश्व महामारी को राष्ट्रीय आपदा घोषित किए जाने एवं प्रदेश को संक्रमित राज्य घोषित होने के उपरांत जिला प्रशासन द्वारा मुस्तैदी के साथ कार्यवाही की जा रही है। देश के 29 प्रांतों में जिले के लगभग 9 हजार प्रवासी श्रमिक हैं। इन श्रमिकों की सहायता के लिए जिला प्रशासन द्वारा प्रत्येक राज्य एवं उन राज्यों के जिला कलेक्टरों एवं संबंधित अधिकारियों द्वारा दूरभाष, ईमेल तथा संचार के अन्य माध्यमों के द्वारा सम्पर्क स्थापित कर इनकी हरसंभव सहायता की जा रही है।
उन्होंने बताया कि इन श्रमिकों को अपने जिले और ग्राम मुख्यालय तक पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा हरसंभव मदद की जा रही है। अभी तक देश के विभिन्न प्रांतों से 5 हजार से अधिक श्रमिक अपने घरों तक पहुंच चुके हैं। प्रवासी श्रमिकों के उनके घरों की वापसी के लिए ट्रेनें चलाई गयी हैं। ट्रेनों की रवानगी दिनांक प्रदेश के प्रत्येक जिला कलेक्टर को दी जाती है। जिला प्रशासन द्वारा अपने जिले के श्रमिकों की जानकारी ट्रेन रवाना होने वाले प्रदेश के अधिकारियों एवं संबंधित जिले के अधिकारियों को दी जाती है जिससे श्रमिक अपने जिला मुख्यालय के स्टेशन अथवा जिला मुख्यालय के निकटतम रेल्वे स्टेशन तक पहुंच सकें। जिला प्रशासन द्वारा संबंधित रेल्वे स्टेशन से श्रमिकों को लाने के लिए वाहन की व्यवस्था की जाती है।

जिला मुख्यालय पर प्रवासी श्रमिकों के लाने संबंधी व्यवस्था का नोडल अधिकारी अपर कलेक्टर  जे.पी. धुर्वे को बनाया गया है। उनके मार्गदर्शन में राजपत्रित अधिकारियों के द्वारा पूरी कार्यवाही का सम्पादन किया जा रहा है। जिले के श्रमिकों को निकटतम रेल्वे स्टेशन झांसी, हरपालपुर, खजुराहो, सतना, रीवा आदि से ट्रेन से आये हुए श्रमिकों को लाने के लिए वाहन की व्यवस्था की जाती है। जिला मुख्यालय पर जब श्रमिक पहुंचता है तो उसकी चिकित्सक दल द्वारा स्क्रीनिंग करने के साथ उसकी पूरी जानकारी पंजीबद्ध करने के साथ गूगल सीट पर दर्ज की जाती है। आने वाले हर श्रमिक को जिला मुख्यालय पर भोजन उपलब्ध कराने के साथ उन्हें वाहन से तहसील मुख्यालय भेजा जाता है। तहसील मुख्यालय पर पुनः श्रमिक की स्क्रीनिंग की जाती है। यहां पर भी श्रमिक की सम्पूर्ण जानकारी को पंजीबद्ध करने की व्यवस्था की गई है। इसके उपरांत श्रमिक को संबंधित ग्राम पंचायत या उसके ग्राम पहुंचने पर उसकी स्क्रीनिंग करने के साथ – साथ उसे होम क्वारेंटाइन किया जाता है। उसके मकान पर श्रमिक के क्वारेंटाइन किये जाने की जानकारी चस्पा करने के साथ ग्राम स्तर पर गठित अभ्युदय दल के कर्मचारियों एवं आशा व आगंनवाडी कार्यकर्ता को जानकारी दी जाती है कि इस गांव में इस इस व्यक्ति को होम क्वारेंटाइन किया गया है। जिससे उस व्यक्ति पर निगरानी रखी जा सके। क्वारेंटाइन किए गये प्रवासी श्रमिक के स्वास्थ्य की जानकारी समय – समय पर चलित इकाई के चिकित्सा दल द्वारा ली जाती है। आवश्यकता होने पर आवश्यक उपचार एवं लक्षण दिखाई देने पर उसके नमूने लेने की व्यवस्था की जाती है।

प्रवासी श्रमिक कोरोना नियंत्रण कक्ष में दें अपनी जानकारी

जिले के नागरिकों एवं प्रवासी व्यक्तियों की समस्याओं का निराकरण करने के लिए ई-नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। इस नियंत्रण कक्ष में जिले की सीमाओं के अन्दर के निवासी एवं जिले से बाहर प्रवास पर रहने वाले व्यक्तियों की समस्याओं के संबंध में निरंतर कार्यवाही की जा रही है। इस संबंध में कलेक्टर कर्मवीर शर्मा द्वारा जिले के आम नागरिकों एवं जो जिले से बाहर प्रवास पर हैं उनसे अपेक्षा की है कि जिला मुख्यालय पर जिला कोरोना कन्ट्रोल रूम में स्थापित दूरभाष क्रमांक 07732-253262 तथा मोबाइल नम्बर 9425962024 पर वाट्सअप मैसेज प्राप्त करने के साथ 9425383782 मोबाइल नम्बर पर अपनी समस्याओं की जानकारी दे सकते हैं। जिला प्रशासन द्वारा हरसंभव मदद की जायेगी। इसके अलावा टोल फ्री नम्बर 104 और 181 पर दर्ज ऑनलाईन समस्याओं पर त्वरित कार्यवाही की जा रही है। कलेक्टर श्री शर्मा द्वारा बताया गया कि आम आदमी की समस्याओं के निराकरण के लिए जिले के समस्त राजस्व अधिकारियों तथा समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि कोई भी प्रवासी व्यक्ति अपने मूल निवास के तहसील मुख्यालय पर पदस्थ अधिकारियों से सम्पर्क स्थापित कर सकता है।

