स्मृतिशेष :- ठक्काठाईं न कहते तो मंत्री बनते राजा लोकेंद्र,,, वरिष्ठ पत्रकार निरंजन शर्मा की कलम
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लोकेन्द्र राजा नहीं रहे !
वे पन्ना रियासत के आखिरी महाराजा नरेन्द्र सिंह जू देव के छोटे बेटे थे मगर बढ़कर हासिल करने की अपनी फितरत और वाक्-क्षमता की वजह से वे पूर्व सांसद महाराज के राजनैतिक उत्तराधिकारी बन गए ! आपका विगत गणतंत्र दिवस के दिन देहावसान हो गया !
चित्ताकर्षक व्यक्तित्व के धनी लोकेन्द्र सिंह जी ने तीन चुनाव लड़े और तीनों जीते ! एक, पहली बार सन 77 में जनता पार्टी की टिकट से पन्ना विधानसभा का, दूसरा, भाजपा की टिकट पर सन 89 में पन्ना-दमोह लोकसभा का और तीसरा कांग्रेस की टिकट पर सन 93 में पुनः पन्ना विधानसभा का !
मैंने उनको पहली बार अमानगंज रोड में खुली जीप में लाल चश्मा और शिकारियों जैसी हैट के साथ छैला बाबू की तरह घूमते देखा ! तब वे पहली बार विधायक बने थे ! बाद में कई बार हम लोग मिले – खासकर जब वे सांसद थे तो दिल्ली से पन्ना वाया सतना होकर ही जाते थे ! पन्ना से सतना कार उनको लेने आती ! मुझे दिल्ली से फोन कर देते कि “सबेरे क़ुतुब एक्सप्रेस से आ रहा हूं यार !” मैं सतना जागरण के ब्यूरो चीफ के रूप में उनसे मिलता और बहुत दिनों तक यह बताया ही नहीं कि आपके क्षेत्र का निवासी हूं लेकिन तीसरी बार बात खुल गई !
हुआ यह कि लोकेन्द्र सिंह ने सांसदी के अपने आखिरी दौर में माधवराव सिंधिया के कहने पर दलबदल कर लिया और भाजपा छोड़कर कांग्रेस में चले गए ! उनके पिता नरेन्द्र सिंह जी ने भी कांग्रेस से जनसंघ में दलबदल किया था ! मुझे दोनों की राजनैतिक कुंडली मालूम थी तो मैंने इस दलबदल के तीन दिनों के भीतर लोकेन्द्र सिंह की पूरी खड़ी फोटो के साथ जनसत्ता दिल्ली के लिए एक स्टोरी लिख दी जो “लोकेन्द्र सिंह के खानदान में दलबदल की परंपरा” शीर्षक से छपी ! जनता पार्टी के अपने पहले विधायकी काल में वे इतने गंभीर नहीं थे ! एक-दो विवादित मसले भी थे ! खबर में वह भी छपे !
लोकेन्द्र सिंह के कांग्रेस में जाते ही राष्ट्रीय स्तर पर यह बड़ी खबर छपना – उनको अच्छा नहीं लगा ! खबर हमारे नाम से छपी थी ! तभी उन्हें किसी ने बताया कि यह लिखने वाला निरंजन शर्मा तो यहीं अपनी ककरहटी का है ! कचहरी में जो वकालत करते हैं ओम शर्मा, उनका चचेरा भाई है ! वे सीधे कचहरी पहुंचे और ओम भाई साहब से पूंछा – काये ओम, बो सतना दैनिक जागरण में तुमाओ भैयाय है ! यह बताने पर कि हां ; लोकेन्द्र राजा बोले – “बहुत बदमास है यार बो ! तीन बार मेरे साथ खाया-पिया, बैठा और एक भी बार नहीं बताया कि मैं ककरहटी का हूं ! हमाई कहानी बना के दिल्ली के अखबार में अलग छाप दई !”
दरअसल मुझे आनंद आया करता था, जब वे पन्ना-खजुराहो और वहां के जंगल-जनवार के बारे में ऐसे बताया करते जैसे मेरे लिए वह कहीं दूर देश की बात हो ! वे बताते-बताते धाराप्रवाह अंग्रेजी में शुरू हो जाते और मैं मुंह बाए सुनता रहता !
बहरहाल ! लोकेन्द्र राजा एक जिंदादिल इंसान थे और जो कहना होता था मुंह पर कह देते थे ! सन 93 में कांग्रेसी विधायक बने पर उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की अक्षमताओं पर खुलकर आक्षेप किये ! स्वभाव भी अच्छा था उनका ! वास्तव में अगर ठक्काठाईं की बात कहने वाले और लोगों को उनकी गलती पर आइना दिखाने वाले और फटकारने वाले व्यक्ति ना होते तो पन्ना की राजनीति में उनका बर्चस्व बना रहता ! वे मंत्री भी बनते !
मानवेन्द्र सिंह उनके बड़े भाई थे ! औपचारिक राजा की पदवी उन्हीं के पास थी जो कि आजकल उनके पुत्र राघवेन्द्र सिंह धारण करते हैं ! संपत्ति को लेकर राज-परिवार में विवाद भी चला ! मानवेन्द्र सिंह के एक पुत्र और एक पुत्री जबकि लोकेन्द्र सिंह के दो पुत्रियाँ थीं जिनमें से बड़ी पुत्री का एक अरसे पहले देहांत हो गया था ! नागौद नगरपालिका अध्यक्ष रहीं श्रीमती कामाख्या सिंह जी लोकेन्द्र राजा की छोटी और अब इकलौती पुत्री हैं ! आप नागौद राजपरिवार के बिटलू हुजूर (नागेन्द्र सिंह जी) की भतीज-बहू हैं ! आपने ही मंगलवार को अपने पिता को मुखाग्नि दी !
अपने साथ लोकेन्द्र जी की सन 90-91 की एक पुरानी तस्वीर और दिवंगत आत्मा के प्रति दिल से विनम्र श्रद्धांजलि के साथ यह पोस्ट शेयर कर रहा हूँ !
(वरिष्ठ पत्रकार निरंजन शर्मा)
पन्ना राजपरिवार के वरिष्ठ सदस्य लोकेंद्र सिंह का निधन
फेफड़े की इंफेक्शन से पीड़ित महाराज ने पन्ना में ली अंतिम सांस
(शिवकुमार त्रिपाठी) पन्ना राज परिवार के वरिष्ठ सदस्य महाराज लोकेंद्र सिंह का बीमारी के चलते आज निधन हो गया वह 75 वर्ष के थे पन्ना राजपरिवार को हमेशा सुर्खियों में लाने वाले लोकेंद्र सिंह बाल्यकाल से ही कुशाग्र बुद्धि, रंगीन मिजाज एवं तीव्र शिकारी थे उन्होंने कई बार एक से अधिक बाघो का शिकार किया पर जब उन्हें समझ आई तो उनके हृदय में वन्यजीव प्रेमियों के लिए प्रेम उत्पन्न हो गया और उन्होंने अपना पूरा जीवन वन्यजीवों की रक्षा के लिए गुजार दिया पन्ना टाइगर रिजर्व के संस्थापक सदस्य लोकेंद्र सिंह हमेशा पन्ना के बाघों के प्रति चिंतित रहते थे और हर उतार-चढ़ाव देखा अपना राजनीतिक नुकसान होने के बावजूद भी प्रकृति को बचाने के लिए हमेशा लगे रहे जंगल की रक्षा के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार थे बचपन से ही स्मार्ट पर्सनालिटी महाराज लोकेंद्र सिंह को फिल्मों से भी लगाव था यही कारण है कि उनके प्रयास से पांडव फॉल में पहली फिल्म की शूटिंग हुई हॉलीवुड की फिल्म की शूटिंग के लिए मशहूर विदेशी अभिनेत्री हेलन मिचैल भी यहां शूटिंग करने आई
राजनीतिक सफर
महाराज लोकेंद्र सिंह 1977 में जनता पार्टी से विधायक चुने गए इसके बाद 1989भारतीय जनता पार्टी से पन्ना दमोह संसदीय क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुए 1993 में कांग्रेश पार्टी से विधायक बने हमेशा ही वे ताकतवर राजनीतिक शख्स का विरोध करते थे सत्ता से उनका लगाव नहीं था यही कारण है कि विद दिग्विजय सिंह सरकार में विधायक रहते हुए भी उनका विरोध करते रहे माधवराव सिंधिया से नजदीकी होने के कारण उन्हीं के कहने में पर भारतीय जनता पार्टी छोड़ दी थी और कांग्रेस में शामिल हो गए थे वे हमेशा ही राजनैतिक ताकतवर व्यक्ति का विरोध करते रहे लोगों से मिलकर रहना और हमेशा मजाकिया अंदाज में मिलना उनका एक अच्छा गुण था
परिवार
लोकेंद्र सिंह की बेटी कामाख्या देवी उर्फ लकी राजा हैै उनकी शादी नागौद में हुई है उनकी पत्नी महारानी इंदिरा कुमारी से उनका 36 का आंकड़ा रहता था इस कारण वे खजुराहो में निवास करती रही लेकिन बीते कुछ वर्षों से पारिवारिक सुलह हो गई थी जिससे इनका जीवन बेटी और पत्नी के साथ गुजरा हालांकि राज परिवार हमेशा विवादों में रहता है इसलिए भाभी, भतीजी भतीजा और बहू से नहीं बनती थी संपत्ति विवाद के कारण यह राज परिवार हमेशा ही विवादों में रहता रहा है और वे हमेशा ऐसे विवादों को हवा देते रहे लेकिन बीते कुछ वर्षों से उन्होंने विवाद छोड़ सभी के साथ अच्छे संबंध विकसित करने शुरू कर दिए थे
दोपहर बाद अंतिम संस्कार
पन्ना राजपरिवार के वरिष्ठ सदस्य की अंतिम यात्रा राजमहल से निकली और दोपहर बाद उनका अंतिम संस्कार छत्रसाल पार्क में किया गया उनकी बेटी कामाख्या देवी उर्फ लकी राजा ने मुखाग्नि दी अंतिम संस्कार में मध्य प्रदेश शासन के मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह सहित बड़ी संख्या में नगर के गणमान्य नागरिक और आमजन उपस्थित थे
पन्ना टाइगर रिज़र्व को मिली व्याख्यान केन्द्र की सौगात
- मौजूदा समय 65 बाघों का घर बन चुका है पन्ना
- कोर व बफर में टाइगर साइटिंग होने से पर्यटक बढ़े
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पन्ना टाइगर रिज़र्व के मंडला गेट पर बने व्याख्यान केन्द्र का अवलोकन करते खनिज मंत्री। |
शिवकुमार त्रिपाठी। बाघ पुनर्स्थापना योजना को मिली शानदार सफलता के चलते देश और दुनिया में विख्यात हो चुके मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिज़र्व में पर्यटन सुविधाओं का भी विस्तार हो रहा है। प्रदेश के खनिज साधन एवं श्रम विभाग मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा पर्यटन गांव मडला स्थित पन्ना टाइगर रिज़र्व के प्रवेश द्वार पर स्थापित वन व्याख्यान केन्द्र का लोकार्पण किया है। यह वन व्याख्यान केन्द्र 110 लाख रूपये की लागत से बनाया गया है। इस व्याख्यान केन्द्र में पर्यटकों के लिए कुछ समय बिताने की सुविधा के साथ वन एवं पर्यटन से जुडी जानकारियां देने के लिए म्यूजियम एवं पदर्शन की व्यवस्था है।
