✎ शिव कुमार त्रिपाठी
मन में भक्तिभाव और संकल्प हो तो जीते जी भगवान को पाया जा सकता है :- बागेश्वर धाम सरकार*
*मां और पिता भगवान के समान*
(शिवकुमार त्रिपाठी) पन्ना के आदिवासी क्षेत्र कल्दा श्यामगिरी पठार में आदिवासी वनवासियों को सनातन संस्कृति से जोड़ने और समाज की मूल धारा में लाने के उद्देश्य से कल्दा में श्री बनवासी रामकथा के अंतिम दिन की कथा कहते हुए बागेश्वरधाम सरकार ने कहा कि लोग मूर्तियों में भगवान खोजते फिरते हैं पर मां पिता भगवान के रूप में घर में विद्यमान हैं उनको उनकी सेवा नहीं करते, जो अपने मां बाप की सेवा नहीं करते उनसे भगवान भी प्रसन्न नहीं होते
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी ने कहा कि अगर आप अपने मां-बाप की सेवा नहीं करोगे तो उन्नति नहीं होगी, भगवान राम राजा बनने वाले थे और उन्होंने मां बाप की आज्ञा मानकर राजपाट छोड़ बनवास चले गए वे वन के राजा बने
आजकल समाज के लोग माता-पिता को तो मानते हैं पर माँ पिता की नहीं मानते , राम को तो मानते हैं पर रामायण कि नहीं मानते हमें मां-बाप गुरु और रामायण की बातों को मानना चाहिए तभी जीवन सफल होगा कथा मैं और मंदिर में जाने से मन पवित्र होता है दीन दुखियों की सेवा करने से तन पवित्र होता है आगे कहा वनबासी बचन के पक्के होते है जो कहा उसको पूरा निभाते है,
जिनकी शरण में जाने से दुखो का अंत हो जाता है वे ही संत है और जिसकी जिंदगी में संत आ जाते है उनके जीवन मे बसंत आ जाता है
*आज लगेगा बागेश्वर प्रेत दरबार*
बागेश्वर धाम सरकार ने कहा कि समाज के जो लोग प्रेत आत्माओं से पीड़ित है उनके लिए प्रेत दरबार लगाया गया है आदिवासियों में इस तरह की पीड़ा ज्यादा होती है उनकी इस पीड़ा को दूर करने प्रेत दरबार लगाया जा रही जो इस दर्द से पीड़ित है वे आ सकते है
*लगा निशुल्क नेत्र शिविर*
श्री सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट के सौजन्य से महाराज श्री धीरेंद्र कृष्ण जी के आदेश पर विशाल नेत्र शिविर का आयोजन किया गया 3 दिन तक मरीजों का नेत्र परीक्षण हुआ और उन्हें दवाइयां दी गई 185 मरीजों का नेत्र परीक्षण कर आंखों के इलाज की सलाह दी गई साथ ही सद्गुरु सेवा संघ में इन लोगों को अपने अस्पताल में चित्रकूट ले जाएगा इलाज किया वहां इलाज कराने के बाद वापस घर लाकर भेज जाएगा
*राज्यपाल ने किया वर्चुअल संबोधन*
मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल को श्री बनवासी रामकथा में शामिल होना था पर किन्ही कारणों से भी प्रत्यक्ष रूप से नहीं आ सके इस कारण उन्होंने श्री राम कथा में आए भक्तों को वर्चुअल संबोधन किया अंतरराष्ट्रीय कथावाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने राज्यपाल से कहा कि पहली व्यासपीठ है जो आश्रम से निकलकर आदिवासी वनवासी के मध्य कथा कह रही है उन्होंने कहा अबतक आदिवासी राजनीतिक सभाओं में ताली बजाने के काम आते थे आज पहला अवसर है मंच पर खड़े होकर भगवान की आरती उतार रहे हैं और उन्होंने कहा कि आप भले ही प्रत्यक्ष रूप से नहीं आ पाए लेकिन आदिवासियों के हित में सरकार के और कार्य कराए जाने चाहिए क्योंकि आज तक पन्ना के इस दूरस्थ अंचल में अभी भी शासन की योजनाएं नहीं पहुंची हैं इसके बाद राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने वर्चुअल सभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबों के कल्याण के लिए उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री आवास, प्रधानमंत्री सड़क सहित तमाम लोग कल्याणकारी योजनाएं चलाई हैं इसका लाभ मिलेगा
राज्यपाल मांगू भाई पटेल ने बागेश्वरधाम सरकार के कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि मुझे खुशी हो रही है कि एक धार्मिक संत आदिवासियों के कल्याण और सनातन से जोड़ने का काम कर रहे हैं हम इसकी प्रशंसा करते हैं इनके इस कार्य के साथ सरकार भी कल्दा क्षेत्र के उत्थान के लिए सहयोग करेंगे उन्होंने कहा मैं आदिवासियों के बीच जाता रहता हूं महाराज जी के प्रयास के साथ मिलाकर कार्य करने का इच्छुक हूं और हमारी सरकार गरीब पिछड़े समाज जो अनपढ़ है उनके उत्थान के लिए कार्य करती है आदिवासी बनवासी गरीब लोगों में शिक्षा कैसे आए इसके प्रयास करूंगा राज्यपाल ने समाज और संतो से अनुरोध है कि राम के प्यारे इस समाज मदद करे