समझदार है कोरोना पॉजिटिव मरीज मोहम्मद

स्वस्थ महसूस कर रहा अच्छे संकेत

कोरोना नोडल अधिकारी डॉ प्रदीप ने दी सावधानी बरतने की सलाह घबराए और परेशान ना हो

आत्मविश्वास से जीतेंगे कोरोना की जंग

(शिवकुमार त्रिपाठी) पन्ना में जब से कोरोना का पहला पॉजिटिव मरीज मिला है हर जगह इसी की चर्चा चिकित्सीय स्टाफ का कार्य और कोरोना मरीज के बारे में जानने की उत्सुकता हर आम और खास व्यक्ति की है कुछ समय के लिए लोगों में डर जैसा माहौल पैदा हो गया था पर जिस आत्मविश्वास के साथ चिकित्सीय स्टाफ अपना काम कर रहा है और कोरोना पॉजिटिव मरीज में जिस तरह से आत्मबल दिखाई दे रहा है वह निश्चित ही तारीफ के काबिल है और शीघ्र ही पन्ना जिला इस कोरोना की जंग जीतेगा
जो जानकारी प्राप्त हुई है कोरोना मरीज पर किसी तरह के लक्षण दिखाई नहीं दे रहे हैं मरीज बहुत अनुशासित है डॉक्टरों की हर साल और निर्देश का पालन कर रहा है जब मरीज से खाने-पीने और उसके शौक पर डॉक्टरों ने बात की और कहा कि जो चाहते हो हर चीज हम उपलब्ध कराएंगे तो खास मांग नहीं रखी और सामान्य भोजन ही मांगा है पूरे संयम आत्मविश्वास और धैर्य के साथ यह मरीज रह रहा है उसने अतिरिक्त सुविधाओं में साफ-सुथरे कपड़े और नवाज पढ़ने की उचित व्यवस्था मात्र की मांग की है निश्चित ही अपनी संस्कृति और परंपरा के अनुसार ईश्वरीय साधना मरीजों के लिए दवा से ज्यादा मददगार हो रही है और यही दुआ सकारात्मक संकेत दे रहे

आम आदमी को डॉक्टर की सलाह

जिला कोरोना नोडल अधिकारी डॉ प्रदीप द्विवेदी ने हस्तलिखित एक पत्र देकर आम लोगों से अपील की है कि कोरोना संक्रमित बीमारी है पर इससे डरने घबराने की जरूरत नहीं है यह बीमारी क्योंकि लोगों से ट्रांसफर होती है तो बार बार हाथ में विटामिन सी से युक्त फलों का सेवन करें बार-बार पानी पिए और अपने घरों में सुरक्षित रहें यही को रोना की सबसे उचित दवा है और ध्यान योग के साथ अपनी यूनिटी बढ़ाकर इस जंग से लड़ने में अपने आप को तैयार कर सकते हैं डॉ प्रदीप द्विवेदी ने सलाह दी है कि जो फल इत्यादि बाहर से लाए जा रहे हैं उन्हें गुनगुने पानी में धोए अनावश्यक बाहर ना निकले और करुणा के बारे में नेगेटिव सूचना रखें क्योंकि यह देशव्यापी बीमारी है हर किसी को मिलजुलकर लड़ना है जब सब लोग शासन प्रशासन का सहयोग करेंगे तो इसमें विजय अवश्य मिलेगी

