- एडीएम नीलांबर मिश्रा को दिया अधिमान्य पत्रकारों ने ज्ञापन
- रेल यात्रा में पूर्ववत कंसेशन बहाल कराये जाने की भी की मांग
अपर कलेक्टर नीलांबर मिश्रा को ज्ञापन सौंपते हुए जिले के अधिमान्य पत्रकार। |
(शिवकुमार त्रिपाठी पन्ना)। मध्यप्रदेश सरकार के जनसंपर्क विभाग द्वारा अधिमान्य पत्रकारों के स्वास्थ्य बीमा की किस्त में बेतहाशा वृद्धि की गई है। इस वृद्धि के चलते ग्रामीण व कस्बाई क्षेत्रों में कर्तव्य निष्ठां के साथ काम करने वाले पत्रकार अत्यधिक असहज व बीमा राशि दे पाने में असमर्थ हैं। पत्रकारों की इस कठिनाई को द्रष्टिगत रखते हुए स्वास्थ्य बीमा की किस्त में हुई अप्रत्याशित वृद्धि को वापस लेकर गत वर्ष 2023-24 के अनुरूप किया जाना आर्थिक रूप से कमजोर पत्रकारों के हित में होगा। इसके अलावा रेल यात्रा कंसेशन बहाल करने और पत्रकारों से सहयोगात्मक रवैया अपनाने की तीन सूत्री मांगों को लेकर पन्ना जिले के सरकारी मान्यता प्राप्त पत्रकारों ने आज मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव एवं सांसद विष्णु दत्त शर्मा के नाम ज्ञापन सोपा है।
जिले के अधिमान्य पत्रकार कलेक्ट्रेट पहुंचे और अपर कलेक्टर नीलांबर मिश्रा को ज्ञापन दिया तथा अपनी समस्या बताई। इस दौरान एडीएम ने कहा कि आपका ज्ञापन मूलतः मुख्यमंत्री जी को भेजा जा रहा है। ज्ञापन देने वालों में पन्ना अधिमान्य पत्रकार संघ के अध्यक्ष बृजेंद्र गर्ग, वरिष्ठ पत्रकार अरुण सिंह, मनीष मिश्रा, शिवकुमार त्रिपाठी, बी एन जोशी बालकृष्ण शर्मा, नईम खान, अनिल तिवारी, मुकेश विश्वकर्मा,अमित खरे नदीम उल्लाह खान, कादिर खान सहित प्रमुख रूप से पत्रकारों ने ज्ञापन दिया है।
ज्ञापन में कहा गया है कि सरकार द्वारा अधिमान्य और गैर अधिमान्य पत्रकारों के स्वास्थ्य बीमा कराए जाते हैं जिसमें पत्रकारों के हिस्से की राशि में अनुचित वृद्धि की गई है। जैसे 46 से 55 वर्ष के आयु वर्ग में अधिमान्य पत्रकारों के लिए वर्ष 2023-24 में 4 लाख की कैटेगरी में स्वयं-पति/पत्नी दो संतान एवं माता-पिता के लिए की बीमा किस्त में 11186 रुपए लिए गए थे जबकि इसी कैटेगरी और ऐसी ही स्थिति में इस वर्ष 2024-25 के बीमा हेतु पत्रकारों का हिस्सा 26713 रुपए निर्धारित किया गया हैं। ऐसी ही स्थिति अन्य कैटेगरी और गैर अधिमान्य पत्रकारों के लिए निर्धारित किया गया है, करीब ढाई गुना वृद्धि अनुचित है।
जिला स्तर से जारी होने वाले विज्ञापन और पत्रकारों के अधिकांश हित लाभ बंद कर दिए गए हैं। अब विज्ञापन सीधे प्रदेश स्तर से जारी होते हैं, जिससे मैदानी स्तर पर काम करने वाले पत्रकारों की आय प्रभावित हुई है। सरकार और प्रशासन को मैदानी स्तर पर सहयोगात्मक रवैया अपनाया जाना चाहिए। इसी तरह रेल यात्रा के दौरान अधिमान्य पत्रकारों को 50 फ़ीसदी कंसेशन दिया जाता था, जो कोरोना के समय बंद कर दिया गया। पत्रकारों को रेल यात्रा में मिलने वाली यह सुविधा आज तक बहाल नहीं हुई, इसलिए यात्रा कंसेशन को पूर्व की भांति बहाल कराया जाए। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव एवं क्षेत्रीय सांसद विष्णु दत्त शर्मा के नाम संबोधित ज्ञापन में उल्लेखित मांगो पर तत्काल फैसला कर सहयोग प्रदान करने की अपेक्षा की गई है।