जो भी गरीबों के आदिवासियों के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं निष्ठा के साथ कार्य करें हमारी सरकार उनके साथ है
हम संकल्प लेते हैं महाराज जी ने 2लाख लोगों को एक साथ एक मंच पर जोड़ा है मैं इसकी प्रशंसा करता हूं
राज्यपाल ने कहा कि हमारे क्षेत्र गुजरात में इस इलाके के लोग रहते हैं बागेश्वरधाम सरकार समाज कल्याण और धर्म के प्रचार के लिए अच्छा काम करते हैं इसकी मुझे जानकारी है मैं स्वयं आकर इन कार्यों को देखुगा, मैं आदिवासी परिवार से आता हूं 1करोड़ 84 लाख आदिवासी भाई बहनों की सेवा करने के लिए राज्यपाल बना कर बैठाया गया हु मैं आप जैसे संतों के साथ मिलकर आदिवासियों की सेवा करूंगा और हमारी सेवा करने की भावना आगे बढ़ती रहें ऐसी भगवान से प्रेरणा मानता हूं मंगू भाई ने कहा मैं कल्दा क्षेत्र और बागेश्वरधाम जरूर आऊंगा
महाराज जी ने व्यासपीठ से राज्यपाल को आशीर्वाद देते हुए कहा आप आदिवासी गरीबों का कल्याण करते रहे इससे पूर्व कलेक्टर संजय कुमार मिश्रा ने राज्यपाल का वर्चुअली स्वागत किया
उन्होंने आगे कहा हमने यह कथा राजनीति के लिए नही की है सनातन संस्कृति बचाने को की है अब तक वनबासी कथाओं तक नही पहुच पाते थे अब उन्हें कथा में आगे किया जाता है और vip लोग ताली बजाते है
धीरेंद्र कृष्ण जी कहा कुछ लोग धर्म परिवर्तन कराने में लगे है वनवासियों मर जाना पर सनातन धर्म नही छोड़ना क्योकि अपने धर्म मे सम्पूर्ण सुख छुपा है आप चिंता नही करना हम आप के साथ है ,
*सभी संतों को जंगल की ओर आना चाहिए*
कथा आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी ने देश की तमाम मठ मंदिरों के बड़े संतो से आह्वान किया कि आदिवासी आज भी सनातन धर्म बिमुख्य है, निश्चल स्वभाव के इन व्यक्तियों को सनातन की मूल धारा से जोड़ने के लिए बड़े-बड़े आश्रमों और महानगरों को छोड़कर जंगलों की आना चाहिए तभी सनातन संस्कृति को बचाया जा सकता है
*हमारे आश्रम का पैसा मंदिरों के निर्माण में नहीं धर्म सेवा में लगता है*
आचार्य श्री शास्त्री ने कहा कि बागेश्वर धाम में जो भी चढ़ उतरी का पैसा आता है उसमें एक भी पैसा मंदिर निर्माण में खर्च नहीं करते संपूर्ण राशि गरीबों के कल्याण में खर्च की जाती है इसीलिए गरीब कन्याओं का विवाह आश्रम के वैसे ही आ जाता है इस आदिवासी कथा मैं जो भी राशि व्यय हो रही है आश्रम स्वयंवर कर रहा है हम अपनी दक्षिणा को गरीबों और जरूरतमंदों की कल्याण में खर्च करते हैं देश के और बड़े आश्रमों को भी ऐसा ही करना चाहिए सभी सनातन धर्म बचेगा
0 पन्ना के आदिवासी अंचल कल्दा श्याम गिरी पठार में सनातन के लिए आदिवासियों को जागृत करने के उद्देश्य बनवासी रामकथा की बागेश्वरधाम पीठाधीश्वर आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि इस इलाके में आदिवासी वनवासी आज भी वंचित है इसी का फायदा उठाकर सनातन संस्कृति विरोधी लोगों को बहका रहे हैं इस कारण से इनमें जागृति पैदा करने के उद्देश्य से तीन दिवसीय रामकथा का आयोजन किया गया है इस कथा का संपूर्ण खर्च बागेश्वरधाम पीठ ने उठाया है इश्क इस कथा के लिए किसी भी यजमान से पैसा नहीं लिया गया है
बनवासी सनातन से लोग दूर न रहे इस कारण से मैंने यह कथा की है और मैं इस तरह की कथाएं पूरे देश के आदिवासी क्षेत्रों में कहता रहूंगा
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बागेश्वर धाम सरकार ने देश की आचार्य एवं पीठ पीठों से अनुरोध किया है कि अब मटको से निकलकर जंगल की ओर रुख करना चाहिए और आदिवासी वंचित समाज को अपने सनातन संस्कृति से जोड़ना चाहिए तभी धर्म और संस्कृति को बचाया जा सकता है वाइट
ज्ञात हो कि पन्ना के इस आदिवासी क्षेत्र में लंबे समय से धर्म परिवर्तन एवं हिंदू धर्म के खिलाफ दुष्प्रचार की खबरें सामने आ रही थी और भोले-भाले आदिवासियों को भड़काया जा रहा था आदिवासी प्राचीन हिंदू है उन्हें कोई ना बहका सके इस उद्देश्य यह कथा बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर ने की है