✎ शिव कुमार त्रिपाठी
पन्ना से उठी विरोध की चिंगारी बुंदेलखंड की आवाज बनेगी
श्रीकांत पप्पू दीक्षित ने आयोजित की हल्ला बोल रैली
उमड़ा भारी जन सैलाब शहर में कोने कोने में दिखे कांग्रेसी
प्रदेश कांग्रेश कार्यकारिणी सदस्य श्रीकांत दीक्षित की अगुवाई में आज कांग्रेस पार्टी ने शहर में 21 सूत्रीय मांगों को लेकर हल्ला बोल रैली का आयोजन किया जिसमें भारी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता पन्ना पहुंचे और भाजपा सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ हल्ला बोला, पन्ना शहर में इतनी भीड़ थी कि शहर के कोने-कोने में कांग्रेसी कार्यकर्ता दिखाई दे रहे थे इस हल्ला बोल रैली में कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर कांग्रेश की के तहत नई ऊर्जा का संचार किया है
जिला कांग्रेस कमेटी एवं पीसीसी मेंबर श्रीकांत पप्पू दीक्षित द्वारा हल्ला बोल रैली का आयोजन किया गया जिसमें बिजली, पानी, सड़क, स्वास्थ्य, जले ट्रांसफार्मर बदलने, किशोर जी मंदिर कॉरिडोर का निर्माण ,पॉलिटेक्निक कॉलेज, एग्रीकल्चर कॉलेज , डायमंड पार्क , राजस्व वन सीमा विवाद सहित तमाम मुद्दों को लेकर हल्ला बोल रैली का आयोजन किया गया जिसमें भारी संख्या में जनसमुदाय उमड़ पड़ा
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा एवं मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की पन्ना जिला कांग्रेश प्रभारी ने कहा कि पन्ना से जो आवाज उठी है वह बुंदेलखंड की आवाज बनेगी और प्रदेश में होने वाले चुनाव में कमलनाथ की सरकार बनेगी
जिला कांग्रेस प्रभारी-सन्मत सैनी सफल हल्ला बोल रैली के आयोजन के लिए पप्पू दीक्षित की तारीफ की
ज्ञापन देने भारी जन समुदाय के साथ कांग्रेसी कलेक्ट्रेट पहुंची जहां राज्यपाल के नाम 21 सूत्री ज्ञापन सौंपा गया एसडीएम सत्यनारायण दरों कहा ज्ञापन ले लिया गया है एसडीएम ने कहा ज्ञापन लेकर नियमानुसार राजभवन भेजा जा रहा है लंबे अरसे बाद यह पहला मौका है जब इतनी तादाद में कांग्रेस के लोग पन्ना पहुंचे और भाजपा की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाई और अपनी समस्याओं का समर्थन कर ज्ञापन सौंपा
पन्ना विधानसभा क्षेत्र में ज्वलंत समस्याएं व्याप्त हैं। जिसके निराकरण न होने के कारण लोगों को असुविधाओं का जहां सामना करना पड़ रहा है, वहीं परेशान होना पड़ रहा है। आज दिनांक 12 जनवरी 2023 को पन्ना विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों से शामिल हुए कांग्रेस कार्यकर्त्ता व स्थानीय लोग पैदल मार्च कर कलेक्ट्रेट में हल्ला बोल प्रदर्शन के माध्यम से निम्नानुसार समस्याओं के निराकरण कराये जाने के लिए ज्ञापन प्रेषित कर रहे हैं, जो कि निम्न हैं:-
1. बिजली की समस्या : वर्तमान समय किसानों के लिए खेतों में पानी लगाने का है और ऐसे समय में सैकड़ों ग्रामों में ट्रांसफार्मर खराब पड़े हुए हैं। जिसके चलते लोगों को बिजली की उपलब्धता न होने के कारण उनके खेत सूख रहे हैं। कई ग्रामों में पहुंचने पर ज्ञात हुआ है कि बिजली के बिल की राशि जमा होने के बाद भी ट्रांसफार्मर नहीं बदले जा रहे हैं। जैसे अजयगढ़ जनपद के बिलाही, कीरतपुर, परगवापुरबा व रमजूपुर तथा पन्ना जनपद के लक्ष्मीपुर पंचायत में किसानों व ग्राम वासियों की इस ज्वलंत समस्या के लिए बिजली विभाग को निर्देश दिये जाएं कि वह इस पर उन गांवों को चिन्हांकित करते हुए शीघ्र जले / बिगड़े ट्रांसफार्मर बदले जाने की कार्यवाही करते हुए किसानों को राहत प्रदान करे।