चिकित्सीय स्टाफ की पारिवारिक परिस्थिति और उनका मनोबल


    पन्ना में जब कोरोना का पहला मरीज लाया गया तो उसकी देखभाल इलाज के लिए करीब 40 से 50 लोगों का चिकित्सीय और सुरक्षा स्टाफ लगाया गया है जिसमें जो लोग उसका इलाज करते हैं भोजन देते हैं और हर वक्त उसकी सीधे संपर्क में रहते हैं उनकी आत्मबल कितने मजबूत होगा क्योंकि इन स्टाफ में जो लोग हैं उनकी अपनी परिवारिक परिस्थितियां भी हैं अधिकांश नर्स अपने परिवार मां पिता से दूर यहां ड्यूटी कर रही थी और उन्हें मरीज के आते ही एक होटल में रख दिया गया जो सीधे किसी के संपर्क में नहीं आ सकते और वे भी स्वयं जानते हैं कि ऐसा करना उनकी और समाज और परिवार दोनों के लिए घातक है पैर से दिव्यांग और कोरोना रोग के प्रभारी डॉ प्रदीप द्विवेदी के 2 छोटे बच्चे हैं छोटा बच्चा 1 वर्ष और बड़ा बेटा 5 वर्ष का है जिला अस्पताल परिसर में अपने बच्चों पत्नी के साथ द्विवेदी रह रहे है अब उन्हें परिवार से सीधे मिलने की कोई अनुमति नहीं है इसी तरह अन्य स्टाफ को भी अपने परिवार मिलना और घर जाने की इजाजत नहीं है
    अब वे अस्पताल और होटल में ही रह सकते हैं उन्हें मरीज के ठीक होने और इसके बाद तक सैंपल में इन्हें नेगेटिव आने तक होटल में ही कोरनटाइम रहना पड़ेगा जब उनके परिवारिक परिस्थिति के बारे में बात की तो ज्यादा उन्होंने कुछ कहने से तो मना किया पर कहते हैं कि अब मरीज के ठीक होने और इसकी बाद समस्त चिकित्सीय स्टाफ के नमूने परीक्षण के बाद ही परिवार से मिलूंगा मरीज की सेवा के लिए ऐसा करना जरूरी है और हमारी जिम्मेदारी भी है कि हम इस नेक कार्य को करें अपने और परिवार को सुरक्षित रखने के लिए संपर्क में नहीं आऊंगा

चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय से बुंदेलखंड की आंचलिक पत्रकारिता में स्थानीय पत्रकारों के योगदान पर की पीएचडी

लंबे समय से दबंग पत्रकारिता करते हैं नरेंद्र


सन 1994 से साथी और बड़े भाई सहारा समय टीकमगढ़ के संवाददाता नरेंद्र अरजरिया को चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में आयोजित दीक्षांत समारोह में राज्यपाल एवं महामहिम कुलाधिपति लालजी टंडन ने भव्य समारोह में नरेंद्र अरजरिया को पीएचडी की उपाधि से सम्मानित किया है

बुंदेलखंड :- मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश दोनों को मिलाकर जमीनी स्तर पर काम करने वाले पत्रकारों पर रिसर्च और बुंदेलखंड के विकास में थानीय पत्रकारों के योगदान पर पीएचडी हासिल करने वाले पहले व्यक्ति हैं बीते 5 वर्षों से लगातार मेहनत कर रिसर्च पेपर तैयार किया जिसकी सराहना की जा रही है

छतरपुर जिले के हरपालपुर के पास सरसेड गांव में जन्मे और सामंतवादीयों के खिलाफ हमेशा आवाज उठाने वाले नरेंद्र अरजरिया ने अपने पत्रकारिता की शुरुआत छतरपुर के स्थानीय अखबारों से की थी इसके बाद मैं और अरजरिया एग्जिट पोल एजेंसी सी-वोटर से जुड़े और उत्तर प्रदेश चुनाव 2002 में Tv चैनल के लिए काम किया आज तक जैसी समाचार चैनल के लिए एग्जिट पोल का काम कर 2003 में सहारा समय मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ चैनल के लिए एक साथ इंटरव्यू देने दिल्ली पहुंचे बड़े भाई नरेंद्र अरजरिया का चयन टीकमगढ़ जिले के लिए हुआ और मैं पन्ना में सहारा समय का संवाददाता बनाया गया तभी से अभिन्न साथी और हमेशा बड़े भाई का मार्गदर्शन करने वाले नरेंद्र अरजरिया को इस सफलता पर बधाई के साथ उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं बड़े भाई को कई विशिष्ट मंचों में सम्मानित भी किया गया

डॉ वीरेंद्र व्यास का मार्गदर्शन

महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के प्रमुख डॉ वीरेंद्र व्यास के मार्गदर्शन में नरेंद्र अरजरिया ने यह सफलता अर्जित की है राष्ट्र ऋषि एवं भारत रत्न नानाजी देशमुख जी के मार्गदर्शन में गुरुकुल और ग्रामीण शिक्षा प्रणाली को अपनाने वाले इस विश्वविद्यालय में आज भी छात्र अपने अध्यापकों को गुरु मानते हैं और जमीन मैं बैठकर प्राचीन गुरुकुल पद्धति का चित्रण करते हुए अध्ययन करते हैं भले ही विश्वविद्यालयों में तमाम संसाधन और लग्जरी सुविधाएं उपलब्ध हों पर चित्रकूट के इस विश्वविद्यालय में ऐसे ही दृश्य देखने को मिल जाते हैं अपने और मेरे अभिन्न आदरणीय गुरु डॉ वीरेंद्र व्यास जी के सानिध्य में नरेंद्र जी