उल्लेखनीय है कि पन्ना टाइगर रिज़र्व मौजूदा समय 65 बाघों का घर बन चुका है। बाघों का कुनबा बढ़ने से कोर व बफर क्षेत्र में टाइगर साइटिंग खूब हो रही है, जिससे पर्यटक भी बढे हैं। खनिज मंत्री श्री सिंह ने बताया कि उन्होंने पन्ना टाइगर रिजर्व के मड़ला गेट पर नवीन टिकट बुकिंग काउंटर एवं व्याख्यान केंद्र का शुभारंभ किया है। अब बाहर से आने वाले पर्यटकों को पन्ना टाइगर रिजर्व घूमने के लिए मड़ला गेट से भी टिकट उपलब्ध हो सकेगी। इसके पूर्व पर्यटकों को पार्क भ्रमण हेतु टिकट के लिए गेट से तक़रीबन डेढ़ किमी. दूर कर्णावती प्रकृति व्याख्या केन्द्र में जाना पड़ता था, लेकिन अब यह सुविधा पर्यटकों को गेट में ही मिल सकेगी। मंत्री श्री सिंह ने व्याख्यान केन्द्र के अन्दर पर्यटकों को दी जाने वाली सुविधाओं का अवलोकन किया। पर्यटकों के बैठने, प्रशाधन एवं जानकारी देने के लिए उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं के प्रति उन्होंने संतोष जाहिर किया।
पर्यटन गांव मंडला में बनेगा आधुनिक थाना
पन्ना जिले के पर्यटन गांव मंडला में प्रतिदिन बड़ी संख्या में देशी व विदेशी पर्यटक पार्क भ्रमण के लिए आते हैं, जिसे देखते हुए यहाँ पर आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित थाना भवन का निर्माण होगा। खनिज मंत्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह ने थाना परिसर मडला में 94.10 लाख रूपये की लागत से निर्मित होने वाले आधुनिक थाना भवन का भूमिपूजन वैदिक रीति के साथ किया। इस अवसर पर उन्होंने कुदाली से खुदाई कर भवन के आधारशिला की ईंट स्थापित की। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उपस्थितों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह थाना छतरपुर एवं पन्ना जिले की सीमा पर होने के साथ राष्ट्रीय उद्यान होने के कारण पर्यटकों का आना जाना निरंतर होता है। इसलिए आधुनिक तकनीकी से लैस थाना होना यहां की महती आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह थाना भवन निर्मित हो जाने के बाद आमजनता को सुविधा मिलने के साथ अपराधों में कमी आएगी। यह थाना भवन बहुत ही आकर्षक एवं सुविधाजनक बनेगा, लोगों को थाने में आकर अच्छा महसूस होगा। इस क्षेत्र की पेयजल एवं विद्युत की समस्या का निराकरण भी शीघ्र किया जायेगा। मडला ग्राम भारत सरकार की जल जीवन मिशन योजना में भी शामिल है, फलस्वरूप यहाँ पेयजल की कोई समस्या नहीं रहेगी। क्षेत्र में पर्यटकों का आना जाना बढ रहा है, जिससे इस क्षेत्र का तेजी से विकास होगा। पर्यटन बढ़ने से यहां के लोगों को रोजगार के नये – नये अवसर मुहैया होंगे।
मिलनसार और बेदाग छवि के एसपी रहे मयंक अवस्थ
कटनी जिले का की जिम्मेदारी सौंपी गई
2015 बैच के आईपीएस धर्मराज मीणा को बनाया गया पन्ना का नया कप्तान
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(शिव कुमार त्रिपाठी) मध्य प्रदेश सरकार ने 8 IPS अधिकारियों के तबादला आदेश जारी किए हैं जिसमें पन्ना के एसपी मयंक अवस्थी को पन्ना से स्थानांतरित कर कटनी जिले का नया कप्तान बना कर भेजा है पन्ना में 2 वर्ष से अधिक समय तक कार्यभार संभालने वाले मयंक अवस्थी बेदाग छवि और सक्रिय पुलिस अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं मिलनसार और हर छोटे आदमी की बात आसानी से सुनने वाले पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी के स्थानांतरण की जानकारी जैसे ही लोगों को मिली लोगों ने कहा नया अधिक अच्छा अधिकारी का स्थानांतरण हो गया हालांकि सरकार ने उन्हें कटनी जैसे जिले की जिम्मेदारी सौंपी है रोना काल से लेकर विषम परिस्थितियों में कानून व्यवस्था बनाए रखने और आईटी का सहारा लेकर बड़े अपराधिक घटनाओं का खुलासा करने वाले एसपी मयंक अवस्थी कुल्लू अच्छे कार्यकाल के लिए जानेंगे
धर्मराज बने नए कप्तान
पन्ना जिले में पदस्थ किए गए आईपीएस अधिकारी धर्मराज मीणा वर्तमान में छिंदवाड़ा की बटालियन में पदस्थ है 2015 बैच के आईपीएस धर्मराज मीणा की छवि एक शख्त अधिकारी के रूप में है धर्मराज मीणा की एसपी के रूप में पहली पोस्टिंग है धर्मराज मीणा वर्तमान में छिंदवाड़ा में पदस्थ हैं
अतिरिक्त महाधिवक्ता धीरेंद्र सिंह का जिला अधिवक्ता संघ ने किया जोरदार स्वागत