बंगाली समाज की समस्याओं का निराकरण : पन्ना विधानसभा क्षेत्र के ग्राम रक्सेहा, जमुनहाई, उड़की, अहिरगुवा कैम्प, कुंजवन, जरूआपुर आदि ग्रामों में बंगाली समाज को पांच दशक पूर्व विस्थापित किया गया था। लेकिन इस समाज के लोगों के जहां जाति प्रमाण पत्र नहीं बनाये जा रहे हैं, वहीं इनके जमीन व आवासीय के पट्टे संबंधित कठिनाईयों को दूर नहीं किया जा रहा है, जिसके कारण बंगाली समाज के लोग शासन-प्रशासन के चक्कर लगाकर परेशान हो रहा है। इस संबंध में प्रशासनिक स्तर से एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाये, जो इस समाज की समस्याओं का निराकरण करने के लिए कार्यवाही करे।
3. रूंझ डेम के प्रभावितों को मुआवजा मिले : जल संसाधन विभाग पन्ना के द्वारा वन परिक्षेत्र विश्रामगंज के अंतर्गत करोड़ों रूपये की लागत से रूझ डेम परियोजना का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें ऐसी जानकारी निकलकर सामने आ रही है कि काफी गरीब लोगों जिनकी जमीन इस डेम के डूब क्षेत्र में आ रही है, उन लोगों को मुआवजा दिये जाने की कार्यवाही अभी तक नहीं की गयी है। जिनकी जांच करवाई जाकर उसमें प्रभावित होने वाले किसानों को मुआवजे की राशि प्रदान किए जाने की कार्यवाही की जाये।
4. पुलिस में फर्जी आपराधिक प्रकरण में रोक लगे प्रायः यह देखने में आ रहा है कि पन्ना विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्त्ताओं व ग्रामीणों के ऊपर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के इशारे पर पुलिस में फर्जी आपराधिक प्रकरण दर्ज करते हुए उनके ऊपर दबाव बनाये जाने का काम किया जा रहा है। इस प्रकार की सत्ताधारी दल के लोगों की कार्यवाही से आम जन मानस में आक्रोष व्याप्त है। इस ज्ञापन के माध्यम से यह मांग की जाती है कि फर्जी आपराधिक प्रकरण दर्ज किये जाने की कार्यवाही में रोक लगाई जाये।
5. स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल पन्ना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न ग्रामों में स्वास्थ्य विभाग की बिल्डिंग उपलब्ध है, लेकिन वहां न तो डॉक्टर है और न ही नर्स है। ऐसी स्थिति में बीमार लोगों को जिला मुख्यालय या बाहर जाकर इलाज कराना पड़ रहा है। उदाहरण बतौर पन्ना टाइगर रिजर्व से लगे हुए पन्ना विधानसभा के अंतिम छोर के ग्राम ललार जहां की आबादी लगभग पन्द्रह सौ से दो हजार है, लेकिन वहां पर एक भी नर्स नहीं है। यदि गांव का कोई व्यक्ति बीमार पड़ता है तो उसे केन नदी पार करते हुए इलाज के लिए छतरपुर या पन्ना जाना पड़ता है। एक तरफ सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं पर करोड़ों रूपये खर्च करने की बात करती है, वहीं स्वास्थ्य सुविधाएं यहां के लोगों को नहीं मिल रहीं हैं। जो कि अत्यंत चिंताजनक है। जिला मुख्यालय स्थित जिला अस्पताल तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अजयगढ़ में स्त्री रोग चिकित्सक सहित महत्वपूर्ण चिकित्सकों के पद रिक्त पड़े हुए हैं। जिससे महिला मरीजों सहित अन्य गम्भीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों को अस्पताल में उचित उपचार की व्यवस्था नहीं है। इसके साथ ही साथ जिला मुख्यालय स्थित जिला अस्पताल में जो निर्धारित दवाएं हैं, उनमें से कई बीमारियों की दवाएं जिला अस्पताल में उपलब्ध नहीं हैं। सिविल सर्जन पन्ना द्वारा डिमांड किये जाने के बाद भी दवाएं, इंजेक्शन तथा उपचार में उपयोग की जाने वाली सामग्री की आपूर्ति नहीं हुई है। जिससे जिला अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचे मरीजों एवं भर्ती मरीजों का उचित उपचार अस्पताल में नहीं हो पा रहा है। शासन द्वारा दवाओं की जो सूची निर्धारित की गयी है, उसकी उपलब्धता नियमित रूप से सुनिश्चित की जाये। जिला अस्पताल में नियमित रूप से सोनोग्राफी नहीं हो रही है। जिससे मरीजों को परेशानी हो रही है। सोनोग्राफी की नियमित व्यवस्था के लिए जांचकर्त्ता की व्यवस्था की जाये। पन्ना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सकों की पदस्थापना की जाये।
