✎ शिव कुमार त्रिपाठी
सरकारी सार्वजनिक कार्यों में लगाते है अड़ंगे
पन्ना में वन विभाग के बड़े अधिकारियों के कारण नहीं हुआ सड़क का चौड़ीकरण
6 माह में एक दर्जन लोगों की गई जान
एनएच 35 और राजमार्ग 49 का नहीं हो सका चौड़ीकरण
सड़क के किनारे झाड़ियों की नहीं हुई सफाई जिससे सड़क की विजुअलिटी नही होने से हुआ एक्सीडेंट
वन कानूनों की होनी चाहिए समीक्षा :- मंत्री बृजेंद्र
(शिवकुमार त्रिपाठी) पन्ना में बीते कुछ माह से बाघ आकस्मात मर रहे हैं 2 दिन पूर्व एक्सीडेंट में अकोला के पास मादा शावक के मारे जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है वन विभाग में दुख और हड़कंप का माहौल है तो स्थानीय लोग भी चिंतित है टाइगर रिजर्व की कड़ी मेहनत के बाद भी आखिर क्यों पन्ना में इतनी तेजी से टाइगर मर रहे हैं जिसका सबसे बड़ा कारण वन विभाग की कार प्रणाली के साथ बड़े अधिकारियों द्वारा जन हितेषी कार्य में अड़ंगेवाजी करना भी सामने आ रहा है क्योंकि स्टेट हाईवे 49 का जब चौड़ीकरण हो रहा था तब तत्कालीन फील्ड डायरेक्टर आर श्रीनिवास मूर्ति ने उचित चौड़ीकरण नहीं होने दिया जिस जगह पर बाघ का एक्सीडेंट हुआ वहां सड़क में क्रॉसिंग के लिए बहुत कम जगह है जिस ओर शावक था उधर पुलिया चोड़ी हो गई पर रोड का चौड़ीकरण नहीं होने दिया गया और साइड के फुटपाथ की फीलिंग भी नहीं हुई झाडियां होने के कारण बाघ के छुपकर बैठने की जगह थी झाड़ियां के कारण वाहन चालक को सड़क पूरी तरह नहीं दिखी होगी और तभी बाघ दौड़ा होगा उसे बचाने का अवसर भी नहीं मिला और एक्सीडेंट हो गया मौके पर ही उसकी मौत हो गई दीपावली त्यौहार के दिन इस तरह से शावक के मारे जाने से लोगों में चिंता है क्योंकि जिले में एक्सीडेंट में अक्सर इंसान मरते रहते हैं इस तरह से पहली बार हादसा हुआ जिसमें टाइगर की मौत हुई
सड़क किनारे झाड़ियों की नहीं होती सफाई जिससे नहीं देख पाते जानवर
वन विभाग में सड़क के किनारे झाड़ियों की सफाई , फायर लाइन के लिए सरकार खूब पैसे देती है पर वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा न तो फायर लाइन जलाई जाती और न ही सड़क के किनारे झाड़ियों की सफाई कराई जाती है जिससे आवागमन मैं समस्या तो होती ही है वाहन चालकों को रोड के आस पास कुछ दिखाई नहीं देता जिससे हादसे हो जाते हैं जंगल से होकर गुजरने वाले रास्तों में इस समय कुछ ज्यादा ही घटनाएं हो रही हैं
NOC बदल देने से NH39 का चौड़ीकरण रूका, दुर्घटना में एक दर्जन इंसान मरे
पन्ना से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 39 कच्छ पन्ना से देवी नगर के बीच में उत्तर वन मंडल की तत्कालीन डीएफओ नरेश यादव द्वारा पूर्व की दी गई एनओसी बदल देने से सार्वजनिक आवागमन का मार्ग नहीं बन पाया 2014 में इसकी चौड़ीकरण की 12 मीटर मीटर की अनापत्ति दी गई थी इसके बाद फरवरी 2019 में इसे बदल दिया गया और 5 मीटर कर दिया गया जिससे निर्माण एजेंसी ने सड़क का चौड़ीकरण नहीं किया और बीते 6 माह में 1 दर्जन से अधिक निर्दोष लोगों की एक्सीडेंट में मौत हुई है जिससे वन विभाग के नियम कानून के साथ अधिकारियों की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में है यदि वन विभाग के अधिकारी रंगबाजी नहीं करें तो संभव है इस तरह की घटनाएं न हो
वन कानूनों की होनी चाहिए समीक्षा :- बृजेंद्र सिंह
मध्यप्रदेश शासन के मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि वन विभाग के नियम कानून विकास कार्यों में बाधक है इससे पन्ना के सार्वजनिक जन हितेषी कार्य प्रभावित हो रहे हैं स्थानीय विधायक एवं शासन में खनिज मंत्री बृजेंद्र सिंह ने कहा कि यदि सड़क से कोई व्यक्ति गुजर रहा है और जंगली जानवर से एक्सीडेंट होता है गलती चाहे जिसकी भी हो राहगीरों पर कार्यवाही की जाती है यह उचित नहीं है उन्होंने कहा कि हमारे पन्ना के चारों ओर टाइगर रिजर्व और वन क्षेत्र आता है इसी कारण सड़कों का विस्तार नहीं हो पा रहा पन्ना से होकर गुजरने वाले मार्गों का चौड़ीकरण नहीं हुआ मंडला से हरषबागोह वाले रास्ते पर भी एनओसी नहीं दी गई पन्ना के रोजगार का बड़ा साधन पत्थर खदान बफर जोन, बायोस्फीयर रिजर्व और जैव विविधता जैसे नियमों के कारण राजस्व क्षेत्र में भी हमारी खदानें स्वीकृत नहीं हो पा रही है बंसी मासी खदानों की दूरी ढाई सौ मीटर से 50 मीटर करने के प्रयास करूंगा मंत्री ने आगे कहा मैंने कई बार विधानसभा में भी यह बात उठाई है, अब समय आ गया है कि सार्वजनिक कार्य के लिए वन कानूनों की समीक्षा होनी चाहिए जिससे जंगल के कानून विकास में बाधक न हो
इंसान और जानवर दोनों की हो सुरक्षा
पन्ना में टाइगर रिजर्व बन जाने के बाद यहां वन्यजीवों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है जिससे जंगली जानवर बढे हैं और जंगल के राजा की दहाड़ हर जगह सुनाई दे रही है जंगल में जानवरों की सुरक्षा होनी चाहिए यह सभी की प्राथमिकताओं में है पर इंसानों को बचाने के लिए ही जंगल सुरक्षित किए जा रहे हैं इसलिए पन्ना में इंसान और जानवर दोनों की सुरक्षा की ओर ध्यान दिया जाना चाहिए और जब दोनों सुरक्षित रहेंगे तभी जंगल भी सुरक्षित रहेगा यदि अधिकारी नियम कानूनों के कारण अड़ंगी बाजी करते रहेंगे तो वह दिन दूर नहीं जब पन्ना में इंसान और जानवरों के बीच भी संघर्ष होने लगेगा और इसका खामियाजा जानवरों उठाना पड़ेगा