
✎ शिव कुमार त्रिपाठी
ब्लड बैंक के बाहर घूम रहे दलाल ने गरीब से ठगे 6000 रुपए
पीड़ित महिला ने रक्त की आवश्यकता है और दलाल ने पैसे ऐठ लिए
पन्ना जिला चिकित्सालय की स्वास्थ्य व्यवस्था है बेहतर बनाने के लिए जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ एल के तिवारी द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। मगर जिला चिकित्सालय के आसपास खून के दलाल तथा जेब कतरे कम नहीं हो पा रहे हैं। ऐसा ही मामला आज दिनांक 18 जुलाई 2021 को सामने आया गुनौर निवासी मजदूर अरविंद कुमार प्रजापति अपने 30 वर्षीय पत्नी श्रीमती राजकुमारी प्रजापति एवं एक 2 वर्षीय मासूम बेटी को गंभीर अवस्था में उपचार हेतु जिला चिकित्सालय लेकर पहुंचा था। जहां पर पीड़ित महिला का खून अत्यंत कम होने के कारण खून की व्यवस्था करने हेतु अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा पीड़ित पति से कहा गया। मगर जब कहीं पर भी खून की व्यवस्था नहीं हुई तब जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर एलके तिवारी द्वारा पीड़ित पति को बताया गया कि जितना भी ब्लड पीड़ित महिला को लगेगा वह जिला अस्पताल के ब्लड बैंक से निशुल्क रूप से दिया जाएगा। मगर इस दौरान आज सुबह एक दलाल उसके समीप आ गया और खून के बदले में ₹6000 पीड़ित मजदूर से ठग लिया। बदले में उसे खून भी नहीं दिलाया गया। ब्लड बैंक के कर्मचारियों द्वारा सिविल सर्जन द्वारा लिखे गए निशुल्क ब्लड के आधार पर उसे ब्लड दिया गया। मगर बीच में ही दलाल पीड़ित मजदूर से ₹6000 लेकर रफूचक्कर हो गया है। मगर सवाल यह उठता है कि ब्लड बैंक के बाहर घूम रहे दलालों जेब कतरों पर अस्पताल चौकी पुलिस अंकुश क्यों नहीं लगा पाती है और इन पर कार्यवाही करने से क्यों कतराती है। पीड़ित मजदूर के साथ हुई ठगी की जानकारी जब जिला अस्पताल के चिकित्सक को प्राप्त हुई तब उनके द्वारा वार्ड बॉय को भेजकर कर्मचारियों के बीच शिनाख्त कराई गई। मगर ब्लड बैंक के किसी भी कर्मचारी से पीड़ित मजदूर पति का लेन देन नहीं हुआ है। उसके द्वारा बताया गया कि खून का दलाल ब्लड बैंक के सामने पेड़ के किनारे खड़ा हुआ था। जिसके द्वारा बताया गया कि जो खून मिला है उसके बदले में आप से ₹6000 जमा कराए जाने हैं। भोला भाला गरीब मजदूर उक्त दलाल के झांसे में आ गया और जो अपने पत्नी एवं मासूम बेटी के इलाज के लिए ₹10000 कर्ज लेकर पन्ना उपचार कराने आया हुआ था। उसकी एक पल में ₹6000 ठग लिए गए हैं। पन्ना पुलिस अधीक्षक धर्मराज मीणा से अनुरोध है कि ऐसे खून के दलालों एवं जेब कतरों पर कड़ी कार्यवाही की जाए। ताकि जिला अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों एवं उनके परिजनों के साथ धोखाधड़ी एवं चोरी की वारदात घटित ना हो सके। इसके साथ ही उक्त खून के दलाल का पता लगाकर उससे गरीब का पैसा वापस दिलाया जाए ताकि गरीब को न्याय मिल सके।
(राम बिहारी गोस्वामी की फेसबुक वॉल से)