
✎ शिव कुमार त्रिपाठी
कि यह लाश 4 से 5 दिन पुरानी है हालांकि घटना की सूचना वन विभाग को 6 दिसंबर की शाम मिल गई थी और मामले को पूरी तरह से छुपाने और दबाने का प्रयास किया गया वन विभाग की टीम रात भर जंगल में सर्चिंग करती रही पर अभी तक कुछ पता नहीं चला इस संदिग्ध बेहद संगीन मामले की वन विभाग जांच करने में लग गया है उत्तर वन मंडल के पन्ना रेंज अंतर्गत विक्रमपुर की तिलगवा बीट फांसी के फंदे से लटका मिला विक्रमपुर नर्सरी के पास इस बाघ के शव मिलने से हड़कंप मच गया है देश की यह पहली घटना होगी जब किसी बाघ की फांसी लगने से मौत हुई है इस संबंध में सीसीएफ छतरपुर संजीव झा पूरे मामले की जांच कर रहे हैं उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश भी दिए हैं
डॉक्टर संजीव गुप्ता ने किया पोस्टमार्टम

पन्ना टाइगर रिजर्व में लंबे समय से बाघों के बीच काम करने वाले प्रतिष्ठित डॉक्टर संजीव गुप्ता सुबह मौके पर पहुंचे और पूरे पहलुओं की जांच करते हुए उन्होंने पोस्टमार्टम किया और मौत के कारणों को जानने का प्रयास किया आखिर बाघ की मौत कैसे हुई है और शिकार किया गया है तो किस तरह से हुई बाघ की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत और शिकार के इस सनसनीखेज मामले को वन विभाग के अधिकारियों ने खूब दबाने की कोशिश की मीडिया कर्मियों को मौके तक नहीं जाने दिया और जब पहुंचे तो इसके पहले तार के फंदे को काट दिया गया था और बाघ को नीचे उतार लिया, बाघ की शव पीछे से सड़ गया था और खूब बदबू आ रही थी कई दिनों बाद वन विभाग को इसकी मौत की जानकारी लगी

बाघ के शिकार का यह पहला मामला नहीं है कई बाघों को इसी तरह मारा गया है पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर जोन से जो भी वह बाहर जाता है इसी तरह स्वीकार कर लिया जाता है ऐसा ही इस 2 वर्ष के युवा बाग के साथ हुआ जो पन्ना के ही उत्तर बन मंडल में मारा गया इससे पहले एक बाघ की चित्रकूट में मझगवां में शिकार कर गायब करने की कोशिश की गई थी इसी तरह कुछ दिन पूर्व हीरा मोती में से एक बाघ को सिंह पुर के पास मारा गया इस तरह कई घटनाएं हैं जो पन्ना टाइगर रिजर्व के बाद बाहर गए उनका शिकार कर लिया गया अब इस बात की जंगल में मौत शिकारियों की मौजूदगी की ओर इशारा कर रही है जो बेहद चिंता का विषय है

पन्ना टाइगर रिजर्व में 2009 में बाघ पूरी तरह से खत्म हो गए थे 4 मादा एवं एक नर बाघ को कान्हा बांधवगढ़ और पेट से लाकर यहां बसाया गया जिसकी संख्या बढ़कर 50 से अधिक हो गई थी अब यही बाग पन्ना की जंगलों से बाहर जा रहे हैं और उनका शिकार हो रहा है जो गंभीर चिंता का विषय है और बाघों की दुनिया जो पन्ना में आवाज हुई है उसमें किसी की नजर सी लगती दिख रही है क्योंकि लगातार बाद मर रहे हैं अभी हाल ही में एक बाघ की माथे में चोट और घाव होने की जानकारी सामने आई थी जिसका 2 दिन पूर्व इलाज किया गया अब एक बाघ का इस तरह शिकार गंभीर चिंता का विषय है यदि इसे गंभीरता से नहीं लिया गया तो वह दिन दूर नहीं जब पन्ना मैं जिस तरह से बाघ मर रहे हैं और इनका शिकार हो रहा है अब पन्ना को भी अलार्म इन स्टेज में रखा जाएग