बुंदेलखंड में पहली बार बने एडिशनल एजी
वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने स्वागत कर जताई खुशी
पन्ना जिला अभिभाषक संघ ने आज मध्य प्रदेश सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता धीरेंद्र सिंह परमार का अधिवक्ता संघ कार्यालय में एक कार्यक्रम आयोजित कर जोरदार स्वागत किया और खुशी जाहिर की बुंदेलखंड में पहली बार कोई व्यक्ति महाधिवक्ता बना है इसकी जानकारी देते हुए शासकीय जिला अभिभाषक किशोर श्रीवास्तव ने बताया की पन्ना जिले के लिए खुशी की बात है कि पन्ना में पैदा हुए और यहीं से पले बढ़े मूलता पन्ना जिले के बरहा गांव निवासी धीरेंद्र सिंह परमार को मध्य प्रदेश सरकार ने अतिरिक्त महाधिवक्ता बनाया है
और पहली बार वार जिले से इस पद पर किसी व्यक्ति की नियुक्ति की गई है जिससे हमें खुशी है कि हमारे ही बीच के किसी व्यक्ति को कितने महत्वपूर्ण पद पर सरकार ने चुना है इनके सहयोग से पन्ना जिले के अधिवक्ताओं को भी सहयोग मिलेगा वही जिला अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष जे के रावत तैलंग ने धीरेंद्र सिंह परमार का स्वागत करते हुए प्रसन्नता व्यक्त की और अपेक्षा की कि स्थानीय होने के साथ पन्ना बार काउंसिल के सदस्य के रूप में हमें पहचानते हैं
सुप्रीम कोर्ट में वकालत करने वाले धीरेंद्र सिंह परमार को इस पद में चुने जाने से पन्ना जिले की समस्त अधिवक्ता गौरवान्वित महसूस कर रहे है और उम्मीद जताई की वे अभिभाषक संघ के सहयोग के लिए और जिले की सकारात्मक कार्यों में सहयोग देंगे इससे पूर्व समारोह में पहुंचे धीरेंद्र सिंह परमार का समस्त अधिवक्ताओं ने स्वागत किया जिस पर कृतज्ञता व्यक्त करते हुए धीरेंद्र सिंह परमार ने कहा कि मैं पन्ना के समस्त अधिवक्ताओं का आभारी हूं जिन्होंने आमंत्रित कर मुझे सम्मानित किया है मेरा सभी से लगाओ रहा है उन्होंने कहा कि जब भी कोई सहयोग की बात होगी मैं कभी पीछे नहीं हटेंगे कार्यक्रम की अध्यक्षता पन्ना बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष देवेंद्र खरे उर्फ टिक्कू ने की
इस गरिमामय समारोह में अभिभाषक संघ पन्ना के सचिव आनंद त्रिपाठी ने संचालन किया इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता ज़ी केरलम आर बी पटेल विनोद तिवारी राकेश सिंह राम लखन विश्वकर्मा विनय पूनिया सुरेश कुमार मिश्रा अनंत कुमार तिवारी शांति मिश्रा चंद्र बदन तिवारी कोषाध्यक्ष अरविंद निगम राहुल खरे राहुल श्रीवास्तव की भी खरे रजनीश चंद्र जैन सुरेंद्र सिंह सुदर्शन खरे आरके निगम जीतेंद्र सिंह दिलीप चौरसिया सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता गण मौजूद रहे
एक लाख की रिश्वत लेते अजयगढ़ तहसीलदार गिरफ्तार,,,
सागर लोकायुक्त की कार्यवाही
(शिवकुमार त्रिपाठी )तमाम प्रयासों और कार्यवाहीयों के बावजूद सरकारी विभागों में रिश्वत रुकने का नाम नहीं ले रहा है बड़े अधिकारी भी लगातार पकड़े जा रहे फिर भी रिश्वत कम नहीं हो रही है ऐसा ही एक मामला पन्ना के अजयगढ़ में सामने आया है जिसमें एक लाख की रिश्वत लेते हुए तहसीलदार उमेश तिवारी को सागर की लोकायुक्त टीम ने उनके कमरे से रंगे हाथों गिरफ्तार किया है जिससे राजस्व महकमे में हड़कंप मच गया इससे पहले गुनौर तहसीलदार भी इसी तरह पकड़े गए थे
पन्ना जिले के अजयगढ़ में फरियादी अंकित मिश्रा के चाचा के प्लाट में भवन की स्वीकृति के एवज में एक लाख की रिश्वत लेते हुए सागर की लोकायुक्त टीम ने तहसीलदार उमेश तिवारी को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है सरकारी रेस्ट हाउस में छापामार कार्यवाही करते हुए लोकायुक्त की टीम ने पहले ट्रैप किया फिर तहसीलदार को कार्यवाही के लिए अजयगढ़ थाना ले गई जहां कार्यवाही जारी है
वही तहसीलदार उमेश तिवारी ने पकड़े जाने के बाद इस पूरे मामले को साजिश बताया है कहां कुछ विरोधी लोग फ़साने के प्रयास में साजिश में लगे थे और मेरे पीछे साजिश की गई है रिश्वत लेने से इनकार किया है
ज्ञात हो कि जिले मैं इन दिनों सबसे मलाईदार तहसील क्षेत्र अजयगढ़ है कुछ दिन पूर्व ही नायब तहसीलदार उमेश तिवारी को प्रभारी तहसीलदार बनाकर भेजा गया था और उनकी कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में थी आज ट्रैप होने के बाद से राजस्व महकमे में हड़कंप मच गया भ्रष्टाचार अधिनियम की विभिन्न धाराओं की तरह मामला दर्ज किया गया है अब पुलिस उन्हें न्यायालय में पेश करेगी