चित्रकूट,MP (जनसंपर्क विभाग) महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में पत्रकारिता और जनसंचार माध्यमों को लेकर हुए एक शोध में बुंदेलखंड की आँचलिक पत्रकारिता के यथार्थ का रहस्योद्घाटन हुआ है। यह कठिन कार्य बुंदेलखंड की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की पत्रकारिता से जुड़े नरेंद्र कुमार अरजरिया ,टीकमगढ़,मध्यप्रदेश ने शोधप्रविधि के मापदंडों और गुणवत्ता के मानकों को अपनाते हुए किया है। महात्मा ग़ांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो नरेश चंद्र गौतम ने पत्रकारिता और जनसंचार छेत्र के लब्धप्रतिष्ठ विद्द्वानो के मूल्यांकन ,उनके समक्ष आकर्षक प्रस्तुति और सफल मौखकी परीक्षा – परिणाम के बाद पत्रकार नरेंद्र कुमार अरजरिया को पी एच डी परीक्षा उत्तीर्ण करने का प्रमाण पत्र प्रदान किया है। मध्यप्रदेश के महामहिम राज्यपाल और विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति लाल जी टंडन ग्रामोदय विश्वविद्यालय के आगमी दीक्षात समारोह में डॉ नरेन्द्र कुमार अरजरिया को सार्वजनिक रूप से पी एच डी की उपाधि पूरे1 गौरव के साथ प्रदान करेंगे।इस समारोह में डॉ अरजरिया की वात्सल्यमयी बुजुर्ग माँ उपस्थित रहकर उनके स्वर्गीय पिताश्री का प्रतिनिधित्व भी करेगीं।ज्ञातव्य है कि डॉ नरेंद्र अरजरिया ने बुंदेलखंड की आँचलिक पत्रकारिता और कार्यरत पत्रकारों पर अनुसंधान कार्य अपने स्वर्गीय पिताश्री की भावना और उनके आदेश पर प्रख्यात जनसंचार वैज्ञानिक एवं प्राध्यापक डॉ वीरेंद्र कुमार व्यास के सफल निर्देशन में किया है। पत्रकारिता के अंतरराष्ट्रीय विद्द्वान डॉ अर्जुन तिवारी ने डॉ अरजरिया के शोध कार्य की सराहना करते हुए सुझाव दिया है कि इसका प्रकाशन किया जाना चाहिए।डॉ अरजरिया ने बताया कि बुंदेलखंड की पत्रकारिता बड़ा कठिन और श्रमसाध्य कार्य है।आंचलिक पत्रकार शोषित और सामंती ताकतों से लगभग प्रत्येक दिन संघर्ष करता है।डॉ अरजरिया के अनुसार बुंदेलखंड की आंचलिक पत्रकारिता पर यह पहला शोध हैं,जिसमे मध्यप्रदेश के 06 जिले और उत्तरप्रदेश के 7 जिले शामिल थे।

साथियों ने दी बधाई

नरेंद्र अरजरिया 2003 से सहारा समय मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ के टीकमगढ़ में संवाददाता है उन्होंने बुंदेलखंड के पिछड़ेपन और सामंतवाद के खिलाफ कई चर्चित स्टोरियां की है उनके शोध और डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने पर सहारा समय से जुड़े साथियों ने बधाई दी है और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है

बीटेक के छात्र अपहरण में शामिल
6 हिरासत में
20लाख की फिरौती वसूली
चित्रकूट के प्रतिष्ठित इंग्लिश मीडियम स्कूल की बस से हुआ था दो सगे भाइयों का अपहरण
घटना के 1 किलोमीटर दूर ही 3 दिन तक रखे रहे किसी को खबर नहीं लगी
भारी पुलिस बल तैनात
शोक और दहशत का माहौल

चित्रकूट भले ही डकैतों के आतंक के लिए बदनाम रहा हो पर जो जघन्य अपराध बड़े-बड़े डकैतों ने नहीं किया यह दिल दहला देने वाली घटना पढ़े-लिखे छात्रों ने कर डाली पैसे के लिए चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में बी टेक जैसी प्रतिष्ठित डिग्री प्राप्त कर रहे छात्रों ने मिलकर 20लाख फिरौती के लिए दो मासूम बच्चों का अपहरण किया और पैसा वसूलने के बाद इन दोनों सगे भाइयों को हाथ पैर बांधकर जिंदा जमुना नदी में फेंक दिया जिससे उनकी मौत हो गई इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम देने वाले इन पढ़े-लिखे इंजीनियर छात्रों के हाथ भी नहीं काँपे दोनों मासूमों की लाश up बांदा जिले के ऑगासी के पास जमुना नदी में मिली है पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर कार्यवाही शुरू की और धर पकड़ अभियान शुरू हो गया है इनको उठाया 20 लाख की फिरौती के बाद जो कॉल डिटेल सामने आए हैं

उससे अब तक 6 लोगों को हिरासत में लिया गया है यह पढ़े-लिखे छात्र मोबाइल की जगह इंटरनेट का उपयोग करते थे और पहले 1करोड़ रुपए फिरौती मांगी

जिसमें अभी जो खबरें सामने आई है उसमें ग्रामोदय विश्वविद्यालय के एक सुरक्षा अधिकारी का बेटा चित्रकूट के प्रतिष्ठित पुरोहित का पुत्र सहित 6 छात्र शामिल है जिसे पुलिस ने राउंडअप कर लिया है
इस जघन्य दिल दहला देने वाली घटना को सुनकर हर कोई बेहद दुखी है

जो अभी सूचनाएं मिली है उससे पता चला है कि अपहरण वाली घटना के बाद वही नजदीक एक किराए के मकान पर इन छात्रों को बेहोशी की हालत में रख लिया गया था अगर आसपास के इलाके में तलाशी ली जाती तो शायद इनका पता चल सकता था जानकी कुंड पानी टंकी के पास वाले मोहल्ले में किसी मकान में रखा था और 3 दिन बाद वह इन बच्चों को ले गए