6. उथली हीरा खदानें चालू हों पन्ना अत्यंत ही पिछड़ा व गरीब जिला है यहां पर कोई भी औद्योगिक धंधे नहीं हैं, ऐसी स्थिति में उथली हीरा खदान जो पूरी तरह से बंद पड़ी हुई हैं, उसको चालू कराये जाने की कार्यवाही की जाये, ताकि यहां के लोग काम के तलाश में बाहर न जायें और खदान लगाकर अपने भरण-पोषण कर सकें।
7. जंगली जानवरों से बचाई जाएं फसलें पन्ना टाइगर रिजर्व या सामान्य वन मंडल अपने वन्य प्राणियों को सुरक्षित रखने के लिए विभागीय स्तर पर बाउण्ड्रीबाल / खखरी / फेंसिंग करवाये, जिससे किसानों की फसलों को बचाया जा सके। क्योंकि यहां की अधिकांश आबादी कृषि पर निर्भर है और उनकी मेहनत से लगाई गयी फसल को जंगली जानवर बर्बाद कर देते हैं, जिसके चलते उनके
सामने परिवार के भरण-पोषण की समस्या उत्पन्न हो जाती है। यह जनहित में अत्यंत ही जरूरी मुद्दा है, जिस पर गम्भीरता से कार्यवाही की हम मांग करते हैं।
8. वन्य जीवों से हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति पन्ना टाइगर रिजर्व एवं उत्तर व दक्षिण वन मण्डल से निकलकर वन्य जीव पालतू जानवर जैसे गाय, भैंस, बकरी इत्यादि को मार देते हैं। सर्वे और निरीक्षण के बावजूद वन विभाग से क्षतिपूर्ति, मुआवजा नहीं दिया जाता। जबकि शासन से देने का प्रावधान है। कई प्रकरण लंबित पड़े हैं। अतः मांग की जाती है कि फसलों एवं पालतु जानवरों का हुए नुकसान का मुआवजा प्रत्येक घटना के एक सप्ताह के अंदर दिया जाये।
9. राजस्व – वन भूमि विवाद का निराकरण पन्ना जिले में खासकर पन्ना सीमा से सटे गांवों में राजस्व की जमीन पर हरी लाइन डाल दी गयी है। जबकि यह जमीन भूमि स्वामी या शासकीय राजस्व की है। ग्रामीण कई वर्षों एवं पुस्तैनी तरीके से खेती एवं अन्य कार्य करते आ रहे हैं। वन विभाग द्वारा जबरजस्ती ट्रेक्टर एवं अन्य कृषि उपकरण जब्त कर खेती से रोका जा रहा है। जिससे ग्रामीणों को भारी नुकसान हो रहा है। इसलिए अलग से वन व्यवस्थापन अधिकारी नियुक्त कर एक सीमा विवाद निस्तारण के लिए टीम का गठन कर 6 माह के अंदर वन-राजस्व सीमा विवाद का निराकरण कराया जाये।
10. इंजीनियरिंग कॉलेज एवं कृषि महाविद्यालय संचालित हों बीते पांच वर्ष पूर्व भाजपा सरकार द्वारा पन्ना में इंजीनियरिंग कॉलेज एवं कृषि महाविद्यालय की घोषणा / स्वीकृति की गयी थी। कहा जा रहा था कि राशि का आवंटन हो चुका है। इसके बावजूद अब तक कृषि महाविद्यालय एवं इंजीनियरिंग कॉलेज का संचालन नहीं किया जा रहा है। शासन-प्रशासन की ओर से एग्रीकल्चर कॉलेज खोला जाना और इस सत्र में प्रवेश प्रक्रिया की जानकारी दी जा रही है, किन्तु जबलपुर कृषि विश्वविद्यालय की वेबसाइट में विश्वविद्यालय क्षेत्रांतर्गत जिन कृषि महाविद्यालयों के नाम दर्ज हैं, उसमें पन्ना का नाम ही नहीं है। जिसको लेकर तत्काल कार्यवाही करते हुए एग्रीकल्चर कॉलेज की ओपनिंग पन्ना में कराई जाये। इसके साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा पन्ना में इंजीनियरिंग
कॉलेज खोले जाने की घोषणा 5 वर्ष पूर्व और उसके पहले भी की गयी थी, किन्तु अभी तक इंजीनियरिंग कॉलेज न तो स्वीकृत हुआ है और न ही कोई कार्यवाही हुई है, जो कि इस क्षेत्र के साथ धोखा एवं वादा खिलाफी है।