लोकायुक्त का प्रेसनोट
*सागर लोकायुक्त की कार्यवाही* आवेदक- अंकित मिश्रा पिता राजकुमार मिश्रा 25 वर्ष निवास वार्ड क्र 14 अजयगढ जिला पन्ना
आरोपी-
1- उमेश तिवारी उम्र 29 वर्ष प्रभारी तहसीलदार अजयगढ़ पन्ना।
घटना स्थल:- रुम नं 3 रेस्ट हाउस अजयगढ़ पन्ना,
रिश्वत राशि:- 1,00,000 (एक लाख रुपये)
विवरण:- आवेदक के चाचा के प्लाट पर मकान निर्माण की अनुमति के संबंध में 100000/-रुपये रिश्वत की मांग की जो आज दिनांक 20.01.2021 को आरोपी आवेदक से 100000/-रु रिश्वत लेते हुए पकड़े गए। ट्रेपकर्ता- उपुअ राजेश खेड़े विपुस्था सागर
करोड़ों के विकास कार्य का शिलान्यास और उद्घाटन
शीघ्र मिलेगी हीरा परियोजना को वाइल्डलाइफ से एनओसी
विरोधियों के साथ मिलकर भी पन्ना के विकास की मंशा जताई
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हीरा खदान बंद होने पर युवा कांग्रेस ने खोला मोर्च, दी आंदोलन की चेतावनी
एशिया की एकमात्र हीरा खदान एनएमडीसी में नए वर्ष से उत्खनन कार्य बंद होने पर युवा कांग्रेस अध्यक्ष और वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं ने एनएमडीसी को सुचारू रूप चालू करवाने की मांग की.
पन्ना। एशिया की एकमात्र हीरा खदान एनएमडीसी में नए वर्ष से उत्खनन कार्य बंद होने से जहां पन्ना की जनता नाराज है तो वहीं अब यह मुद्दा राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा रहा है. जहां अभी कुछ पहले पन्ना विधायक व मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने स्थानिय सांसद व प्रदेशाध्यक्ष वीड़ी शर्मा के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर मामले से अवगत करवाया था. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने एनएमडीसी को सुचारू रूप से चालू रखने का आश्वासन दिया था. लेकिन अब विपक्ष कांग्रेस भी एक मुद्दे के समर्थन के उतर आई है.
हीरा खदान बंद होने के खिलाफ युवा कांग्रेस
कांग्रेस ने उठाई हीरा खदान को चालू करने की मांग
आज पन्ना के युवा कांग्रेस अध्यक्ष और वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं ने एनएमडीसी को सुचारू रूप से संचालन होने का समर्थन कर इसे जल्द से जल्द चालू करवाने की मांग की. युवक कांग्रेस का कहना है कि खनिज विकास निगम भारत सरकार द्वारा पन्ना जिले में एकमात्र औद्योगिक इकाई हीरा खनन परियोजना मझगवां में संचालित है. हीरा खनन परियोजना का प्रारंभ वर्ष 1968 में कांग्रेस शासनकाल में हुआ था और 1968 से लेकर 2003-04 तक एनएमडीसी मझगवां हीरा खदान सुचारू रूप से संचालित रही. वर्ष 2004 में प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद हीरा खनन परियोजना बंद कर दी गई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप लगभग 4 साल बाद 2009 को एनएमडीसी हीरा खदान पन्ना में पुनः शुरू हो सकी. जिसके 11 साल बाद फिर से एक बार जब राज्य एवं केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए खजुराहो संसदीय क्षेत्र से सांसद विष्णु दत्त शर्मा भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं और पन्ना विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह है.
कांग्रेस ने लगाया सरकार पर आरोप
ऐसे में यह साफ तौर पर कहा जा सकता है कि एनएमडीसी की हीरा खदान के संचालन को लेकर सरकार गंभीर नहीं है. कांग्रेस के शासनकाल के दौरान प्रारंभ हुए सरकार इस महत्वपूर्ण उपक्रम को योजनाबद्ध तरीके से बंद कराते हुए अन्य उपक्रमों की तरह ही मझगवां स्थित खदान को आगामी समय में प्राइवेट सेक्टर के जरिए उद्योगपतियों को सौंपा जा सकता है. जिला युवक कांग्रेस पन्ना जिले में एनएमडीसी हीरा खदान सुचारू रूप से संचालित हो इसका पूरा समर्थन करते हुए जिले वासियों के साथ मिलकर इस संबंध में आंदोलन करेगी. इसके साथ ही प्रदेश सरकार से युवक कांग्रेस ने मांग की है कि एनएमडीसी हीरा खदान को पुनः प्रारंभ करने के लिए भारत सरकार स्तर से फॉरेस्ट एक्ट 1980 और वाइल्डलाइफ एक्ट 1972 के तहत आवश्यक मंजूरी प्रदान करते हुए यह सुनिश्चित करें कि आगामी 20 वर्ष तक के लिए एनएमडीसी की हीरा खदान के संचालन की लीज को बढ़ाया जाए. क्योंकि एनएमडीसी से ना केवल कई परिवारों को रोजगार मिलता है बल्कि यह पन्ना की शान भी है
पन्ना की एनएमडीसी हीरा खदान कब तक होगी चालू ?
