
✎ शिव कुमार त्रिपाठी
पन्ना में 10 वर्षीय बाघिन पी- 213 की हुई मौत
बाघिन की मौत टाइगर रिजर्व की बहुत बड़ी क्षति
पोस्टमार्टम करने वन्यप्राणी चिकित्सक संजीव गुप्ता पहुंचे
फील्ड डायरेक्टर k.s. भदौरिया मौके पर
घटना के बाद पारदर्शिता का अभाव
फोटो - तालगांव रेस्ट हाउस में आराम फरमाती बाघिन पी-213 की फ़ाइल फोटो
(शिवकुमार त्रिपाठी) पन्ना टाइगर रिजर्व की 10 वर्षीय बाघिन पी- 213 आज सुबह संदिग्ध स्थिति में मृत पाई गई है। रेडियो कॉलर युक्त यह बाघिन पन्ना कोर क्षेत्र के तालगांव सर्किल में ट्रेकिंग दल को मृत हालत में मिली है। बाघिन की मौत कैसे व किन परिस्थितियों में हुई, अभी इसका खुलासा नहीं हो सका है। वन्य प्राणी चिकित्सक सहित टाइगर रिजर्व के अधिकारी मौके पर पहुंच गये हैं।
क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व के.एस. भदोरिया ने मोबाइल पर चर्चा के दौरान घटना की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि वे रास्ते में हैं और मौके पर ही पहुंच रहे हैं। घटनास्थल का जायजा लेने व पोस्टमार्टम के बाद ही मौत की वजह का पता चल सकेगा। उल्लेखनीय है कि बाघिन पी-213 पन्ना टाइगर रिजर्व की सबसे ज्यादा चर्चित और चहेती बाघिन थी। तालगांव रेस्ट हाउस में आराम फरमाते हुए इस बाघिन की फोटो बीते माह सुर्खियों में रही है। स्वभाव से बेहद सीधी और पर्यटकों को सहजता से दिख जाने वाली यह बाघिन कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया, इसलिए लोग इसे पन्ना की रानी कहकर पुकारते थे। पन्ना टाइगर रिजर्व को बाघों से आबाद करने में अहम भूमिका निभाने वाली बाघिन पी- 213 बाघ पुनर्स्थापना योजना के तहत कान्हा से लाई गई बाघिन टी-2 की संतान है। बाघिन टी-2 ने अक्टूबर 2010 में इसी वन परिक्षेत्र में इसे जन्म दिया था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बाघिन का पल्स रेट कल रात से बढ़ा हुआ था, जिसकी जानकारी ट्रैकिंग दल को थी। सुबह जब बाघिन की खोज खबर ली गई तो वह बीट महुआ मोड़ सर्किल तालगांव में मार्ग पर मृत पड़ी मिली। अपुष्ट जानकारी यह भी मिली है कि बाघिन का किसी नर बाघ से संघर्ष हुआ है, जिससे उसकी मौत हुई है।