स्कूल प्रबंधन ने की थी एक लाख की घोषणा
चित्रकूट की सबसे प्रतिष्ठित संस्था द्वारा इस इंग्लिश मीडियम स्कूल का संचालन किया जाता है जहां से इन बच्चों का अपहरण किया गया था इसके बाद से प्रबंधन बेहद हताश परेशान था प्रमुख संचालक 2 दिन तक भोजन नहीं कर सके उन्होंने सूचना देने वालों को ₹1लाख पुरस्कार देने की भी घोषणा की थी बताया जा रहा है कि इसी संस्था से जुड़े एक बड़े पुरोहित के बच्चों ने इस घटना को अंजाम दिया है जिससे और भी लोग परेशान हैं और दहशत के माहौल में लोग अपने बच्चों को घर से बाहर नहीं निकलने दे रहे

बच्चों के शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है सिलसिलेवार पुलिस अब घटना को उजागर करेगी फिलहाल इस घटना को अंजाम देने वाले नरपिशाचो को हिरासत में ले लिया गया है

पने अड़ियल रुख के लिए बदनाम है बासु कनौजिया
नियम विरुद्ध कार्यवाही करने पर न्यायालय से लग चुका है जुर्माना
ऐसे ही उत्तरवन मंडल से हटाई गई थी 2010 बैच की आईएफएस अधिकारी
टाइगर रिजर्व के उप संचालक पद से भी हटाया गया
बाघों की सुरक्षा को हो गया था खतरा पैदा अब मजबूत होंगी गतिविधियां

तेजतर्रार IFS अधिकारी बासु कनौजिया का व्यवहार लोगों को प्रताड़ित करने वाला सिद्ध होता रहा है यही कारण है कि उन्हें पोस्टिंग के तत्काल बाद उनकी क्रियाकलापों के कारण हटाने की मांग उठने लगती है एक बार फिर वासु कनौजिया को पन्ना टाइगर रिजर्व के उपसंचालक से हटाकर वनमंडल अधिकारी अलीराजपुर कर दिया गया है शासन के आदेश जारी होने के बाद ही पन्ना टाइगर रिजर्व के कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है और टाइगर रिजर्व से लगे हुए ग्रामीणों को प्रताड़ना से भी मुक्ति मिल गई इतना ही नहीं 2010 बैच की आईएफएस वासु कनौजिया द्वारा अपने वरिष्ठ अधिकारी से सीधी लड़ाई लड़ने और उनके लिए गए नियम सम्मत फैसलों पर आपत्ति जता कर न क्रियान्वित करने की भी आरोप लगते रहे हैं
फील्ड डायरेक्टर के एस भदौरिया से उनके संबंध ठीक नहीं है
जो भी विकासात्मक कार्य भदौरिया करना चाहते हैं या पन्ना टाइगर रिजर्व की सुरक्षा से संबंधित जो भी फैसले लिए जाते हैं उस पर बसु कनौजिया अडंगा खड़ा करती रही है और उनके फैसलों के खिलाफ ही उनको बिना जानकारी के कई विभागों को लिखकर कार्य रुकवाने पर इंटरेस्ट लेती रही और यही कारण है कि पन्ना टाइगर रिजर्व की काम-धाम इस समय प्रायः ठप हो गए थे और सुरक्षा में लगे अधिकारी कर्मचारी भी बेहद परेशान और जो नए पर्यटन क्षेत्र खोले जाने थे उन पर भी बसु कनौजिया ने आपत्ति लगाई थी इस कारण से शासन ने भी विवादित वासु कनौजिया का पन्ना से स्थानांतरण आदेश जारी कर दिया है

उनके स्थान पर 2015 बैच के IFS जरांडे ईश्वर रामहरि को पदस्थ किया है जो अभी परिवीक्षा अवधि में है उम्मीद है कि राम हरि की पोस्टिंग के बाद टाइगर रिजर्व के हालात सुधरेंगे और इसका फायदा टाइगर रिजर्व और बाघों की सुरक्षा को मिलेगा

अलौकिक स्थान है झलारिया महादेव
इस विलक्षण स्थान में गंगा स्वयं करती है अभिषेक
साल में सिर्फ एक बार मिलती है अनुमति

झलारिया महादेव मंदिर पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में स्थित है यहां टूरिस्ट और श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति नहीं रहती वर्ष भर के इंतजार के बाद वर्ष में सिर्फ एक बार श्रद्धालुओं को यहां आने जाने की विशेष अनुमति दी जाती है इस कारण से झलारिया महादेव आज दिन भर के लिए श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है इस विलक्षण स्थान को देखने के लिए वर्ष भर लोग इंतजार करते हैं क्योंकि इस अलौकिक दिव्य स्थान में भगवान शंकर की अद्भुत प्रतिभा तो है ही गंगा मैया स्वयं चट्टान फाड़ कर शंकर जी का अभिषेक करती हैं कोर जोन एरिया के इस मंदिर में 7 दिन के लिए भागवत कथा का आयोजन किया गया है और समिति के सदस्य व्यवस्थाएं करते हैं और भंडारे के लिए एक दिन को क्षेत्र खोला जाता है आज भंडारा होने के कारण विशेष अनुमति प्रदान की गई है जिसमें सभी लोग इस स्थान के दर्शन कर पुण्य लाभ ले सकेंगे

पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार स्थानीय लोगों की आस्था और भावना को ध्यान में रखकर प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी विशेष अनुमति देकर झलारिया महादेव के लोग दर्शन कर सकेंगे इसके लिए टाइगर रिजर्व ने पुख्ता इंतजाम किए हैं रास्ते पर किसी को कोई वाइल्डलाइफ को प्रभावित करने नहीं दिया जाएगा श्रद्धालु स्वयं के बाहन से हिनौता गेट से इंट्री करा कर और विधिवत पास लेकर झलारिया महादेव मंदिर तक जा सकेंगे

यह गेट सुबह 10:00 बजे से खोल दिया जाएगा और शाम 4:00 बजे तक वाहनों को प्रवेश दिया जाएगा श्रद्धालु स्वयं के वाहन से जा सकते हैं
समिति के सदस्यों ने अपील की है कि जो भी श्रद्धालु आते हो टाइगर रिजर्व के किसी नियम को ना तोड़े और नियमों में रहकर ही दर्शन करें टाइगर के अधिकारियों ने भी अपील की है कि की वन्यजीवों का एरिया है इसलिए अपने निजी वाहनों से सीधे उसी स्थान तक जाएं और शीघ्र दर्शन कर वापस आए किसी भी नियम तोड़ने पर वैधानिक कार्यवाही भी होगी
इस दिव्य स्थान पर श्रद्धालु बड़ी संख्या में आज पहुंचेंगे जिसके देखरेख के प्रबंध टाइगर रिजर्व अलौकिक स्थान हे

यह स्थान दर्शनी और आध्यात्मिक है दर्शन करने से यहां लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण होती ही है प्राकृतिक स्थान होने के कारण भी अलौकिक माना गया है क्योंकि एक विशालकाय चट्टान के नीचे छोटी सी गुफा है वहां मूर्ति विराजमान है और जलधारा इस चट्टान को फाड़कर स्वयं प्रकट हुई आसपास कहीं पानी ना होने के बावजूद निरंतर 24 घंटे जलधारा झलारिया महादेव के ऊपर प्रवाहित होती रहती है जो अद्भुत है ऐसा स्थान कहीं देखने को नहीं मिलता स्थानीय लोगों की माने तो टाइगर भी यहां दर्शन करने आते हैं इस स्थान को देखने वालों की इच्छा सिर्फ आज ही पूरी हो सकती है क्योंकि पूरे साल यहां आने जाने की अनुमति नहीं रहती

श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वन्यजीव क्षेत्र होने के कारण यहां शांति और बिना भीड़ इकट्ठे किए ही पहुंचकर दर्शन करें हालांकि इस सबके लिए टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने गाइडलाइन जारी की है चप्पे-चप्पे पर वन कर्मी मौजूद किए हैं और जिस रास्ते से जाना है उसमें पूरे जंगल में दिशा सूचक लगाए गए हैं

1 बार विधायक हो 1 बार सांसद रहे जितेंद्र सिंह

खजुराहो से सांसद रहे एवं छतरपुर जिले के भाजपा जिलाअध्यक्ष जितेंद्र सिंह बुंदेला रविवार को दिल्ली में निधन हो गया। वे काफी समय से अस्वस्थ्य थे। दिल्ली के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। वह 2003 से 2008 तक विधायक रहे। 2009 में खजुराहो सीट से सांसद चुने गए थे। बुंदेला का जन्म सतना जिले में 22 सितंबर 1958 को हुआ था। उनका विवाह 25 फरवरी 1988 को वंदना सिंह से हुआ था। उनकी दो पुत्रियां भी है।
जितेंद्र सिंह बुंदेला पहरा गांव के रहने वाले हैं छतरपुर जिले का बड़ा क्षत्रिय परिवार है जिसकी रिश्तेदार या पूरे बुंदेलखंड में है पन्ना में कई बड़े छतरी परिवार इन्हीं के वंशज पाटीदार है बुंदेला वर्तमान में छतरपुर जिला मुख्यालय में रह रहे थे और विधानसभा चुनाव के दौरान उन्हें भाजपा ने बड़ी जिम्मेदारियां सौंपी थी और आने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा के प्रबल तम प्रत्याशियों में गिना जा रहा था इस दुखद घटना के बाद भारतीय जनता पार्टी सहित राजनीतिक हल्के में शोक का माहौल है क्योंकि पन्ना जिले की सांसद रहते जितेंद्र सिंह बुंदेला का लगाओ पन्ना से हो गया था कई विकास कार्यों में उन्होंने योगदान दिया अपने मिलनसार और मददगार स्वभाव के कारण जितेन सिंह बुंदेला सबकी चहेते थे
भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष सतानंद गौतम ने कहा कि यह एक भाजपा की अपूरणीय क्षति है अपने नेक कार्य के लिए जीतेंद्र सिंह बुंदेला हमेशा याद किए जाएंगे