- मंत्री और सांसद की पहल से प्रधान मुख्य वन संरक्षक(वन्य प्राणी) ने दी मंजूरी
- पर हीरा खदान के विधिवत संचालन हेतु राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड से मंजूरी जरुरी
पन्ना जिले में मझगंवा स्थित एनएमडीसी हीरा खदान को लेकर बीते पांच दिनों से राजनीतिक सरगर्मी उफान पर है। नये साल के पहले दिन जैसे ही एनएमडीसी हीरा खदान के बंद होने की खबर आई, जिले में खलबली मच गई। मामले को लेकर प्रदेश की राजनीति जहाँ गर्माने लगी, वहीँ इसके बंद होने की खबरों से पन्ना जिले के लोग खासकर परियोजना के आसपास स्थित ग्रामों के रहवासी काफी चिंतित और विचलित हो गये थे। क्योंकि हीरा खदान के बंद होने से उनको मिलने वाली सुविधायें बाधित हो जायेंगी। जिले के लोगों की चिंता और आक्रोश तथा मीडिया में आई ख़बरों को संज्ञान में लेकर प्रदेश शासन के मंत्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह व सांसद बी.डी. शर्मा सक्रिय हो गये। उन्होंने रविवार को ही देर शाम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भेंट कर उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराया। बिना विलम्ब किये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आश्वासन दिया कि राज्य में राष्ट्रीय खनिज विकास निगम की पन्ना स्थित हीरे की खान से खनन बंद नहीं होगा।
उल्लेखनीय है कि मंत्री व सांसद जी की सक्रियता के चलते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एनएमडीसी खदान के सम्बन्ध में जिस तरह से आश्वासन दिया और बकायदे इस बावत ट्वीट कर यह भरोसा भी दिलाया कि हीरे की खान से खनन बंद नहीं होगा, तो लोगों में एक उम्मीद की किरण जाग्रत हुई। रविवार के बाद मामले को लेकर बढ़ी राजनीतिक सक्रियता के बीच मंगलवार की शाम खबर मिली कि हीरा खदान के संचालन हेतु प्रधान मुख्य वन संरक्षक ( वन्य प्राणी ) आलोक कुमार ने अनुमति प्रदान कर दी है। यह खबर निश्चित ही पन्ना जिला वासियों के लिए बड़ी खुशखबरी थी। प्रधान मुख्य वन संरक्षक ( वन्य प्राणी ) ने 4 जनवरी को जारी किये गये अपने पत्र में लेख किया है कि मझगवां हीरा खदान पिछले 50 वर्षों से संचालित है। राज्य सरकार ने इसकी खनन लीज में 20 वर्ष की वृद्धि और की है। खदान को पूर्व से वन्य प्राणी अनुमति स्वीकृत थी, जो 31-12-2020 तक थी। इस स्वीकृति को आगे बढ़ाने का प्रकरण राज्य वन्य प्राणी बोर्ड के समक्ष लंबित है। अत: नवीन खनन कार्य न होने से तथा वन्यप्राणियों एवं उनके रहवास पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़ने से चालू कार्य तब तक के लिए संचालित होने दिया जाय जब तक कि राष्ट्रीय वन्य प्राणी बोर्ड इस पर कोई निर्णय नहीं ले। इस पत्र की प्रतिलिपि क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर रिज़र्व, प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शासन वन विभाग तथा महाप्रबंधक हीरा खनन परियोजना, मझगवां पन्ना को सूचनार्थ भेजी गई है।
पूरी सफलता के लिए अभी जारी रहे प्रयास
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीते रोज हुई मीटिंग में कहा है कि राज्य सरकार पर्यावरण मंजूरी के लिए केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री, प्रकाश जावडेकर से बात करेगी और खनन पट्टे का विस्तार करने के लिए राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड से मंजूरी लेगी। इस मीटिंग में खजुराहो सांसद और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा तथा प्रदेश शासन के मंत्री व पन्ना विधायक बृजेंद्र प्रताप सिंह मौजूद थे। दोनों ही नेताओं ने सीएम से कहा कि इस खदान से सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलता है, इसलिए इसका विधिवत संचालन जरुरी है। पन्ना के विकास व जन सुविधाओं के विस्तार में भी इस परियोजना का बड़ा योगदान रहता है।