11. जुगल किशोर मंदिर कॉरीडोर का निर्माण पन्ना की पहचान यहां के प्राचीन मंदिरों से है। बुन्देलखण्ड ही नहीं पूरे देश के करोड़ों लोगों की आस्था यहां के मंदिरों से जुड़ी है। धार्मिक पर्यटक बड़ी संख्या में आते हैं। खासकर किशोर जी मंदिर में श्रद्धालुओं को असुविधा का सामना करना पड़ता है। इस कारण से किशोर जी मंदिर कॉरीडोर का निर्माण कराया जाये, जिससे व्यवस्थित दुकानों का निर्माण, सुविधाजनक आवागमन, पार्किंग, धर्मशाला एवं यात्रियों की अन्य सुविधाएं हो सकें और लोगों की आस्था प्रभावित न हो। कॉरीडोर निर्माण हो जाने से श्रद्धालुओं को सुविधा होगी और पन्ना के लोगों को रोजगार मिलेगा।
12. पेयजल समस्या का स्थाई समाधान पन्ना शहर की आबादी तेजी से बढ़ी है। प्राचीन तालाबों में पानी का भराव कम हुआ है। पेयजल आपूर्ति के एकमात्र साधन यहां के तालाबों में पानी का प्रवाह कम हुआ है। जिससे प्रति वर्ष गर्मियों में शहर वासियों को भीषण जल संकट का सामना करना पड़ता है। स्थाई समाधान के वगैर पन्ना में पानी की समस्या का निराकरण नहीं हो सकता। इस कारण से कुंजवन में कुड़िया डेम का निर्माण शीघ्र कराया जाये, जिससे पन्ना के लोगों को पीने का पानी मिल सके। रूझ डेम से पाइप लाइन के द्वारा पीने का पानी लाये जाने की योजना बनाई जाये, जिससे शहर को शुद्ध पीने का पानी मिल सके।
13. डायमंड पार्क का निर्माण पन्ना में सर्वोत्तम क्वालिटी का हीरा मिलता है। पन्ना में हीरा व्यापार से
बड़ा रोजगार सृजित हो सकता है। कई दशकों से डायमंड पार्क के झूठे वादे और आश्वासन किये
जाते हैं। लेकिन आज तक डायमंड पार्क का निर्माण नहीं हो सका है। इसलिए शहर के अंदर एक
डायमंड पार्क का निर्माण कराया जाये, जहां हीरे का व्यापार सुरक्षित तरीके से हो सके और लोगों को
रोजगार मिल सके।
14. लोकपाल सागर से किसानों को मिले सिंचाई का पानी लोकपाल सागर सिंचाई विभाग का तालाब है। वर्षों से यहां से कई गांवों को नहर के माध्यम से सिंचाई का पानी मिलता रहा है। बीते कुछ वर्षों से किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं दिया जा रहा, जिससे किसानों की फसलें सूख जाती हैं। इस कारण से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। इसलिए हमारी मांग है कि लोकपाल सागर से स्थाई रूप से किसानों को सिंचाई का पानी प्रदान किया जाये।
15. 132 केवी लाइन के खम्मे अनाधिकृत रूप से लगाये जाने के संबंध में पन्ना जिला अंतर्गत अजयगढ़ से पन्ना तक 132 केवी लाइन का कार्य बिना किसी सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के खम्भे लगाते हुए लाइन निकाली जा रही है। जबकि शासन की गाइन लाइन की कंडिका 6 अनुसार कम्पनी को गांवों / शहरों के उन भूमि मालिकों से अनापत्ति प्रमाण पत्र करना आवश्यक है, जिनकी भूमि पर लाइन के टावरों को खड़ा किया जा रहा है। साथ ही लाइन निर्माण के लिए पेड़ों की कटाई एवं राष्ट्रीय / राज्य राजमार्ग, नदी, रेल्वे ट्रेक आदि के साथ क्रासिंग के मामले में आवेदक कम्पनी को सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी प्राप्त करना चाहिए। इसके अतिरिक्त वन भूमि, दूरसंचार के पास से गुजरती लाइन में सक्षम प्राधिकारी की अनुमति लेनी अनिवार्य है। नगर पालिका क्षेत्र से लगा हुआ ग्राम राजापुर सुनहरा से 132 केवी लाइन के टावर गाड़ने हेतु गड्ढों का निर्माण किया जा रहा है, उसी के पास रेल्वे स्टेशन प्रस्तावित है एवं ग्राम की बसाहट है। भूमि स्वामियों की बिना किसी अनापत्ति प्रमाण पत्र एवं बिना किसी सक्षम न्यायालय / अधिकारी की अनुमति बिना ही जोर जबरजस्ती एवं ताकत के बल पर निर्माण कार्य किया जा रहा है जो जनहित एवं प्रस्तावित रेल्वे लाइन एवं ग्राम की बसाहट होने के कारण तत्काल बंद कराया जाये एवं अन्यत्र से लाइन निकाली जाये। साथ ही जिले के विभिन्न ग्रामीण व कस्बाई इलाकों में विद्युत विभाग द्वारा की जाने वाली अघोषित बिजली कटौती बंद की जाये।