पन्ना जिले के समस्त भाजपा नेताओं ने उनके निधन निधन पर दुख प्रकट किया है

न्ना बफर जोन में टूरिस्ट की शुरुआत, रात में भी होगा बाघों का दीदार

पन्ना शहर से नजदीक अकोला गीत खोला गया पर्यटन शुरू करने और विरोध में 2 बड़े अधिकारियों में था विवाद एनटीसी तक पहुंची थी बात पाटन शुरू होने से क्षेत्र में विकास की संभावना टाइगर रिजर्व में टूरिज्म का दबाव कम करने और जंगल प्रोटेक्शन के लिए शुरू किया गया पर्यटन नाइट सफारी भी होगी

पन्ना टाइगर रिजर्व के अंदर लगातार बढ़ते पर्यटन के दबाव को कम करने तथा बफर जोन क्षेत्र में पर्यटन को शुरू करने के उद्देश्य आज पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने अकोला गेट का शुभारंभ किया है सुबह पन्ना टाइगर रिजर्व की फील्ड डायरेक्टर k एस भदौरिया ने तमाम प्रशासनिक अधिकारी और मैदानी कर्मचारियों के बीच टूरिस्ट को गेट खोलकर बफर क्षेत्र में पर्यटन कराया

अकोला पन्ना शहर से सबसे नजदीक लगने वाला क्षेत्र है जहां टूरिस्ट वाइल्ड लाइफ का आनंद ले सकेंगे लंबे समय से पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन से इस क्षेत्र में टूरिज्म शुरू करने की मांग हो रही थी वन्य प्राणियों के दर्शन और जंगल में लगातार निगरानी बढ़ाने के लिए प्रबंध ने यह शुरूआत की है यहां टूरिस्ट कम शुल्क पर भ्रमण कर सकेंगे अकोला गेट से जैसे ही प्रवेश करेंगे वाइल्डलाइफ और वर्ड वाचिंग का आनंद उठाया जा सकता है स्थानीय लोगों ने शुरू की गई इस पहल का स्वागत किया गया है

किसी भी वन क्षेत्र में रात में पर्यटन की अनुमति नहीं है लेकिन इस बफर क्षेत्र में पर्यटन रात में भी किया जाएगा लिहाजा जंगल के राजा के दर्शन रात में भी टूरिस्ट को हो सकता है और वाइल्ड लाइफ का आनंद उठाया जा सकता इसी कारण से प्रबंधन ने यह प्रयास शुरू किया है आज जिन लोगों ने भ्रमण किया उन्हें बफर क्षेत्र में नीलगाय सांभर चीतल और खूबसूरत पक्षियों के दर्शन हुए फिल्म डायरेक्टर का कहना है की इस टूरिज्म से क्षेत्र में जंगल का संरक्षण भी होगा स्थानीय लोगों को आर्थिक लाभ मिलेगा और टूरिस्ट जंगल और वाइल्डलाइफ से जुड़ सकेंगे उन्होंने कहा कि शीघ्र ही इस क्षेत्र को और विकसित किया जाएगा जिससे पर्यटन बड़ेगा

ज्ञात हो कि यहां पर्यटन शुरू करने की योजना पहले से बन चुकी थी लेकिन स्थानीय अधिकारियों की तकरार के कारण टूरिज्म शुरू नहीं हो सका था इसके लिए प्रबंधन ने एनटीसीए यानी नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी एवं डब्लू डब्लू आई से भी अनुमति ली है जिससे टूरिस्ट ओं के लिए और सुविधाएं जुटाई जा सके पर्यटन के लिए यह गीत शुरू हो जाने से स्थानीय लोग उत्साहित हैं

हानी बाघों की:- बुंदेलखंड की धरती फिर हुई आवाद
विलुप्त हो गया है बुंदेली खंड का जींस
बाघों के खात्मे के लिए बदनाम रहा है पन्ना
पर्यटन की रीढ़ है पन्ना टाइगर रिजर्व

