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दुनिया की सबसे बुजुर्ग हथिनी वत्सला की मौत,,, पन्ना टाइगर रिजर्व में हुई उम्रदराज हथिनी वत्सला की मौत

दुनिया की सबसे बुजुर्ग हथिनी वत्सला की मौत,,, पन्ना टाइगर रिजर्व में हुई उम्रदराज हथिनी वत्सला की मौत

दुनिया की सबसे बुजुर्ग हथनी वत्सला की मौत,,,  पन्ना टाइगर रिजर्व में हुई मौत

(शिवकुमार त्रिपाठी) पन्ना टाइगर रिजर्व में दुनिया की सबसे बुजुर्ग हथिनी वत्सला की मौत हो गई है आज दोपहर करीब 1:30 बजे बीमारी के चलने अंतिम सांस ली कुछ दिन पूर्व यह चोटिल होकर घायल हो गई थी,,अभी पन्ना टाइगर रिजर्व में डॉक्टर संजीव गुप्ता के नेतृत्व में पोस्टमार्टम किया जा

दुनिया की सबसे उम्रदराज हथिनी वत्सला का निधन

पन्ना टाइगर रिजर्व की धरोहर तथा बीते कई दशक से पर्यटकों और वन्य जीव प्रेमियों के लिए आकर्षक का केंद्र रही दुनिया की सबसे उम्रदराज हथिनी वत्सला का आज दोपहर लगभग डेढ़ बजे हिनौता हांथी कैम्प के निकट निधन हो गया। पन्ना टाइगर रिजर्व के वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. संजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि हिनौता हांथी कैम्प के पास एक नरिया में वत्सला गिर गई थी, जो फिर उठ नहीं पाई। सौ वर्ष से भी अधिक उम्र की इस हथिनी की मौत से पन्ना टाइगर रिजर्व में जहाँ शोक का माहौल है वहीं वन्य जीव प्रेमी सहित पन्ना जिले के लोग भी दुखी हैं।

शतायु पार कर चुकी हथिनी वत्सला की कहानी बेहद दिलचस्प तथा रहस्य व रोमांच से परिपूर्ण है। वत्सला मूलतः केरल के नीलांबुर फॉरेस्ट डिवीजन में पली-बढ़ी है। इसका प्रारंभिक जीवन नीलांबुर वन मंडल (केरल) में वनोपज परिवहन का कार्य करते हुए व्यतीत हुआ। इस हथिनी को 1971 में केरल से होशंगाबाद मध्यप्रदेश लाया गया, उस समय वत्सला की उम्र 50 वर्ष से अधिक थी। वत्सला को वर्ष 1993 में होशंगाबाद के बोरी अभ्यारण्य से पन्ना राष्ट्रीय उद्यान लाया गया, तभी से यह हथिनी यहां की पहचान बनी हुई है।


विशेष गौरतलब बात यह है कि वत्सला की अधिक उम्र व सेहत को देखते हुए वर्ष 2003 में उसे रिटायर कर कार्य मुक्त कर दिया गया था। तब से किसी कार्य में उसका उपयोग नहीं किया गया। वत्सला का पाचन तंत्र भी कमजोर हो चुका था, इसलिए उसे विशेष भोजन दिया जाता रहा है। फरवरी वर्ष 2020 में वत्सला की दोनों आंखों में मोतियाबिंद हो जाने से उसे दिखाई भी नहीं देता था, फलस्वरुप चारा कटर मनीराम उसकी सूंड अथवा कान पकड़कर जंगल में घुमाने ले जाता था। बिना सहारे के वत्सला ज्यादा दूर तक नहीं चल सकती थी। हाथियों के कुनबे में शामिल छोटे बच्चे भी घूमने टहलने में वत्सला की पूरी मदद करते रहे हैं।
वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ एस. के. गुप्ता बताते हैं कि पन्ना टाइगर रिजर्व के ही नर हाथी रामबहादुर ने वर्ष 2003 और 2008 में दो बार प्राणघातक हमला कर वत्सला को बुरी तरह से घायल कर दिया था। डॉ गुप्ता ने बताया कि पन्ना टाइगर रिजर्व के मंडला परिक्षेत्र स्थित जूड़ी हाथी कैंप में नर हाथी रामबहादुर (42 वर्ष) ने मस्त के दौरान वत्सला के पेट पर जब हमला किया तो उसके दांत पेट में घुस गये। हाथी ने झटके के साथ सिर को ऊपर किया, जिससे वत्सला का पेट फट गया और उसकी आंतें बाहर निकल आईं। डॉ. गुप्ता ने 200 टांके 6 घंटे में लगाए तथा पूरे 9 महीने तक वत्सला का इलाज किया। समुचित देखरेख व बेहतर इलाज से अगस्त 2004 में वत्सला का घाव भर गया।
लेकिन फरवरी 2008 में नर हाथी रामबहादुर ने दुबारा अपने टस्क (दाँत) से वत्सला हथिनी पर हमला करके गहरा घाव कर दिया, जो 6 माह तक चले उपचार से ठीक हुआ। हथिनी वत्सला अत्यधिक शांत और संवेदनशील थी। पन्ना टाइगर रिजर्व में हाथियों के कुनबे में बच्चों की देखभाल दादी मां की भांति करती रही है। कुनबे में जब कोई हथिनी बच्चे को जन्म देती है, तो वत्सला जन्म के समय एक कुशल दाई की भूमिका भी निभाती थी।