16. वन व्यवस्थापन के अंतर्गत दिये गये पट्टों को कम्प्यूटर में कराया जाये दर्ज वन व्यवस्थापन अंतर्गत ग्रामीणों को जो पट्टे दिये गये हैं, उनमें वे अपना कृषि कार्य नहीं कर पा रहे हैं। ग्रामीणों को दिये गये पट्टे कम्प्यूटर में दर्ज नहीं किये जा रहे हैं। उदाहरण के तौर पर अजयगढ़
विकासखण्ड के ग्राम बिलाही में ग्रामीणों को वन व्यवस्था के तहत दिये गये पट्टे कम्प्यूटर में दर्ज न किये जाने से ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ज्ञापन के माध्यम से मांग की जाती है कि वन व्यवस्थापन अंतर्गत ग्रामीणों को प्रदान किये गये पट्टे कम्प्यूटर में दर्ज कराये जाएं।
17. मतदाता सूची में बीएलओ द्वारा नाम न जोड़ने के संबंध में जनपद पंचायत पन्ना के ललार ग्राम में 25 दिसम्बर को आयोजित की गयी गांधी चौपाल के दौरान ग्राम वासियों यह बात प्रमुखता से उठाई गयी कि पात्र मतदाताओं के यहां पर तैनात बीएलओ द्वारा नाम मतदाता सूची में नहीं जोड़े जा रहे हैं। इस संबंध में मांग की जाती है कि इसकी जांच कराई जाये, पात्र मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में जोड़े जाने के निर्देश प्रसारित किये जायें।
18. नहरों के निर्माण की मांग जल संसाधन विभाग द्वारा जिले के विभिन्न क्षेत्रों में करोड़ों रुपये की लागत से बांध के निर्माण तो किये गये, परंतु इन बांधों के तहत नहर निर्माण न किये जाने से किसानों को इन बांधों का लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है। ज्ञापन के माध्यम से मांग की जाती है कि निर्मित हुये बांधों अंतर्गत जल्द से जल्द नहर निर्माण कराया जाये।
19. किसानों को सुलभ हो खाद-बीज जिले में किसान खाद-बीज की समस्या को लेकर परेशानी का सामना कर रहे हैं। जिले के विभिन्न क्षेत्रों खाद-बीज की कालाबाजारी की खबरें सामने आ रही हैं। किसानों को आसानी से खाद-बीज उपलब्ध हो सके, इस दिशा में प्रभावी कार्यवाही की जाये।
20. जल जीवन मिशन के तहत हुए कार्यों की जांच हो: पन्ना जिले में जल जीवन मिशन अंतर्गत करोड़ों रूपये खर्च करके नल-जल योजना के तहत पानी पहुंचाये जाने के लिए पाईप लाइन डाली गयी, बोर कराये गये, लेकिन अधिकांश नल-जल योजनाएं ठप्प पड़ी हुई हैं। ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में पानी पहुंचाये जाने के लिए टंकी में जो पाइन लाइन डाली गयी हैं वह भी बंद पड़ी हुई हैं। समाचार पत्रों में जल जीवन मिशन के तहत कराये गये कार्यों में हुई अनियमितताओं को प्रमुखता से प्रकाशित करने के बाद भी जिला प्रशासन / लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं की गयी। इससे यह प्रदर्शित होता है कि इस पूरे मामले में कहीं न कहीं ठेकेदारों के
ऊपर विभागीय संरक्षण है। इसको गम्भीरता से लेते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जाये, बंद
नल-जल योजनाओं को शुरू किया जाये तथा दोषियों पर कार्यवाही की जाये।
21. रेत के अवैध उत्खनन पर रोक लगे पन्ना की केन नदी में रेत का अवैध उत्खनन अनवरत रूप से होने से केन नदी का स्वरूप बिगड़ता जा रहा है। केन नदी में दिन-रात होने वाले रेत के अवैध उत्खनन को सख्ती के साथ रोका जाये।