पन्ना की धरती का बाग देश दुनिया में प्रसिद्ध रहा है बुंदेली जींस पूल के बाद ताकतवर और क्षमता वान माने जाते हैं सदानीरा केन की किनारे बाघों की मजबूत दुनिया बसती थी लेकिन प्रकृति के दुश्मनों की ऐसी नजर लगी कि पूरे भाग गायब हो गए सरकार की कड़ी मेहनत और स्थानीय लोगों के लगाव के कारण एक बार फिर बाघों से पन्ना आबाद है पर बीते कुछ दिनों से जो मामले सामने आ रहे हैं बाघों की दुनिया फिर खतरे में बताई जा रही है आसपास के क्षेत्रों में परंपरागत शिकारी बहेलिया समुदाय के लोग सक्रिय है जो बड़ा नुकसान कर सकते हैं
बुन्देलखण्ड क्षेत्र का यह इलाका प्रकृति के अनगिनत सौगातों से समृद्ध रहा है। आजादी से पूर्व राजाशाही जमाने में बुन्देलखण्ड क्षेत्र के घने जंगलों में 5 सौ से भी अधिक बाघ स्वच्छन्द रूप से विचरण करते रहे हैं, यही वजह है कि इस इलाके को बाघों की धरती भी कहा जाता रहा है। लेकिन आजादी के बाद तेजी के साथ मानव आबादी बढ़ी और जंगल सिकुड़ते चले गये। नतीजतन बाघों के प्राकृतिक रहवास उजडऩे लगे और इस शानदार वन्यजीव की संख्या भी घटने लगी। हमेशा बाघों से आबाद रहे बुन्देलखण्ड क्षेत्र के इस इलाके को वर्ष 2009 में तब गहरा झटका लगा जब इस तथ्य का खुलासा हुआ कि पन्ना बाघ अभ्यारण्य में अब एक भी बाघ नहीं बचा। इस खुलासे के बाद पूरे देश में हड़कम्प मच गया। तब आनन-फानन सरकार द्वारा पन्ना में बाघ पुनस्र्थापना योजना शुरू करने का निर्णय लिया गया। इसी के साथ ऐसे वन अधिकारी की खोजबीन भी शुरू हुई जिसमें वह काबिलियत और क्षमता हो जो पन्ना की खोई हुई प्रतिष्ठा को वापस ला सके। ऐसी विपरीत और विकट परिस्थितियों में आर. श्रीनिवास मूर्ति को पन्ना बाघ पुनर्स्थापना योजना को मूर्त रूप देने की जवाबदारी सौंपी गई।
किसी को नहीं थी सफलता की उम्मीद
बाघ पुनर्स्थापना योजना के शुरू होने पर किसी को भी इस बात की उम्मीद नहीं थी कि बाहर से बाघों को यहां लाकर उनके कुनवे को बढ़ाने में सफलता मिलेगी। हर तरफ आक्रोश और विरोध का माहौल था, ऐसे विपरीत माहौल में कान्हा, बांधवगढ़ और पेंच से बाघों को पन्ना लाया गया। बेहद साधारण से दिखने वाले आर. श्रीनिवास मूर्ति ने बाघों को पन्ना में फिर से बसाने के लिये खुद भी जंगल को अपना बसेरा बना लिया और जुनून की हद तक बाघों को आबाद करने के काम में जुट गये। बाघों के लिये अनुकूल और सुरक्षित वातावरण बनाने के लिये उन्होंने कड़े कदम भी उठाये और कई प्रभावशाली लोगों को जेल तक पहुँचा दिया। बाघों के प्रति उनका सम्मान तथा लगन और मेहनत को देख कुछ लोग मूर्ति जी से प्रभावित हुये तथा उनके कार्य में सहभागी भी बने। धीरे-धीरे समर्थन और सहयोग करने वालों का कारवां बढऩे लगा नतीजतन पन्ना में यह नारा दिया गया जन समर्थन से बाघ संरक्षण, जिसका चमत्कारिक असर हुआ।

जनता का समर्थन

जन समर्थन से बाघ संरक्षण का नारा इतना प्रभावी और कारगर हुआ कि छोटे-छोटे स्कूली बच्चे भी बाघ संरक्षण की मुहिम से जुडऩे लगे। इस बीच कान्हा और बान्धवगढ़ से आई बाघिनों ने नन्हे शावकों को जन्म देकर वीरान से पड़े पन्ना टाईगर रिजर्व को फिर से गुलजार कर दिया। फिर तो सफलता की नित नई ऊँचाईयों को बाघ पुनर्स्थापना योजना छूने लगी। इस योजना के तहत यहां पर अनाथ और पालतू बाघिनों को जंगली बनाने का करिश्मा भी घटित हुआ, जिससे पन्ना पार्क विश्व स्तर पर चर्चित हो गया। बीते 7 वर्षों में पन्ना टाईगर रिजर्व में 55 से भी अधिक बाघ शावकों का जन्म हो चुका है। पन्ना में जन्मे बाघ अब बुन्देलखण्ड और बघेलखण्ड के अलावा अन्य इलाकों में भी विचरण कर रहे हैं।

ग्रामीणों ने चुकाई बड़ी कीमत, अभाव में जीने को मजबूर

पन्ना टाइगर रिजर्व के चारों और रहने वाले ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ इसलिए नहीं मिल पाता क्योंकि आसपास टाइगर रिजर्व बसा हुआ है तमाम नियम कायदों में उलझा कर यहां का उद्योग चौपट कर दिया गया है लोग अपनी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति भी नहीं कर पाते तमाम कष्टों के बावजूद दिल में पत्थर रखकर बाग का संरक्षण करते हैं इसके लिए भारी कीमत भी चुकानी पड़ी है बिना समर्थन और ग्राम पंचायतों के प्रस्ताव के बड़े क्षेत्र में बफर जोन घोषित कर दिया गया इसके लिए नियम कायदों की भी परवाह नहीं की गई विरोध हुआ सरकार के निर्देशों का पालन भी नहीं हुआ और बफर जोन बना दिया गया अभी टाइगर रिजर्व के कारण पूरे इलाके का विकास प्रभावित है इसके बावजूद यहां के लोग बाघों से प्रेम करते हैं आर्थिक तंगी में जीवन यापन करने के बावजूद जंगल और बाघ चाहते हैं पर जिस तरीके से खतरा मंडरा रहा है उससे पन्ना में दोहरी मार पड़ने की उम्मीद है पन्ना टाइगर रिजर्व से लगी सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों को भारी अभाव में जीवन यापन करना पड़ता है