
✎ शिव कुमार त्रिपाठी
आंकड़े छुपाये नहीं जाते तो इतनी बुरी स्थिति निर्मित नहीं होती
5 दिन बाद भी टेस्ट की रिपोर्ट भी नहीं मिल रही
रिजल्ट की इंतजार में संक्रमित लोग जगह-जगह घूम रहे
घर पर सुरक्षित रहना ही बचा अंतिम विकल्प
जिला अस्पताल की हालत बेहद गंभीर ,,,कर्मचारियों की दशा भी दयनीय
(शिवकुमार त्रिपाठी) पन्ना जिले में 1 दिन में रिकॉर्ड 98 कोरोना के मरीज सामने आए हैं इससे कई गुना ज्यादा संक्रमित लोग इलाज के अभाव में दर दर घूम रहे हैं और कोरोना कि मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते ही पन्ना में लॉकडाउन बढ़ाने की स्थिति निर्मित हो गई है क्योंकि शहर में सर्वाधिक संक्रमित मरीज आ रहे हैं और लगातार मौतें हो रही हैं कांग्रेश के नेता मनीष शर्मा, क्रिकेटर वसीम खान एवं समाजसेवी BM नायक की मौत के बाद जिला मुख्यालय के हालात चिंताजनक हो गए हैं इसकी असल वजह कोरोना को छुपाने की आदत है जिन्हें कोरोंना हो जाता है वे भी मेडिकल स्टोर से दवा लेकर कर छुपाने की कोशिश करता है और दूसरों को भी नहीं बताता जिससे संक्रमण और तेजी से फैल रहा है
जिला प्रशासन भी सही आंकड़े नहीं बता रहा था और टेस्टिंग की संख्या बहुत कम कर दी थी जिससे हालात और खराब हो गए अब शहर की स्थिति तो नियंत्रण से बाहर हो गई है भले ही प्रशासन 100 का आंकड़ा बता रहा हूं लेकिन सच्चाई यह है आरटीपीसीआर टेस्ट के परिणाम भी 5 दिनों तक नहीं आते क्योंकि यह टेस्ट सागर में होता है और वहां भी भीड़ लगी है इस कारण रिपोर्ट ही नहीं आ रही है
कोरोना का तत्काल टेस्ट रैपिड एंटीजन किट के माध्यम से किया जाता था वह किट खत्म हो गई है इस कारण से किट से टेस्ट ही नहीं हो रहा है जानकारी प्राप्त हुई है कि पन्ना जिला चिकित्सालय में कोरोना टेस्टिंग किट खत्म हो गई है इस काम पर लगे लोग बताते हैं कि मात्र 10 किट प्रतिदिन के हिसाब से दी जाती है इससे कहीं ज्यादा गंभीर मरीज आते हैं जिनका ऑक्सीजन लेवल 70 से कम है और तत्काल उन्हें इलाज की आवश्यकता है कई बार गंभीर मरीजों का भी टेस्ट नहीं हो पा रहा है
जिले में जहां संक्रमित मरीजों की संख्या विस्फोटक रूप से बढ़ती जा रही है वहीं मरीजों के उपचार को लेकर प्रबंधन को की स्थिति दयनीय है जिला चिकित्सालय स्थित डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर में लंबे समय से कोबिट प्रभारी डॉ प्रदीप द्विवेदी इस समय अपने संक्रमित माता-पिता एवं बड़े भाई के उपचार के मद्देनजर बाहर चले गए हैं जिसके बाद जिला चिकित्सालय का कोविड वार्ड आयुष चिकित्सकों पर निर्भर है आपातकालीन व्यवस्था पूरी तरह से हप्सी पड़ गई है को वार्ड में भारी अव्यवस्था का सामना मरीजों को करना पड़ रहा है जिससे जिले के हालात और बिगड़ते जा रहे हैं प्रशासन को इस गंभीर स्थिति पर गंभीरता से विचार करना चाहिए क्योंकि को भी डेडीकेटेड केयर सेंटर में जो नर्सिंग स्टाफ है उन्हें भी बढ़ती मरीजों की संख्या के कारण ओवरलोड हो गया है सीएमएचओ संक्रमित हैं और सिविल सर्जन भी उपचार रात है इस कारण जिले की हालात गंभीर हो गए हैं
जिला चिकित्सालय में मरीज भर्ती हुए हैं उनसे कहीं ज्यादा संक्रमित मरीज टेस्टिंग के अभाव में दर-दर ठोकर खाते हुए घूम रहे हैं क्योंकि उनके रिजल्ट उन्हें प्राप्त नहीं हो रहे हैं इसलिए वे अपने आपको सामान्य व्यक्ति मानकर जगह-जगह घूम रहे हैं जो इस समय कोरोना कैरियर का काम कर रहे हैं
कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण जिला प्रशासन को सख्ती दिखाने चाहिए लेकिन बीते कुछ दिनों से लगता है जिले की व्यवस्था भगवान भरोसे छोड़ दी गई है और जिला प्रशासन की हलचल दिखाई नहीं दे रही क्योंकि एसडीएम कोरोना संक्रमित हैं तहसीलदार भी संक्रमित हैं जिला मुख्यालय की जिम्मेदारी गुनौर एसडीएम सुरेश गुप्ता एवं नायब तहसीलदार धीरज गौतम को सौंपी गई है ऐसी विषम परिस्थिति में उन्हें जिला मुख्यालय और अपने क्षेत्र का काम देखना पड़ रहा है साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों के संक्रमित हो जाने और कई अधिकारियों के का स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण राजस्व की सभी कार्यों की जिम्मेदारी निचले स्तर के कर्मचारियों पर आ गई है लिहाजा प्रशासन की कोरोना गतिविधियां ठप सी पड़ गई है
इन पंक्तियों को पढ़े समझे और घर पर सुरक्षित रहे