✎ शिव कुमार त्रिपाठी
जमीन विवाद पर सच्चाई बताने की गई प्रेस कांफ्रेस
कहां जमीन का क्रय विधि समाप्त हुआ
एसडीएम पर भी लगाये आरोप
(शिवकुमार त्रिपाठी) पन्ना की शैक्षणिक संस्था वैष्णो माता विधि महाविद्यालय और इसके संचालक अंकुर त्रिवेदी द्वारा कुछ दिन पूर्व जमीन खरीदने नामांतरण और निर्माण को लेकर तरह तरह के विवाद खड़े हो रहे हैं एवं इसकी शिकायत स्थानीय लोगों ने पन्ना कलेक्टर को ज्ञापन के माध्यम से दी थी जिस पर आज प्रबंधन ने होटल शनवी लैंडमार्क में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सभी आरोपों के सिलसिलेवार जवाब दिए हैं और सभी आरोपों को झूठा बताया
वरिष्ठ अधिवक्ता राम लखन त्रिपाठी व संचालक अंकुर त्रिवेदी ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि जो भूमि अंकुर त्रिवेदी व वैष्णो माता विधि महाविद्यालय पन्ना के नाम क्रय किया है वह भूमि शासकीय पट्टी की नहीं है बल्कि यह भूमि सत्य कब्जे की भूमि रही है जिसकी पुष्टि राजस्व खसरा वर्ष 1963 से होती है
उस भूमि में 80- 90 साल से 200 व्यक्तियों के मकान बने होकर निवास करना शिकायत में कहा गया है जबकि 80- 90 साल पहले मुड़िया पहाड़ में एक भी मकान नहीं बना था अन्यथा यह राजस्व ग्राम होता तथा देश की आजादी के बाद आज राजस्व ग्राम हो गया होता वह उसके पास 80-90 साल पहले से ना सही किंतु देश की आजादी के बाद आज से करीब 50 -60 साल पहले का मतदाता सूची राशन कार्ड या जनगणना आर्थिक गणना आदित्य का कोई दस्तावेज अवश्य होता
शिकायत में खुन्ना महाराज अंकूर त्रिवेदी को गुंडा होना कहा गया है जबकि आज तक खुन्ना महाराज अंकूर त्रिवेदी दोषी नहीं पाया गया जबकि उसके विपरीत अंकुर त्रिवेदी के पिता की रिपोर्ट पर शिकायतकर्ता गंगाबाई पर धारा 307 का मामला दर्ज होकर सन 2006 में सजा हुई तथा इसी गंगाबाई आज से करीब 10 साल पहले बेनीसागर पन्ना में सुंदर लाल साहू अत्यंत वृद्ध है उसके मकान में जबरन कब्जा कर उसे मारपीट कर भगा दिया इसमें भी उसी सजा हुई है
शिकायतकर्ता गंगाबाई आज 10 साल पहले से मारपीट कर के मकान में उसे निकालकर उसने जबरन कब्जा किया था उसी मकान का निवासी होना था मुड़िया पहाड़ की 80- 90 साल की निवासी होने की जमीन हड़पने के लिए कह रही है जिस व्यक्ति से वैष्णो माता विधि महाविद्यालय की भूमि खरीदी है उस व्यक्ति ने स्वयं रजिस्टर्ड करीब 26 साल पहले खरीदी थी
अंकुर त्रिवेदी व विधि महाविद्यालय पन्ना को भूमि बेचने से पहले विक्रेता ने राजस्व मंडल ग्वालियर से विक्रय अनुमति प्राप्त की थी है उस समय भी मौके की जांच हुई थी और उस समय उस भूमि में कोई मकान बने होना नहीं पाए गए थे अनुमति प्राप्त होने के बाद ही भूमि का विक्रय अक्टूबर 2016 में निष्पादित व पंजीकृत हुआ किंतु जब नामांतरण का आवेदन प्रस्तुत किया गया तो कतिपय व्यक्तियों ने आपत्ति प्रस्तुत करवा दी यह आपत्ति आयुक्त सागर ने निरस्त किया तब नामांतरण हुआ फर्जी कैसे हो सकता है
राम लखन त्रिपाठी और अंकुर त्रिवेदी ने कहा कि प्रशिक्षु IAS एसडीओ मीणा के सहयोग से अतिक्रमाक अपने अतिक्रमण को बनाए रखने के आशय से जितेस्वरी देवी का सहयोग प्राप्त कर ईर्ष्या द्वेष से सभी एक राय होकर धारा 144 और कोविड-19 की गाइडलाइन का उल्लंघन कर 15सितंबर 20 को कोरोना संक्रमण करते वह कराते हुए अंकुर त्रिवेदी और उनके पिता के विरुद्ध असत्य शिकायत किया उक्त कृत्य से कोरोना संक्रमण होने से जनजीवन संकट में हुआ जिससे दूसरे दिन ही कलेक्ट्रेट पन्ना का कार्यालय शासन द्वारा बंद करने को विवश हुआ
इसलिए आप सभी के माध्यम से प्रशासन से आग्रह करता हूं कि उक्त तीनों के विरुद्ध धारा 188 एक से 269 270 का अपराध पंजीबद्ध किया जाए और प्राधिकृत काव्य धारा व अतिक्रमण हटाने की कृपा करें
सांसद बीडी शर्मा का कोई हाथ नहीं
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भाजपा नेता एवं विधि महाविद्यालय के संचालक अंकुर ने त्रिवेदी ने कहा की करने या भवन निर्माण में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा का कोई हाथ नहीं है के द्वारा इसमें किसी तरह का सहयोग किया जा रहा है कुछ लोग मुझे बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं जो हमारी पार्टी के लोग भी हो