लेकिन प्रधान मुख्य वन संरक्षक ( वन्य प्राणी ) की अनुमति मिलने के बाद क्या हीरा खदान का विधिवत संचालन पूर्ववत हो सकेगा ? यह एक बड़ा सवाल है जिसका जवाब अभी मिलना है। एनएमडीसी हीरा खनन परियोजना के सूत्रों का कहना है कि बिना किसी अवरोध के विधिवत संचालन हेतु राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड से मंजूरी आवश्यक है, ऐसी स्थिति में एनएमडीसी प्रबंधन का क्या रुख रहता है यह देखना होगा। चूँकि मामला पन्ना के हितों व पहचान से जुड़ा है, इसलिए क्षेत्र के विधायक और मंत्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह तथा सांसद बी.डी. शर्मा को अभी सक्रियता बनाये रखनी होगी। जब तक राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड से मंजूरी नहीं मिल जाती। मालुम हो कि पन्ना स्थित मझगवां हीरा खदान देश ही नहीं अपितु एशिया की इकलौती मैकेनाइज्ड खदान है जिसकी गिनती नवरत्नों में होती है। यहाँ 74 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में यांत्रिक खनन पीटीआर के गंगऊ वन्यजीव अभयारण्य के अंदर होता है। इस खदान की प्रति वर्ष 84,000 कैरेट हीरे खनन की क्षमता है। अब तक यहाँ से लगभग 13 लाख कैरेट हीरों का खनन किया जा चुका है जबकि 8.5 लाख कैरेट हीरे अभी भी यहाँ की धरती में मौजूद हैं जिनका खनन किया जाना है।
सीएम शिवराज ने दिया भरोसा, बंद नहीं होगी एनएमडीसी खदान
पन्ना की हीरा खदान बंद होने से गर्माई प्रदेश की सियासत
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खनिज मंत्री व सांसद ने रविवार को ही मुख्यमंत्री से की भेंट
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भेंट कर चर्चा करते हुए मंत्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह व सांसद बी.डी. शर्मा। |
(शिवकुमार त्रिपाठी) मध्यप्रदेश के पन्ना जिले की रत्नगर्भा धरती हीरा उगलती है। बेशकीमती रत्न हीरों की उपलब्धता के कारण ही देश और दुनिया में डायमण्ड सिटी के रूप में पन्ना की पहचान है। लेकिन इस पहचान पर संकट के बादल तब मंडराने लगे जब नये वर्ष के पहले दिन ही यहाँ की मझगंवा स्थित एनएमडीसी हीरा खदान बंद हो गई। यह स्थिति वन्य जीव संरक्षण विभाग सहित पर्यावरण मंत्रालय से आवश्यक स्वीकृति न मिल पाने के चलते निर्मित हुई है। मालुम हो कि एनएमडीसी हीरा खदान पन्ना टाइगर रिजर्व के गंगऊ अभ्यारण्य अंतर्गत वन भूमि रकबा 74.018 हेक्टेयर में संचालित है। जिसके संचालन की अवधि 31-12-2020 को समाप्त हो गई है। खदान के बंद होने से प्रदेश की सियासत गर्माने लगी और जनाक्रोश भी प्रकट होने लगा। जिसे देखते हुए प्रदेश के खनिज मंत्री व स्थानीय विधायक ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह तथा क्षेत्रीय सांसद बीडी शर्मा सक्रिय हो गये। मामले को गंभीरता से लेते हुए दोनों नेता रविवार को रात्रि में ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से उनके निवास में जाकर इस सम्बन्ध में चर्चा की। सीएम शिवराज सिंह ने आश्वस्त किया है कि पन्ना की एनएमडीसी हीरा खदान बंद नहीं होगी।
मामले के सम्बन्ध में दी गई जानकारी के मुताबिक प्रदेश के खनिज एवं श्रम मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह एवं क्षेत्रीय सांसद बीडी शर्मा ने एनएमडीसी परियोजना के उत्खनन कार्य की अनुमति को संज्ञान में लेते हुए मुख्यमंत्री से भेंट कर उत्खनन की स्वीकृति के संबंध में चर्चा की है। इस पर मुख्यमंत्री ने मौके पर चीफ सेक्रेटरी मध्यप्रदेश शासन को निर्देश दिये हैं कि इस संबंध में तत्काल कार्रवाई करने के लिए बैठक आयोजित की जाये। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस संबंध में केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से बात कर एनएमडीसी को उत्खनन कार्य की स्वीकृति प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि उत्खनन कार्य प्रारंभ हो जाने से पन्ना जिले के लोगों को रोजगार उपलब्ध होने के साथ जिले का विकास होगा। मालुम हो कि नए साल के पहले दिन केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते जब एनएमडीसी परियोजना मझगवां पहुंचे थे तो कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारियों ने केंद्रीय मंत्री श्री कुलस्ते को ज्ञापन भी सौंपा था। कर्मचारियों ने मंत्री जी को परियोजना के संचालन में उत्पन्न संकट की विस्तार से जानकारी देते हुए बंद खदान को अविलम्ब चालू कराने की मांग की गई थी। यूनियन के पदाधिकारियों ने केंद्रीय मंत्री को बताया था कि खनिज संपदा प्रकृति में विशेष परिस्थितियों में निर्मित होती है, जिसका स्थानांतरण असंभव होता है। खनन कार्य खनिज संपदा के प्राप्ति स्थल पर ही करना होता है। ज्ञातव्य हो कि हीरा खनन परियोजना का प्रारंभ सन 1958 में हुआ था, जबकि वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 में लागू हुआ है। बीते 5 वर्षों में परियोजना द्वारा नैगम सामाजिक दायित्व के तहत 1037. 56 लाख रुपये व्यय किये गये हैं। परियोजना बंद होने की स्थिति में पन्ना जिले के लोग मिलने वाले इस लाभ से वंचित हो जायेंगे।