रहा है

 जीवित अवस्था का चित्र

पन्ना टाइगर रिजर्व की फील्ड डायरेक्टर अंजना सुचिता तिर्की सहित सभी अधिकारी मौके पर मौजूद है


ज्ञात हो कि पार्क प्रबंधन बसला का नाम गिनीज बुक में दर्ज करना चाहता था पर सफलता नहीं मिली,,, वत्सला पन्ना टाइगर रिजर्व में दादी की तरह थी वतसला को देखकर टाइगर भी रास्ता छोड़ देता था सभी वाइल्डलाइफ के जानकारी बसला को देखने और इस पर अध्ययन करने आते रहे हैं कई बार चोटिल होने और बीमार होने के दौरान वत्सला ने मौत को मात दिया करीब 100 वर्ष की थी

 इंटरनेट पर जो जानकारी उपलब्ध है उसके अनुसार

दुनिया की सबसे बुजुर्ग हथिनी का नाम वत्सला है, जो मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में रहती है। वत्सला की उम्र 100 साल से ज्यादा है और उसे “दुनिया की सबसे उम्रदराज हथिनी” माना जाता है. 

वत्सला के बारे में कुछ और जानकारी:

उम्र:

वत्सला की उम्र 100 साल से ज्यादा है, और कुछ सूत्रों के अनुसार 105 साल भी है. 

निवास:

वह पन्ना टाइगर रिजर्व में रहती है. 

विशेषता:

उसे “दुनिया की सबसे उम्रदराज हथिनी” माना जाता है. 

गिनीज बुक:

वत्सला के नाम को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने की कोशिश की जा रही है, लेकिन जन्म रिकॉर्ड उपलब्ध न होने के कारण अभी तक दर्ज नहीं हो पाया है. 

स्वास्थ्य:

वत्सला की आंखों में मोतियाबिंद है, जिसके कारण उसे दिखाई नहीं देता. 

सेवा:

वत्सला की देखभाल 20 साल से ज्यादा समय से डॉक्टर संजीव गुप्ता और महावत रमजान खान कर रहे हैं. 

 

पन्ना में वत्सला की मौत पर दुख,  लोग दें रहे श्रद्धांजलि –  पन्ना टाइगर रिजर्व की शान व धरोहर रही दुनिया की सबसे उम्र दराज हथिनी वत्सल अब नहीं रही। आज दोपहर तकरीबन 1:30 बजे इस हथिनी ने पन्ना टाइगर रिजर्व को अलविदा कहा। पन्ना टाइगर रिजर्व ही नहीं अपितु समूचे देश के लिए उम्र दराज हथिनी वत्सला का निधन अपूर्णीय क्षति है। इस दिवंगत आत्मा की शांति के लिए हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं। ॐ शांति🙏🙏💐 – अरुण सिंह – वन्यजीव प्रेमी

 

दुनिया की सबसे उम्रदराज हथिनी वत्सला का निधन
0 तीन दशक से भी अधिक समय तक पन्ना टाइगर रिजर्व की शान रही हथिनी वत्सला अब नहीं रही। पन्ना टाइगर रिजर्व में आने वाले पर्यटक व वन्य जीव प्रेमी दुनिया की इस सबसे बुजुर्ग हथिनी का दीदार जरूर करते थे। लेकिन अब ऐसा संभव नहीं हो सकेगा क्योंकि हिनौता हांथी कैम्प में वत्सला नजर नहीं आएगी।


✎ शिव कुमार त्रिपाठी

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