✎ शिव कुमार त्रिपाठी
सुप्रीम कोर्ट से आया फैसला,
पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित सीटों पर जनरल केटेगरी में होंगे चुनाव
चुनाव प्रक्रिया यथावत संपन्न होगी,
कुछ माध्यमों ने चुनाव स्थगित की बातें की
(शिवकुमार त्रिपाठी) मध्यप्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायती राज की चुनाव प्रक्रिया संपन्न हो रही है इसे रोकने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया जा रहा है सरकार जहां चुनाव कराने में आमादा है वही कुछ लोग आरक्षण रोटेशन लागू करने की दबाव बना रहे हैं इसके लिए सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में जोर अजमाये से चल रही है बीते 10 दिन से पूरी चुनाव प्रक्रिया चुनाव की वजह न्यायालय की दरवाजे पर है कल जब हाईकोर्ट ने जब तुरंत सुनवाई से मना कर दिया तो आज फिर सुप्रीम कोर्ट मामला पहुंचा और 2020 में पिछड़ा वर्ग आरक्षण मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू नहीं किए जाने का मामला उठाकर चुनाव प्रक्रिया को उलझा दिया आज फ्रंट फुट पर थे कांग्रेस नेता एवं कद्दावर वकील विवेक तंखा और उन्होंने पिछड़ा वर्ग की सीटों की निर्वाचन प्रक्रिया पर बहस की और अंततः सुप्रीम कोर्ट ने पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों जनरल कैटेगरी में चुनाव कराने की सहमति दे दी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चुनाव प्रक्रिया यथावत संपन्न होगी पर पिछड़ा वर्ग के लिए जो भी सीटें आरक्षित होंगी उन्हें जनरल कैटेगरी मानकर चुनाव कराया जाएगा यानी इन सीटों पर सभी वर्ग के लोग चुनाव लड़ सकते हैं जबकि कुछ अन्य समाचार माध्यम पूरी चुनाव प्रक्रिया को स्थगित करने की समाचार प्रसारित कर रहे हैं जिससे भ्रम की स्थिति निर्मित हो गई है और चुनाव लड़ने वाले लोग सच्चाई जानने की कोशिश में जगह-जगह फोन टनटना रहे हैं
कई माध्यमों ने चुनाव स्थगित होने के समाचार चलाएं
अन्य समाचार माध्यमों के अंश
मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है. सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत चुनाव पर स्टे लगा दिया है. ओबीसी आरक्षण को आधार बनाकर फैसला लिया है. महाराष्ट्र केस को बेस बनाकर रोक लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने सूचना आयोग को कड़ी फटकार भी लगाई. आज विवेक तन्खा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी.
महाराष्ट्र में भी ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर ही निकाय चुनाव पर रोक लगी है. सुप्रीम कोर्ट में दलील महाराष्ट्र में लोकल बॉडी चुनाव में ओबीसी को आरक्षण नहीं है. इसी मुद्दे को लेकर मध्यप्रदेश पंचायत चुनाव पर रोक लगी है. आज रोटेशन को मुद्दा ही नहीं बनाया गया, यानी आज सिर्फ महाराष्ट्र के ओबीसी आरक्षण का पेंच फंसाकर MP पंचायत चुनाव पर रोक लगवाई गई है. आज से पहले रोटेशन को लेकर बहस हो रही थी.
मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आखिरकार फैसला सुना दिया है. शुक्रवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत चुनाव पर रोक लगा दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग और सरकार से जवाब लिया है. कोर्ट में पंचायत चुनाव को लेकर कड़ा रुख अपनाया. विवेक तन्खा ने याचिका लगाई और खुद पैरवी की.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने जबलपुर हाईकोर्ट को पूरे मामले की फिर से सुनवाई करने का निर्देश दिए था. लेकिन अचानक लगी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने ही सुनवाई कर दी. बता दें कि इससे पहले हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.
मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव में रोटेशन के आधार पर आरक्षण न देने के खिलाफ कांग्रेस नेता सैयद जाफर और जया ठाकुर द्वारा पंचायत चुनाव को लेकर दायर रिट याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी. उसके बाद आज विवेक तन्खा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी.