✎ शिव कुमार त्रिपाठी
चित्रकूट,MP (जनसंपर्क विभाग) महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में पत्रकारिता और जनसंचार माध्यमों को लेकर हुए एक शोध में बुंदेलखंड की आँचलिक पत्रकारिता के यथार्थ का रहस्योद्घाटन हुआ है। यह कठिन कार्य बुंदेलखंड की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की पत्रकारिता से जुड़े नरेंद्र कुमार अरजरिया ,टीकमगढ़,मध्यप्रदेश ने शोधप्रविधि के मापदंडों और गुणवत्ता के मानकों को अपनाते हुए किया है। महात्मा ग़ांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो नरेश चंद्र गौतम ने पत्रकारिता और जनसंचार छेत्र के लब्धप्रतिष्ठ विद्द्वानो के मूल्यांकन ,उनके समक्ष आकर्षक प्रस्तुति और सफल मौखकी परीक्षा – परिणाम के बाद पत्रकार नरेंद्र कुमार अरजरिया को पी एच डी परीक्षा उत्तीर्ण करने का प्रमाण पत्र प्रदान किया है। मध्यप्रदेश के महामहिम राज्यपाल और विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति लाल जी टंडन ग्रामोदय विश्वविद्यालय के आगमी दीक्षात समारोह में डॉ नरेन्द्र कुमार अरजरिया को सार्वजनिक रूप से पी एच डी की उपाधि पूरे1 गौरव के साथ प्रदान करेंगे।इस समारोह में डॉ अरजरिया की वात्सल्यमयी बुजुर्ग माँ उपस्थित रहकर उनके स्वर्गीय पिताश्री का प्रतिनिधित्व भी करेगीं।ज्ञातव्य है कि डॉ नरेंद्र अरजरिया ने बुंदेलखंड की आँचलिक पत्रकारिता और कार्यरत पत्रकारों पर अनुसंधान कार्य अपने स्वर्गीय पिताश्री की भावना और उनके आदेश पर प्रख्यात जनसंचार वैज्ञानिक एवं प्राध्यापक डॉ वीरेंद्र कुमार व्यास के सफल निर्देशन में किया है। पत्रकारिता के अंतरराष्ट्रीय विद्द्वान डॉ अर्जुन तिवारी ने डॉ अरजरिया के शोध कार्य की सराहना करते हुए सुझाव दिया है कि इसका प्रकाशन किया जाना चाहिए।डॉ अरजरिया ने बताया कि बुंदेलखंड की पत्रकारिता बड़ा कठिन और श्रमसाध्य कार्य है।आंचलिक पत्रकार शोषित और सामंती ताकतों से लगभग प्रत्येक दिन संघर्ष करता है।डॉ अरजरिया के अनुसार बुंदेलखंड की आंचलिक पत्रकारिता पर यह पहला शोध हैं,जिसमे मध्यप्रदेश के 06 जिले और उत्तरप्रदेश के 7 जिले शामिल थे।
साथियों ने दी बधाई
नरेंद्र अरजरिया 2003 से सहारा समय मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ के टीकमगढ़ में संवाददाता है उन्होंने बुंदेलखंड के पिछड़ेपन और सामंतवाद के खिलाफ कई चर्चित स्टोरियां की है उनके शोध और डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने पर सहारा समय से जुड़े साथियों ने बधाई दी है और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है