विशेष गौरतलब बात यह है कि पन्ना की मझगंवा स्थित एनएमडीसी हीरा खदान न सिर्फ पन्ना अपितु प्रदेश की भी शान है। यह एशिया महाद्वीप की इकलौती मैकेनाइज्ड हीरा खदान है जहाँ वर्ष 1968 से लेकर अब तक लगभग 13 लाख कैरेट हीरों का उत्पादन किया जा चुका है। इस खदान में अभी भी 8.5 लाख कैरेट हीरों का उत्पादन होना शेष है। ऐसी स्थिति में आगे खदान संचालन की अनुमति यदि नहीं मिलती तो अरबों रुपये कीमत के हीरे जमीन के भीतर ही दफन रह जायेंगे। पन्ना की पहचान बन चुकी एनएमडीसी हीरा खदान के बंद होने से पन्ना के साथ – साथ प्रदेश की चमक भी फीकी पड़ जायेगी। इतना ही नहीं इस खदान के संचालन से हजारों लोगों को परोक्ष व अपरोक्ष रूप से जो लाभ मिलता है वह बंद हो जायेगा साथ ही रोजी रोजगार पर भी असर पड़ेगा। हीरा खनन परियोजना के आसपास स्थित ग्रामों के लोगों को दशकों से जो सुविधायें मिलती रही हैं उनसे भी वंचित होना पड़ सकता है।
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिले विष्णु दत्त शर्मा और बृजेंद्र प्रताप सिंह
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वाइल्डलाइफ बोर्ड की मीटिंग करा कर सकारात्मक फैसला लेने की उम्मीद
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मुख्यमंत्री ने हीरा परियोजना चालू कराने का दिया आश्वासन
(शिवकुमार त्रिपाठी) पन्ना स्थित एनएमडीसी की हीरा खनन परियोजना देश दुनिया में सर्वोत्तम क्वालिटी के हीरो के लिए फेमस है अब तक 13 लाख कैरेट हीरो का उत्पादन कर चुकी इस पुरानी परियोजना को चालू कराने के लिए क्षेत्रीय सांसद एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा मध्यप्रदेश शासन में मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह ने संयुक्त रूप से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की है मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने इस हीरा परियोजना को चालू कराने की मुद्दों पर चर्चा की और बताया कि पन्ना जिले की रोजगार और विकास के लिए यह कितनी महत्वपूर्ण है यदि यही रा परियोजना बंद हो जाती है तो सरकार को करोड़ों का राजस्व का नुकसान तो होगा ही पन्ना जिले के लोगों के रोजगार पर प्रतिकूल असर पड़ेगा साथ ही सर्वोत्तम क्वालिटी के हीरे इसी जमीन में दफन रह जाएंगे लिहाजा दोनों प्रभावशाली नेताओं की बातों के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आश्वासन दिया है कि हीरा परियोजना किसी भी कीमत पर बंद नहीं होने दी जाएगी इस आशय की स्वीट भी मुख्यमंत्री ने स्वयं अपनी पोस्ट के माध्यम से किए हैं जिससे यह उम्मीद जगी है कि यह हीरा परियोजना शीघ्र चालू हो सकेगी
5 साल पहले रह चुकी है बंद
2005 में इसी तरह के पर्यावरण नियमों के कारण जब हीरा परियोजना को बंद किया गया था उसको चालू कराने के लिए एनएमडीसी हीरापुर परियोजना प्रबंधन ने खूब मशक्कत की तब भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान थे और भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी लेकिन बंद हुई इस परियोजना को चालू कराने के लिए मैं 5 वर्ष का समय लग गया था इसलिए तुरंत चालू हो जाएगी यह तो उम्मीद नहीं की जा सकती आप पर इतना अवश्य है कि पहले जिले में ताकतवर नेता नहीं थे इस बार हमारे सांसद विष्णु दत्त शर्मा भारतीय जनता पार्टी कि प्रदेश के मुखिया हैं और क्षेत्रीय विधायक बृजेंद्र प्रताप सिंह एक ताकतवर मंत्री हैं उनके प्रयास को कोई इग्नोर नहीं कर सकता लिहाजा इस बार उम्मीद अवश्य है कि यह परियोजना शीघ्र चालू होगी
क्या है मामला और कितनी महत्वपूर्ण है परियोजना
पन्ना में स्थित एशिया महाद्वीप की एकमात्र मैकेगनज्ड हीरा खनन परियोजना पर्यावरण अनुमति के कारण बंद कर दी गई है 1 जनवरी 2021 से उत्खनन एवं प्रोसेसिंग प्लांट बंद हुआ है टाइगर रिजर्व ने भी इनके बंद करने का पत्र लिखा है सेंचुरी क्षेत्र में होने के कारण अभी तक इस खूबसूरत रत्न हीरे का उत्पादन करने वाली इस परियोजना को वाइल्ड लाइफ बोर्ड से अभी तक अनुमति नहीं मिली है मामला मध्य प्रदेश सरकार के मध्य पेंडिंग है केंद्र सरकार के अनुमति के बाद ही चालू हो सकेगी एनएमडीसी हीरा खदान जो पन्ना टाइगर रिजर्व के गंगऊ अभ्यारण्य अंतर्गत वन भूमि रकबा 74.018 हेक्टेयर में संचालित है। जिसके संचालन की अवधि 31 दिसंबर 2020 को समाप्त हो गई है। क्षेत्र संचालक का पत्र मिलने के बाद से ही परियोजना में हड़कंप मचा है